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Sunday, May 17, 2020

May 17, 2020

लॉकडाउन का चौथा फेज कल से, आज देर रात होगा गाइडलाइन का ऐलान


(मनोज)लॉकडाउन 4.0 का केंद्र सरकार आज देर तक ऐलान करने वाली है. आज लॉकडाउन 3.0 का अंतिम दिन है. देश के तीन राज्यों ने पहले ही 31 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया है| | पीएम मोदी ने कहा था कि 18 मई से पहले ही लॉकडाउन 4.0 का ऐलान कर दिया जाएगा. उन्होंने संकेत दिए थे कि इस बार लॉकडाउन में कुछ रियायत दी जा सकती है.

इधर, कैबिनेट सचिव राजीव गाबा लॉकडाउन 4.0 के गाइडलाइंस को लेकर आज रात 9 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी राज्यों के मुख्य सचिवों/ महानिदेशकों से चर्चा करेंगे.

गौरतलब है कि 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब पहली बार लॉकडाउन की घोषणा की थी तो देश में कोरोना वायरस के लगभग 300 मरीज थे. आज लगभग 53 दिनों बाद देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की कुल संख्या 90000 से ऊपर पहुंच गई है|

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पीएम मोदी ने 24 मार्च को कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन की घोषणा की थी. तब ये लॉकडाउन 21 दिनों के लिए था. इसके बाद लॉकडाउन 2 की घोषणा की गई. इसकी मियाद 3 मई तक थी. इसके बाद फिर लॉकडाउन को 2 हफ्ते के लिए बढ़ा दिया गया. अब आज लॉकडाउन-3 की आखिरी तारीख है|

लॉकडाउन को लागू हुए भले ही 50 दिन से ज्यादा का वक्त हो चुका है, लेकिन कोरोना वायरस खत्म नहीं हुआ है. हां पिछले 50 दिनों में दूसरे देशों के मुकाबले में भारत में इसके संक्रमण की रफ्तार धीमी जरूर रही है.

महाराष्ट्र में 31 मई तक लॉकडाउन घोषित

महाराष्ट्र सरकार ने लॉकडाउन-4 का ऐलान कर दिया है. महाराष्ट्र के राहत और पुनर्वास विभाग ने इस संबंध में पत्र जारी किया है. बता दें कि महाराष्ट्र कोरोना वायरस से देश में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है. इसके मद्देनजर 31 मई तक फिर लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है. राज्य सरकार ने कहा है कि कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए पहले से जारी किए गए सभी निर्देश अगले आदेश तक प्रभावी रहेंगे और पाबंदियों में ढील या लॉकडाउन हटाने की जानकारी उचित समय पर दी जाएगी.

तमिलनाडु-पंजाब में लॉकडाउन का ऐलान

महाराष्ट्र के बाद दक्षिण भारत के राज्य तमिलनाडु ने भी लॉकडाउन को 31 मई तक के लिए बढ़ा दिया. तमिलनाडु सरकार ने राज्य के 25 जिलों को विशेष राहत दी है. इनमें से कुछ जिले हैं कोयम्बटूर, सलेम, वेल्लोर, नीलगिरी, कन्याकुमारी, त्रिची, ईरोड, कृष्णानगरी, मदुरई इत्यादि. इन जिलों में लॉकडाउन बढ़ाने के साथ राज्य सरकार ने लोगों को कई तरह की राहत दी है. वहीं, पंजाब सरकार ने शनिवार को लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला किया था|

Saturday, May 16, 2020

May 16, 2020

लॉकडाउन में पूरा वेतन नहीं दे पाने वाली कंपनियों के खिलाफ मुकदमा नहीं चलेगा - सुप्रीम कोर्ट

(मनवीर) दिल्ली - लॉक डाउन में पूरा वेतन मिलेगा या नहीं इसको लेकर असमंजस बरकरार है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 29 मार्च को एक सर्कुलर के जरिए निजी प्रतिष्ठानों को निर्देश दिया था कि वो राष्ट्रव्यापी लॉक डाउन के दौरान भी कर्मचारियों को पूरा पेमेंट दें।

लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन में पूरा वेतन नहीं दे पाने वाली कंपनियों के खिलाफ मुकदमा नहीं चलाने का आदेश दिया है। देश की सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार को पूरे देश में प्रशासन को आदेश दिया कि वे उन नियोक्ताओं (एंप्लॉयर्स) के खिलाफ मुकदमा न चलाएं, जो कोविड-19 के कारण राष्ट्रव्यापी लॉक डाउन के दौरान कामगारों को पूरे पारिश्रमिक का भुगतान करने में असमर्थ हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाबन्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव, संजय किशन कौल और बी.आर. गवई की पीठ ने केंद्र और राज्यों से मजदूरी का भुगतान न कर पाने पर निजी कंपनियों, कारखानों आदि के खिलाफ मुकदमा नहीं चलाने को कहा। शीर्ष अदालत ने औद्योगिक इकाइयों की ओर से दायर याचिकाओं पर केंद्र से जवाब मांगा है। 

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केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद उद्योग संगठन गये थे सुप्रीम कोर्ट  

दरअसल केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 29 मार्च को एक सर्कुलर के जरिए निजी प्रतिष्ठानों को निर्देश दिया था कि वो राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान भी कर्मचारियों को पूरा पेमेंट दें।

जिस पर औद्योगिक इकाइयां यह दावा करते हुए अदालत चली गईं कि उनके पास भुगतान करने का कोई उपाय नहीं है, क्योंकि उत्पादन ठप पड़ा हुआ है। याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत से कहा कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान संगठनों को उनके कार्यबल (वर्कफोर्स) को पेमेंट करने से पूरी तरह से छूट दी जानी चाहिए।

याचिका मुंबई के एक कपड़ा फर्म और 41 छोटे पैमाने के संगठनों के एक पंजाब आधारित समूह की ओर से दायर की गई थी। याचिका में गृह मंत्रालय के 29 मार्च के आदेश को रद्द करने मांग की गई। याचिकाकर्ताओं ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 10(2) (I) की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है।

पंजाब स्थित लुधियाना हैंड टूल्स असोसिएशन ने दावा किया कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत 29 मार्च को दिया गृह मंत्रालय का आदेश, संविधान के अनुच्छेद 14, 19(1)(G), 265 और 300 का उल्लंघन है, जिसे वापस लिया जाना चाहिए।
May 16, 2020

शराब चोरी के मामले में आरोपित जजपा नेता सतविंद्र सिंह राणा व ईश्वर सिंह का शनिवार को रिमांड पूरा होने पर कोर्ट ने जेल भेजा

जमानत पर अब सोमवार को होगी सुनवाई 

(अरुण)- पानीपत- समालखा में आबकारी विभाग(Excise Department) द्वारा सील किए गए एल-वन के गोदाम से शराब चोरी (Alcohol theft) के बहु़चर्चित केस में आरोपित पूर्व विधायक व जजपा नेता सतविंद्र राणा व ईश्वर को पानीपत पुलिस की सीआईए-टू ने कडी सुरक्षा के बीच समालखा की कोर्ट (court) में पेश किया। वहीं पानीपत पुलिस व आरोपित पूर्व विधायक सतविंद्र व ईश्वर के वकीलों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने पूर्व विधायक सतविंद्र राणा व ईश्वर को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। सतविंद्र के वकील ने कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी लेकिन कोर्ट ने तत्काल सुनवाई नहीं की, जमानत पर सोमवार को सुनवाई हो सकती है।

 गौरतलब है कि पानीपत आबकारी विभाग ने अनियमिताओं के आरोप में 22 सितंबर सन् 2016 को एक फर्म को दिए गए एल-वन, समालखा के लाइसेंस को रद कर दिया था और शराब से भरे गोदाम को सील कर दिया था। वहीं सील गोदाम से अप्रैल 2018 में शराब चोरी हो गई थी, वहीं लॉक डाउन के दौरान गोदाम से 4500 शराब की पेटियां चोरी की गई। चोरी हुई शराब की कीमत करीब 86 लाख रूपये हांकी गई है। इधर, शराब चोरी के इस केस में पुलिस ने पूर्व विधायक राजौंद क्षेत्र सतविंद्र राणा व शराब के ठेकेदार रहे ईश्वर समेत सात लोगों की गिरफ्तार किया था। 

वहीं पुलिस ने आरोपित ईश्वर को इस केस के खुलासे के लिए दो बार पहले चार दिन और फिर एक दिन के रिमांड पर लिया था। जबकि पूर्व विधायक राणा को पुलिस ने दो दिन के रिमांड पर लिया था। पुलिस ने रिमांड के दौरान दोनों आरोपितों को आमने सामने बैठा कर भी पूछताछ की, लेकिन पुलिस इस केस में पूर्व विधायक सतविंद्र राणा की गिरफ्तारी तक ही सीमित रही। पुलिस पूछताछ में आरोपितों से चोरी की गई शराब को लेकर कोई बडा सुराग तो दूर यह तक पता नहीं कर पाई की चोरी की गई 4500 पेटियों को कहां ले जाया गया कैसे बेची गई, और कितने लोग शराब चोरी के इस काले खेल में शामिल रहे है।
May 16, 2020

जींद 73 वर्षीय दादी व 11 वर्षीय पोता सहित पांच कोरोना मरीज हुए डिस्चार्ज, अब जिले मे केवल 5 एक्टिव केस बचे

( संजय कुमार )जींद, 16 मई।जींद जिला के लोगों के लिए शनिवार को उस समय राहत भरा समाचार आया जब स्वास्थ्य विभाग को सैंपलिंग रिपोर्ट मिली। ये सभी रिपोर्टस विभाग को नेगेटिव मिली हैं। सबसे बड़ी राहत यह रही कि पीजीआईएमएस रोहतक में उपचाराधीन दस कोरोना संक्रमितों में से पांच लोगों को डिस्चार्ज मिल गया है। ऐसे में कुल संक्रमित 20 लोगों में से केवल पांच केस ही एक्टिव रह गए हैं। यदि अब और कोई कोरोना पॉजिटिव नहीं मिला तो आगामी दिनों में जिला कोरोना मुक्त हो सकता है। सीएमओ डा. जयभगवान जाटान ने बताया कि जींद में अब तक 4222 लोगों के सैंपल स्वास्थ्य विभाग द्वारा लिए गए हैं। और इनमें से 3916 लोगों की रिपोर्ट विभाग को मिल चुकी है। जबकि 306 रिपोर्टो का स्वास्थ्य विभाग को इंतजार है। अबतक कुल 20 लोग पॉजिटिव पाए गए थे जिनमें से 15 लोग नेगेटिव हो चुके हैं। शनिवार को पांच लोगों की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को मिली है। अब जिले में पांच कोरोना एक्टिव केस ही रह गए हंै। इनमें 73 वर्षीय छन्नो देवी भी शामिल है। 

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शनिवार को कोरोना के 10 पॉजिटिव केसों में से पांच लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है और उन्हें पीजीआई रोहतक से डिस्चार्ज भी मिल गया है। इनमें घसो की 73 वर्षीय दादी छन्नो भी शामिल है जो अपने 11 वर्षीय पोते गौरव सहित कोरोना को मात देकर गांव वापस लौटी है। जबकि गांव संगतपुरा का 40 वर्षीय सुरेश तथा दो छात्तर से शामिल हैं। दादी व पोता गत आठ मई को कोरोना से संक्रमित पाए गए थे जबकि गांव संगतपुरा तथा गांव छात्तर के दोनों सब्जी विक्रेता रामकुमार व सुभाष गत सात मई को कोरोना संक्रमित पाए गए थे। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सरकार की दिशा- निर्देशानुसार उपचार के लिए पीजीआईएमएस रोहतक ले जाया गया था। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने भी राहत की सांस ली है।
May 16, 2020

कोरोना योद्धाओं को पीपीई किट व सेनेटाइजर किये भेंट - दीपक जांगड़ा

जींद, 16 मई। जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में शनिवार को डार्विन प्लेटफार्म कंपनी के द्वारा दीपक जांगड़ा ने यहां कार्यरत चिकित्सकों व एंबुलेंस चालकों को पीपीई किट व सेनेटाइजर भेंट किए। इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से पीएमओ डा. बिमला राठी, डा. गोपाल गोयल, डा. राजेश भोला, डा. कुलदीप राणा, डा. नरेश वर्मा, डा. रमेश पांचाल, फ्लीट मैनेजर दिनेश मौजूद रहे। 
पीएमओ डा. बिमला राठी ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग फ्रंट फुट पर लड़ाई लड़ रहा है। ऐसे में समाज सेवी संस्थाओं द्वारा स्वास्थ्य वर्करों का जो ध्यान रखा जा रहा है वह काबिलेतारीफ है। दीपक जांगड़ा ने बताया की वह यह कार्य लगभग 10 दिन से कर रहे हैं। इसके तहत जिला प्रशासन, समाजसेवी अन्य जिन लोगों को इस महामारी में फ्रंट में काम करना होता है, जहां जरूरत दिखाई दी वहां पर पीपीई किट वह सैनेटाइजर उपलब्ध कराया जाता है। इस मुहिम के तहत हरियाणा प्रदेश के अलावा कई अन्य राज्यों में भी मुहिम चलाए हुए हैं। इस मुहिम का मुख्य उद्देश्य यही है कि इस जरूरत के समय में हम देश के लिए बीमारी में लड़ रहे योद्धाओं को हौंसला दे सकें। इस अवसर पर नागरिक अस्पताल का स्टाफ  व डार्विन प्लेटफार्म की टीम मौजूद रही।
May 16, 2020

दिल्ली हाईकोर्ट के दखल के बाद- हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर हो सकेगी आवाजाही, e-pass दिखाना होगा जरूरी

(मनवीर) कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने दिल्ली समेत अपने सभी बॉर्डर सील कर दिए थे। जिसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिस पर हाई कोर्ट के दखल के बाद अब दिल्ली हरियाणा सीमा पर आवाज में काफी हद तक छूट मिल गई है।

मेडिकल, पैरामेडिकल स्टाफ व पुलिसकर्मियों सहित अब कोई भी e-pass के जरिए अंतरराज्यीय आवागमन कर सकता है। इसी के चलते अन्य दिनों की अपेक्षा शुक्रवार को टिकरी बॉर्डर पर करीब दोगुना वाहनों ने दिल्ली से हरियाणा में प्रवेश किया।

हरियाणा सरकार का कहना था कि दिल्ली से प्रतिदिन हरियाणा आने जाने वाले लोगों की वजह से राज्य में संक्रमण फैल रहा है इसलिए 1 मई से दिल्ली के स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिसकर्मियों समेत अन्य लोगों को हरियाणा में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन अब हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई के बाद अंतरराज्यीय मूमेंट के संबंध में सरकार को हिदायत दी है।

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जिसके बाद जारी आदेश में कहा गया है कि e-pass धारक किसी भी नागरिक को हरियाणा में प्रवेश करने से नहीं रोका जाएगा। यह ई पास महज आधे घंटे में ही जारी हो जाएगा।
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा दिया है कि सरकार तथा निजी अस्पतालों के डॉक्टरों, नर्सों, पुलिस और अदालत के अधिकारियों समेत जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को लॉक डाउन के दौरान e pass दिखाने पर दिल्ली और हरियाणा के बीच आवाजाही की अनुमति दी जाएगी।

हरियाणा सरकार ने गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट को यह आश्वासन दिया कि दिल्ली और हरियाणा के बीच जरूरी और गैर जरूरी सामान ले जा रहे ट्रकों की आवाजाही की भी अनुमति दी जाएगी। जस्टिस मनमोहन और जस्टिस संजीव नरूला की बेंच ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार के वकील द्वारा दायर किए जाने के बाद जनहित याचिका का निस्तारण किया जाता है।

आपको बता दें कि अदालत एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें कहा गया था कि दिल्ली के कई निवासियों को आवश्यक कार्यों के लिए सोनीपत की यात्रा करनी है और सोनीपत के निवासियों के लिए भी यही स्थिति है लेकिन उन्हें भी हरियाणा की सीमा पर रोका जा रहा है।

May 16, 2020

अनिल विज का राहुल गांधी पर कटाक्ष लॉकडाउन खोलने के लिए कांग्रेस पार्टी के ही कई मुख्यमंत्री जल्दबाजी कर रहे हैं

(मनोज)अंबाला। गृहमंत्री अनिल विज (Home Minister Anil Vij) ने राहुल गांधी की प्रेसवार्ता पर सवाल उठाते हुए कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और उनकी पार्टी कांग्रेस (Congress) के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों की सोच में ही अंतर है। विज ने कहा कि लॉकडाउन खोलने के लिए कांग्रेस पार्टी के ही कई मुख्यमंत्री (Chief Minister) जल्दबाजी कर रहे हैं। लेकिन केंद्र सरकार( central government) हालात का जायजा लेकर इसमें ढील दे रही है। वहीं श्रमिकों के खातों में सीधे पैसे डालने के बयान पर विज ने कहा कांग्रेस की सोच ने देश को बर्बाद कर दिया है। गृहमंत्री विज राहुल गांधी के कोरोना पैकेज पर सवाल उठाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस ने पचास से अधिक साल तक देश पर राज किया। फिर क्यों नहीं कांग्रेस देश के मजदूरों के हालात बदल पाई। विज ने कहा कि कांग्रेस हमेशा ही मजदूरों के खाते में कुछ पैसे डाल कर उनके कल्याण का श्रेय लेती रही। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मजदूरों की हालत सुधारने के लिए बुनियादी ढांचे को बदल रहे हैं। विज ने कहा कि कांग्रेस की यही सोच देश के लिए घातक है। इस सोच ने भारत को कभी आत्मनिर्भर नहीं बनने दिया। विज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सम्बोधन में आत्मनिर्भर हिन्दुस्तानी बनाने की बात की है। 

इसके दो रास्ते हैं 

विज ने उदाहरण दे कर बताया की इसके दो रास्ते हैं, पहला यह की जब किसी को भूख लगे उसे थोड़ी सी रोटी दे दो , तीन चार दिन बाद फिर उसे भूख लगे तो उसे फिर रोटी दे दो , और दूसरा यह की लोगों को आत्मनिर्भर बना दो, ताकि लोग सम्मान के साथ रोटी कमा कर खा सकें।विज ने कहा की कांग्रेस ने हमेशा पहला रास्ता अपनाया है और नरेंद्र मोदी दूसरे रास्ते पर काम कर रहे हैं।
May 16, 2020

केंद्र की ‘जल जीवन मिशन’ योजना को राज्य में आगे बढ़ाते हुए ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ पोर्टल का आगाज

(मनोज)चंडीगढ़, 16 मई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की ‘जल जीवन मिशन’ योजना को राज्य में आगे बढ़ाते हुए जल संरक्षण के लिए धान बाहुल्य क्षेत्रों में आरंभ की गई नई योजना ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ पोर्टल का आज विधिवत लॉन्च किया, ताकि धान की रोपाई से पहले ही किसान इस योजना के बारे जागरूक हों और भावी पीढ़ी के लिए जल संरक्षण में सरकार का सहयोग देने का मन बनाएं।
        इस पोर्टल के माध्यम से किसान धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलों की बुआई का ब्यौरा देकर योजना के तहत 7 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से वित्तीय सहायता का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि, नई फसल विविधिकरण योजना ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना के अंतर्गत धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलों को उगाकर विविधीकरण करने की एवज में किसानों को 7000 रुपये  प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके तहत 8 खंडों जिनमें, फतेहाबाद जिले का रतिया, कैथल जिले का सिवान और गुहला, कुरुक्षेत्र जिले के पिपली, शाहबाद, बाबैन, इस्माइलाबाद और सिरसा जिले का सिरसा खण्ड शामिल है, को चिहिन्त किया गया है, जहां भू-जल स्तर 40 मीटर से ज्यादा नीचे है।

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        इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जय प्रकाश दलाल, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर, उप अतिरिक्त प्रधान सचिव श्रीमती आशिमा बराड़, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल, विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव श्री सुधीर राजपाल, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक श्री विजय सिहं दहिया  के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
May 16, 2020

इन कर्मचारियों की आकस्मिक मृत्यु की स्तिथि में 3 लाख रुपए की आर्थिक मदद मिलेगी

हरियाणा सरकार ने सरकारी विभाग, बोर्ड/निगम में कार्यरत एडहॉक, दैनिक वेतन भोगी, अनुबंध आधार कच्चे कर्मचारियों को तोहफा दिया है। अब इन कर्मचारियों की आकस्मिक मृत्यु की स्तिथि में 3 लाख रुपए की आर्थिक मदद मिलेगी।
जिसके संबंध में विभिन्न विभागों को आडेज़ह जारी कर दिए गए हैं।

May 16, 2020

केन्द्र सरकार द्वारा दिए गए 20 लाख करोड़ रुपये के मेगा आर्थिक पैकेज से औद्योगिक क्षेत्र को बड़ी राहत मिलेगी - दुष्यंत चौटाला

(मनोज)चंडीगढ़ 16 मई- हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा दिए गए 20 लाख करोड़ रुपये के मेगा आर्थिक पैकेज से औद्योगिक क्षेत्र, विशेषकर लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यमों, कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र, सेवा क्षेत्र तथा ग्रामीण विकास को बड़ी राहत मिलेगी और निश्चित रूप से यह देश में कोविड-19 के संक्रमण के चलते सकल घरेलू उत्पाद दर तथा अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रतिकूल प्रभाव को सामान्य स्थिति की ओर ले जाने में कारगर सिद्ध होगा।
        उप-मुख्यमंत्री जिनके पास उद्योग एवं वाणिज्य विभाग का प्रभार भी है, ने इस सम्बन्ध में आज यहां विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इस आर्थिक पैकेज का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के 17 मई के बाद शुरू होने वाले संभावित चौथे चरण में औद्योगिक एवं अन्य वाणिज्यिक गतिविधियों को अपनी पहले जैसी सामान्य स्थिति की ओर बढ़ाना है, जो सरकार की प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने एमएसएमई उद्यमियों से आग्रह किया था कि लॉकडाउन अवधि के दौरान वे अपने श्रमिकों का वेतन देते रहें ताकि उनको अपने परिवार पालन-पोषण में किसी तरह ही कठिनाई न आए। इस कड़ी में हरियाणा सरकार ने एमएसएमई उद्यमियों के पक्ष में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए उनको 20,000 रुपये प्रति श्रमिक की दर से बैंक ऋण के कार्यशील पूंजी हिस्से पर छ: महीने तक ब्याज राशि पर छूट दी और संकट की इस घड़ी में भी औद्योगिक श्रमिकों के हितों को सुरक्षित रखा तथा ऐसा करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बना है।

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         दुष्यंत चौटाला ने आशा व्यक्त की कि इस आर्थिक पैकेज से वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही के बाद देश के सकल घरेलू उत्पाद को पुन: पटरी पर लाया जा सकेगा तथा यह पैकेज औद्योगिक विकास के लिए किसी बूस्टर डोज़ से कम नहीं होगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने इसके साथ-साथ कुटीर, लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यमों की परिभाषा बदलते हुए इसमें सेवा क्षेत्र को भी जोड़ा है और साथ-साथ इनके पूंजी निवेश व वार्षिक कारोबार का दायरा भी बढ़ाया है, जिससे इन उद्योगों में आर्थिक लेन-देन बढ़ेगा और देश के आर्थिक विकास में बड़े उद्योगों की तरह इनकी भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी।
        उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार पहले भी एमएसएमई उद्यमियों के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय ले चुकी है, जिसमें बैंकों से सम्बंधित सभी मुद्दों के त्वरित समाधान के लिए वित्त विभाग में एक बैंक शिकायत सूचना केन्द्र स्थापित करना, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) की ओर से दी जाने वाली बैंक ऋण की गारंटी राज्य सरकार की तरफ से दिया जाना तथा नई उद्यम प्रोत्साहन नीति-2020 को अगस्त माह तक तैयार करने के लिए एमएसएमई उद्यमियों से सुझाव आमंत्रित करना प्रमुख रूप से शामिल हैं।
         दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र तथा विनिर्माण क्षेत्र के साथ-साथ सेवा क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद दर में महत्वपूर्ण योगदान है तथा हरियाणा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, विशेषकर गुरुग्राम में सेवा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विस्तार हुआ है। केन्द्र सरकार द्वारा सेवा क्षेत्र को एमएमएमई में शामिल करने की घोषणा से प्रदेश के राजस्व में भी निश्चित रूप से वृद्धि होगी।
May 16, 2020

हरियाणा आज’ कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेशवासियों से रूबरू हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल

(मनोज)चडीगढ़, 16 मई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज में छोटे दुकानदारों, कृषि, किसानों, मंडियों में बुनियादे ढ़ांचों में सुधार, मजदूरों तथा हर किसी के लिए छत मुहैया कराने के लिए शामिल की गई योजनाओं के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का विशेष आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में अलग से ‘हाऊसिंग फॉर ऑल’ विभाग का गठन किया है और इसके अलावा, ‘रेंटल हाऊसिंग स्कीम’ भी आरंभ करने की भी योजना है।

मुख्यमंत्री आज ‘हरियाणा आज’ कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेशवासियों को संबोधित कर रहे थे।

        वैश्विक महामारी कोरोना के संकट के समय केंद्र सरकार द्वारा राज्यों के लिए मेगा आर्थिक पैकेज की घोषणा करने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे हरियाणा में एमएसएमई को अवश्य ही  लाभ होगा और प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ के विजऩ को आगे बढ़ाने में बल मिलेगा, इससे एमएसएमई की स्वायत्तता बढ़ेगी और निर्यात के अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि इस दिशा में हरियाणा पहले ही कदम बढ़ा चुका है। हरियाणा के वर्ष 2020-21 के बजट में पहले से ही 4 एस- शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और स्वावलंबन पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में उद्योग के अनुरूप 22 विशेष कलस्टर स्थापित करने की योजना तैयार की जा रही है।

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        मुख्यमंत्री ने सब्जी, बागवानी व अन्य फसलों के लिए हरियाणा की 3 वर्ष पहले लागू की गई ‘भावांतर भरपाई योजना’ को इस विशेष पैकेज में शामिल करने तथा इसे पूरे देश में  लागू करने का सुझाव देने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि योजना के तहत हरियाणा में पहले से 500 एफपीओ गठित किए जा चुके हैं और इनकी संख्या 1500 तक बढ़ाई जाएगी, ताकि किसान फसलों की बिक्री आसानी से कर सकें। उन्होंने कहा कि सीधे खेत से ही किसान अपनी उपज बेच सके, इसके लिए भी हरियाणा ने योजना बनाई है।
        उन्होंने यह भी कहा कि लॉकडाउन के बाद हर तरह की औद्योगिक एवं आर्थिक गतिविधियां पुन: सुचालित करने के लिए केंद्र सरकार ने हर क्षेत्र के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की है और हरियाणा तो पहले ही कोरोना की इस लड़ाई में बेहतर कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण उद्योग बंद होने के चलते कई श्रमिकों के रोजगार भी बंद हुए हैं और ऐसे श्रमिकों का कौशल का उपयोग हो, इसके लिए अलग से एक योजना बनाई जा रही है और इनको प्रशिक्षण दिलाया जाएगा ताकि इनका नई व्यवस्था के अनुरूप आवश्यकतानुसार अपने कार्यक्षेत्र में बदलाव ला सकें। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को पुन: पटरी पर लाना हम सबकी प्राथमिकता है।
        मुख्यमंत्री ने आर्थिक पैकेज में मंडियों के सुदृढ़ीकरण में फसलों को सुखाने के लिए ड्रायर की व्यवस्था करने के प्रावधान करने के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अब मंडियों में रबी फसलों की खरीद जोरों पर है तथा लॉकडाउन के बाद भी सरकार ने समुचित प्रबंध किए हैं। उन्होंने कहा कि कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों के विस्तार के लिए भी नई योजनाएं शामिल की गई हैं। उन्होंने कहा कि किसान के्रडिट कार्ड की तर्ज पर मत्स्य पालन व पशुपालन के लिए भी क्रेडिट कार्ड योजना लागू की जाएगी जो स्वागत योग्य है, इसके लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना बनाई है। इसके तहत 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में लवणीय व क्षारीय जमीन पर मत्सय पालन की संभावना अधिक है और इस योजना से हरियाणा के किसानों को 400 से 500 करोड़ रुपए तक का लाभ मिल सकता है।
        उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के इस संकट के समय का हमे सदुपयोग करने का संकल्प लेना चाहिए, क्योंकि किसी को मालूम नहीं कि यह संकट कितने लंबे समय तक चल सकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए हर किसी को अपनी जीवनशैली में बदलाव करना होगा और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सारे काम करने होंगे। केंद्र सरकार द्वारा भी सरकारी व्यवस्थाओं में बदलाव किया जा रहा है।
        मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस से लडऩे की अपनी प्रतिबद्धता पुन: दोहराते हुए कहा कि कोरोना को हम हराएंगे और भारत से भगाएंगे।
May 16, 2020

प्रवासी घर वापसी जारी है - आज 3 विशेष रेलगाडिय़ों से 4400 से ज्यादा श्रमिकों को बिहार के बरौनी, गया और दरभंगा गये

(मनोज) चंडीगढ़, 16 मई- हरियाणा से अपने घर जाने के इच्छुक प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों को भेजा जाना निरंतर जारी है। इसी कड़ी में, आज 3 विशेष रेलगाडिय़ों से 4400 से ज्यादा श्रमिकों को बिहार के बरौनी, गया और दरभंगा भेजा गया है।

पानीपत से दो ट्रेनें 2840 श्रमिकों को लेकर गई बिहार के बरौनी व गया

        पानीपत रेलवे स्टेशन से बरौनी के लिए 1440 और गया (बिहार) के लिए 1400 श्रमिकों को रवाना किया गया। श्रमिकों के लिए भोजन, पानी इत्यादि की पर्याप्त व्यवस्था भी की गई थी ताकि इन्हें रास्ते में कोई परेशानी न हो। उन्होंने इस कार्य के लिए जी जान से जुटे सभी अधिकारियों और समाजसेवी संस्थाओं का भी धन्यवाद किया। जिले के प्रशासनिक अधिकारियों ने श्रमिकों से बातचीत कर उनसे मास्क पहनने और शारीरिक दूरी का ख्याल रखते हुए साफ-सफाई का भी ध्यान रखने की अपील की। जब इन मजदूरों से बात की गई तो वे जिला प्रशासन द्वारा किए गए प्रबंधों से संतुष्ट नजर आए।
        पटना जाने वाले 28 वर्षीय श्रमिक रंजीत शाह और इलाहबाद जाने वाली सीता कुमारी ने अपनी घर वापसी पर खुशी का इजहार करते हुए राज्य सरकार और स्थानीय अधिकारियों का धन्यवाद किया। वहीं भोजपुर जाने वाले संजीव भी अपनी पत्नी संध्या सहित इस ट्रेन में सवार थे। उनका कहना था कि उनकी शादी को करीब एक साल हो गया है, वे अपने घर जाना चाहते थे लेकिन लॉकडाउन में फंस गए। अब सरकार ने ट्रेन की व्यवस्था कर उनके घर जाने का इंतजाम किया है, जिससे उन्हें बहुत खुशी हुई।

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गुरुग्राम से 1424 श्रमिकों को भेजा दरभंगा (बिहार)

        आज गुरुग्राम रेलवे स्टेशन से बिहार के दरभंगा के लिए स्पेशल श्रमिक ट्रेन में 1424 प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य के लिए रवाना किया गया। यहां से अब तक 6 स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से 8500 से ज्यादा प्रवासी श्रमिकों को अलग-अलग राज्यों में उनके गंतव्य स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। आज रेलवे स्टेशन पर श्रमिकों के प्रवेश से पूर्व थर्मल स्कैनिंग से उनके स्वास्थ्य की जांच की गई और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ यह सुनिश्चित किया गया कि सभी श्रमिकों ने फेस मास्क पहने हों।
        प्रवासी श्रमिक अपने परिजनों से मिलने को लेकर खासे उत्साहित थे और उनके चेहरों पर संतुष्टि का भाव दिखाई दे रहा था। जिला प्रशासन द्वारा उन्हें सुरक्षा कवच के रूप में मास्क, पानी की बोतल व बिस्कुट के पैकट देकर रवाना किया गया। उन्हें ट्रेन की टिकट नि:शुल्क उपलब्ध करवाई गई थी। श्रमिकों ने तालियां बजाकर हरियाणा सरकार और गुरुग्राम प्रशासन का आभार व्यक्त किया। रेलवे स्टेशन पर अक्षर फाउंडेशन द्वारा भी प्रवासी श्रमिकों के लिए एक हजार फूड पैकेट तैयार करवाए गए थे जिसमें यात्रियों के लिये दही, रोटी, सब्जी व पानी की बोतलें थीं।

यात्रियों ने कुछ इस प्रकार से व्यक्त किए अपने भाव

ट्रेन में सीतामढ़ी जा रहे आशुतोष का कहना था कि वे सुखद अनुभूति के साथ अपने घर जा रहे हैं। गुरुग्राम में उन्हें रोजगार के साथ-साथ यहां के लोगों का प्यार भी मिला है, जिसे वे कभी नहीं भुला पांएगे। मुश्किल की घड़ी में सरकार ने उनके खान-पान से लेकर रहने तक का इंतजाम किया, जिसे वे हमेशा याद रखेंगे। आशुतोष ने कहा कि ‘गुरुग्राम ने मुझे बहुत कुछ दिया है, हालात सुधरने का इंतजार करूंगा और लौटकर आऊँगा’।
May 16, 2020

बेबस प्रवासी मजदूरों को समझाने अब सड़क पर उतरे शिक्षा मंत्री कंवरपाल

कोरोना वायरस(Corona virus) के बचाव को लेकर लगाया गया लॉकडाउन (Lockdown) अब प्रवासी मजदूरों के लिए असहनीय हो गया है। वह अब मजबूर होकर पैदल, साइकिल व अन्य तरीकों से अपने घर लौट रहे हैं। जिन्हें रोकने के लिए अब प्रशासन के साथ-साथ प्रदेश के मंत्री भी सड़कों पर उतरकर उन्हें समझाने का प्रयास करने लगे हैं। शनिवार को हरियाणा के शिक्षा मंत्री (Education Minister of Haryana) ने विभिन्न राज्यों के जिला की सड़कों से गुजर रहे प्रवासी मजदूरों को समझाकर राहत शिविरों में भेजा। शिक्षा मंत्री कंवरपाल को शनिवार सुबह सूचना मिली थी कि पंजाब की ओर से सैकड़ों प्रवासी मजदूर जिले की सड़कों से पैदल, साइकिल व भिन्न भिन्न तरीकों से अपने घरों को लौट रहे हैं। उनके साथ छोटे-छोटे बच्चे व बुजुर्ग महिलाएं व पुरुष भी हैं। सूचना मिलते ही हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने सड़क मार्ग से पैदल जा रहे प्रवासी मजदूरों को बीच रास्ते में रोक लिया। उन्होंने प्रवासी मजदूरों को समझाया कि प्रदेश सरकार उन्हें उनके घरों तक सकुशल पहुंचाने के लिए इंतजाम कर रही है। इसलिए वह पैदल घर ना जाएं। क्योंकि उनके पैदल चलने से कोरोना के फैलने का खतरा है।

 सकुशल भेजेंगे घर 

शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने प्रवासी मजदूरों को बताया कि प्रदेश सरकार उन्हें अगले आठ-दस दिन में सकुशल उनके घर भेज देगी। उन्हें अपने खाने-पीने व रहने की चिंता नहीं करनी चाहिए। प्रदेश सरकार उनके साथ है। उन्होंने प्रवासी मजदूरों को बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक हजारों प्रवासी मजदूरों को उनके घरों को भेज दिया है। उन्हें भी जल्द ही उनके घरों को भेज दिया जाएगा। इस आश्वासन के बाद सैंकड़ो प्रवासी मजदूर राहत शिविर में चले गए।
May 16, 2020

गुरु जी की विदेश भ्रमण जाने की ललक, लॉकडाउन के बावजूद दर्जनों मास्टरों व जेबीटी ने अगले दो महीनों में विदेश जाने की अनुमति मांगी

शिक्षा निदेशक ने खारिज कर दिए सभी आवेदन, नही मिलेगी किसी भी मास्टर या जेबीटी को विदेश जाने की अनुमति 

(मनोज) चंडीगढ़- कोरोना महामारी फैली हुई है और दुनिया भर में लॉकडाउन चल रहा है,लेकिन भारत के शिक्षकों की विदेश भ्रमण जाने की ललक कम नहीं हुई। तभी तो हरियाणा के स्कूली मास्टरों व जेबीटी टीचरों ने अगले दो महीनों में विदेश भ्रमण के लिए आवेदन किए हैं। शिक्षकों को यह मालूम है कि बीमारी फैली हुई है और लॉकडाउन चल रहा है।
विदेश जाने वाली उड़ानें रद्द हैं,सिर्फ फंसे हुए लोगों को ही वापस लाया जा रहा है। बावजूद इसके गुरु जी विदेश जाने को लालायित हैं। मौलिक शिक्षा विभाग की विदेश स्थापना शाखा में लॉकडाउन के दौरान दर्जनों मास्टरों व जेबीटी ने अगले दो महीनों में विदेश जाने की अनुमति के लिए आवेदन किया है। शिक्षक चाहते हैं कि उन्हें विदेश जाने की मंजूरी सरकार प्रदान करे। जबकि,उन्हें यह मालूम है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रोकी जा चुकी हैं। विश्व में कोरोना का कहर होने के कारण विदेश जाने की इजाजत नहीं है। मौलिक शिक्षा निदेशक प्रदीप कुमार ने हालांकि सभी आवेदनों को खारिज कर दिया है,लेकिन शिक्षकों का आवेदन करना किसी को समझ नहीं आ रहा। उन्होंने सभी डीईओ,डीईईओ,बीईओ,बीईईओ,स्कूल मुखिया को निर्देश दिए हैं कि लॉकडाउन में सारी उड़ानें बंद होने के कारण विदेश जाने की अनुमति का कोई नया केस निदेशालय को न भेजा जाए। सभी शिक्षा अधिकारियों व निदेशालय की विदेश शाखा को इस तरह का कोई भी केस स्वीकार न करने के निर्देश दिए गए हैं।
 

May 16, 2020

आम आदमी के लिए बिजली हो सकती है महँगी, विधुत अधिनियम संशोधन बिल 2020 का ड्राफ्ट तैयार 5 जून तक हरियाणा सरकार से मांगे सुझाव

(मनवीर)दिल्ली- सूत्सरों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार लोगों को बेहतर बिजली देना चाहती है। इसके लिए सरकार कई तरह के बिजली सुधारों और विद्युत अधिनियम में संशोधन करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से विद्युत अधिनियम संशोधन बिल 2020 का मसौदा तैयार किया गया है। केंद्र ने यह ड्राफ्ट देश के विभिन्न राज्यों समेत हरियाणा सरकार को भी भेजा है और 5 जून तक हरियाणा सरकार से इस ड्राफ्ट पर सुझाव मांगे हैं।

इस ड्राफ्ट में लोगों को बेहतर बिजली देने की दिशा में जहां कहीं तरह के सुधार प्रस्तावित हैं। वहीं बिजली अधिनियम के तहत राज्य विद्युत विनियामक आयोग की सिफारिशों का पालन न करने पर बिजली कंपनियों पर लगने वाले जुर्माने की दरों को भी बढ़ाने की तैयारी की जा रही है।
जुर्माना संबंधी इस मसौदे में विद्युत अधिनियम के प्रावधानों और आयोग के आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से दंडात्मक कार्रवाई के रूप में अधिक जुर्माना लगाए जाने हेतु विद्युत अधिनियम की धारा 142 और 146 में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है। केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग के चेयरमैन प्रदीप कुमार पुजारी इस संदर्भ में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हरियाणा समेत सभी प्रदेशों के राज्य विद्युत विनियामक आयोगों के अध्यक्षों के साथ इस संशोधन बिल मसौदे पर चर्चा करेंगे। 

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अक्षय ऊर्जा की बाध्यता पूरी न करने पर भी लगेगा जुर्माना

इस ड्राफ्ट में सभी राज्यों में अक्षय और पनबिजली को बढ़ावा के संदर्भ में राष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा नीति के तहत ऊर्जा के अक्षय स्रोतों से बिजली के उत्पादन के विकास और प्रोत्साहन के लिए एक पॉलिसी डॉक्यूमेंट  उपलब्ध कराने का प्रस्ताव किया गया है। आयोगों द्वारा ऊर्जा के पनबिजली स्रोतों से बनी बिजली की न्यूनतम प्रतिशत खरीद का उल्लेख करने का भी प्रस्ताव किया गया है। इसी के तहत अक्षय ऊर्जा के स्रोतों से बनी बिजली खरीदने की बाध्यता पूरी नहीं करने वालों पर जुर्माना लगाए जाने का प्रस्ताव किया जा रहा है।

आयोग के अध्यक्षों की चयन प्रक्रिया भी सेंट्रलाइज्ड होगी

केंद्र हो या राज्य यहां बिजली विनियामक आयोगों अध्यक्षों एवं चेयरमैन के चयन के लिए कई तरह की चयन समितियों की व्यवस्था को भी खत्म करने की तैयारी की जा रही है। इस सिस्टम को सेंट्रलाइज्ड किया जाएगा। वर्तमान विद्युत अधिनियम के तहत केंद्रीय और राज्य आयोग के अध्यक्ष व अन्य सदस्यों की नियुक्ति के लिये कई चयन समितियों का गठन करना पड़ता है।

इस मसौदे में केंद्र और राज्य आयोग के अध्यक्ष तथा अन्य सदस्यों की नियुक्ति हेतु एक चयन समिति की व्यवस्था का प्रस्ताव किया गया है। साथ ही केंद्र और राज्य विद्युत विनियामक आयोगों के अध्यक्षों और अन्य सदस्यों की नियुक्ति हेतु सामान पात्रता मानदंडों को स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है। ये संशोधन हुआ तो राज्य विद्युत विनियामक आयोग के चेयरमैन व सदस्यों की नियुक्ति में राज्य सरकारों का कोई खास हस्तक्षेप नहीं रहेगा।

अपीलें जल्द निपटेंगी, न्यायाधिकरण मजबूत बनेगा

बिजली संबंधी मामलों में उपभोक्ताओं एवं बिजली कंपनियों द्वारा  की जाने वाली अपीलों का जल्द निपटारा हो। इसके लिए भी संशोधन बिल में  बदलाव की तैयारी है। इस मसौदे में अपीलीय न्यायाधिकरण के अध्यक्ष के अतिरिक्त  न्यायाधिकरण की क्षमता को 7 सदस्यों तक बढ़ाने का सुझाव दिया गया है। जिससे मामलों के त्वरित निस्तारण हेतु कई पीठों की स्थापना की जा सके। साथ ही न्यायाधिकरण के फैसलों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिये इसे और अधिक सशक्त बनाने का प्रस्ताव भी किया गया है।
May 16, 2020

सोनीपत में कोरोना संक्रमण से पहली मौत, मृतक बुजुर्ग महिला की रिपोर्ट आई पॉजिटिव

 सोनीपत में कोरोना संक्रमण से पहली मौत, मृतक बुजुर्ग महिला की रिपोर्ट आई पॉजिटिव

(अरुण मलिक)सोनीपत-हरियाणा के सोनीपत जिले में कोरोना संक्रमण से पहली मौत हुई है। दो दिन पहले बुजुर्ग महिला की मौत हुई थी, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वीरवार को रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को स्वीकार किया है कि वृद्धा की मौत की वजह कोरोना था। वहीं, आइसोलेशन वार्ड में एक अन्य महिला की देर रात मौत हो गई है। एक अन्य महिला की मौत प्राइवेट अस्पताल में हुई है। इनके सैंपल आने के बाद कंफर्म होगा कि इनकी मौत की वजह क्या रही।

गौरतलब है कि दो रोज पहले उल्देपुर ठुरू निवासी एक वृद्ध महिला की अस्पताल लाते समय मौत हो गई थी। उसका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया था। वीरवार को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। अब स्वास्थ्य विभाग ने माना है कि वृद्धा की मौत की वजह कोरोना संक्रमण होना था। हालांकि वृद्धा पहले से अस्थमा की मरीज थी। डिप्टी सीएमओ डॉक्टर आदर्श शर्मा ने बताया कि महिला की मौत कोरोना से हुई है। यह सोनीपत में पहली मौत है।
इधर, देर रात सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती महिला की मौत हो गई। महिला शहर के आदर्श नगर की रहने वाली है। वह कोरोना के संदेह में आइसोलेट की गई थी। इसकी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद मौत के कारणों का पता चलेगा। दूसरी ओर निजी अस्पताल में भर्ती एक अन्य महिला की भी मौत हो गई है। महिला बीमारी के चलते यहां भर्ती थी। डॉक्टर आदर्श शर्मा का कहना है कि सैंपल जांच के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद मौत के कारणों का पता चलेगा।
May 16, 2020

खरखौदा शराब घोटाले में गिरफ्तार तस्कर भूपेंद्र की तबीयत बिगडी, पीजीआई रोहतक में भर्ती

(विनय) रोहतक- शराब तस्करी के मामले में रिमांड पर चल रहे आरोपी भूपेंद्र की तबीयत शुक्रवार शाम 6:45 बजे अचनाक बिगड़ गई। भूपेंद्र को सीने में दर्द की शिकायत पर सीएचसी खरखौदा लाया गया। उधर परिजन और ग्रामीण सूचना पर सीएचसी पहुंचे, उन्होंने पुलिस पर भूपेंद्र को पीटने का आरोप लगाया है। सीएचसी से प्राथमिक उपचार के बाद उसे पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया गया। हंगामे के मद्देनजर मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। 

हालत खतरे से बाहर, कार्डियोलॉजी में शिफ्ट

शुक्रवार रात 8:00 बजे भूपेंद्र को पीजीआई लाया गया। यहां पर उसकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है। रिपोर्ट नॉर्मल आने पर उसे रात 9:15 बजे आपातकालीन विभाग से कार्डियोलॉजी विभाग में शिफ्ट कर दिया गया। एसपी राहुल शर्मा ने बताया कि उसके कमरे के बाहर गार्ड तैनात कर दिया है। डीएसपी पीजीआई और थाना प्रभारी उस पर निगरानी रखेंगे।

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पीजीआई में आरोपी भूपेंद्र ने छाती और सिर में दर्द की शिकायत बताई। इसके बाद डॉक्टरों ने उसकी ईसीजी, ब्लड टेस्ट आदि किए लेकिन रिपोर्ट सामान्य आई। मरीज की सूचना पर मेडिसन विभाग के डॉक्टरों ने जांच की और कार्डियोलॉजी विभाग की राय मांगी। इसके बाद भूपेंद्र को कार्डियोलॉजी विभाग में शिफ्ट कर दिया गया। उनकी ट्रॉप-टी जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई है।

परिजनों का आरोप: रास्ते से हटाना चाहते हैं

अस्पताल पहुंचे भूपेंद्र के परिजनों ने पुलिस पर भूपेंद्र की पिटाई करने का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि पुलिस की पिटाई से ही भूपेंद्र की हालत बिगड़ी है। गांव की सरपंच मुन्नी देवी ने आरोप लगाया कि भूपेंद्र को रास्ते से हटाने के लिए उसकी पिटाई की है। वहीं खरखौदा सीएचसी के मेडिकल अफसर डॉ. रवीश ने बताया कि सीने में दर्द की शिकायत पर जांच की तो भूपेंद्र का बीपी बढ़ा हुआ मिला।

बीपी नॉर्मल, जल्द कस्टडी में लेंगे: एसपी

आरोपी भूपेंद्र को अचानक तबीयत बिगड़ने पर तुरंत अस्पताल में लाया गया था। वहां से उसे पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया गया। वहां उसकी तबीयत ठीक है। अब उसका बीपी भी नार्मल है, जल्द ही उसे कस्टडी में लेंगे।- जश्नदीप सिंह रंधावा, एसपी सोनीपत