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Saturday, February 27, 2021

February 27, 2021

तीन कृषि कानूनों को लेकर बाबा रामदेव ने दी ये सलाह, बोले- गतिरोध खत्म करना जरुरी

तीन कृषि कानूनों को लेकर बाबा रामदेव ने दी ये सलाह, बोले- गतिरोध खत्म करना जरुरी



पानीपत : कृषि कानूनों को लेकर किसानों का संघर्ष जारी है और इसी बीच योग गुरु बाबा रामदेव की भी कृषि कानूनों को लेकर प्रतिक्रिया सामने आई। बाबा रामदेव ने कहा कि तीन साल के लिए कृषि कानूनों को स्थगित कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों और सरकार को बैठकर किसानों व देश के हित की नीतियों को लेकर चर्चा कर कानून बनाना चाहिए।

बाबा रामदेव ने आगे कहा कि वो सरकार के प्रवक्ता नहीं है और ना ही वे खुद कॉन्ट्रैक्ट खेती करना चाहते। लेकिन सुधार की जरूरत हर क्षेत्र में है । दरअसल, बाबा रामदेव समालखा में एक कारोबारी के शादी समारोह में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कृषि कानूनों को लेकर सलाह दी और कहा कि किसान और सरकार के बीच चल रहे गतिरोध को खत्म करने की जरूरत है।

बाबा रामदेव ने कहा कि सरकार डेढ़ साल के लिए इन कानूनों को लागू ना करने की बात कह चुकी है ऐसे में अगर किसानों को ये समय कम लगता है तो इसे तीन साल तक बढ़ा देना चाहिए और बातचीत के जरिए ऐसा कानून बनाना चाहिए जो देश के हितों के लिए है।


इस दौरान बाबा रामदेव ने कृषि कानूनों को काला कानून बताने वाले लोगों को लेकर कहा कि कानून नहीं काला-सफेद तो आदमी की नीयत पर निर्भर करता है।

 
February 27, 2021

नवविवाहित जोड़े का किसानों को खास समर्थन, शादी में मिला शगुन किसान आंदोलन को किया भेंट

नवविवाहित जोड़े का किसानों को खास समर्थन, शादी में मिला शगुन किसान आंदोलन को किया भेंट


बहादुरगढ़ : कृषि कानूनों को लेकर एक ओर जहां किसान सड़कों पर है तो वहीं लोग भी किसानों का अपने-अपने तरीके से समर्थन कर रहे हैं। ऐसी एक तस्वीर टीकरी बॉर्डर से भी सामने आई जहां शुक्रवार को पंजाब से मानसा से नवदंपती पहुंचे और अपनी शादी में मिला शगुन किसान आंदोलन को भेंट किया।

दरअसल, किसान लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं और किसानों को किसी तरह की तकलीफ ना हो इसको लेकर लोग हर संभव मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं कोई नगदी देकर किसानों का सहयोग कर रहा है तो कोई खाने की चीजें देकर । वहीं लोग विदेशों से भी किसानों की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं।

पंजाब के मानसा से टीकरी बॉर्डर पहुंचे नवदंपती ने भी अपनी शादी में मिला शगुन किसान आंदोलन को भेंट किया। इस खास समर्थन को करने के लिए बलजीत सिंह और मानवीर कौर आगे आए। इस दौरान नवविवाहिता मनवीर कौर ने कहा कि अपनी शगुन राशि को किसानों के लिए भेंट करके वह सुखी जीवन का आशीर्वाद ले रही है । आंदोलन की सफलता से किसानों का भला होगा, और किसानों के भले से ही हम सबका भला होगा मनवीर कौर के पति बलजीत सिंह ने कहा कि खेती की सफलता में ही हमारी खुशी है।

 
 

 

Friday, February 26, 2021

February 26, 2021

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को आंदोलनरत किसानों ने दिखाए काले झंडे

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को आंदोलनरत किसानों ने दिखाए काले झंडे


सिरसा : केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन जारी है। इसी कड़ी में किसानों द्वारा शुक्रवार को भूमणशाह चौक पर किसानों ने डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का पुतला फूंका। इसके साथ-साथ पुलिस लाइन में डिप्टी सीएम के हेलीकॉप्टर में चढ़ते वक्त काले झंडे लहराए। वहीं शिक्षा मंत्री के कार्यक्रम को भी किसानों के विरोध के चलते रद्द कर दिया गया। डिप्टी सीएम के आगमन को लेकर किसानों के विरोध को देखते हुए काफी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद रहा। सर्वप्रथम दिल्ली में सिंघु बॉर्डर पर एक युवा किसान के सुबह शहीद होने पर दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी गई। हरियाणा किसान मंच के प्रदेशाध्यक्ष प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर निर्णय लिया गया है कि प्रदेश में कहीं भी भाजपा नेताओं के कार्यक्रम होंगे, उनका विरोध किया जाएगा। राजनीतिक दलों के कार्यक्रमों में कोई किसान नहीं जाएगा। 
उन्होंने बताया कि डिप्टी सीएम के सिरसा दौरे पर कार्यक्रम को लेकर किसानों ने भूमणशाह चौक पर उनका पुतला फूंका और पुलिस लाइन में उनके हेलीकॉप्टर को जाते वक्त काले झंडे दिखाकर विरोध जताया। उन्होंने बताया कि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व बिजली मंत्री रणजीत सिंह ने किसानों को बरगलाकर वोट हथिया लिए और अब दोनों सत्तासीन भाजपा के साथ मिल गए। वे बार-बार एक ही मांग कर रहे हैं कि दोनों नेता इस्तीफा देकर किसानों के समर्थन में आए, लेकिन दोनों नेताओं को किसान नहीं, बल्कि कुर्सी अधिक प्यारी है। भारूखेड़ा ने कहा कि काठ की हांडी एक बार ही चढ़ती है, बार-बार नहीं। जनता ऐसे नेताओं की हकीकत जान चुकी है और उन्हें सबक सिखाने के लिए तैयार है। समय बदल चुका है और अब वोट बैंक की राजनीति करने वालों के दिन लद चुके हैं। उन्होंने बताया कि आगामी समय में आंदोलन को तेज किया जाएगा। क्योंकि सरकार आसानी से मानने वाली नहीं है।
February 26, 2021

किसान नेताओं का बड़ा एलान, कृषि कानूनों के विरोध में 50 रुपये लीटर बिकने वाला दूध अब मिलेगा 100 रुपये में

किसान नेताओं का बड़ा एलान, कृषि कानूनों के विरोध में 50 रुपये लीटर बिकने वाला दूध अब मिलेगा 100 रुपये में


नई दिल्ली : कृषि कानूनों का विरोध बढ़ता जा रहा है। दिल्ली सीमा पर किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं तो किसानों की महापंचायतें भी जारी हैं। सरकार मान नहीं रही तो किसानों ने विरोध का दायरा बढ़ाना शुरू कर दिया है। इससे आमजन को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। भारतीय किसान यूनियन ने अब कृषि कानूनों के विरोध में बड़ा एलान किया है। सिंघु बार्डर पर बैठे संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने दूध के दाम बढ़ाने की बात कही है। भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान मलकीत सिंह ने बताया कि एक मार्च से किसान दूध के दामों में बढ़ोतरी करने जा रहे हैं, जिसके बाद 50 रुपये लीटर बिकने वाला दूध अब दोगुनी कीमत यानी 100 रुपये लीटर बेचा जाएगा। मलकीत सिंह का कहना है कि केंद्र सरकार ने डीजल के दाम बढ़ाकर किसानों पर चारों तरफ से घेरने का भरसक प्रयास किया है,लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा ने तोड़ निकलाते हुए दूध के दाम दोगुने करने का कड़ा फैसला ले लिया है। अगर सरकार अब भी न मानी तो आने वाले दिनों में आंदोलन को शांतिपूर्वक आगे बढ़ाते हुए हम सब्जियों के दामों में भी वृद्धि करेंगे ।

Thursday, February 25, 2021

February 25, 2021

27 फरवरी तक पोर्टल पर अपलोड कर सकते है कृषि मशीनों के खरीद बिल: सहायक कृषि अभियंता

27 फरवरी तक पोर्टल पर अपलोड कर सकते है कृषि मशीनों के खरीद बिल: सहायक कृषि अभियंता

जींद 25 फरवरी : सहायक कृषि अभियंता विजय कुन्डू ने बताया कि समैम स्कीम के अन्तर्गत विगत 31 जनवरी तक ऑनलाईन आवेदन मांगे गये थे, ऑनलाईन आवेदन करने वाले सभी किसानों के आवेदन कृषि विभाग द्वारा स्वीकार कर लिए गए है , ऐसे सभी किसान जिन्होंने मेरी फसल- मेरा ब्यौरा पर रजिस्ट्रेशन करवाया है व जिनके पास स्वयं का ट्रैक्टर है वे सभी किसान हलका पटवारी द्वारा सत्यापित भूमि से सम्बन्धित दस्तावेज सहित, हरियाणा सरकार द्वारा अधिकृत विक्रेता से कृषि यंत्र खरीदकर 27 फरवरी तक बिल, ई- वे बिल, स्वयं घोषणा पत्र व कृषि यंत्र के साथ फोटो www.agriharyanacrm.com पोर्टल पर अपलोड करवा सकते है।
उन्होंने बताया कि जिन किसानों के दस्तावेजों में त्रुटि या कोई कमी पाई गई तो उन किसानों को अनुदान का लाभ नहीं दिया जाएगा। किसानों को अपने सम्बन्धित मूल दस्तावेज व फोटो प्रति कृषि यंत्र भौतिक सत्यापन के समय प्रस्तुत करने होंगे। कृषि विभाग द्वारा सभी जिलों में 28 फरवरी तथा एक मार्च को इन कृषि यंत्रों का भौतिक सत्यापन खण्ड स्तर पर किया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए कृषि अभियंता कार्यालय जींद में सम्पर्क कर सकते है। भौतिक सत्यापन के दौरान किसान अपने साथ आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता बूक, ट्रैक्टर की वैध आरसी, ऑनलाईन फार्म की कॉपी, शपथ पत्र, मेरी फसल- मेरा ब्यौरा पंजीकरण की कॉपी, जमीन से सम्बन्धित पटवारी की रिपोर्ट अवश्य लेकर आना अनिवार्य है।

Wednesday, February 24, 2021

February 24, 2021

किसान आंदोलन:40 लाख ट्रैक्टर बैरिकेड तोड़ संसद जाएंगे, इंडिया गेट के पार्कों में करेंगे खेती: टिकैत

किसान आंदोलन:40 लाख ट्रैक्टर बैरिकेड तोड़ संसद जाएंगे, इंडिया गेट के पार्कों में करेंगे खेती: टिकैत
नई दिल्ली : कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों ने मंगलवार को पगड़ी संभाल दिवस मनाया, जिसमें मंचों पर किसान अपने-अपने क्षेत्र की पगड़ी पहन कर पहुंचे। कुंडली बॉर्डर पर शहीद भगत सिंह के परिवार के सदस्य भी पहुंचे। अब बुधवार को किसान देशभर में तहसील और जिला मुख्यालयों पर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर दमन विरोधी दिवस मनाएंगे।
वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को राजस्थान के सीकर में महापंचायत में संसद मार्च का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि 40 लाख ट्रैक्टर लेकर संसद जाएंगे। ट्रैक्टर ही किसान का टैंक है। ट्रैक्टर चलेंगे, बैरिकेड टूटेंगे और हम संसद पर तिरंगा लहराएंगे। दिल्ली की घेरेबंदी होगी और इंडिया गेट के पास जो पार्क हैं, उनमें किसान ट्रैक्टर चलाकर खेती करेंंगे।
इसकी तारीख का ऐलान जल्द संयुक्त मोर्चा करेगा। लोग तेल भरवाकर ट्रैक्टर तैयार रखें। अब हलक्रांति होगी। खेती में प्रयोग होने वाले सभी औजार लेकर संसद पर जाएंगे। इसमें 6 सिंगा और 12 सिंगा (जेली) भी होगी।
*किसानों से कहा: ट्रैक्टर में तेल भरवा कर रखें, जल्द मोर्चा बताएगा तारीख*

बठिंडा में लक्खा पहुंचा मंच पर

दिल्ली हिंसा का आरोपी लक्खा सिधाना मंगलवार को पंजाब में बठिंडा के महाराज गांव में आयोजित किसान महारैली में देखा गया। इस दौरान किसानों ने मंच से चेतावनी दी कि यहां दिल्ली पुलिस आई तो उसका घेराव किया जाएगा। यह गांव प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का पैतृक गांव है। वहीं मंच से लक्खा ने कहा कि अब आंदोलन इतना बड़ा है कि पुलिस किसी को अरेस्ट नहीं कर सकती। अगर पंजाब में किसी को गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली पुलिस आती है और पंजाब पुलिस उस टीम का सहयोग करती है तो उसके जिम्मेदार कैप्टन अमरिंदर सिंह होंगे। लक्खा पर दिल्ली पुलिस ने एक लाख रुपए ईनाम रखा है।

*गोदाम तोड़कर बनाएंगे गोशाला*

राकेश टिकैत ने कहा कि ये जो बड़े-बड़े गोदाम अडानी और बाकियों के बने हुए हैं, ये तोड़े जाएंगे। इसकी तारीख का ऐलान भी मोर्चा ही करेगा। सब तैयारी रखो। उन्होंने कहा कि इन गोदामों को या तोड़ेंगे या फिर इनकी जगह गोशाला बनाएंगे। अनाज को हम तिजोरी में बंद नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन भी चलाएगा और फसल की कटाई भी करेगा। कोई भी किसान फसल नष्ट न करे।

आंदोलन में फिर लौटे वीएम सिंह

26 जनवरी की हिंसा के बाद सड़क से उठकर आंदोलन समाप्त करने वाले किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष वीएम. सिंह ने मंगलवार को अपनी यूनियन की बैठक की और यूपी में गांव स्तर पर आंदोलन को तेज करने की रणनीति बनाई। इस दौरान सिंह ने कहा कि मैंने ये कभी नहीं कहा कि आंदोलन से हट रहा हूं। हमने कहा था कि हम उस स्वरूप से हट रहे हैं। अब नए स्वरूप से वापस आ रहे हैं। हमारा मानना है कि गांव-गांव में आंदोलन पहुंचेगा तो फायदा होगा।

पगड़ी किसान की शान: मोर्चा

कुंडली बॉर्डर पर संयुक्त मोर्चा के नेताओं ने कहा कि एक समय में पगड़ी किसान की शान होती थी, लेकिन सरकार उस पगड़ी को फांसी बना रही है। किसानी पहले से ही बहुत गहरे संकट से गुजर रही है। अब ये तीनों कानूनों का लागू होना और एमएसपी का ना मिलना, इस संकट को और बढ़ाएगा। इससे किसानी बुरी तरह बर्बाद हो जाएगी। इस दौरान मोर्चे के सदस्यों ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हुए टकराव की भी निंदा की।
February 24, 2021

किसान की मौत:कुंडली व टिकरी बॉर्डर पर आंदोलनरत दो किसानों की तबीयत बिगड़ने से माैत

किसान की मौत:कुंडली व टिकरी बॉर्डर पर आंदोलनरत दो किसानों की तबीयत बिगड़ने से माैत

बहादुरगढ़ : टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन में 26 नवंबर से ही डटे धरनारत पंजाब के 58 वर्षीय किसान निर्भय सिंह की मंगलवार की सुबह मौत हो गई। बताया जा रहा है कि किसान की मौत हार्ट अटैक से हुई है।
हालांकि की मौत के सही कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद चल सकेगा। मोगा जिले के गांव घोलिया खुर्द का रहने वाला किसान निर्भय सिंह शुरू से धरने में शामिल था। उधर, कुंडली पंजाब के जिला तरनतारन के गांव नदहोर का रहने वाला मंगल सिंह (40) लंगर सेवा कर रहा था। सोमवार रात सीने में दर्द होने पर सिविल अस्पताल में लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शुरुआती जांच में हार्ट अटैक बताया जा रहा है।
February 24, 2021

लंबे किसान आंदोलन के लिए किसान तैयार : पालवां

लंबे किसान आंदोलन के लिए किसान तैयार : पालवां 

जींद : खटकड़ टोल पर किसानों का धरना 60वें दिन भी जारी रहा। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर बनाए गए कार्यक्रम के अनुसार पगड़ी संभाल दिवस मनाया गया। अध्यक्षता सरदार मलिक सिंह चीमा ने की। केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर महिला, पुरूष, युवा किसानों ने रोष प्रकट किया। पगड़ी पहन कर किसान धरना स्थल पर पहुंचे। अंग्रेजो में शासन में किसानों के हकों के लिए पगड़ी संभाल आंदोलन करने वाले भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह की फोटो पर पुष्प अर्पित कर उनको याद किया गया। 24 फरवरी को दमन दिवस किसान मनाएंगे। राष्ट्रपति के नाम किसानों द्वारा ज्ञापन जींद पहुंच कर डीसी जींद के माध्यम से भेजा जाएगा।   
खटकड़ टोल पर किसान धरने पर पगड़ी संभाल दिवस पर पगड़ी पहन कर पहुंचे किसान
भाकियू प्रधान आजाद पालवां ने कहा कि अंग्रेजों के समय जो किसान आंदोलन सरदार अजीत सिंह ने किया था वो काफी लंबा चला था। किसान आंदोलन कितना ही लंबा चले इसको लेकर मन बना चुके है। बुधवार को दमन विरोधी दिवस मनाते हुए डीसी जींद को ज्ञापन सौंपेंगे। जो मामले दर्ज हुए है उन्हें वापिस ले, दमन की नीतियां सरकार छोड़े सहित अन्य मांग इसमें शामिल होगी। 26 फरवरी को युवा जागरूक दिवस मनाया जाएगा। यह आंदोलन युवाओं का आंदोलन बन चुका है। युवाओं की इस दिन मंच का संचालन, अध्यक्षता करेंगे। 27 फरवरी को गुरू रविदास की जयंती, चंद्र शेखर आजाद का बलिदान दिवस मनाया जाएगा।   इस मौके पर दलीप सिंह चीमा, फूल सिंह श्योकंद, बलविंद्र सिंह, दलविंद्र सिंह, सुभाषा गौत्तम, सतीश नंबरदार, राकेश खटकड़, राजा दरियावाला, विजय लाठर, बिजेंद्र सिंधु, दिलबाग, रामकुमार झांज, जयप्रकाश, कमरजीत, अनीष, महीपाल, रोहताश नगूरां, कपूर सिंह, नफे सिंह ईगराह, पनमेश्वरी, कृष्णा, कमला जुलानी, गीता, बिमला, सुखदेई, रतनी, केलो, कैप्टन वेदप्रकाश, राजेंद्र बाबर मौजूद रहे।  

Tuesday, February 23, 2021

February 23, 2021

हरियाणा में खाप के चौधरियों को विश्वास दिलाएगी बीजेपी, कृषि कानूनों के गिनाएगी फायदे

हरियाणा में खाप के चौधरियों को विश्वास दिलाएगी बीजेपी, कृषि कानूनों के गिनाएगी फायदे

चंडीगढ़ :  कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन में विपक्ष की पार्टियां किसानों को कृषि कानून के नुकसान बता रही हैं तो वहीं अब भारतीय जनता पार्टी हरियाणा में किसानों को कृषि कानूनों के फायदे गिनाएगी और इसके लिए हरियाणा सरकार किसान आंदोलन को समर्थन दे रहे खाप के चौधरियों को साधेगी। इसके लिए भाजपा के प्रमुख कार्यकर्ता, नेता, मंत्री और विधायक खाप, गोत्र, पाल के चौधरियों सहित उन प्रबुद्ध नागरिकों के पास भी जाएंगे जिनकी बात समाज के लोग सुनते हैं।
दिल्ली में हुई राष्ट्रीय पदाधिकारियों, प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्षों की बैठक के बाद प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कार्यकर्ताओं के साथ एक मीटिंग की, जिसमें ये फैसला लिया गया। आपको बता दें कि किसान आंदोलन को 3 महीने का वक्त हो चुका है। तीन महीने से दिल्ली की तीन सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है। इस आंदोलन में पंजाब और हरियाणा के किसान सबसे अधिक हैं।

बता दें कि पंजाब में किसान आंदोलन को लेकर आम आदमी पार्टी लगातार केंद्र सरकार को घेर रही है। 21 मार्च को आम आदमी पार्टी किसान महासम्मेलन करेगी, जिसमें अरविंद केजरीवाल शामिल होंगे और सम्मेलन को संबोधित भी करेंगे।

Monday, February 22, 2021

February 22, 2021

खटकड़ टोल पर किसानों के धरने पर पहुंचे गुरनाम सिंह चढूनी

गेहूं के फसल को देखते हुए शिफ्टों में धरने पर पहुंचे किसान-खटकड़ टोल पर किसानों के धरने पर पहुंचे गुरनाम सिंह चढूनी

-गांव-गांव टीमें बना कर किया जा रहा है प्रचार
जींद/उचाना : किसान आंदोलन को लंबा चला किसानों ने रणनीति बना ली है। आगामी गेहूं की फसल के सीजन को देखते हुए अब खटकड़ टोल पर दिए जा रहे धरने पर शिफ्टों में गांवों से किसान धरने पर आएंगे। हर रोज 15 गांवों के किसानों के धरने पर आने की रणनीति तय की हुई है। रविवार को शिफ्टों
बड़ौदा, बरसोला, खटकड़, मोहनगढ़ छापड़ा, धनखड़ी, कालता, भौंसला, कसुहन, कुचराना कलां, कुचराना खुर्द, छातर, मांडी, घोघडिय़ा, रोज खेड़ा से महिला, पुरूष, युवाओं ने हिस्सा लिया। शहीद हुए बधाना गांव के कैप्टन पवन कुमार 5वें शहादत दिवस पर दो मिनट का मौन रख कर श्रद्धाजंलि दी गई। धरने पर भाकियू अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी पहुंचे।
गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि तीनों कानूनों को रद्द करना ही होगा क्योंकि ये कानून किसान के हक में नहीं है। किसान मन बना चुके है कि घर वापिसी तब ही होगी जब ये कानून रद्द होंगे। जन आंदोलन किसान आंदोलन बन चुका हूूॅं। केंद्र सरकार को चाहिए कि वो हठ छोड़ते हुए तीनों कानूनों को रद्द करेंं। आंदोलन को तोडऩे के लिए तरह-तरह के षडय़ंत्र रचे गए लेकिन कोई भी षडय़ंत्र कामयाब नहीं हुआ है। भविष्य में भी षडय़ंत्र रचे जाएंगे लेकिन हमें किसी भी षडय़ंत्र को कामयाब नहीं होने देना है। किसान की कोई जाति नहीं होती है। किसान के साथ-साथ हर वर्ग के लोगों को नुकसान इन कानूनों के लागू होने पर होगा।  
भाकियू जिलाध्यक्ष आजाद पालवां ने बताया कि धरने पर अधिक से अधिक गांवों से भागीदारी के लिए अलग-अलग टीमों बनाई गई है। महिलाओं की टीम भी बनाई गई है जो भाकियू महिला सेल जिलाध्यक्ष सिक्किम सफा खेड़ी की अगुवाई में जा रही है। इस मौके पर सतबीर बरसोला, बिजेंद्र सिंधु, कैप्टन वेदप्रकाश, जयप्रकाश फौजी, फिरोज खान सफा खेड़ी, मा. राजबीर, सतबीर शर्मा कसुहन, राम सिंह चहल, अनुराग खटकड़, नफे सिंह, गुलाबा, प्रदीप गर्ग, नानूदीन, डॉ. सलीम, उदयवीर बरसोला, चरण सिंह डोहाला, रोहताश, भरत सिंह मौजूद रहे। किसानों के धरने पर मुस्लिम समुदाय की तरफ से 21 हजार रुपए धरने पर, शहीद पवन कुमार के पिता हैडमास्टर राजबीर बधाना, कसुहन गांव की तरफ से, अनुराग खटकड़ ने 11-11 हजार रुपए की राशि दी।

-नरवाना, उचाना के मुस्लिम समुदाय के लोग पहुंचे-

किसानों के धरने को समर्थन देने मुस्लिम समुदाय के लोग यहां पहुंचे। यहां पर नमाज भी अदा मुस्लिम समुदाय के लोगों ने की। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कहा कि टोल पर धरने के पास नमाज पढऩे का उद्ेश्य था कि नमाज अदा कर पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह के दिल को बदले ओर जो तीनों कृषि कानून है जो किसानों के लिए काले है वो वापिस ले ले। इंसान का दिल अल्लाह, ईश्वर के हाथ में है जब दिल बदलेगा तो सब काम बन जाते है। आज हर किसी को नुकसान हो रहा है। पहले की तरह आगे भी देश मे अमन, चैन, शांति बनी रहे।
February 22, 2021

आंदोलन:किसान ने फसल पर चलाया ट्रैक्टर, टिकैत बोले- मैंने ऐसा नहीं कहा, अभी ऐसा न करें

आंदोलन:किसान ने फसल पर चलाया ट्रैक्टर, टिकैत बोले- मैंने ऐसा नहीं कहा, अभी ऐसा न करें

नई दिल्ली / जींद : किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन तेज करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए 11 दिन बाद रविवार को कुंडली बॉर्डर पर संयुक्त मोर्चा की बैठक हुई, जिसमें चार बड़े निर्णय हुए। अब 28 फरवरी को आंदोलन के तीसरे चरण का ऐलान होगा।
वहीं दूसरी तरफ, जींद के गुलकनी गांव के किसान राममेहर ने दो एकड़ गेहूं की फसल को ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दिया। इसकी वजह उन्होंने किसान नेता राकेश टिकैत के आह्वान को बताया है। टिकैत ने कहा था कि सरकार यह नहीं समझे कि किसान कटाई करने चले जाएंगे और आंदोलन खत्म हो जाएगा।
जरूरत हुई तो किसान एक फसल जलाने को भी तैयार हैं। उनके ऐसा कहने के बाद 10 एकड़ के मालिक राम मेहर ने रविवार को यह कदम उठाया। राममेहर ने बताया कि अभी मैंने 2 एकड़ फसल नष्ट की है। टिकैत कहेंगे तो खाने के लिए दाने छोड़कर बाकी फसल भी नष्ट कर देंगे। ऐसी ही एक घटना यूपी में भी सामने आई है। ऐसे में अब टिकैत ने कहा, ‘किसानों से ऐसा करने के लिए नहीं कहा था।
मैं अपील करता हूं कि किसान ऐसा न करें। मैंने कहा था कि अगर फसल कटाई के कारण सरकार आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश करती है तो हम एक फसल त्यागने के लिए तैयार हैं। उस समय क्या करना है और कैसे करना वह बताया जाएगा, तब तक कोई किसान इस तरह फसल नष्ट न करे।’ उधर, अमृतसर में संयुक्त मोर्चा के नेता दातार सिंह की हार्ट अटैक से मौत हो गई।
जींद का किसान बोला-टिकैत के आह्वान पर लिया फैसला,मोर्चा का 27 को बॉर्डर कूच का आह्वान
23 फरवरी: मोर्चा के अनुसार 23 को किसान पगड़ी संभाल दिवस मनाएंगे, जिसमें सभी किसान मंचों पर अपने-अपने क्षेत्र की पगड़ी पहनकर आएंगे।
24 फरवरी: किसानों ने कहा कि सरकार 26 जनवरी के बाद से लगातार किसानों को गिरफ्तार कर रही है। किसानों का दमन हो रहा है। इसलिए 24 फरवरी को दमन विरोधी दिवस मनाया जाएगा। देशभर में तहसील और जिला मुख्यालय स्तर पर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपे जाएंगे।
26 फरवरी: महिला किसान दिवस की तर्ज पर 26 को आंदोलन के तीन माह पूरे होने पर युवा किसान दिवस मनाया जाएगा। तब मंच युवा किसान संभालेंगे।
27 फरवरी: मोर्चे ने 27 फरवरी को संत रविदास की जयंती और चंद्रशेखर आजाद के शहादत दिवस पर मजदूर-किसान एकता दिवस मनाने का निर्णय लिया है। इसके तहत किसानों से बड़ी संख्या में अलग-अलग बॉर्डर पर पहुंच कर आंदोलन मजबूत करने की कॉल दी गई है।

*महापंचायतों पर विवाद*

मोर्चा की मीटिंग में मुद्दा उठा कि बार-बार मना करने के बावजूद मोर्चे के कुछ सदस्य हरियाणा व पंजाब में महापंचायतें कर रहे हैं। प्रेसवार्ता में भी इस बारे में सवाल पूछा गया कि जब मोर्चा मना कर चुका है तो उसके बाद भी रविवार को पंजाब में बलबीर राजेवाल, और हरियाणा में गुरनाम चढ़ूनी ने कार्यक्रम किस आधार पर किए। इस पर किसान नेताओं ने कहा कि हम पहले हरियाणा-पंजाब में महापंचायत नहीं करने की अपील कर चुके हैं और जो लोग कर रहे हैं, उनसे हम कहेंगे कि ऐसा न करें।
हाल ही में पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों को सुझाव दिया है कि वो सरकार के दो साल तक कानून सस्पेंड करने के प्रस्ताव पर फिर से चर्चा करें। मोर्चे के नेताओं ने रविवार को उनके इस सुझाव की निंदा की और कहा कि वो किस आधार पर यह सुझाव दे रहे हैं। क्या वो केंद्र सरकार की तरफ से यह सुझाव दे रहे हैं। उन्हें ऐसे सुझाव नहीं देने चाहिए।
वार्ता को हमेशा तैयार: वार्ता पर गतिरोध के सवाल पर किसान नेताओं ने एक सुर में कहा कि हम वार्ता को हमेशा तैयार हैं। हम सड़क पर बैठे हैं और सरकार कुर्सी पर बैठकर देश चला रही है। इसलिए सरकार को प्रस्ताव भेजना चाहिए।
संयुक्त मोर्चा ने दातार को दी *श्रद्धांजलि*: मोर्चा सदस्य और कीर्ति किसान यूनियन पंजाब के प्रधान दातार सिंह का रविवार को अमृतसर में मंच पर भाषण के दौरान हार्ट अटैक से निधन हो गया। प्रेसवार्ता में किसानों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

Sunday, February 21, 2021

February 21, 2021

आंदोलन का 88वां दिन:सर्दी सिर से गुजरी, अब तपिश झेलने की तैयारी शुरू, झोपड़ियों में बदलने लगे तंबू

आंदोलन का 88वां दिन:सर्दी सिर से गुजरी, अब तपिश झेलने की तैयारी शुरू, झोपड़ियों में बदलने लगे तंबू

नई दिल्ली : कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठन लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं। पूरी सर्दी सिर से गुजर चुकी है। अब किसानों ने बदलते मौसम की रणनीति तैयार कर ली है।
कुंडली, टिकरी और खेड़ा बॉर्डर पर गर्मी की दस्तक के साथ ही हाईवे के बीच में गाड़े तंबुओं ने झोपड़ियों का आकार लेना शुरू कर दिया है। किसान संगठन पंखे व कूलरों की एडवांस बुकिंग कर चुके हैं। मार्च के पहले सप्ताह में आंदोलन स्थलों पर बड़े पंखे व कूलर पहुंचने शुरू हो जाएंगे।
कुंडली में पानी की खपत बढ़ने से आसपास के आरओ प्लांट से संपर्क किया है। आंतिल खाप 12 के प्रधान जयभगवान आंतिल, बाल्याण खाप के दर्शन सिंह बाल्याण ने कहा कि किसानों के पास तमाम व्यवस्था है। किसान के पास बड़े फर्राटा पंखे हैं, जिनसे फसल बरसाते हैं। उन पंखों को आंदोलन में लाया जाएगा। ट्राॅलियों को मच्छरदानी से कवर किया जाएगा।

टिकरी बॉर्डर पर किसान गुरुचरण सिंह ने बताया कि 24 घंटे पेयजल की व्यवस्था है। किसानों के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया है। रेवाड़ी के खेड़ा बॉर्डर पर झोपड़ियां बनाने के लिए राजस्थान से झूंडों की पूलियां (फूस) मंगाई जा रही हैं।
हौसलों की कारीगरी, तीन माह से डटे किसान बोले- अगली सर्दी-गर्मी भी यहीं निकालेंगे
*खेड़ा में घटी संख्या को माना बोले- शादी-ब्याह और लामणी के चलते कई टेंट खाली हैं*
खेड़ा बॉर्डर पर मोर्चा राजस्थान की सीमा में एक किलोमीटर से ज्यादा में फैल गया था। अभी भी टेंट तो उतनी ही दूरी पर लगे हैं, मगर आंदोलनकारियों की संख्या घट गई है। कई टेंट तो अब खाली हो चुके हैं। किसान कहते हैं कि कइयों को बच्चों और रिश्तेदारी में शादी-ब्याह तो किसी को लावणी के चलते जाना पड़ रहा है। 10-15 दिन के रोटेशन में लोग आ-जा रहे हैं।
सभा का संचालन कर रहे डॉ. संजय माधव का कहना है कि अगली गर्मी-सर्दी भी यहीं गुजारने को तैयार हैं। सरकार हमारी तैयारी देखकर हौसले समझ ले, हमारी लड़ाई लंबी है। 27 फरवरी तक राजस्थान में किसान सभाएं होंगी। यहां भी अपने हाथों से जितनी व्यवस्थाएं कर पाएंगे करेंगे।
हरियाणा के तीनों बॉर्डरों पर पानी की मांग बढ़ी, लगवाए आरओ वाटर कूलर
*खेड़ा बॉर्डर* : पानी की पूर्ति के लिए जनसहयोग से अब आरओ प्लांट लग चुका है। वाटर कूलर भी लगाने की तैयारी हो गई है। नागौर के धनसुखराम कहते हैं कि 12 महीने गर्मी, सर्दी, बरसात में खेतों में काम कर मिट्‌टी में सो जाने वालों को सुविधाओं की परवाह नहीं है। सरकार से केवल कानून रद्द करने की मांग करते हैं।
*टिकरी बॉर्डर* : किसान गुरुचरण सिंह ने बताया कि पेयजल का कोई संकट नहीं है। अब 24 घंटे तक पानी की व्यवस्था के लिए ट्रीटमेंट वाटर प्लांट भी लगाया गया है। एक मार्च के बाद मौसम में परिवर्तन होने के बाद फ्रिज, कूलर की भी व्यवस्था होगी। किसान लंबे खिंच रहे आंदोलन के अनुसार तैयारी कर रहे हैं।
*कुंडली बॉर्डर* : पंजाब के गुरदासपुर के किसान राज मान ने कहा कि किसान जब पंजाब से दिल्ली के लिए चला था तो उसे पता था कि आंदोलन ज्यादा लंबा चलेगा। इसलिए किसान हर मौसम के लिए पहले से अलर्ट है। कूलर-पंखे मार्च के पहले सप्ताह में पहुंच जाएंगे। किसान मौसम के सामने घुटने नहीं टेकेगा।

Saturday, February 20, 2021

February 20, 2021

चढूनी ने किसानों से कहा- दिल्ली पुलिस के जवान आपको गिरफ्तार करने आते हैं तो उनका घेराव करें

चढूनी ने किसानों से कहा- दिल्ली पुलिस के जवान आपको गिरफ्तार करने आते हैं तो उनका घेराव करें


नई दिल्ली : तीन कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा।  इस बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने एक विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने किसानों से कहा कि दिल्ली पुलिस के जवान अगर आपके गांवों में किसी को गिरफ्तार करने आते हैं तो उनका घेराव करें और उन्हें तब तक नहीं जाने दें जब तक कि जिला प्रशासन आश्वासन नहीं देता कि उन्हें गांवों में आने के लिए फिर अनुमति नहीं दी जाएगी।

वह राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की ओर इशारा कर रहे थे। चढूनी ने एक वीडियो संदेश में कहा कि दिल्ली पुलिस के कर्मी अगर छापेमारी करते हैं और किसी को पकड़ने आते हैं तो उनका घेराव किया जाना चाहिए, वहां बैठाया जाना चाहिए और पूरे गांव एवं आसपड़ोस को सूचित किया जाना चाहिए। 
उन्होंने कहा उन्हें तब तक नहीं छोड़ा जाना चाहिए जब तक कि जिला प्रशासन यह आश्वासन नहीं देता कि दिल्ली पुलिस आपके गांव, जिले में फिर से प्रवेश नहीं करेगी। एक अन्य वीडियो संदेश में चढूनी ने कहा कि हरियाणा और पंजाब के किसान केंद्र के कृषि से जुड़े कानूनों से अवगत हैं और इन दोनों राज्यों में पंचायत आयोजित करने की जरूरत नहीं है। 
 
February 20, 2021

हरियाणा में बंद होंगी किसान महापंचायत : चढूनीकहा-तीनों बिल वापिसी तक चलेगा आंदोलन

हरियाणा में बंद होंगी किसान महापंचायत : चढूनी

कहा-तीनों बिल वापिसी तक चलेगा आंदोलन 

हिसार : भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह ने उकलाना में स्थित वर्धमान पाइप फैक्ट्री पर एक प्रेसवार्ता में बड़ा बयान देते हुए कहा कि हरियाणा में खाप पंचायतों का दौर बंद किया। गुरनाम सिंह ने कहा कि किसान महापंचायत से बॉर्डर पर किसानों की संख्या कम हो रही है और लोग गांव में महापंचायतों की ओर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा और पंजाब में किसान महापंचायत बंद की जाएंगी क्योंकि यह दोनों प्रदेश पहले से बहुत जागृत हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में महा पंचायतों की जरूरत नहीं है अब हरियाणा की बजाय उत्तर प्रदेश राजस्थान व अन्य प्रदेशों में किसान महापंचायत की जाएगी। गुरनाम सिंह ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार जब तक तीन काले कानून वापस नहीं लेती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। राकेश टिकैत के फसल जलाने वाले बयान पर गुरनाम सिंह बोले उनके कहने का अर्थ यह रहा होगा कि किसान अपनी फसल इस बार नहीं बेचेगा। इसके अलावा गुरनाम सिंह ने रेल रोकने के आंदोलन को सफल बताया। प्रधानमंत्री पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक कॉल की बात करके प्रधानमंत्री किसानों को गुमराह कर रहे हैं।
February 20, 2021

लंबा चलेगा किसान आंदोलन, अब गर्मी की तैयारी में पहुंच रहे कूलर, फ्रिज और वाटर कूलर, देखिये तस्वीरें

लंबा चलेगा किसान आंदोलन, अब गर्मी की तैयारी में पहुंच रहे कूलर, फ्रिज और वाटर कूलर, देखिये तस्वीरें




नई दिल्ली : कृषि कानूनों को लेकर हो रहे किसान आंदोलन का प्रदर्शन स्थल रहा सिंघु बॉर्डर पर जहां एक बार 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद सुनसान हो गया था, वहां अब फिर से रंग जमने लगा है। किसान अपने ट्रैक्टर और ट्राली लेकर धरनास्थल पर लौट रहे हैं।


वहीं गर्मी के मौसम को देखते हुए किसानों ने अपनी ट्रालियों में पंखे और छोटे कूलर भी लगाना शुरू कर दिया है। प्रदर्शन स्थल पर सुनसान हुए पंडाल, लंगर और मंच की रौनक फिर से लौटने लगी है। ठंड के बाद गर्मी से बचने के लिए भी किसानों ने खास तैयारियां शुरू कर दी हैं।

ठंड के चलते हर जगह से बंद किए गए पंडाल को खोला जा रहा है, ताकि ताजी हवा लोगों को मिलती रहे और गर्मी से राहत मिल सके। किसानों को हर समय ठंडा पानी मिलता रहे इसके लिए हर जत्थे में ठंडे पानी के जार और ठंडे पानी की बोतलें पहुंचाने की व्यवस्था शुरू हो गई है।

यूनाइटेड सिख एनजीओ के डायरेक्टर प्रीतम सिंह ने अमर उजाला को बताया कि गर्मी के चलते किसानों ने अपने ट्रैक्टर और ट्रालियों में कूलर और लटकने वाले पंखे लगाना शुरू कर दिया है। बड़ी संख्या में किसान हमारे पास कूलर और पंखों की मांग लेकर पहुंच रहे हैं।


हमारी टीम ने किसानों को पंखे और छोटे कूलर उपलब्ध करवाने के लिए सर्वे करना शुरू कर दिया हैं। सर्वे पूरा होने के बाद हम किसानों को पंखे और कूलर उनके जत्थों के लिए उपलब्ध करवाएंगे।
हरियाणा के किसान नेता रविंद्र राणा ने अमर उजाला से कहा हम लोगों ने करीब एक हजार छोटे कूलर अपने स्तर पर मंगवाए हैं। अगले सप्ताह तक सभी कूलर सिंघु बॉर्डर तक पहुंच जाएंगे। इसके बाद हम महिलाओं और बुजुर्गों के जत्थों में सबसे पहले इसे लगवाएंगे। इसके बाद ट्रैक्टर और ट्राली में अन्य किसानों को देंगे।

जहां तक पानी का सवाल है हम लोग हजारों छोटी पानी की बोतलें रोज आम लोगों और किसानों के बीच बांट रहे है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी पानी की बोतलें ज्यादा संख्या में मंगवाकर लोगों में बांटेंगे, ताकि पानी के कारण किसी को कोई परेशानी नहीं हो।

प्रदर्शन स्थल पर दोबारा से किसानों की भीड़ बढ़ने के बाद सभी जगह की लंगर सेवा फिर से शुरू हो गई है। इसके अलावा जगह-जगह किसानों के जत्थों को भी पहले की तरह खाना खिलाना शुरू कर दिया है। किसानों के स्वास

Friday, February 19, 2021

February 19, 2021

टिकैत की दो टूक:चुनाव में किसी दल का न समर्थन न विराेध, हमें समर्थन दे ताे हर्ज नहीं पर उसे मंच नहीं

टिकैत की दो टूक:चुनाव में किसी दल का न समर्थन न विराेध, हमें समर्थन दे ताे हर्ज नहीं पर उसे मंच नहीं


हिसार : किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदाेलन में अनेक राजनीतिक दल और नेता भी भागीदारी कर रहे हैं। लेकिन उनकी ओर से आगामी चुनाव में न ताे किसी पार्टी काे समर्थन दिया जाएगा और न ही किसी का विराेध किया जाएगा।
आंदाेलन और धरने के दौरान यदि किसी पार्टी का नेता समर्थन करता है ताे उसमें काेई हर्ज नहीं हैं। वह गुरुवार शाम काे सेक्टर 16-17 में किसान नेता रणदीप लाेहचब के आवास पर पत्रकाराें से रूबरू थे। हरियाणा में अभय चाैटाला के इस्तीफे और कांग्रेस नेताओं के किसान आंदाेलन के समर्थन पर बाेलते हुए टिकैत ने कहा कि यह फैसला राजनीतिक दलाें द्वारा अपने अपने स्तर पर लिया जा रहा है।

किसान आंदाेलन के दाैरान किसी पार्टी के नेता विशेष काे मंच से बाेलने की इजाजत कतई नहीं है। उन्हाेंने कहा कि केंद्र सरकार काे केवल बड़े औद्योगिक घरानाें और व्यापारियाें काे चिंता ज्यादा है। किसान आंदाेलन में जाट समाज की प्रमुख भागीदारी हाेने के सवाल का जवाब देते हुए टिकैत ने कहा कि यह प्रॉपेगैंडा सत्तादल का फैलाया हुआ है। इस आंदाेलन में देश और प्रदेश की 36 बिरादरी के लाेग शामिल है। सभी जाति वर्ग बढ़चढ़ हिस्सा ले रहा है।
पंजाब में निकाय चुनाव के परिणामाें पर बाेलते हुए कहा कि यह परिणाम वहां की जनता ने सुनाया है। आने वाले राज्याें के चुनाव में स्थानीय मतदाता इसी तरह अपना निर्णय सुनाएंगे। इस माैके पर किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह, दिलबाग सिंह हुड्डा, राजेंद्र अार्य राेड, संदीप राेड एडवाेकेट, साहिल जामिनी, शमशेर आर्य, जेपी ज्याणी सहित कई लोग माैजूद रहे।

Wednesday, February 17, 2021

February 17, 2021

28 जगह हुईं तय:कल 4 घंटे ट्रैक पर बैठेंगे किसान, ट्रेनों पर असर आज से ही दिखेगा

28 जगह हुईं तय:कल 4 घंटे ट्रैक पर बैठेंगे किसान, ट्रेनों पर असर आज से ही दिखेगा


रोहतक : दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान 18 फरवरी को दोपहर 12 से 4 बजे तक ट्रेनें रोकेंगे। अभी तक लोकल स्तर 28 जगह तय हुई हैं, जहां किसान ट्रैक पर बैठेंगे। इससे गुरुवार को प्रदेश से चलने वाली करीब 30 से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित हो सकती हैं। संयुक्त मोर्चा बुधवार को बैठक कर स्थान और गाइडलाइंस तय कर सकता है।
किसानों की तरफ से स्थिति स्पष्ट न होने के चलते रेलवे भी असमजंस में है और तैयारी सही से नहीं कर पा रहा है। हालांकि रेलवे, आरपीएफ और जीआरपी ने संयुक्त रणनीति बनाई है। हरियाणा पुलिस से भी मदद मांगी गई है। जीआरपी और आरपीएफ में जवानों की छुट्टी रद्द कर दी गई है।
हरियाणा से गुजरने वाले देश के बड़े रेलवे ट्रैकों पर पेट्रोलिंग शुरू कर दी गई है। संवेदनशील क्षेत्रों की लिस्ट तैयार हो रही है। वहीं, रेलवे के अनुसार ट्रेन रोको कार्यक्रम का असर 17 फरवरी को भी कई जगह दिखेगा। इसके लिए नॉर्दन रेलवे 17 जनवरी को चलने वाली 1 ट्रेन रद्द की है। 3 ट्रेनों को अल्प रद्द किया गया है और 13 के रूट डायवर्ट हुए हैं। शेष | पेज 7 पर
आज किसान मोर्चा तय कर सकता है गाइडलाइंस और स्थान
आज इन ट्रेनों पर असर

रेलवे चीफ पीआरओ दीपक के अनुसार ट्रेन संख्या 05211 दरभंगा-अमृतसर एक्सप्रेस 17 फरवरी को रद्द रहेगी।

नांदेड-अमृतसर एक्सप्रेस (02715) बुधवार को चंडीगढ़ में अल्प रद्द रहेगी। अमृतसर-नांदेड एक्सप्रेस (02716) 19 फरवरी को चंडीगढ़ से ही चलेगी।

ट्रेन 08237 कोबरा-अमृतसर एक्सप्रेस बुधवार को अम्बाला में अल्प रद्द रहेगी। इसके चलते ट्रेन संख्या 08238 अमृतसर-कोबरा एक्सप्रेस 19 फरवरी को अम्बाला से ही चलेगी।

अजमेर-अमृतसर एक्सप्रेस (09613) बुधवार को जालंधर सिटी में अल्प रद्द रहेगी। अमृतसर-अजमेर एक्सप्रेस (09612)19 फरवरी को जालंधर सिटी से ही चलेगी।

17 फरवरी को चलने वाली कुल 11 ट्रेनों का रूट बदल कर वाया बेस-तरनतारन-अमृतसर कर दिया गया है।

अब बंगाल में भाजपा का विरोध करेंगे
रोहतक के गढ़ी-सांपला में सर छोटूराम की जयंती पर महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, ‘नए कानून से जनता ही नहीं, पशु भी भूखे मर जाएंगे।’ उन्होंने ऐलान किया कि प. बंगाल में भी किसान पंचायतें की जाएंगी। उन्होंने कहा कि गांव के बाहर जहां भी ट्रैक है, वहीं पर रेल को किसान रोक लेंगे। स्थान तय करने की जरूरत नहीं है।
*नड्‌डा ने भाजपा नेताओं के साथ की बैठक*
शाम 6 बजे भाजपा मुख्यालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने किसान आंदोलन को लेकर बैठक की। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। हरियाणा व यूपी के किसान नेताओं से प्रतिक्रियाएं ली गईं और इन राज्यों में हो रही किसान महापंचायतों के असर के बारे में भी चर्चा की गई है।
*कलाकार अजय हुड्डा के खिलाफ केस दर्ज*: 
किसान आंदोलन पर गीत लिखने वाले हरियाणवी लेखक और कलाकार अजय हुड्डा पर दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया है। उन पर हिंसा के लिए भड़काने के आरोप हैं। उन्होंने आंदोलन को लेकर किसान बनाम दिल्ली एक गाना लिखा था। इस गाने में पीएम मोदी पर टिप्पणी की गई हैं और तोप निकालने का आह्वान किया गया है। अजय हुड्डा ने कहा कि ऐसी 10 एफआईआर भी मंजूर हैं।
February 17, 2021

किसान आंदोलन : हरियाणा की रोडवेज बसों को बार्डर खुलने का इंतजार

किसान आंदोलन : हरियाणा की रोडवेज बसों को बार्डर खुलने का इंतजार


 बहादुरगढ़ : किसान आंदोलन के चलते दिल्ली पुलिस द्वारा बार्डरों को सील किया गया है। बार्डर बंद होने के कारण न तो डीटीसी की बसें बहादुरगढ़ आ पा रही हैं और न ही यहां से रोडवेज की बसें दिल्ली जा पा रहीं। इस कारण परिवहन निगम को नुकसान तो हो ही रहा है, यात्रियों को भी परेशानी हो रही है।
दरअसल, कृषि कानूनों के खिलाफ गत 27 नवंबर से किसान यहां टीकरी बार्डर पर पड़ाव डाले हुए हैं। तब से ही टीकरी बार्डर को दिल्ली पुलिस द्वारा सील किया गया है। हालांकि किसान सिर्फ टीकरी बार्डर पर ही बैठे थे लेकिन दिल्ली पुलिस ने झाड़ोदा बार्डर को भी एहतियात के तौर पर बंद कर दिया था। इसके बाद बीच-बीच में बार्डर खोला गया तो वाहन चालकों को राहत मिली। बहादुरगढ़ डिपो से रोडवेज की बसें भी दिल्ली जाने लगी। गत 26 जनवरी के बाद फिर से झाड़ोदा बार्डर को बंद कर दिया गया। पक्की दीवारें और कई-कई बेरिकेड्स लगाकर इस बार्डर को सील किया गया है। इस तरह से दोनों मुख्य बार्डर बंद पड़े हैं, जिस कारण रोडवेज की बसें दिल्ली नहीं जा पा रही। न केवल बहादुरगढ़ सब डिपो बल्कि रोहतक, जिसार, जींद, सिरसा व अन्य जिलों से बहादुरगढ़ के रास्ते जाने वाली बसें दिल्ली नहीं पहुंच पा रहीं। ये बहादुरगढ़ से ही वापस लौट जाती हैं।

अगर बहादुरगढ़ की बात करें तो यहां के हजारों लोग कामकाज के सिलसिले में दिल्ली जाते हैं। चूंकि रेल चालू नहीं है और बार्डर बंद होने के कारण बसें जा नहीं रही तो, इन्हें मेट्रो की तरफ रुख करना पड़ रहा है। उन लोगों की परेशानी अधिक बढ़ गई है, जो स्मार्ट कार्ड या नेट बैंकिंग का इस्तेमाल नहीं करते। ये तो ऑटो व सवारियां ढोने वाले अन्य वाहनों पर निर्भर हो गए हैं। इन वाहनों में यात्रियों को ठूंस-ठूंस कर ले जाया जाता है।
शहर के निवासी विजेंद्र, राकेश व अनिल ने कहा कि किसान टीकरी बार्डर पर बैठे हैं। इसलिए दिल्ली पुलिस को कम से कम झाड़ोदा बार्डर तो खोलना चाहिए, ताकि लोगों को परेशानी न हो। उधर, बहादुरगढ़ सब डिपो के डीआई सतबीर सिंह ने बताया कि बार्डर बंद होने के कारण दिल्ली बसें नहीं जा पा रहीं। बार्डर खुलेंगे तो सेवा चालू कर दी जाएगी।

Thursday, February 11, 2021

February 11, 2021

किसानों ने फिर भरी हुंकार, 18 फरवरी को रोकेंगे ट्रेन के पहिए

किसानों ने फिर भरी हुंकार, 18 फरवरी को रोकेंगे ट्रेन के पहिए 


नई दिल्ली :  कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली के कई बॉर्डर्स पर आंदोलन कर रहे किसानों ने एलान किया है कि वे 18 फरवरी को 4 घंटे तक देश भर में रेल रोकेंगे। इसका वक़्त दिन में 12 से 4 बजे तक निर्धारित किया गया है।किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने फरवरी के महीने भर में होने वाले प्रदर्शनों के बारे में जानकारी दी। मोर्चा के नेताओं ने कहा कि 12 फरवरी को राजस्थान में सभी टोल को फ्री कर दिया जाएगा। इससे पहले हरियाणा और पंजाब में किसान कई बार टोल को फ्री कर चुके हैं। 
5 फरवरी को किसानों ने चक्का जाम का आह्वान किया था और यह शांतिपूर्ण रहा था। 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान जिस तरह कुछ उपद्रवी तत्वों ने हिंसा का सहारा लिया, उसके बाद किसान संगठन बेहद सतर्कता बरत रहे हैं। चक्का जाम वाले दिन पंजाब और हरियाणा में कई जगहों पर प्रदर्शनकारी सड़क पर उतरे थे और यहां जाम का ख़ासा असर देखने को मिला था। इसके अलावा महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान में भी किसानों ने प्रदर्शन किया था। 
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में यह भी घोषणा की कि राजस्थान में 12 फरवरी से टोल संग्रह नहीं करने दिया जाएगा। बयान में कहा गया है कि पूरे देश में 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक ‘रेल रोको’ अभियान चलाया जाएगा। तीन कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर इस महीने के शुरू में उन्होंने 3 घंटे के लिए सड़कों को अवरुद्ध किया था। 
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता डॉ. दर्शन पाल ने बताया कि किसानों द्वारा 12 फरवरी से राजस्थान के सभी रोड के टोल प्लाजा को टोल फ्री कर दिया जाएगा। 14 फरवरी को देशभर में कैंडल मार्च, ‘मशाल जुलूस’ और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें पुलवामा हमले में शहीद सैनिकों के बलिदान को याद किया जाएगा। 16 फरवरी को किसान सर छोटूराम की जयंती पर देशभर में एकजुटता दिखाएंगे।
16 फ़रवरी को सर छोटू राम की जयंती के मौक़े पर भी किसान सरकार को अपनी एकजुटता दिखाएंगे। 
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि किसान इसलिए अब भी आंदोलन कर रहे हैं क्योंकि केन्द्र सरकार के मंत्री तीन नए कृषि कानूनों का कोई ‘विकल्प’ पेश करने में विफल रहे हैं।  लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन पर एसकेएम नेता दर्शन पाल ने कहा कि किसान संगठन के नेता किसानों के ‘असली’ मुद्दे उठा रहे हैं। पाल ने एक वीडियो संदेश में कहा कि आंदोलन इसलिए जारी है क्योंकि 11 दौर की बातचीत के बाद भी मोदी सरकार के मंत्री नये कानूनों या न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कोई ठोस विकल्प सामने नहीं ला पाए।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलनकारी किसान केंद्र में कोई सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि अपनी समस्याओं का समाधान चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किसान नेता आंदोलन के प्रसार के लिए देश के विभिन्न हिस्सों का दौरा करेंगे। टिकैत ने सिंघू बॉर्डर पर किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि केंद्र कृषकों के मुद्दों का समाधान नहीं कर देता। उन्होंने कहा कि सत्ता परिवर्तन (केंद्र में) का हमारा कोई उद्देश्य नहीं है। सरकार को अपना काम करना चाहिए। 
हम कृषि कानूनों को निरस्त कराना और एमएसपी पर कानून चाहते हैं। टिकैत ने यह भी कहा कि संयुक्त किसान मोर्चे की एकता अक्षुण्ण है और सरकार को किसी भ्रम में नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि देशभर में बड़ी बैठकों का आयोजन कर और 40 लाख ट्रैक्टरों को शामिल कर आंदोलन को विस्तारित किया जाएगा। टिकैत ने कहा कि किसान नेता आंदोलन के प्रसार के लिए विभिन्न राज्यों का दौरा करेंगे।
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ उत्तर भारत के कुछ राज्यों में हो रही किसान महापंचायतों को लेकर माहौल खासा गर्म है। 26 जनवरी के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर हरियाणा, राजस्थान और उत्तरांखड में हुई महापंचायतों में जितनी बड़ी संख्या में लोग उमड़े हैं, उससे पता चलता है कि यह आंदोलन कई राज्यों में फैल चुका है।

Wednesday, February 10, 2021

February 10, 2021

कुरुक्षेत्र में किसान महापंचायत:राकेश टिकैत ने कहा- दीप सिद्धू की गिरफ्तारी सही, प्रधानमंत्री का भाषण गलत

कुरुक्षेत्र में किसान महापंचायत:राकेश टिकैत ने कहा- दीप सिद्धू की गिरफ्तारी सही, प्रधानमंत्री का भाषण गलत

कुरुक्षेत्र : हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के गांव गुमथलागढू में मंगलवार को किसान महापंचायत हुई। इसमें हजारों की संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया। महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत भी पहुंचे। इस दौरान टिकैत ने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए यह कानून रद्द करवाकर ही रहेंगे। लाल किले पर प्रदर्शनकारियों को उकसाने के आरोपी दीप सिद्धू की गिरफ्तार पर टिकैत ने कहा कि सिद्धू की गिरफ्तार सही है। लेकिन, प्रधानमंत्री का भाषण गलत था।
टिकैत ग्रुप की तरफ से पिहोवा-कैथल मार्ग पर स्थित गांव गुमथलागढू की अनाज मंडी में मंगलवार को तीसरी किसान महापंचायत की गई। टिकैत दोपहर तीन बजे गुमथलागढू अनाज मंडी पहुंचे थे, यहां किसानों ने उनका जोरदार स्वागत किया। इसके बाद टिकैत मंच पर पहुंचे और किसानों को संबोधित किया।
इससे पहले पहुंची पंजाबी सिंगर रुपिंदर हांडा ने मंच से हरियाणा गौरव सम्मान वापस करने का ऐलान किया। किसान लोक स्वराज पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व IPS रणबीर शर्मा भी किसानों को समर्थन देने महापंचायत में पहुंचे। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन सतर्क रहा। पुलिस की तरफ से 5 नाके लगाए गए थे।
महापंचायत में हरियाणा ही नहीं, पंजाब और उत्तर प्रदेश से भी लोग आए। कुरुक्षेत्र आते हुए टिकैत रास्ते में पानीपत में रुके। लाल किले पर केसरिया झंडा फहराने के आरोपी दीप सिद्धू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस पर टिकैत ने कहा कि यह सही कार्रवाई हुई है, लेकिन प्रधानमंत्री का भाषण गलत है।

*मोदी के आंदोलनजीवी वाले बयान पर आपत्ति*

मोदी ने राज्यसभा में कहा, 'मैं देख रहा हूं कि पिछले कुछ समय से इस देश में नई जमात पैदा हुई है। एक नई बिरादरी सामने आई है- आंदोलनजीवी। आप देखेंगे कि आंदोलन चाहे वकीलों का हो, स्टूडेंट्स का हो, मजदूरों का हो, हर आंदोलन में ये जमात नजर आएगी। ये आंदोलन के बिना जी नहीं सकते। हमें इन्हें पहचानना होगा।' इस बयान पर टिकैत ने आपत्ति जताई है।