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Sunday, May 16, 2021

May 16, 2021

भारत में मिले कोरोना के B1.617.2 वैरिएंट पर वैक्सीन कम प्रभावी, ब्रिटिश वैज्ञानिक का दावा

भारत में मिले कोरोना के B1.617.2 वैरिएंट पर वैक्सीन कम प्रभावी, ब्रिटिश वैज्ञानिक का दावा
नई दिल्ली : अगर आप यह सोच रहे हैं कि कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद संक्रमित नहीं होंगे तो आपका सोचना गलत हो सकता है क्योंकि कोरोना के कुछ वैरिएंट ऐसे भी हैं, जिन पर कोरोना वैक्सीन कम प्रभावी है। हाल में एक ब्रिटिश वैज्ञानिक ने दावा किया है कि भारत में पाए जाने वाले कोरोना वायरस के B1.617.2 वैरिएंट पर वैक्सीन रोकथाम के मामले में कम प्रभावी है। गौरतलब है कि इस ब्रिटिश वैज्ञानिक का नाथ एंथनी हार्नडेन है और ब्रिटेन में टीकाकरण कार्यक्रम में सलाह देने हार्नडेन की प्रमुख भूमिका रही है।

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और टीकाकरण पर संयुक्त कमेटी (जेसीवीआई) के उपाध्यक्ष एंथनी हार्नडेन ने कहा कि कोरोना वायरस के एक ऐसे वैरिएंट की पहचान सबसे पहले भारत में हुई थी, जिस पर वैक्सीन कम प्रभावी है। एंथनी हार्नडेन ने कहा है कि इंग्लैंड में लॉकडाउन में ढील देते हुए बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि अभी नहीं कहा जा सकता है कि वायरस का B1.617.2 वैरिएंट कितना संक्रामक है, जिसकी पहचान भारत में हुई है। हार्नडेन ने कहा कि अभी तक ऐसे प्रमाण नहीं मिले हैं कि यह स्वरूप ज्यादा जानलेवा या संक्रामक है। उन्होंने यह भी कहा कि अभी नहीं पता कि क्या वायरस का कोई खास स्वरूप टीका से बच सकता है।
हार्नडेन के मुताबिक हमें अभी यह भी जानकारी नहीं है कि B1.617.2 वैरिएंट का अब तक कितना प्रसार हुआ है। अभी तक बीमारी की गंभीरता बढ़ने के कोई संकेत नहीं मिले हैं लेकिन इसकी भी पुष्टि नहीं है कि वैक्सीन में बच सकते हैं, इसलिए हम अब तक मिले प्रमाण के आधार पर सोच-समझकर कदम उठाएंगे। गौरतलब कि हार्नडेन के बयान के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कोरोना वायरस के B1.617.2 वैरिएंट पहले के वायरस की तुलना में ज्यादा संक्रामक है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलता है। फिलहाल यह नहीं पता कि यह कितना फैल चुका है।'' जॉनसन ने कहा कि अगर वायरस ज्यादा संक्रामक है तो आगामी दिनों में कठिन विकल्प को चुनना होगा। उन्होंने 21 जून को सभी तरह के लॉकडाउन खत्म किए जाने की योजना में फेरबदल के संकेत दिए।

Saturday, May 15, 2021

May 15, 2021

बंद की श्रीगंगानगर से नांदेड साहिब जाने वाली सभी ट्रेनें, सचखंड एक्सप्रेस है विकल्प

रेलवे ने अगले आदेशों तक बंद की श्रीगंगानगर से नांदेड साहिब जाने वाली सभी ट्रेनें, सचखंड एक्सप्रेस है विकल्प


नई दिल्ली : इंडियन रेलवे ने कोरोना महामारी के चलते एक बार फिर से सभी ट्रेनों को बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब श्रीगंगानगर से हजूर साहिब नांदेड जाने वाली नांदेड एक्सप्रेस (दोनों) को भी आगामी आदेशों तक बंद कर दिया गया है। यह ट्रेनें सप्ताह में 3 दिन के लिए हजूर साहिब नांदेड़ जाती थी और 3 दिन ही वापस आती थी। ट्रेन नंबर 02486,85 श्रीगंगानगर से मंगलवार व शनिवार को चलकर वाया मलोट, अबोहर, गिद्दड़बाहा, बठिंडा होते हुए जाखल के रास्ते आगे दिल्ली की ओर रवाना होती थी।
इसी के साथ ट्रेन नंबर 02440,39 शुक्रवार के दिन चलती थी, जो श्रीगंगानगर से चलकर वाया हनुमानगढ़, संगरिया, मंडी डबवाली, बठिंडा, बरनाला, धुरी, संगरूर के रास्ते होते हुए जाखल पहुंच कर आगे हजूर साहिब नांदेड़ की ओर रवाना होती थी। रेलवे ने दोनों ही गाडिय़ों को सप्ताह में 3 दिन आवागमन करने के लिए चलाया हुआ था। लेकिन अब इन दोनों ही गाड़ियों को बंद करने की सूचना जारी कर दी है।
श्री गंगानगर से हजूर साहिब नांदेड़ 1960 किलोमीटर का सफर तय करने वाली यह गाड़ियां राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, यूपी, मध्य प्रदेश के रास्ते महाराष्ट्र व तेलंगाना तक के राज्यों में जाने वाले यात्रियों को सुविधा प्रदान करती थी। इन ट्रेनों में सिख धर्म अनुयायियों के अलावा अन्य राज्यों में कृषि कार्य के लिए किसान व मजदूर भी आवागमन करते थे, जो उनके लिए बड़ी फायदेमंद थी।
लेकिन बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर रेलवे ने इसे बंद कर दिया है। यह ट्रेन अब कब चलाई जाएगी इसके बारे में अभी कोई सूचना नहीं मिली है। लेकिन अधिकारियों का कहना है कि कम से कम 3 महीने तक ट्रेन के चलने की कोई संभावना नहीं है। बता दें कि इससे कुछ दिन पहले ही रेलवे ने लालगढ़ से दिल्ली सराय रोहिल्ला के बीच चलने वाली दिल्ली एसी स्पेशल ट्रेन को भी बंद कर दिया था।
May 15, 2021

गांव में तीन मौतें हुईं तो ग्रामीणों ने मिलकर बना डाला कोरोना का अस्पताल

कारनामा : गांव में तीन मौतें हुईं तो ग्रामीणों ने मिलकर बना डाला कोरोना का अस्पताल


नई दिल्ली :  राजधानी दिल्ली और हरियाणा के साथ लगते एक गांव ने कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में मिसाल पेश की है। दरअसल, गांव में एक दिन में कोरोना से तीन लोगों की मौत होने पर कुछ ग्रामीणों ने मिलकर गांव में ही अस्पताल बना डाला। मामला दिल्ली के घिटोरनी गांव का है। जहां नौसेना से रिटायर्ड अधिकारी नरेंद्र लोहिया ने देखा कि उनके गांव में एक दिन में कोरोना से तीन मौतें हुईं तो उन्होंने गांव और लोगों को बचाने के लिए छोटा अस्पताल (कोविड केयर सेंटर) बना डाला।नरेंद्र लोहिया के बेटे-बहू और भतीजे डॉक्टर हैं। दोनों ने शाम को गांव की चौपाल पर कुछ घंटे व अन्य समय ऑनलाइन वॉट्सऐप ग्रुप पर लोगों को परामर्श देना शुरू किया। कई लोग जो दवा लेने में समर्थ नहीं हैं उनके दवा-भोजन की भी व्यवस्था की गई। इस मुहिम को बढ़ाने के लिए गांव के ही नीरज लोहिया, सचिन आर्य, वीरेंद्र समेत अन्य कई लोग आर्थिक व अन्य संसाधनों से मदद के लिए आगे आए। अब ओपीडी में कोरोना जांच की भी व्यवस्था है। जो संक्रमित मिलते हैं उनके लिए स्कूल में 25 बेड का आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है।
इस अस्पताल में 27 कंसंट्रेटर और 2 सिलेंडर हैं, जो गांव वालों ने ही मिलकर खरीदे हैं। एक टीम लोगों को जागरूक कर रही है तो दूसरी दवा मुहैया करा रही है।रोजाना शाम पांच से सात बजे तक गांव की चौपाल पर ओपीडी लगाई जाती है। इसके अलावा डॉक्टर टेली कंसल्टेशन करते हैं। गांव में कुल 10 हजार से अधिक की आबादी है, जिसमें से करीब 500 लोग संक्रमित हो चुके हैं। 

Thursday, May 13, 2021

May 13, 2021

हरिद्वार में एक बड़े योग गुरु के आश्रम में छिपा है ओलंपियन सुशील कुमार !

हरिद्वार में एक बड़े योग गुरु के आश्रम में छिपा है ओलंपियन सुशील कुमार !

नई दिल्ली : अब दिल्ली पुलिस को जानकारी मिली है कि मुख्य आरोपित ओलंपियन सुशील पहलवान देश के एक बड़े योग गुरु के हरिद्वार स्थित आश्रम में छिपा है। सुशील के बेहद खास रहे रोहतक निवासी भूरा ने पुलिस को दिए बयान में इस बात का राजफाश किया है। सुशील पर हत्या का आरोप लगने के कारण किसी न किसी दबाव में आकर पुलिस इससे जुड़े हर पहलुओं पर शुरू दिन से चुप्पी साध रखी है। भूरा के बयान को अत्यंत गोपनीय रखा गया है। इसके बयान को पुलिस अपनी तफ्तीश में शामिल करेगी या नहीं यह कहना मुश्किल है।
जांच से जुड़े पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पहलवान भूरा, सुशील का पहले सबसे खास होता था। सुशील के सारे काम का देखरेख वही करता था। लेकिन कुछ साल पहले किसी बात को लेकर सुशील ने उससे दूरी बना ली। उसके बाद सुशील ने अपने सभी कामकाज की जिम्मेदारी अजय और भूपेंद्र को सौंप दी। इस वक्त ये दोनों सुशील के सबसे खास हैं। भूपेंद्र फरीदाबाद का रहने वाला है और इसके खिलाफ फरीदाबाद के थानों में उगाही, आ‌र्म्स एक्ट आदि के सात मामले दर्ज हैं। अजय के बारे में पुलिस को अभी जानकारी नहीं मिली है। उसके पिता बक्कर वाला इलाके से कांग्रेस के निगम पार्षद बताए जा रहे हैं।
पुलिस का कहना है कि भूरा को सुशील ने भले ही किनारे कर दिया हो, लेकिन दोनों के बीच झगड़ा नहीं है। चार मई की देर रात छत्रसाल स्टेडियम में पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के बाद सुशील और उसके साथ आए सभी पहलवान वहां से भाग गए थे। सभी अलग अलग जगहों पर जाकर छिप गए थे। अगले दिन सुबह 10 बजे सुशील को जब पता चला की सागर की सुश्रुत ट्रामा सेंटर में मौत हो गई और पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है। मुकदमें में उसका नाम भी है। तब सभी अलग-अलग दिल्ली से भाग निकले। अजय को सुशील समयपुर बादली छोड़ देने को कहा। वहां कुछ देर रुकने के बाद सुशील ने फोन कर भूरा को बुला लिया और बाबा के आश्रम हरिद्वार में छोड़ देने को कहा। भूरा उसे सीधे आश्रम ले जाकर छोड़ आया और कुछ देर वहां रुकने के बाद वापस रोहतक लौट गया। आश्रम पहुचने के बाद सुशील ने अपने सभी फोन बंद कर लिए।पुलिस की अंतिम लोकेशन वहीं की मिली। कॉल डिटेल से पुलिस को जब भूरा के बारे में पता लगा तब उसे रोहतक से हिरासत में ले लिया गया।
सुभाष प्लेस थाने के इंस्पेक्टर प्रताप सिंह को सौंपी। उसे तीन दिन तक सुभाष प्लेस थाने में रखकर पूछताछ की गई। पूछताछ में भूरा से सबकुछ सच्चाई बता दिया। उसने यह भी बताया कि जब वह सुशील को लेकर आश्रम पहुंचा तब बाबा ने उसके सामने दिल्ली पुलिस के एक संयुक्त आयुक्त को फोन कर सुशील को हर हाल में बचाने को कहा। इकबालिया बयान में भूरा से सबकुछ सही बता दिया। जिसके बाद उसे और दो अन्य को मंगलवार को छोड़ दिया गया।
छत्रसाल स्टेडियम में बीते चार मई की रात ओलंपियन सुशील पूरी तैयारी के साथ पहलवानों और बदमाशों को लेकर उभरते हुए पहलवान सागर धनखड़ की हत्या करने आया था। सागर के शरीर पर मिले चोट के निशान से परिजनों का कहना है कि सुनियोजित तरीके से उसकी हत्या की गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक सागर की छाती को छोड़कर पूरे शरीर पर लाठी और लोहे की रॉड से मारने के घाव थे। पैर से लेकर सिर तक 50 से अधिक गहरे घाव के निशान थे। सिर पर सबसे ज्यादा वार किया गया था।
परिजन का आरोप है कि स्टेडियम के सीसीटीवी कैमरे में सुशील की तस्वीर भी सागर को बुरी तरीके से मारते हुए कैद है। घटना वाली रात सागर के जिन तीन साथियों सोनू, भगत सिंह व अमित की भी सुशील के बदमाशों ने पिटाई की थी । शनिवार को उन सभी के बयान मॉडल टाउन थाने में दर्ज किए गए।

Wednesday, May 12, 2021

May 12, 2021

तारक मेहता की बबीता जी की बढ़ सकती है मुश्किलें, हरियाणा पुलिस के पास पहुंची शिकायत, जानिये क्या है मामला ?

तारक मेहता की बबीता जी की बढ़ सकती है मुश्किलें, हरियाणा पुलिस के पास पहुंची शिकायत, जानिये क्या है मामला ?

हांसी : टीवी के चर्चित शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा में बबीता जी का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री मुनमुन दत्ता की मुश्किलें बढ़ सकती है। मुनमुन दत्ता के खिलाफ हरियाणा के हांसी में शिकायत दर्ज की गई है।
सोशल मीडिया पर उनका जातिसूचक टिप्‍पणी करता वीडियो सामने आने के बाद अब मुनमुन दत्‍ता के खिलाफ हरियाणा में शिकायत दायर हुई है और उनके खिलाफ जल्‍द एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार किए जाने की मांग की गई है।
यह शिकायत वकील एवं दलित अधिकार कार्यकर्ता रजत कलसन की ओर से हांसी पुलिस अधीक्षक के समक्ष दायर की गई है। शिकायत में कहा गया है कि मुनमुन दत्‍ता ने इंस्‍टाग्राम पर एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्‍होंने अनुसूचित जाति को अपमानित करने के लिए भंगी शब्‍द का प्रयोग किया है।

शिकायतकर्ता ने एसपी को दी अपनी शिकायत में कहा है कि मुनमुन दत्‍ता ने अनुसूचित जाति के लोगों का अपमान करने की नीयत से भंगी शब्‍द का इस्‍तेमाल पूरे दलित समाज को अपमानित करने के लिए किया है।
 
May 12, 2021

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ऑक्सीजन लाने किए दो जहाज भेजे

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ऑक्सीजन लाने किए दो जहाज भेजे

चंडीगढ़  : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अंतराष्ट्रीय एयर पोर्ट, चण्डीगढ से ऑक्सीजन सप्लाई लाने के लिए दो टैंकर कारगो जहाज से रवाना किये। इस जहाज से ये टैंकर भुवनेश्वर भेजे गए हैं, जिनमें लगभग 45 टन ऑक्सीजन आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजाना हवाई जहाज से ऑक्सीजन सप्लाई के लिए टैंकर भेजे जा रहे है ताकि सप्लाई जल्द आ सके और प्रदेश में कोविड मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कतें न हों। ये टैंकर उड़ीसा के टाटा स्टील प्लांट से लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन सप्लाई लेकर अगले दिन वापिस आएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में राउरकेला, जामनगर, अंगुल आदि कई स्थानों से मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई रेल एवं हवाई मार्ग से आ रही है। अब तक हवाई जहाज ने 19 फेरे लगाए हैं तथा 36 टैंकरों के माध्यम से 436 मिट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन सप्लाई हुई है। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन सप्लाई बिना किसी बाधा के सभी जिलों में मरीजों को समय पर उपलब्ध करवाई जा रही है। इस प्रकार, मानव जीवन को बचाने के लिए सरकार की ओर से बेहतर पहल की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय वायु सेना कोविड महामारी के दौरान सराहनीय कार्य कर रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने वायु सेना का आभार जताया। मुख्यमंत्री ने वायु सेना के अधिकारियों से विस्तार से बातचीत की और संकट की इस घड़ी में सराहनीय कार्य करने पर उनका हौसला बढ़ाया। 

 मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा के पानीपत व हिसार में 500-500 बेड के अस्पताल तैयार किए जा रहेे हंै। इस कार्य में भी सेना का सहयोग लिया जा रहा है। इसके अलावा, प्रदेश के सभी जिलों में बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में ऑक्सीजन सप्लाई सुचारू है तथा सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। इस अवसर पर 12वीं एयर विंग के कमांडर तेजबीर सिंह, चीफ ऑपरेटिव ऑफिसर, चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर, चीफ इंजीनियरिंग ऑफिसर, मुख्यमंत्री के एडवाईजर ए के राव तथा कैप्टन राजेश सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।

Tuesday, May 11, 2021

May 11, 2021

किसान आंदोलन में युवती के साथ दुष्कर्म मामले में आया नया मोड़, पिता ने दिया ये स्टेटमेंट

किसान आंदोलन में युवती के साथ दुष्कर्म मामले में आया नया मोड़, पिता ने दिया ये स्टेटमेंट

बहादुरगढ़ : हरियाणा में टिकरी बॉर्डर पर युवती के साथ कथित तौर पर हुए दुष्कर्म को लेकर किसान संयुक्त मोर्चा और पीड़िता के पिता ने ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेंस की। जिसमें पिता ने कहा कि अनूप और अनिल को छोड़कर बाकी चारों को पुलिस ने आरोपी बनाया है। मैंने किसी भी तरीके से उनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं दी है। मैने पुलिस को जाकर आज दोबारा स्टेटमेंट दिया है कि मैने इन्हें आरोपी नहीं बनाया है।
ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पीड़िता के पिता ने किसान संयुक्त मोर्चा को क्लीन चिट देते हुए पुलिस पर गम्भीर आरोप लगाये हैं। पीड़िता के पिता ने कहा- उन्होंने सिर्फ किसान सोशल आर्मी से जुड़े अनिल मलिक और अनूप चणौत पर आरोप लगाये थे। लेकिन पुलिस ने पीड़िता के पिता की मदद करने वाले लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज कर दिया।
आपको बता दें कि किसान आंदोलन से जुड़ी दो महिला किसानों ने की मामले को उठाने में मदद। लेकिन पुलिस ने मददगारों के खिलाफ ही मामल दर्ज कर लिया साथ ही अनूप और अनिल पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे गलत लोकेशन पर बता कर हरियाणा के अलग हिस्से में बेटी को लेजा रहे थे। पीड़िता के पिता ने किसान संयुक्त मोर्चा और किसान नेता योगेंद्र यादव का मामले में मदद करने पर आभार जताया है।

पिता ने कहा- आरोपियों के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई, लेकिन निर्दोष लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई न कि जाए। किसान संयुक्त मोर्चा ने पीड़िता की जान बचाने की कोशिश की थी और परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिया था। पिता ने बताया- किसान संयुक्त मोर्चा ने कहा था कि पहले एफआईआर आप करवाएं नहीं तो संयुक्त मोर्चा आरोपियों के खिलाफ शिकायत देगा।

Monday, May 10, 2021

May 10, 2021

आज आएगी पीएम किसान योजना की 8वीं किस्त, ऐसे चैक करें लिस्ट में अपना नाम

 आज आएगी पीएम किसान योजना की 8वीं किस्त, ऐसे चैक करें लिस्ट में अपना नाम



नई दिल्ली : पीएम किसान निधि का इंतजार कर रहे हैं किसानों के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार आज यानी 10 मई को आपके खाते में 8वीं किस्त ट्रांसफर कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 8वीं किस्त किसानों के खाते में 10 मई तक भेजी जा सकती है।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की पहली किस्त आमतौर पर 20 अप्रैल तक आ जाती है लेकिन इस बार थोड़ी देरी हो गई है। बता दें जल्द ही सरकार आपके खातों में 2000-2000 रुपये क्रेडिट करने वाली है। इस योजना के तहत हर साल 3 किस्तों में किसानों को सरकार 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता करती है।

पीएम किसान सम्मान निधि के तहत केवल उन्हीं किसानों को इसका फायदा मिलता है जिनके पास 2 हेक्टेयर यानी 5 एकड़ कृषि योग्य खेती हो। अब सरकार ने जोत की सीमा को खत्म कर दी है। खेती योग्य जमीन जिसके नाम से हैं, उन्हीं को पैसे मिलते हैं, लेकिन अगर कोई इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करता है तो उसे पीएम किसान सम्मान निधि से बाहर रखा गया है। इसमें वकील, डॉक्टर, सीए आदि भी इस योजना से बाहर हैं।

सबसे पहले आपको पीएम किसान सम्मान निधि का आधिकारिक वेबसाइट https://pmksan.gov.in/ पर विजिट करना होगा। इसके होम पेज में जाकर आपको Farmers Corner के ऑप्शन में क्लिक करना है। यहां आपको Beneficiaries List के ऑप्शन में क्लिक करना होगा। फिर आपके सामने एक लिस्ट आएगी। इसमें आपको राज्य, जिला, उपजिला, ब्लॉक और गांव सलेक्ट करना होगा। इसके बाद आपको Get Report पर क्लिक करना होगा। इसमें लाभार्थी की पूरी लिस्ट सामने आ जाएगी फिर आप अपना नाम चेक कर सकते हैं।

आपको बता दें इस स्कीम में आप घर बैठे रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इसके लिए आपके पास अपने खेत की खतौनी, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट नंबर होना जरूरी है। आइए आपको बताते हैं कि आप *कैसे करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन-*

इस तरह करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन- आधिकारिक वेबसाइट https://pmkisan.gov.in पर जाएं, अब Farmers Corner पर जाइए। यहां आपको ‘New Farmer Registration’ पर क्लिक करें। आधार नंबर डालना होगा। कैप्चा कोड डालकर राज्य को चुनना होगा और फिर प्रोसेस को आगे बढ़ाना होगा। अपनी पर्सनल जानकारी भरनी होगी। साथ ही बैंक अकाउंट का विवरण और खेत से जुड़ी जानकारी भरनी होगी। इसके बाद आप फॉर्म सबमिट कर सकते हैं।

Sunday, May 9, 2021

May 09, 2021

सुभाष चंद्र बोस के साथी रहे हरियाणा के ललती राम का कोरोना से निधन, PM मोदी ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि

सुभाष चंद्र बोस के साथी रहे हरियाणा के ललती राम का कोरोना से निधन, PM मोदी ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि

झज्जर : हरियाणा के झज्‍जर निवासी स्वतंत्रता सेनानी समिति के चेयरमैन ललती राम का कोरोना से निधन हो गया है। करीब 100 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी को परिवार के सदस्य शनिवार को पीजीआई रोहतक लेकर गए थे। जिन्हें दोपहर बाद वे चिकित्सीय परामर्श के बाद वापस ले आए। अल-सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। ललती राम आजाद हिंद फौज के सिपाही व नेता जी सुभाष चंद्र बोस के साथी रहे थे।
उनके निधन पर पीएम मोदी ने भी ट्वीट कर ललती राम को श्रद्धांजलि दी है। ललती राम को लेकर पीएम मोदी ने भावुक पोस्‍ट लिखा है। पीएम मोदी 26 जनवरी की गणतंत्र परेड के अलावा कई बार उनसे मिल चुके थे। लाल किला में भी पीएम मोदी ने सुभाष चंद्र बोस के साथी रहे सेनानियों से मुलाकात कर उन्‍हें सम्‍मानित किया था। ललती राम के कई ऐसे किस्‍से हैं जिन्‍हें नेता जी की कहानियों के साथ दोहराया जाता रहा है।

आपको बता दें कि ललती राम कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। ललती राम के पौत्र विपक कुमार ने बताया कि दादा जी की शनिवार को संक्रमित होने की रिपोर्ट आई। जिन्हें उपचार के लिए पीजीआई रोहतक में भर्ती कराया गया। बता दें कि नेता जी सुभाष चंद्र बोस के साथी ललती राम को अलग-अलग समय में महामहिम राष्ट्रपति भी सम्मानित कर चुके। आजाद हिंद फौज की स्थापना की 75 वीं वर्षगांठ के मौके पर हुए मुख्य कार्यक्रम में उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ मंच सांझा किया था।

बता दें कि ललती राम हरियाणा स्वतंत्रता सेनानी समिति के चेयरमेन थे। जिनका नेताजी सुभाष चंद्र बोस बच्चे की तरह ख्याल रखते थे। इधर, मौजूदा समय में जिस तरह से संक्रमण की दर बढ़ रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में चिंता ज्यादा बढ़ने लगी हैं। हालात यह हो गए हैं कि एक-एक गांव से संक्रमितों की बड़ी संख्या रिपोर्ट हो रही हैं। विशेषज्ञों सहित सामाजिक संगठनों से जुड़े हुए लोग भी अपील कर रहे हैं कि घर से बाहर सिर्फ जरुरत पड़ने पर ही निकलें। किसी भी तरह की लापरवाही उचित नहीं है।

दुबलधन गांव निवासी आजाद हिंद फौज के वीर सिपाही रहे ललती राम, को आइएनए में रहते हुए बहादुरी के लिए 3 मेडल मिले हैं। वे अम्बाला, सिंगापुर, हांगकांग, थाईलैंड, जापान, कोलकाता (जगरकचा) जेल में भी रहे हैं। ललती राम के परिवार से पांचों बेटे पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए देश सेवा की भावना से ओत-प्रोत होकर सेना में भर्ती हुए। बाद की पीढ़ी की बात हो तो 9 पौत्रों में से 5 पौत्र फौज में है तथा एक पौत्री पुलिस में है। जबकि एक पौत्र विपक कुमार सदैव उनकी सेवा में तत्पर रहता था।

महामहिम डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम से दो बार, महामहिम प्रणब मुखर्जी और महामहिम रामनाथ कोविन्द से भी ललती राम एक-एक बार सम्मानित हो चुके हैं। सम्मानित होने के इस सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी उन्हें विशेष सम्मान मिल चुका है। स्वतंत्रता सेनानी ललती राम का जन्म एक जनवरी 1921 को बेरी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव दुबलधन में हुआ।

नेताजी की फौज में रहते इन्होंने कई देशों में युद्ध किया। ललती राम नेताजी की सेना के उन बहादुर सिपाहियों में रहे हैं जिनकों ब्रिटिश सरकार ने कोलकता जेल में रहते जब दिल्ली की ओर रेलगाड़ी में गुप्त तौर पर भेजा तो इनके साथियों ने ललती राम समेत अन्य सिपाहियों को इलाहाबाद के रेलवे स्टेशन पर गाड़ी के डिब्बों पर लगे ताले तोड़कर छुड़ा लिया था और खूब पेट भरकर भोजन कराकर और मान-सम्मान देकर ही दिल्ली रवाना किया था।
May 09, 2021

कोरोना ने ली हेमा मालिनी के सचिव की जान

कोरोना ने ली हेमा मालिनी के सचिव की जान

मुंबई : कोरोना वायरस की चपेट में आम से लेकर खास सभी आ रहे हैं। गरीब, अमीर सभी कोरोना से डरे हुए हैं। इस बिमारी ने कई लोगों को अपने करीबियों से जुदा कर दिया। हाल ही में अभिनेत्री एवं भाजपा सांसद हेमा मालिनी के भी करीबी रहे उनके सचिव का निधन हो गया। हेमा के सचिव का निधन भी कोरोना की बिमारी के चलते ही हुआ है। इस बात की जानकारी हेमा मालिनी ने खुद दी है।
हेमा मालिनी ने अपने सचिव मेहता के निधन पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। हेमा ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के जरिए एक ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने लिखा भारी मन से मैं 40 साल तक मेरे साथ जुड़े रहे अपने सचिव को अलविदा कह रही हूं।
डेडिकेटेड हार्ड वर्किंग और कभी न थकने वाले मेहताजी। वे मेरे लिए परिवार का हिस्सा थे। हमने उन्हें कोविड से खो दिया है। यह अपूर्णीय क्षति है और वे जो खालीपन छोड़ गए हैं, उसे कोई नहीं भर सकता। वहीं हेमा के इस पोस्ट पर उनकी बेटी ईशा देओल ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।

ईशा ने कमेंट करते हुए लिखा हम सभी को उनकी बहुत याद आएगी। वे हमारे परिवार के सदस्य थे उनकी जगह कभी नहीं भरी जा सकती। वे मां के लिए सबसे अच्छे थे। क्या समर्पित इंसान थे। आपकी बहुत याद आएगी मेहता अंकल। उनकी आत्मा को शांति मिले।
May 09, 2021

महिलाओं के खाते में 5 हजार रुपए जमा कर रही है सरकार, जानें कैसे मिलेगा लाभ

महिलाओं के खाते में 5 हजार रुपए जमा कर रही है सरकार, जानें कैसे मिलेगा लाभ

नई दिल्ली : केंद्र सरकार किसानों और महिलाओं की सहायता के लिए कई कदम उठा रही है। साल 2020 लॉकडाउन में महिलाओं के जनधन खाते में हर महीने 500 रुपए जमा करवाए गए थे। अब केंद्र सरकार महिलाओं के खाते 5 हजार रुपए जमा कर रही है।

लेकिन केन्द्र सरकार सिर्फ गर्भवती महिलाओं के खाते में 5000 हजार रुपये दे रही है। ये पैसे मातृ वंदन योजना के तहत  तीन अलग-अलग किश्तों में दी जा रहे है। लेकिन 19 साल से पहले गर्भवती हुई महिलाओं को इसका लाभ नहीं मिलेगा।
*कैसे मिलेगा फायदा*

योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने पर पोषण के लिए पांच हजार रूपये गर्भवती के खाते में दिए जाते हैं। इसकी पहली किश्त 1000 रूपये की है जो गर्भधारण के 150 दिनों के अंदर गर्भवती महिला का पंजीकरण होने पर दिया जाता है।
जबकि दूसरी किश्त 2000 रूपये 180 दिनों के अंदर और कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच हो जाने पर दिए जाते हैं। जबकि, तीसरी किश्त 2000 रूपये की प्रसव के बाद और शिशु के प्रथम टीकाकरण का चक्र पूर्ण होने पर मिलते हैं।

*कैसे करें आवेदन*

इस योजना का फायदा लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। लाभार्थी को www.Pmmvy-cas.nic.in पर लॉगिन करके आवेदन करना होगा। लोग घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
आवेदन करने के लिए आपके पास राशन कार्ड, बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र, माता पिता दोनों का आधार कार्ड, बैंक खाते की पासबुक और माता पिता दोनों का पहचान पत्र होना जरुरी है।
May 09, 2021

टिकैत ने कहा- सरकार कैंप लगाए, किसान वैक्सीनेशन को तैयार

टिकैत ने कहा- सरकार कैंप लगाए, किसान वैक्सीनेशन को तैयार

बहादुरगढ़ : कृषि कानूनाें काे रद्द करवाने के लिए किसान टिकरी बाॅर्डर पर धरना दे रहे हैं। किसानों की संख्या कम होने पर शनिवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत पहुंंचे। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण दिल्ली के मोर्चा पर किसान ज्यादा एक साथ बैठने की भीड़ नहीं कर रहे। यह अच्छी बात है, पर किसान जाने वाले नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि यहां पर वैक्सीनेशन शिविर लगवाए। यह बात किसान नेता ने पहली बार कही कि किसान वैक्सीन लगवाना चाहते हैं। इससे पहले वैक्सीनेशन का विरोध हो रहा था। टिकैत ने कहा कि टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन को शनिवार को 162 दिन हो गए, लेकिन सरकार ने कोई बात नहीं की। किसानों की मांग अधूरी रह गई।
इससे साफ हो गया कि सरकार कोई बात नहीं करेगी। अब 26 मई को दिल्ली के मोर्चे पर को किसानों को 6 महीने हो जाएंगे। इसके बाद एक बार फिर आंदोलन पर आगे का बड़ा फैसला लिया जाएगा। किसान गर्मी फिर बरसात व सर्दी के लिए भी तैयार हैं।
May 09, 2021

अस्पतालों में भर्ती होने के लिए बदला नियम, अब कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव होना जरुरी नहीं, देखिये नई गाइडलाइंस

अस्पतालों में भर्ती होने के लिए बदला नियम, अब कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव होना जरुरी नहीं, देखिये नई गाइडलाइंस

नई दिल्ली : कोरोना रोगियों को अस्पताल में भर्ती किए जाने की राष्ट्रीय नीति में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बदलाव किया है। नई नीति के मुताबिक कोविड वायरस से संक्रमित किसी भी व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती करने के लिए पॉजिटिव सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।

यानी कि अब मरीजों को अस्पताल में भर्ती करवाए जाने के लिए कोविड-19 की पॉजिटिव रिपोर्ट की जरूरत नहीं होगी। पहले अस्पतालों में भर्ती करवाने के लिए कोविड की पॉजिटिव रिपोर्ट या फिर सीटी-स्कैन की जरूरत होती थी।
कोविड-19 के संदिग्ध मामले वाले मरीज को केस की गंभीरता के मुताबिक संदिग्ध वॉर्ड सीसीसी, डीसीएचसी और डीएचसी में भर्ती किया जाएगा। किसी भी मरीज को किसी भी वजह से सेवाएं देने से मना नहीं किया जाएगा।
इसमें ऑक्सीजन या आवश्यक दवाएं जैसी दवाएं शामिल हैं, भले ही रोगी किसी अलग शहर का रहने वाला हो।

नई नीति के मुताबिक किसी भी मरीज को उस शहर में, जहां अस्पताल स्थित है वैध पहचान पत्र न उपलब्ध करा पाने में सक्षम न होने पर प्रवेश देने से मना नहीं किया जाएगा। अस्पताल में प्रवेश जरूरत के आधार पर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि देश में एक दिन में कोविड-19 से रिकॉर्ड 4,187 मरीजों की मौत होने के बाद मृतक संख्या 2,38,270 पर पहुंच गई है जबकि 4,01,078 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 2,18,92,676 हो गए हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह आठ बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक 37,23,446 मरीजों का अब भी इलाज चल रहा है जो कुल मामलों का 17.01 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर घटकर 81.90 प्रतिशत हो गई है।
आंकड़ों के मुताबिक बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या 1,79,30,960 हो गई है जबकि संक्रमण से मृत्यु दर 1.09 फीसदी दर्ज की गई है।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के मुताबिक सात मई तक 30,04,10,043 नमूनों की जांच की गई है जिनमें से 18,08,344 नमूनों की शुक्रवार को जांच की गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 70 प्रतिशत से अधिक मरीजों की मौत अन्य गंभीर बीमारियों के कारण हुई है।

Saturday, May 8, 2021

May 08, 2021

जानिये, उस डॉक्टर का नाम जिन्होंने शिखर धवन का लगाई कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक

जानिये, उस डॉक्टर का नाम जिन्होंने शिखर धवन का लगाई कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक
गुरुग्राम :  कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ जंग तेज हो गई है। कोरोना की टीका लगवाने की मुहिम में सेलिब्रिटी भी शामिल हो रहे हैं। इस कड़ी में भारतीय क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने बृहस्पतिवार को कोरोना के टीके का पहला डोज ले लिया। जागरण संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक, गुरुग्राम के पटेल नगर स्थित डिस्पेंसरी में बने कोरोना टीकाकरण केंद्र में भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाज शिखर धवन को डॉ. उमंग ने टीका लगाया।  इस दौरान डॉक्टर उमंग ने क्रिकेटर शिखर को टीके के बाद पैदा होने की मामूली दिक्कतों के बारे में भी बताया। डॉक्टर उमंग ने टीका लगान के बाद शिखर धवन से कहा कि बुखार, थकान जैसी मामूली परेशानी कोरोना का टीका लगाने के बाद आती है, ऐसे में बुखार आने की स्थिति में पैरासीटा मॉल ले सकते हैं। वैसे विशेषज्ञ पहले भी कहते रहे हैं कि कोरोना का टीका लगाने के बाद पानी अधिक पीना चाहिए और आराम करना चाहिए, हालांकि यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध नहींं हुआ।

यहां पर बता दें कि इस साल इंडियन प्रीमियर लीग बीच में ही स्थगित होने के बाद क्रिकेटर अपने-अपने घर लौटे हैं। इस कड़ी में दिल्ली कैपिटल्स की ओर से खेलने वाले 'गब्बर' शिखर धवन भी घर लौट आए हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने टूर्नामेंट से फ्री होते ही बृहस्पतिवार को कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक ले ली है। उन्होंने इस मोमेंट की तस्वीर इंस्टाग्राम पर शेयर की। इसमें उन्होंने लिखा- वैक्सीन डन। हमारे सभी फ्रंटलाइन योद्धाओं को उनके बलिदान और समर्पण के लिए धन्यवाद नहीं दिया जा सकेगा। कृपया संकोच न करें और जितनी जल्दी हो सके अपने आप को वैक्सीन लगवाएं। यह इस वायरस को हराने में हमारी मदद करेगा।
यहां पर बता दें कि कोरोना के टीके को लेकर तरह तरह की भ्रांतियां पैदा की जा रही है, जिसका कोई आधार नहीं है। ऐसे में सेलिब्रिटी के आगे आने और टीका लगवाने से आम लोगों में भी भरोसा बढ़ेगा।
जानें- डॉक्टर उमंग के बारे में
डॉ. उमंग गुरुग्राम सेक्टर-5 रहती हैं इन्हें पहली पोस्टिंग गुरुग्राम के पटेल नगर स्थित डिस्पेंसरी में पिछले साल दिसंबर महीने में मिली। डॉक्टर उमंग ने एमबीबीएस की डिग्री राजस्थान के झालावाड़ से ली है।
 
May 08, 2021

कंगना रनौत के खिलाफ TMC नेता ने दर्ज करवाई FIR

कंगना रनौत के खिलाफ TMC नेता ने दर्ज करवाई FIR, कहा- दंगे फैलाने की कोशिश कर रही है ये अभिनेत्री


हरियाणा बुलेटिन न्यूज़ : फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत पर ट्विटर ने कड़ी कार्रवाई करते हुए हाल ही में उनका ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट सस्पेंड किया है।
दरअसल पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद राज्य में हुई हिंसा पर कंगना रनौत द्वारा कई ट्वीट्स किए गए थे। जिनमें से कुछ ट्वीट्स में कंगना रनौत ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ विवादित टिप्पणियां भी की थी।
इसी मामले में अब कंगना रनौत के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस द्वारा एफआईआर दर्ज करवाई गई है।
खबर के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता रिजु दत्ता ने उल्टाडांगा थाने में कंगना रनौत पर हेट स्पीच देने का आरोप लगाते हुए एफ आई आर दर्ज करवाई है।
टीएमसी नेता ने इस शिकायत में यह कहा है कि फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने अपनी सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए हेट स्पीच दी है। जिससे कंगना ने हिंसा भड़काने की कोशिश करने के साथ-साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की छवि को भी चोट पहुंचाई।
अपने एक ट्वीट में कंगना रनौत ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को खून की प्यासी राक्षसी ताड़का बताया था।
बताया जा रहा है कि कंगना रनौत के खिलाफ दर्ज करवाई गई शिकायत में उनके द्वारा किए गए ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट को जमा करवाए हैं।
गौरतलब है कि कंगना रनौत के साथ यह पहली बार नहीं हुआ है कि वह किसी विवाद में फंसी हैं। विवादों के साथ कंगना का काफी पुराना नाता है।
इससे पहले कंगना ने ट्विटर पर भी भेदभाव करने का आरोप लगाया था। दरअसल कंगना रनौत मोदी सरकार की बड़ी समर्थक मानी जाती है।
तृणमूल कांग्रेस के साथ विवाद से पहले कंगना रनौत का महाराष्ट्र सरकार और कई पंजाबी कलाकारों के साथ भी विवाद हो चुका है। हाल ही में पंजाबी कलाकार दिलजीत दोसांझ और फिल्म अभिनेत्री तापसी पन्नू के साथ कंगना रनौत की ट्विटर वार काफी चर्चा में रही थी।



 

Friday, May 7, 2021

May 07, 2021

छोटा राजन की मौत की खबरों के बाद एम्स का बयान- अभी वह जिंदा है, कोरोना का इलाज चल रहा

जिंदा है अंडर वर्ल्ड डॉन:छोटा राजन की मौत की खबरों के बाद एम्स का बयान- अभी वह जिंदा है, कोरोना का इलाज चल रहा
नई दिल्ली : अंडर वर्ल्ड डॉन छोटा राजन की मौत की रिपोर्ट्स का दिल्ली एम्स ने खंडन किया है। एम्स ने कहा है कि वह अभी जिंदा है और उसके कोरोना संक्रमण का इलाज चल रहा है। दरअसल, कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि एम्स में भर्ती छोटा राजन की शुक्रवार दोपहर मौत हो गई। इसके बाद एम्स को स्थिति स्पष्ट करनी पड़ी।
तिहाड़ की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद गैंगस्टर को कोरोना हो गया था। पहले उसका जेल के अस्पताल में इलाज चला, लेकिन हालत बिगड़ने के बाद उसे 25 अप्रैल को एम्स में शिफ्ट किया गया था।
नायर गैंग से शुरू हुई क्रिमिनल लाइफ, कहलाने लगा छोटा राजन
छोटा राजन का असली नाम राजेंद्र सदाशिव निखलजे है। उसका जन्म मुंबई के चेंबूर इलाके की तिलक नगर बस्ती में हुआ था। स्कूल छोड़ने के बाद छोटा राजन मुंबई में फिल्म टिकट ब्लैक करने लगा। इसी बीच वह राजन नायर गैंग में शामिल हो गया। अंडरवर्ल्ड की दुनिया में नायर को 'बड़ा राजन' के नाम से जाना जाता था।
समय के साथ राजेंद्र (छोटा राजन) बड़ा राजन का करीबी बना और उसकी मौत के बाद गैंग का सरगना बन गया। छोटा राजन जब फरार था, तब उस पर भारत में 65 से ज्यादा क्रिमिनल केस दर्ज हो चुके थे। ये मामले अवैध वसूली, धमकी, मारपीट और हत्या की कोशिश के थे। उस पर 20 से ज्यादा लोगों के मर्डर का आरोप लगा। वह जर्नलिस्ट ज्योतिर्मय डे की हत्या में दोषी पाया गया है। इसी मामले में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
दाऊद की दोस्ती ने बढ़ाई ताकत, 1993 ब्लास्ट के बाद हुई दुश्मनी

फोटो छोटा राजन के शादी के वक्त की है। इसमें वो दाउद के साथ दिखाई दे रहा है। ये वही दौर था, जब दाउद और छोटा राजन मिलकर जुर्म करते थे।

राजन नायर गैंग में काम करते हुए उसे छोटा राजन बुलाया जाने लगा। इसी दौरान अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से उसकी जान-पहचान हुई। दाऊद के साथ आने के बाद उसका क्राइम ग्राफ बढ़ गया था। दोनों साथ मिलकर मुंबई में वसूली, हत्या, स्मगलिंग जैसे काम करने लगे। 1988 में राजन दुबई चला गया।
इसके बाद दाऊद और राजन दुनियाभर में गैर कानूनी काम करने लगे, लेकिन बाबरी कांड के बाद 1993 में जब मुंबई में सीरियल बम ब्लास्ट हुए तो राजन ने अपनी राह अलग कर ली। जब उसे पता चला कि इस कांड में दाऊद का हाथ है, तो वह उसका दुश्मन बन बैठा। उसने खुद को दाऊद से अलग करके नया गैंग बना लिया। 27 साल फरार रहने के बाद छोटा राजन को नवंबर 2015 में इंडोनेशिया से भारत लाया गया।
May 07, 2021

लापरवाही छोड़ें... अपनों का चेहरा तक देखना नसीब नहीं हो रहा

लापरवाही छोड़ें... अपनों का चेहरा तक देखना नसीब नहीं हो रहा

नारनौल : हिंदू रीति रिवाज में यह हमारी परम्परा है। लेकिन मैं मजबूर हूं कोविड गाइडलाइन यह नहीं कहती कि कोरोना से मृत्यु हो जाने के बाद उसके शव को पालीथिन से भी बाहर निकालो। मैं नहीं चाहता कि कोरोना का फैलाव हो। मेरी ओर से माफी। आप दूर चली जाए हम नियम में बंधे हुए है। श्मशान घाट में चेहरा नहीं दिखाने की बात को लेकर महिला के आगे हाथ जोड़ते ईओ अभयसिंह।  

 नारनौल गांव हो या शहर। लापरवाही की हद है। रोजाना कोरोना संक्रमितों और उससे होने वाली मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है। अपनों का चेहरा तक देखना नसीब नहीं हो रहा है। यह तस्वीर नारनौल शहर के रेवाड़ी रोड स्थित स्वर्ग आश्रम की गुरुवार करीब साढ़े तीन बजे की है। नगर परिषद के ईओ अभयसिंह यादव व एक्सईएन अंकित वशिष्ठ यहां मौजूद थे। इस स्वर्ग आश्रम के अंदर खुले आसमान के नीचे पीपीई किट पड़ी होने की तस्वीरें वायरल होने पर हरिभूमि टीम पहुंची थी। उस वक्त ईओ ने हरिभूमि को बताया कि यह आज की चौथी डेडबॉडी है। पांचवीं का मैसेज पहले ही आया हुआ है। इसी बातचीत के दौरान चौथी डेडबॉडी के परिजन ईओ के पास पहुंचे। 'परिजनों ने रोते हुए दुहाई दी कि आपके कहने पर पांच से ज्यादा लोग भी अंतिम संस्कार में नहीं आए। जिसने हमें पाल-पोस कर इतना बड़ा किया था कम से कम उसका चेहरा तो देख लेने दो। वरना जीवनभर मलाल रहेगा। महिला की भावनाओं को समझते हुए ईओ ने मार्मिक भाव से हाथ जोड़ लिए और कहा कि मैं आपकी भावनाओं का पूरा मान-सम्मान करता हूं। हिंदू रीति रिवाज में यह हमारी परम्परा है। लेकिन मैं मजबूर हूं कोविड गाइडलाइन यह नहीं कहती कि कोरोना से मृत्यु हो जाने के बाद उसके शव को पालीथिन से भी बाहर निकालो। मैं नहीं चाहता कि कोरोना का फैलाव हो। मेरी ओर से माफी। आप दूर चली जाए हम नियम में बंधे हुए है। यह शब्द सुनकर महिला रोते हुए उनके पास से चली गई।' कम से कम इस तस्वीर में दिख रही भावनाओं व भाव को देख व सम­झाकर लापरवाही छोड़े दें।
अंतिम क्रिया के बाद श्मशान भूमि में ही पीपीई किट छोड़ रहे लोग जहां देशभर में कोरोना संक्रमण के कारण लगातार कई मौतें हो रही हैं, वहीं नारनौल से कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं, जिन्हें देखकर लोगों की लापरवाही का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। बात शहर में रेवाड़ी रोड स्थित स्वर्ग आश्रम की है, गुरुवार जब एक परिवार अस्थियाें के लिए वहां पहुंचा तो हैरान हो गया, वहां खुले में पीपीई किट पड़ी दिखाई दी। किसी ने यह तस्वीर क्लिक की और सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। इस्तेमाल की जा चुकी इन पीपीई को निस्तारण नहीं करने से संक्रमण बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। वैसे तो नियमानुसार कोविड पॉजिटिव शव के अंतिम संस्कार और पीपीई किट को डिस्पोज करने की जिम्मेदारी नगर परिषद की है, लेकिन लोगों का सहयोग नहीं मिलने का खामियाजा अन्य लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

क्या कहते है सीएमओ इस संबंध में सीएमओ डा. अशोक का कहना है कि कोविड प्रोटोकाल के अनुसार ही संक्रमित व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए। अगर कहीं पीपीई किट छोड़ी गईं तो उनका निस्तारण किया जाना चाहिए। खुले में पीपीई किट छोड़ने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। क्या कहते है ईओ नगर परिषद के ईओ अभयसिंह यादव ने बताया कि अंतिम संस्कार के दौरान क्रियाक्रम करने के लिए मृतक के परिजन को भी पीपीई किट पहनाई जाती है। हमारे कर्मचारी भी पीपीई किट में होते है। लोग पीपीई किट श्मशाम भूमि में भी किसी कोने में उतार निकल रहे है। इस तरह की सूचना मिली तो मौका मुआयना कर सख्त हिदायत दी गई है
May 07, 2021

लगातार तीसरे दिन बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम, पूर्व IAS बोले- ये ‘गिद्ध’ शवों को भी नोच खाएंगे

लगातार तीसरे दिन बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम, पूर्व IAS बोले- ये ‘गिद्ध’ शवों को भी नोच खाएंगे


नई दिल्ली : पिछले दिनों देश की जनता पेट्रोल डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से परेशान थी। ऐसा कोई भी दिन नहीं होता था, जब पेट्रोल डीजल की कीमतों में वृद्धि नहीं होती थी।
इसी बीच पश्चिम बंगाल समेत देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की घोषणा हो गई। पता नहीं क्या हुआ कि चुनावों की घोषणा होते ही पेट्रोल डीजल की मूल्यवृद्धि अचानक से रुक गई।
एक बार फिर जब पांचों राज्यों में चुनाव संपन्न हो गए, नतीजे घोषित हो गए, फिर से लगातार पेट्रोल डीजल की कीमतों में मूल्यवृद्धि शुरु हो गई।
आज लगातार तीसरे दिन पेट्रोल डीजल की कीमतें बढ़ी हैं। देश के कई शहरों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच चुका है।
पत्रकार अंशुमान तिवारी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि आज तीसरे दिन भी पेट्रोल डीजल की कीमतों में वृद्धि हो गई है. पेट्रोल करीब 25 पैसे और डीजल 30 पैसे महंगा हुआ है। तीन दिनों में पेट्रोल 60 पैसे महंगा हुआ है और कई शहरों में पेट्रोल 100 रुपया प्रति लीटर के करीब पहुंच गया है।
देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही पेट्रोल डीजल की कीमतों में वृद्धि का अचानक से रुक जाना और फिर चुनाव खत्म होते ही एक बार फिर से रोजाना मूल्यवृद्धि शुरु हो जाना, साफ तौर पर इशारा करते हैं कि सरकार का मकसद जनता को राहत पहुंचाना नहीं है।
हालात यह है कि पिछले तीन दिनों में पेट्रोल 69.78 पैसे और डीजल 82.88 पैसे तक महंगा हो चुका है।
कोरोना की मार से कराह रहे लोगों के जख्मों पर सरकार कोई मरहम तो नहीं लगा पा रही अलबत्ता उस पर नमक छिड़कने का काम जरुर कर रही है।
जब सरकार को अपने वोट प्रभावित होने का खतरा दिखाइ दे रहा है यानी कि जब चुनाव का वक्त आ रहा है तो मूल्यवृद्धि रुक जा रही है और चुनाव खत्म होते ही महंगाई बढ़ने लग रही है।
देश के कई हिस्सों में कोरोना की वजह से लॉकडाउन लगा हुआ है। लोगों की आमदनी बंद है। साधारण व्यक्ति जैसे तैसे गुजारा कर रहा है।
एक वक्त खाता है और दूसरे वक्त उपवास रखता है। ऐसे में जिस तरह से पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें बढ़ रही है, उससे एक बार फिर से महंगाई बढ़ेगी और लोगों का जीना मुहाल हो जाएगा।  
https://twitter.com/suryapsingh_IAS/status/1390217155803684864?s=20
वहीं इस मामले में पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा- “चुनाव खत्म और तीन दिन से पेट्रोल-डीज़ल के दाम लगातार बढ़ाए जा रहे हैं। ये वो गिद्ध हैं जो शवों को भी नोच खाएँगे।”
May 07, 2021

कोरोना की जंग में उतरेंगे गुरुजी, आज से दी जाएगी ट्रेनिंग

कोरोना की जंग में उतरेंगे गुरुजी, आज से दी जाएगी ट्रेनिंग
चण्डीगढ़ : कोरोना संक्रमण की जंग में सीनियर आईएएस से लेकर मंत्रायों तक के मैदान में उतरने के बाद अब गुरुजी भी मैदान में उतरेंगे। इसके लिए उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी। जो शुक्रवार को शुरू होगी। शिक्षक अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर लोगों को न केवल जागरुक करेंगे, बल्कि लोगों को कोविड नियमों का पाठ पढ़ाएंगे।
शिक्षा विभाग की ओर से इसके लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं। इनकी ट्रेनिंग 12 मई तक ऑनलाइन होगी। उनके साथ ट्रेनिंग में आशा वर्कर, एएनएम, एमपीएचडब्ल्यू भी शामिल होंगे। इस जंग में साइंस एंड बायोलॉजी के 7550 टीजीटी व पीजीटी को ही उतारा जाएगा।

Wednesday, May 5, 2021

May 05, 2021

कोरोना का हर दूसरा केस और हर चौथी मौत भारत से, प्रशांत बोले- सरकार को सिर्फ ‘सेंट्रल विस्टा’ की फिक्र है

कोरोना का हर दूसरा केस और हर चौथी मौत भारत से, प्रशांत बोले- सरकार को सिर्फ ‘सेंट्रल विस्टा’ की फिक्र है

नई दिल्ली : भारत में कोरोना के चलते लाखों लोग अपने परिजनों को खो चुके हैं। इस साल के अप्रैल महीने में महामारी की तीव्रता और सरकार की लापरवाही, दोनों सबसे ज़्यादा देखने को मिली।
इसी के साथ, बीते एक हफ्ते में वैश्विक स्तर पर कोरोना के कारण मरने वाले हर चार लोगों में से एक भारतीय था।
डब्लूएचओ (WHO) ने बुधवार को बताया कि पिछले एक हफ्ते में दुनिया भर में दर्ज हुए COVID-19 मामलों में से लगभग आधे भारत से थे।
उसने अपनी रिपोर्ट में सूचित किया कि एक हफ्ते में वैश्विक कोरोना संक्रमण मामलों में से 46% मामले भारत से थे। इसी के साथ 25% मौत के मामलें भी भारत से ही थे।
देश में कोरोना की दूसरी लहर के चलते ऑक्सीजन और अस्पताल के बेड की ख़ासा दिक्कत हो गई है। सब चंगा सी’ नहीं रहा। एक साल पहले सरकार को उन्हीं की एजेंसियों ने ऑक्सीजन की कमी के बारे में आगाह किया था।
लेकिन सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए। इसका परिणाम सबके सामने है। अप्रैल महीने में कोरोना से मरे लोगों की लाशों का शमशानों और कब्रिस्तानों में अंबार लग गया।
अंतराष्ट्रीय मीडिया में भी मोदी सरकार की आलोचना हो रही है। इसी के साथ-साथ सरकार पर ‘इमेज मैनेजमेंट’ के भी आरोप लग रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा “जब ऑक्सीजन सप्लाई और अस्पतालों में बेड सुनिश्चित करने के लिए कोई नहीं है, सिस्टम चरमरा गया है, तब मोदी सरकार द्वारा 300 अधिकारिओं को COVID मैनेजमेंट पर अपनी इमेज सुधारने के लिए बुलवाया जाता है।
सरकार को लाखों मरते लोगों की कोई चिंता नहीं है। उसे केवल अपनी इमेज और सेंट्रल विस्टा में बन रहे प्रधानमंत्री के 13500 करोड़ के नए घर की फ़िक्र है!”