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Monday, August 22, 2022

August 22, 2022

जींद में सरकारी स्कूल पर ताला जड़ा:जलालपुर कला गांव के लोग भड़के, बोले- टीचरों का तबादला कर दिया, बच्चों को पढ़ाएगा कौन

जींद में सरकारी स्कूल पर ताला जड़ा:जलालपुर कला गांव के लोग भड़के, बोले- टीचरों का तबादला कर दिया, बच्चों को पढ़ाएगा कौन

ग्रामीणों ने ताला जड़ा तो गेट पर ही जुट गए विद्यार्थी। 

जींद : हरियाणा के जींद जिले के गांव जलालपुर कला के राजकीय उच्च विद्यालय पर ग्रामीणों ने सोमवार सुबह ताला लगा दिया। ग्रामीण अध्यापकों का तबादला किए जाने से नाराज हैं। ताला जड़ने के दौरान स्कूल पढ़ने आए काफी संख्या में बच्चे बाहर ही मुख्य गेट पर खड़े रहे। ग्रामीणों ने स्कूल के मुख्य गेट पर धरना भी दिया और शिक्षा विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
ग्रामीणों ने चेताया कि अगर अध्यापकों का तबादला रद्द नहीं किया गया तो वह स्कूल से ताला नहीं खोलेंगे। ग्रामीणों ने कहा कि अध्यापकों का तबादला किए जाने से उनके बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी। परीक्षाएं नजदीक हैं और बच्चे पहले वाले अध्यापकों के साथ मेहनत कर रहे थे। अब नए अध्यापकों के आने से पढ़ने और उन्हें समझने में बच्चों को काफी समय लग जाएगा।
इससे रिजल्ट भी प्रभावित होगा और उनके बच्चों की पढ़ाई भी बाधित होगी। ग्रामीणों ने मांग की कि अध्यापकों का तबादला तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाए। जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, तब तक स्कूल गेट से ताला नहीं खोला जाएगा।
August 22, 2022

हरियाणा के रोहतक समेत इन तीन जिलों मे धारा 144 लागू, प्रशासन ने जारी किए सख्त आदेश

हरियाणा के रोहतक समेत इन तीन जिलों मे धारा 144 लागू, प्रशासन ने जारी किए सख्त आदेश

रोहतक: देश में दिन प्रतिदिन नई- नई बीमारियों के संक्रमण ने लोगों की चिंता बढ़ा रखी है।  पहले इंसानों में कोरोना और मंकीपॉक्स वायरस ने कहर ढा रखा था। वही अब एक नया वायरस जोकि पशुओं में तेजी से फैल रहा है। इस वायरस का नाम है लंपी वायरस, जिसने पशुओं को अपने संक्रमण में जकड़ रखा है। हरियाणा के रोहतक, जींद और सोनीपत जिले में पशुओं मे फैल रहे लंपी वायरस को ध्यान में रखते हुए IPC की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गई है। इस धारा के तहत पशुओं का मेला लगाने, और इस बीमारी से मरने वाले पशुओं की चमड़ी उतारने, तथा बाहर से मवेशियों को चराने के लिए आने वाले गवालो के आवागमन पर भी पूर्णतया रोक लगा दी गई है। 
रोहतक में अतिरिक्त जिला मैजिस्ट्रेट महेंद्र पाल ने अपराध प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला की सीमा में अंतर जिला व अंतर राज्य पशुओं के आवागमन पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है। इसके साथ ही जिला में पशुओं के मेले आयोजित करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी किये गये आदेशों में बताया गया है कि राज्य में लम्पी स्किन डिजिज (एलसीडी) बीमारी बढ़ रही है। अगर इन्हें नहीं रोका गया तो मामले बढ़ सकते हैं। इसके साथ ही हरियाणा सरकार ने एलसीडी की घटनाओं पर तत्काल प्रभाव से अंकुश लगाने के लिए मवेशियों के अंतरा राज्य व अंतर राज्य आवागमन के साथ-साथ मवेशियों की खरीद बिक्री के लिए भी किसी भी प्रकार के मेलों के आयोजन पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए हैं। 
जिला पुलिस अधीक्षक से महत्वपूर्ण स्थानों पर नाकों व पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती करके इन आदेशों कि अनुपालना सुनिश्चित करने को कहा गया है। इसके साथ ही आदेशों में पशुपालन विभाग के उपनिदेशक को कहा गया है कि जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी तथा नगर निगम के संयुक्त आयुक्त के साथ तालमेल बनाकर यह सुनिश्चित करें कि जिला में कोई भी पशु मेला आयोजित ना किया जा सके। सख्त अनुपालना के लिए यह आदेश जारी किए गए हैं और अगर कोई इन आदेशों की उल्लंघना करता है तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। बता दें लंपी वायरस के संपर्क में आने वाले मवेशियों की त्वचा पर गांठे बन जाती हैं, उनके मुंह से लार आने लगती है,  उनको तेज बुखार, और आंखें लाल हो जाती हैं, साथ ही उन्हें भूख भी कम लगने लगती हैं।  जिला प्रशासन ने मवेशियों को संक्रमण से बचाने के लिए गौशालाओं में फोगिंग करने के आदेश दिए हैं। हरियाणा के पशुपालन मंत्री JP दलाल ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश के लगभग 14 जिले के मवेशी लंपी वायरस से ग्रसित हो गए हैं।  प्रदेश सरकार पशुओं को लंपी वायरस से बचाने के लिए सामूहिक रूप से टीकाकरण का आयोजन करेगी।  दुखदायक बात यह है कि अब तक प्रदेश में कुल 87 गायों की इस वायरस के सक्रमण से मृत्यु हो चुकी है।एलसीडी को लेकर महम क्षेत्र में गाय पालने वाले लोगों की चिताएं बढती जा रही हैं। वार्ड आठ के पार्षद विनोद कुमार की बछड़ी को बीमारी लगने से उसने प्राइवेट डाक्टर से उनसे टीके लगवाए हैं। वार्ड नौ में दुकानदार महेंद्र सिंह के घर गाय का बीमारी के कारण बुरा हाल है। महेंद्र उसे लगातार दवाई दिलवा रहा है लेकिन उसे कोई आराम नहीं आ रहा है। यह बीमारी महम में धीरे-धीरे पैर पसार रही है। गाय एलएसडी से पीड़ित होने को संदेह जताया जा रहा है।
वहीं, वैटरनरी विभाग के एसडीओ नरेंद्र दहिया ने बताया कि पहले गोशालाओं व बाडों में इक्टठी रहने वाली गायों को टीके लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि लंपी स्कीन बीमारी से बचाव के लिए महम सब डिविजन में 1288 वैक्सीन आई थी। जिनमें से महम गोशाला में 298, मोखरा में लगभग 400 व अन्य वैक्सीन बैंसी व पशु अस्पतालों में लगाई जा चुकी हैं। रविवार को वैक्सीन समाप्त हो चुकी हैं। सोमवार को और वैक्सीन पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। एसडीओ दहिया ने यह भी बताया कि गायों में फैलने वाली बिमारी का इलाज करवाने में पशुपालकों को कोई संकोच नहीं होना चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील की है कि पशुओं को साफ सुथरे स्थान पर ही रखें। 
प्रदेशभर में पशु पालकों से लेकर सरकार और प्रशासन भी अलर्ट मोड में है। लेकिन बेसहारा गोवंश को लेकर अभी तक कोई योजना तय नहीं हो सकी है। दरअसल, बेसहारा गोवंश के साथ ही पशु पालक दूध निकालकर दुधारू गोवंश को भी छोड़ देते हैं। निगम के नियम तो कहते हैं कि दुधारू गोवंश को जब्त कर लिया जाता है। कोई दुधारू गोवंश को लेने आता है तो कम से कम पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। लेकिन निगम ने अभी तक इस तरह की कार्रवाई को लेकर सुध नहीं ली है। दूसरी ओर, पशु पालन विभाग ने बेसहारा गोवंश को लेकर कोई योजना तय नहीं की गई। यह भी सवाल उठ रहा है कि बेसहारा गोवंश के वैक्सीनेशन कैसे और कब से होगा।

Sunday, August 21, 2022

August 21, 2022

पुलिस-ग्रामीणों में झड़प में SI समेत 3 घायल:जींद RTO गाड़ी में GPS लगाने वाले को छुड़ाने का प्रयास; 15 लोग गिरफ्तार, 4 गाड़ियां जब्त

पुलिस-ग्रामीणों में झड़प में SI समेत 3 घायल:जींद RTO गाड़ी में GPS लगाने वाले को छुड़ाने का प्रयास; 15 लोग गिरफ्तार, 4 गाड़ियां जब्त

जींद : हरियाणा के जींद में बीती रात ग्रामीणों ने पुलिस पर हमला कर गिरफ्तार युवक को जबरन छुड़ाने का प्रयास किया। गिरफ्तार सफाखेड़ी निवासी अमन को पुलिस ने आरटीओ की गाड़ी में जीपीएस सिस्टम फिट करने के मामले में पकड़ा था। वह आरटीओ में चतुर्थ श्रेणी कर्मी है। इस दौरान पुलिस ओर ग्रामीणों में हुई झड़प में क सब इंस्पेक्टर सहित दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। बाद में भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और 15 लोगों को गिरफ्तार कर 4 गाडियों को कब्जे में लिया। अन्य फरार हो गए।डिटेक्टिव स्टाफ ने आरटीओ गाड़ी में जीपीएस सिस्टम को फिट करने वाले गांव सफाखेड़ी निवासी अमन को गिरफ्तार कर भिवानी रोड स्थित कार्यालय लॉकअप में में बंद किया था। परिजनों तथा ग्रामीणों को जैसे ही अमन की गिरफ्तारी का पता चला तो वो भिवानी रोड पर पहुंच गए और अमन को छुडाने का प्रयास किया। इसी बीच ग्रामीणों में तथा पुलिस में झडप भी हुई।
*घायल SI आशीष और सिपाही अमित।*

इनको किया गिरफ्तार

घटना की सूचना मिलने पर डीएसपी उचाना नरसिंह, डीएसपी रोहताश, डीएसपी रवि खुंडिया, शहर, सिविल लाइन तथा सदर थाना प्रभारी भारी संख्या में पुलिसबल को लेकर मौके पर पहुंच गए और 15 लोगों को काबू कर चार गाडियों को कब्जे में ले लिया। पकड़े गए लोगों की पहचान गांव सफाखेड़ी निवासी गजे सिंह, समिया, रमेश, संदीप, रवि, सुरेंद्र, राजीव, सतपाल, भानमति, कौशल्या, रिसाली, सुनीता, गांव संदलाना निवासी जयंत, बलजीत, गांव दुर्जनपुर निवासी शमशेर के रूप में हुई। जबकि कुछ लोग अंधेरे का फायदा उठा कर फरार होने में कामयाब हो गए।
*45 के खिलाफ मामला दर्ज*

शहर थाना पुलिस ने डिटेक्टिव स्टाफ प्रभारी आशीष की शिकायत पर पुलिस ने पकड़े गए 15 लोगों को नामजद कर 30 अन्य के खिलाफ मारपीट करने, तोड़ फोड़ करने, सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। डीएसपी रवि खुंडिया ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंच था। मौके से 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
August 21, 2022

पुलिस कर्मी ने किया महिला से दुष्कर्म:जींद में अश्लील वीडियो बनाकर पीड़िता को ब्लैकमेल किया; केस दर्ज, अभी गिरफ्तारी नहीं

पुलिस कर्मी ने किया महिला से दुष्कर्म:जींद में अश्लील वीडियो बनाकर पीड़िता को ब्लैकमेल किया; केस दर्ज, अभी गिरफ्तारी नहीं

जींद : हरियाणा के जींद में पुलिस के एक जवान ने महिला को नशीला पदार्थ पिलाकर उससे रेप किया। इस दौरान महिला की अश्लील वीडियो बनाई गई। पीड़िता का आरोप है कि पुलिस कर्मी ने अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उसे ब्लैकमेल कर बार-बार दुष्कर्म किया। महिला थाना पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
*2016 में हुई थी पहचान*

सिविल लाइन थाना क्षेत्र की एक महिला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वर्ष 2016 में उसका संपर्क जुलाना थाना में काम करने वाले सिपाही विजय से हुआ। विजय ने उसे दोस्ती कर ली और एक दिन उसे नशीला पदार्थ देकर दुष्कर्म किया।बाकायदा इस दौरान उसका अश्लील वीडियो भी बनाया गया। इसके बाद वह अश्लील वीडियो को वायरल करने का हवाला देते हुए बार-बार उसे ब्लैकमेल करने लगा और उसके साथ दुष्कर्म करने लगा।
*पिस्तौल दिखाकर धमकाया*

जब उसने मना किया तो उसे पिस्तौल दिखाकर जान से मारने की धमकी भी दी गई। महिला थाना पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर सिपाही विजय के खिलाफ घर में घुस कर मारपीट करने, नशीला पदार्थ देने, यौन शोषण करने सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
*केस दर्ज, अभी गिरफ्तारी नहीं*

महिला थाना की जांच अधिकारी गीता ने बताया कि महिला ने सिपाही पर यौन शोषण करने और अश्लील वीडियो मिला ब्लैकमेल करने की शिकायत दी थी जिस पर तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज कर लिया गया है।
August 21, 2022

VIP कल्चर बना बांके बिहारी हादसे की वजह:मंदिर में लोग कुचले जा रहे थे, SSP वीडियो बना रहे थे, DM बगल में खड़े थे

VIP कल्चर बना बांके बिहारी हादसे की वजह:मंदिर में लोग कुचले जा रहे थे, SSP वीडियो बना रहे थे, DM बगल में खड़े थे

वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात मंगला आरती के बाद हुए हादसे में दो लोगों की मौत हो गई और दम घुटने से 6 लोग बीमार हैं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जो कुछ हुआ उसके लिए अफसरों की लापरवाही और VIP कल्चर जिम्मेदार है। जिस वक्त मंदिर के आंगन में भीड़ बेकाबू हो रही थी, उस समय अफसर वीडियो बना रहे थे।

घटना के समय मथुरा के DM, SSP और नगर आयुक्त मंदिर में अपने परिवार के साथ मौजूद थे। SSP, नगर आयुक्त वीडियो बना रहे थे, जबकि DM बगल में खड़े थे। इन अफसरों ने भीड़ में दब रहे लोगों की चीखें सुनकर भी व्यवस्था बनाने की जहमत नहीं उठाई, बल्कि वे परिवार के साथ मंदिर की बालकनी में खड़े होकर वीडियो बनाने में व्यस्त थे
*सीएम के वृंदावन से जाते ही अफसर बेफ्रिक हुए*

उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ जन्माष्टमी पर वृंदावन आए थे। वे बांके बिहारी मंदिर तो नहीं गए, लेकिन उन्होंने जन्मभूमि में पूजा की। वृंदावन से योगी के जाते ही अफसर बेफिक्र हो गए। बांके बिहारी मंदिर के सेवायत और श्रद्धालुओं ने बताया कि सीएम के रवाना होने के बाद भीड़ कंट्रोल करने वाला कोई नहीं था।

लोगों ने बताया कि मंदिर के किसी भी एंट्री गेट पर कोई बैरिकेडिंग नहीं थी। एक-दो जगह बैरिकेड लगे थे, तो वहां भी लोगों को रोकने के लिए कोई पुलिसकर्मी तैनात नहीं था। इसका नतीजा यह हुआ कि लोग एंट्री के साथ एग्जिट गेट से भी मंदिर के अंदर आते गए। आरती के समय मंदिर के आंगन में हालात बेकाबू हो गए।
जिस वक्त हादसा हुआ, उस वक्त मंदिर की बालकनी में एसएपी और नगर आयुक्त वीडियो बना रहे थे, जबकि डीएम उनके बगल में खड़े हुए थे। 


इस हादसे में बचकर आए श्रद्धालुओं ने उस भयावह मंजर को बयां किया। हादसे की कहानी, प्रत्यक्षदर्शियों की जुबानी... लेकिन इससे पहले आप इस पोल में शामिल होकर अपनी राय दे सकते हैं...
*दो मिनट और रुकते तो मौत के मुंह में समा जाते*

आगरा के ट्रांस यमुना निवासी राघवेंद्र सिंह भी जन्माष्टमी पर बांके बिहारी मंदिर में फंस गए थे।
हादसे में आगरा के ट्रांस यमुना निवासी राघवेंद्र सिंह भी फंस गए थे। उन्होंने जो कुछ बताया, उसे आसानी से समझने के लिए यहां हम पॉइंट्स में लिख रहे हैं...

'मैं अपने ममेरे भाई के साथ बांके बिहारी मंदिर गया था। रात 1.40 बजे गेट नंबर एक पर पहुंचे तो वहां पर बैरिकेडिंग हो रही थी। बताया कि यहां से केवल VIP की एंट्री है। इस पर वहां मौजूद लोगों ने नाराजगी भी जताई थी। इसके बाद मैं गेट नंबर दो पर पहुंचा। वहां पर जैसे ही पट खुले, भीड़ का रैला आया और सब अंदर घुसते चले गए।'
'पांच मिनट में 800 की कैपेसिटी वाले मंदिर परिसर में करीब 20 हजार से ज्यादा लोग भर गए। चंद मिनटों में अंदर घुटन हो गई। सांस फूलने लगी। पीछे से आवाज आने लगी कि कुछ लोग गिर गए हैं। मैं भी भीड़ में दब गया। अचानक तेज धक्का लगा तो मैं मंदिर की सीढ़ियों से नीचे आ गया। मैं बीच में बने छोटे मंदिर से टकराया। मेरे ऊपर लोग गिरते गए। दबने के कारण मेरी आवाज भी नहीं निकल रही थी।'
'इस बीच पर्दा हटा तो लोग दर्शन को पीछे हटे। मैं जैसे-तैसे बाहर निकलकर आया। अगर मैं दो मिनट और अंदर रहता तो शायद बच नहीं पाता। दम घुटने के कारण मैंने मंगला आरती भी नहीं की। बहुत सारे लोग बाहर निकलना चाह रहे थे, लेकिन वहां तक नहीं पहुंच पा रहे थे। 10 कदम की दूरी तय करना मुश्किल लग रहा था।'
'जब लोग बेहोश होने लगे तो वहां मौजूद सेवायत ने उन्हें खींचकर बाहर निकाला। ये हादसा केवल VIP कल्चर की वजह से हुआ है। VIP भीड़ में फंसे बिना सीधे मंदिर तक पहुंचें, इसके लिए अलग इंतजाम किए गए थे। कालीदेह से मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते को VIP के लिए रखा गया था। यहां पर अधिकारियों की गाड़ियां भी खड़ी थीं।'
*हादसे के समय अफसर मंदिर की बालकनी पर खड़े थे*


हादसे के वक्त रामबाग निवासी विकास भी वहीं मौजूद थे। उन्होंने कहा, 'मंगला आरती के चलते मैं अंदर था। बाहर निकलने का एक गेट बंद था। भीड़ बहुत थी। लोग दबकर चीख रहे थे। भीड़ कंट्रोल करने वाला कोई नहीं था। अधिकारी ऊपर बालकनी में खडे़ थे। लोग जान बचाने के लिए बाहर भाग रहे थे। अगर मैं दो मिनट और बाहर नहीं आ पाता, तो मेरे साथ भी अनहोनी हो जाती। VIP के लिए बालकनी की सीढ़ी बंद थी। वहां से आम श्रद्धालुओं को हटा दिया गया था।'
आगरा निवासी विकास भी बांके बिहारी में हुए हादसे के समय मंदिर परिसर में मौजूद थे।

पुलिस VIP की सेवा में व्यस्त रही: सेवायत

बांके बिहारी मंदिर के सेवायत दिनेश गोस्वामी ने हादसे के लिए पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। वह कहते हैं, 'जब मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं को फोटो खींचना मना है, तब भी अधिकारी वीडियो बना रहे थे। उनका पूरा ध्यान अपने परिवार पर था। इसके अलावा जो पुलिसकर्मी तैनात थे, वो VIP लोगों को मंदिर लाने-ले जाने में व्यस्त थे। व्यवस्था बनाने पर उनका कोई ध्यान नहीं था। पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।'

मंदिर के सेवायत दिनेश गोस्वामी ने हादसे के लिए पुलिस-प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है।

*बांके बिहारी हादसे से जुड़े 5 सबसे अहम सवाल...*
हादसे के बाद ADG की सफाई- मामले की जांच होगी

हादसे के पीछे पुलिस-प्रशासन की लापरवाही को लेकर उठ रहे सवालों पर आगरा जोन के ADG राजीव कृष्ण ने सफाई दी है। उनका कहना है कि जन्माष्टमी पर मंगला आरती साल में एक बार होती है, ऐसे में हर श्रद्धालु चाहता है कि वह मंगला आरती के दौरान अंदर रहे। ऐसे में मंदिर परिसर में भीड़ बढ़ती गई।
इसके अलावा एक एग्जिट गेट पर एक महिला की तबीयत खराब होने के चलते उन्हें हटाने में दो-तीन मिनट लगे। इसके चलते गेट नंबर चार ब्लॉक हो गया। अधिकारियों के वीडियो बनाने और VIP को एंट्री देने की बात पर वे जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ते नजर आए।
सांस लेने में दिक्कत के चलते 6 श्रद्धालुओं को 3 अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
August 21, 2022

मेगा एम्पायरजॉनसन एंड जॉनसन 136 साल पुरानी कंपनी:8 महिलाओं के साथ शुरू हुई, अब महिलाओं ने कंपनी पर 38 हजार केस किए

मेगा एम्पायरजॉनसन एंड जॉनसन 136 साल पुरानी कंपनी:8 महिलाओं के साथ शुरू हुई, अब महिलाओं ने कंपनी पर 38 हजार केस किए

जॉनसन एंड जॉनसन…फार्मा जगत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक जिसकी 60 से अधिक देशों में 275 से अधिक ऑपरेटिंग कंपनियां हैं। दुनिया भर में करीब डेढ़ लाख कर्मचारी, वहीं भारत में लगभग 6 हजार लोग इस कंपनी में काम करते हैं। 1886 में जॉनसन एंड जॉनसन की स्थापना हुई थी, तब कंपनी के पहले 14 कर्मचारियों में से 8 महिलाएं थीं। 2013 में "वर्किंग मदर" मैगजीन ने जॉनसन एंड जॉनसन को वर्किंग मदर्स के लिए सर्वश्रेष्ठ कंपनियों में से एक बताया था। आज यही कंपनी महिलाओं द्वारा दायर लगभग 38 हजार से ज्यादा मुकदमों का सामना कर रही है।

*आज मेगा एम्पायर में जानिए जॉनसन एंड जॉनसन के बारे में…*

एक भाषण से प्रेरित होकर तीन भाइयों ने शुरू की थी जॉनसन एंड जॉनसन
जॉनसन ब्रदर्स: रॉबर्ट वुड, जेम्स वुड और एडवर्ड मीड जॉनसन (बाएं से दाएं)

साल था 1886, जब तीन भाइयों - रॉबर्ट वुड जॉनसन, जेम्स वुड जॉनसन और एडवर्ड मीड जॉनसन ने अमेरिका के न्यू जर्सी में जॉनसन एंड जॉनसन की नींव रखी। कहा जाता है कि 1885 में एंटीसेप्टिक एडवोकेट जोसेफ लिस्टर के एक भाषण को सुनने के बाद जॉनसन भाइयों को यह बिजनेस शुरू करने की प्रेरणा मिली। यह वो वक्त था, जब अमेरिका में बहुत बड़े स्तर पर इंफ्रा का निर्माण हो रहा था। रेल लाइंस बिछाई जा रही थीं। ऐसे में छोटी-छोटी दुर्घटनाएं बहुत होती थीं। इस समय तक रेडी टू यूज सर्जिकल किट के बारे में किसी ने सोचा तक नहीं था। इसी विचार ने तीनों जॉनसन भाइयों को यह कंपनी बनाने का आइडिया दिया।रॉबर्ट वुड जॉनसन कंपनी के पहले प्रेसिडेंट बने और सैनिटेशन प्रैक्टिस में सुधार के लिए काम शुरू किया। जॉनसन एंड जॉनसन ने सबसे पहले एक फर्स्ट एड किट बनाई, जिसे रेलकर्मियों की मदद के लिए डिजाइन किया गया था।
*मैटरनिटी किट और बेबी पाउडर से हर घर तक पहुंचा जॉनसन*

1894 में मैटरनिटी किट के लॉन्च के साथ जॉनसन एंड जॉनसन का हेरिटेज बेबी बिजनेस शुरू हुआ। इन किट का उद्देश्य बच्चे के जन्म के वक्त मां और बच्चे को हर रुप से सुरक्षित रखना था। इसी साल जॉनसन का बेबी पाउडर भी बिक्री के लिए मार्केट में आया। यह बेहद सफल रहा। रॉबर्ट वुड जॉनसन की पोती- मैरी ली की तस्वीर बेबी पाउडर के डिब्बे पर आई। मैरी…पहली वो बच्ची थी, जिसकी तस्वीर को बेबी पाउडर के प्रचार के लिए इस्तेमाल किया गया।

*जॉनसन एंड जॉनसन के फार्मा किंग बनने की कहानी*

1959 में, जॉनसन एंड जॉनसन ने अमेरिका में McNeil Laboratories का अधिग्रहण किया और यूरोप में Cilag Chemie, AG का भी अधिग्रहण किया। इन दो अधिग्रहणों ने कंपनी को पहली बार फार्मा के क्षेत्र में एक एंपायर के रूप में स्थापित किया। इसके बाद जॉनसन एंड जॉनसन ने बच्चों के लिए पहला एस्पिरिन मुक्त पेन रिलीवर लॉन्च किया, जो बेहद हिट रहा।
*एक कर्मचारी की पत्नी को चोट लगी…तब डेवलप हुई बैंड एड*

अर्ले डिक्सन जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी में काम करते थे। उनकी पत्नी जोसेफिन जब भी किचन में काम करतीं तो कई बार उन्हें चोट लग जाती थी। वे चोट पर तुरंत कपड़े की पट्टी लगा लेती थीं, लेकिन बिना प्रॉपर सपोर्ट के कारण पट्टी जल्द ही सरक कर गिर जाती था। इसी से अर्ले डिक्सन को एक आइडिया आया। उन्होंने दवाओं की ढेर सारी रेशमी पट्टियों को स्क्वायर में काटा और उसको टेप के ऊपर चिपका दिया। कंपनी के मालिक जेम्स वुड ने जब अर्ले से इस बैंडेज के बारे में सुना तो वे भी चौंक गए। यह आइडिया कंपनी में सभी को इतना पसंद आया कि उसी तर्ज पर कंपनी ने 1920 के बाद से ‘बैंड-एड’ बनाने शुरू कर दिए। और जल्द ही अर्ले डिक्सन को कंपनी का वाइस प्रेसिडेंट भी बना दिया गया।

*कोविड में कंपनी ने बनाई फ्रीज ना करने वाली सिंगल डोज वैक्सीन*

कोविड से लड़ने के लिए जॉनसन एंड जॉनसन ने जिस सिंगल डोज वैक्सीन का निर्माण किया, उसे अस्पताल भेजे जाने तक फ्रीजर में रखने की जरूरत नहीं थी। इससे पहले कभी भी वैक्सीन टेस्टिंग और उसका निर्माण इतनी तेजी से नहीं हुआ था। जॉनसन एंड जॉनसन ने कोरोना वायरस से जीन लेकर ह्यूमन सेल तक पहुंचाने के लिए एडीनोवायरस का इस्तेमाल किया था। एडीनोवायरस का काम वैक्सीन को ठंडा रखना होता है, लेकिन इसे फ्रीज करने की जरूरत नहीं होती है।
*रेवेन्यू में आज भी जॉनसन सबसे बड़ी फार्मा कंपनियों में से एक*

जॉनसन एंड जॉनसन ने कोविड-19 से लड़ने के लिए अमेरिकी सरकार के साथ साझेदारी कर स्वयं के टीके पर काम शुरू किया था। शुरुआत में कंपनी की स्थिति बाकी कंपनियों की तरह कोविड से प्रभावित हुई। लेकिन कंपनी अपने कई प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों के डबल डोज वाले दृष्टिकोण के विपरीत, अपनी सिंगल डोज वैक्सीन के साथ आगे बढ़ी। मौजूदा समय में कंपनी कई अहम प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। जिसमें लीजेंड बायोटेक के साथ साझेदारी में विकसित सीएआर-टी थेरेपी शामिल है। रेवेन्यू के मामले में आज भी जॉनसन एंड जॉनसन दुनिया की सबसे बड़ी फार्मा कंपनियों में से एक बनी हुई है। 2021 में कंपनी का रेवेन्यू 93.77 बिलियन डॉलर(करीब 7 करोड़ रुपए) था।
*हर घर में मिलने वाला 128 साल पुराना जॉनसन पाउडर बंद हो रहा है*

जॉनसन बेबी टैल्क पाउडर 1894 से बेचा जा रहा है। फैमिली फ्रेंडली होने की वजह से यह कंपनी का सिंबल प्रोडक्ट बन गया था। जॉनसन एंड जॉनसन का बेबी पाउडर सबसे प्रसिद्ध टैल्कम पाउडर में से एक रहा है। 128 सालों से यह हर घर का हिस्सा बना हुआ है। भारत में 1947 से जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा स्थानीय रूप से टैल्कम पाउडर बेचा जाता है। भारत में निर्मित टैल्कम पाउडर को श्रीलंका, नेपाल, मालदीव जैसे पड़ोसी देशों में भी बेचा जाता है। जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी अपना बेबी पाउडर 2023 से बेचना बंद कर देगी। अब कंपनी टैल्क बेस्ड पाउडर की जगह कॉर्न स्टार्च बेस्ड पाउडर लाएगी। कंपनी का पाउडर अमेरिका और कनाडा में सालभर पहले ही बंद हो चुका है। कंपनी ने कहा है कि अमेरिका में चल रहे हजारों कंज्यूमर सेफ्टी केस के चलते इस प्रॉडक्ट की बिक्री बंद कर दी गई है। हालांकि जॉनसन एंड जॉनसन ने लगातार इन दावों से इनकार किया है कि उसके प्रोडक्ट कैंसर का कारण बन सकते हैं।
August 21, 2022

हरियाणा पंचायत चुनाव 2022:पटियों की तैयारियां जारी, लेकिन करवाने में देरी होगी; नहीं हुई गुरुग्राम और हिसार की वार्डबंदी

हरियाणा पंचायत चुनाव 2022:पटियों की तैयारियां जारी, लेकिन करवाने में देरी होगी; नहीं हुई गुरुग्राम और हिसार की वार्डबंदी

हिसार : हरियाणा पंचायती चुनाव की तैयारियां राजनीतिक पार्टियों ने शुरू कर दी हैं, परंतु चुनाव में देरी हो सकती है। पहले चुनाव आयोग 30 सितंबर 2022 तक चुनाव संपन्न करवाने के लिए प्रयासरत था। अब गुरुग्राम के पटौदी को नगर परिषद बनाने, हिसार के बास और सिसाय नगर पालिका का दर्जा खत्म करके उसे ग्राम पंचायत का दर्जा दिया गया है। इनकी वार्डबंदी होनी बाकी है। ऐसे में अब हरियाणा राज्य चुनाव आयोग को सरकार से दोबारा मैंडेटेरी कंसल्टेंशन लेनी होगी। हालांकि सरकार ने पहले राज्य चुनाव आयोग को जुलाई में पत्र लिखकर चुनाव करवाने की अनुमति दे दी थी।
परंतु गुरुग्राम और हिसार के कुछ गांवों को नगर पालिका क्षेत्र से बाहर करने के कारण अब दोबारा वार्ड बंदी होगी। इसके बाद ही चुनाव आयोग घोषणा करेगा। हरियाणा राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह का कहना है कि सरकार से दोबारा कंसल्टेंशन आएगी। अभी तय नहीं हो पाया कि चुनाव दो चरणों में होंगे या एक ही चरण में। एक चरण में चुनाव घोषित होने के बाद कम से कम 25 दिन और दो चरणों में होने पर 28 से 30 दिन की समय अवधि चाहिए। ऐसे में अगर चुनाव आयोग अगस्त महीने के अंतिम सप्ताह में चुनाव करवाने की घोषणा करता है, तब 30 सितंबर तक चुनाव हो सकेंगे।
*इनेलो और आप सिंबल पर लड़ेगी चुनाव*

पंचायती चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने पहले 30 सितंबर तक चुनाव करवाने के संकेत दिए थे। इसके चलते पार्टियों ने तैयारियां शुरू कीं। भाजपा ने बूथ स्तर पर त्रिदेव बनाने का फैसला किया। त्रिदेव में एक बूथ पर तीन कार्यकर्ता होंगे। भाजपा ने 22 जिलों में चुनाव जिला प्रभारी भी नियुक्त कर दिए। प्रदेश स्तर पर शिक्षा मंत्री कंवर पाल को प्रभारी बनाया गया। चुनाव सिंबल पर लड़ा जाए या नहीं, यह फैसला 24 अगस्त को होगा।
वहीं आम आदमी पार्टी ने पंचायती चुनाव में जिला परिषद के चुनाव पार्टी सिंबल पर लड़ने की घोषणा कर दी। 22 जिलों में 30 जुलाई को पंचायती राज प्रकोष्ठ के संयोजक, संयुक्त सचिव, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और कार्यकारिणी सदस्य नियुक्त कर दिए। वहीं इनेलो ने भी जिला परिषद के चुनाव सिंबल पर लड़ने की घोषणा की है। कांग्रेस पंचायती चुनाव सिंबल पर नहीं लड़ेगी, जबकि जननायक जनता पार्टी ने भी चुनाव लड़ने के संकेत नहीं दिए।
*पटौदी नगर परिषद की घोषणा*

हरियाणा सरकार ने 14 अगस्त को पटौदी नगर पालिका तथा हेली मंडी नगर पालिका तथा आसपास के 10 गांवों को मिलाकर नगर परिषद पटौदी- मंडी बनाने की घोषणा की है। इसमें नरहेड़ा, जनौला, रमुपर, छावन, मिल्कपुर, मिर्जापुर, मुबारकपुर, देवलावास, हेड़ोहड़ी तथा खानपुर गांव नगर परिषद पटौदी मंडी का हिस्सा होंगे। अब इन गांवों के नगर परिषद में शामिल होने के बाद इसकी वार्डबंदी दोबारा से होगी। वहीं बास और सिसाय नगर पालिका का दर्जा खत्म करके पंचायतों का दर्जा दिया गया है। हिसार की आदमपुर नगर पालिका की बजाए आदमपुर गांव को पंचायत का दर्जा दे दिया गया।
*प्रदेश में इन पदों पर होने चुनाव*

हरियाणा में इस बार 71741 पदों पर चुनाव होने हैं। इनमें 6228 सरपंच, 62022 पंच, ब्लॉक समिति के 30380 पदों पर चुनाव होने हैं। राज्य सरकार ने सभी डीसी को 22 जुलाई तक मतदाता सूचियों का प्रकाशन करने के आदेश दिए थे।

*फरवरी 2021 को खत्म हुआ था पंचायतों का कार्यकाल*

प्रदेश में पंचायतों का कार्यकाल 23 फरवरी 2021 को खत्म हो गया था। इसके बाद पंचायतों की शक्तियां बीडीपीओ के पास चली गई। पंचायती चुनावों में हरियाणा सरकार के आरक्षण के फैसले को 15 अप्रैल 2021 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। हरियाणा सरकार ने पंचायत चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण और बीसीए को 8 प्रतिशत आरक्षण दिया था। मई 2022 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार को पंचायत चुनाव करवाने की अनुमति दे दी। हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट में फिर से फैसले को चुनौती दी गई है। परंतु कोर्ट ने इस पर स्टे नहीं लगाया।
August 21, 2022

लंपी की चपेट में अंबाला के 434 गांव:कैंट एरिया में सबसे अधिक 1057 और बराड़ा में 1008 पशु संक्रमित; विभाग को वैक्सीन का इंतजार

लंपी की चपेट में अंबाला के 434 गांव:कैंट एरिया में सबसे अधिक 1057 और बराड़ा में 1008 पशु संक्रमित; विभाग को वैक्सीन का इंतजार

अंबाला : हरियाणा के अंबाला जिले के 434 गांव लंपी वायरस की चपेट में आ चुके हैं। सबसे ज्यादा अंबाला कैंट और बराड़ा एरिया में हालात बिगड़ रहे हैं। इन दोनों ब्लॉक में दूसरों के मुकाबले सबसे ज्यादा पशु लंपी वायरस की चपेट में आए हैं।
इसका कारण जिला यमुनानगर में बेकाबू हुआ लंपी वायरस बताया जा रहा है। आंकड़ों की बात करें तो कैंट में 1057 तथा बराड़ा एरिया में 1008 पशु संक्रमित मिले हैं। पशुपालन विभाग ने शनिवार को 5 हजार पशुओं को सुरक्षा कवच पहनाया है।
*जानिए किस एरिया में क्या स्थिति*

पशुपालन विभाग ने जिले में अभी तक 3656 पशुओं को लंपी वायरस की पुष्टि की है, इनमें से 1456 रिकवर हो चुके हैं। विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अंबाला सिटी के 119 गांव लंपी वायरस की चपेट में आ चुके हैं। यहां अभी तक 521 पशु लंपी संक्रमित मिले और 320 रिकवर हुए। अंबाला कैंट के 103 गांव में 1057 पशु संक्रमित मिले।
हालांकि इनमें से 308 रिकवर हो चुके हैं। बराड़ा के 93 गांव में 1008 केस सामने आए हैं, इनमें से 390 रिकवर हुए। नारायाणगढ़ के 127 गांव से 561 पशु संक्रमित मिले और 210 रिकवर हुए हैं। नारायाणगढ़ एरिया में एक गाय की लंपी वायरस से मौत हुई है, लेकिन विभाग ने पुष्टि नहीं की है।
*विभाग को 20 हजार डोज का इंतजार*

बढ़ते संक्रमण के बीच पशुपालन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की छुटि्टयां रद्द कर दी हैं। 32 वेटरनरी सर्जन व 60 VLD फिल्ड में उतरे हुए हैं। शनिवार को जिलेभर में 5 हजार पशुओं को वैक्सीनेट किया गया है, लेकिन विभाग ने 20 हजार डोज की डिमांड की है।
पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. प्रेम सिंह ने बताया कि लंपी वायरस को कंट्रोल करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। जैसे-जैसे वैक्सीन उपलब्ध होगी पशुओं को सुरक्षा कवच पहनाया जा रहा है। बताया कि लंपी वायरस ज्यादा जानलेवा नहीं है। पशु तेजी से रिकवर हो रहे हैं।
August 21, 2022

हरियाणा के खिलाड़ियों के लिए बुरी खबर:दूसरे राज्य में ट्रायल देने के बाद अपने स्टेट में नहीं दे पाएंगे, निदेशालय की अनुमित अनिवार्य

हरियाणा के खिलाड़ियों के लिए बुरी खबर:दूसरे राज्य में ट्रायल देने के बाद अपने स्टेट में नहीं दे पाएंगे, निदेशालय की अनुमित अनिवार्य

करनाल : हरियाणा के खिलाड़ियों कि लिए बुरी खबर है कि अब खिलाड़ी राज्य के बाहर ट्रायल देने के बाद दोबारा अपने राज्य में ट्रायल नहीं दे पाएंगे। खेल निदेशालय की ओर से पत्र जारी करके यह निर्देश दिए गए हैं। पहले जहां खिलाड़ी किसी राज्य में होने वाली नेशनल प्रतियोगिताओं में ट्रायल दे देता था, तब वह अपने राज्य में भी उसी प्रतियोगिता का ट्रायल दे सकता था, फिर जहां खिलाड़ी का चयन हो जाता था, वह वहां पर खेल सकता था।

अब ऐसा नहीं होगा। खेल निदेशालय की ओर से जारी पत्र में साफ-साफ निर्देश दिए गए हैं कि अगर प्रदेश का कोई भी खिलाड़ी एक राज्य में ट्रायल देने के बाद वहां सेलेक्ट हो जाता है और दूसरे राज्य में उसी प्रतियोगिता का ट्रायल देता है और वहां भी उसका सेलेक्शन हो जाता है और पहली जगह सिलेक्शन होने के बाद वहां पर न खेल कर अपने राज्य के लिए खेलता है तो उस खिलाड़ी को विभाग की तरफ से मिलने वाले लाभ नहीं मिलेंगे।
*कई राज्यों में खाली रह जाती थीं खिलाड़ियों की सीटें*

बता दें कि पहले खिलाड़ियों के ऊपर कोई पाबंदी नहीं थी। वह किसी भी राज्य में जाकर नेशनल प्रतियोगिता का ट्रायल दे देता था। वहां उसका सेलेक्शन हो जाता था। उसके बाद जब उसी नेशनल प्रतियोगिता का ट्रायल हरियाणा में होता था तो वह ट्रायल दे देता था। अगर हरियाणा की टीम में उसका सेलेक्शन हो जाता था तो वह दूसरे राज्य से न खेल कर अपने राज्य से खेलता था। खिलाड़ी द्वारा उस राज्य की तरफ से न खेलने पर वहां के खिलाड़ी की सीट खाली रह जाती थी।

इसका खामियाजा राज्य और अन्य प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को भुगतना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब एक जगह ट्रायल देने के बाद दूसरी जगह ट्रायल देने से पहले विभाग से परमिशन लेनी होगी। परमिशन न लेने पर विभाग की तरफ से दी जानी वाली सभी सुविधाएं खत्म कर दी जाएंगी। अगर विभाग परमिशन दे देता है तो वह दोबारा ट्रायल दे सकता है।
*लेनी होगी खेल विभाग की अनुमति*

खेल विभाग की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि हरियाणा के जिन खिलाड़ियों का चयन राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में ट्रायल के माध्यम से किया गया है। वे चयनित खिलाड़ी दूसरे राज्य से राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए ट्रायल नहीं देंगे। यदि वे चयनित खिलाड़ी किसी दूसरे राज्य की प्रतियोगिता के लिए चयन ट्रायल देते हैं तो उसे खेल नीति का कदाचार माना जाएगा।

उसे भविष्य में खेल विभाग हरियाणा की ओर से किसी प्रकार का लाभ नहीं दिया जाएगा। अगर किसी खिलाड़ी का चयन हरियाणा राज्य की ओर से राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिता के लिए ट्रायल के माध्यम से नहीं हुआ है और वह किसी दूसरे राज्य की ओर से राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिता में प्रतिभागिता करना चाहता है तो भी उसके द्वारा खेल विभाग हरियाणा से ट्रायल के लिए अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
*क्या कहते हैं खेल अधिकारी...*

जिला खेल अधिकारी अशोक दुआ ने बताया कि खेल निदेशालय की तरफ से पत्र जारी किया गया है, जिसे स्टेडियम के गेट पर चस्पा दिया गया है। इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए अगर हरियाणा का खिलाड़ी दूसरे राज्य की टीम का हिस्सा बनता है तो उसे विभाग से परमिशन लेनी होगी। ऐसा न करने पर उसे सभी सुविधाओं से वांछित रहना पड़ेगा।