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Friday, October 16, 2020

October 16, 2020

जेजेपी विधायक जोगी राम ने चेयरमैन का पद अस्वीकार किया

जेजेपी विधायक जोगी राम ने चेयरमैन का पद अस्वीकार किया

हिसार :  बरवाला से विधायक जोगीराम सिहाग ने सरकार द्वारा बनाए गए चेयरमैन पद ग्रहण करने से इन्कार कर दिया है। तीन विधेयक को लेकर उन्हाेंने कहा विधेयक सही नहीं है तो कैसे सरकारी पद ग्रहण करू। जब तक तीन अध्यादेशों को ठीक नहीं किया जाता तब तक कोई सरकारी पद का लाभ नहीं लेंगे। 
उन्होंने तीनों अध्यादेशों को किसान विरोधी बताया है। इस दौरान उन्होंने कहा अगर बरवाला की जनता कहेंगी तो इस्तीफा देने को भी तैयार हैं। उन्होंने कहा डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से मेरी रात को बात हुई थी और मैंने उनका आभार जताते हुए जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया और कहा कि आपने गलत समय में जिम्मेदारी दे दी जो मुझे स्वीकार नहीं है। उन्होंने ने कहा अगर बरोदा चुनाव के लिए अगर ड्यूटी लगाई गई तो प्रचार के लिए जाऊंगा। 

विधायक सिहाग को जेजेपी कोटे से चेयरमैन बनाया गया था। सिहाग की नियुक्त की बड़ी वजह सरकार के खिलाफ उनकी नाराजगी को कम करना था। सिहाग की नाराजगी को देखते उपमुख्यमंत्री एवं जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला व भाजपा सरकार पर लगातार दबाव बढ़ रहा है। 
सिहाग का राजनीतिक सफरनामा
जोगीराम सिहाग की पहचान समाजसेवी के रूप में थी। सिहाग समाजसेवा के साथ-साथ राजनीति में भी उतरने की इच्छा थी। इसे देखते राजनीति में भी दो-दो हाथ करने के मकसद से वर्ष 2000 में जोगीराम सिहाग ने नगर पार्षद का चुनाव लड़ा और वे पार्षद निर्वाचित हुए। वर्ष 2005 में घिराय विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा और कांग्रेस के प्रत्याशी पूर्व मंत्री प्रो. छत्रपाल को कड़ी टक्कर दी, लेकिन सिहाग चुनाव हार गए। वर्ष 2009 में सिहाग ने परिसीमन के बाद घिराय हलका टूटने पर बरवाला हलके को अपना चुनाव क्षेत्र बनाया। बरवाला से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर ही चुनाव लड़ा और 11500 वोट प्राप्त किए। बाद में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। वर्ष 2014 में भाजपा ने सिहाग की बरवाला से टिकट काट दी। इस बात से सिहाग नाराज भी हुए, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने किसी तरह इन्हें मना लिया और प्रदेश में पहली बार मनोहर सरकार बनने के बाद जोगीराम सिहाग को हरियाणा राज्य हाऊसिंग कॉपरेटिव फैडरेशन का चेयरमैन बनाया गया। सिहाग वर्ष 2019 में बरवाला से भाजपा की टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने टिकट काट दिया। इससे नाराज सिहाग ने जेजेपी में शामिल होते हुए बरवाला से चुनाव लड़ा और पहली बार विधायक निर्वाचित हुए।
October 16, 2020

बरोदा से कांग्रेस व् इनेलो ने प्रत्याशी घोषित किये, इन नेताओं को बनाया उमीदवार

बरोदा से कांग्रेस व् इनेलो ने प्रत्याशी घोषित किये, इन नेताओं को बनाया उमीदवार

चंडीगढ़ : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सांसद सुपुत्र दीपेंद्र हुड्डा अपने खासमखास कार्यकर्ता इंदुराज नरवाल उर्फ भालू को बरोदा से कांग्रेस का टिकट दिलाने में कामयाब हो गए है । ज्ञात रहे अर्थ प्रकाश ने पहले ही बरोदा सीट को लेकर स्पष्ट क्र दिया था की कांग्रेस ने काफी माथापच्ची के बाद बरोदा से इंदुराज नरवाल उर्फ भालू को अपना कैंडिडेट बनाने का फैसला किया है।
आपको इंदुराज नरवाल उर्फ भालू के बारे में बताते चले की ये पूर्व जिला पार्षद हैं और रिंढाणा गांव निवासी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा समेत अनेक कोंग्रेसी नेता इंदुराज नरवाल का नामांकन दाखिल करने गुहाना पहुंच चुके है । जबकि इनेलो ने बरोदा से जोगिंदर सिंह मालिक को प्रत्याशी घोषित किया है उनका नामांकन दाखिल करने के लिए अभय चौटाला गोहाना पहुंच गए है। दूसरी ओर पता चला है की डॉक्टर कपूर सिंह नरवाल पंचायती उमीदवार के तोर पर पर्चा दाखिल करेंगे । ज्ञात रहे भाजपा पहले ही पूर्व प्रत्याशी योगेश्वर दत्त शर्मा को पुनः प्रत्याशी घोषित कर चुकी है।


फिलहाल इस खबर से जुड़ी जितनी जानकरी हमारे पास थी हमने आप तक पहुंचाई………अगर इस खबर से जुड़ा कोई अपडेट हमें मिलता है तो हम तक जरूर और जल्द से जल्द पहुंचाएंगे…

October 16, 2020

बरोदा उपचुनाव:बरोदा में भाजपा से फिर योगेश्वर लड़ेंगे, गुटबाजी से कांग्रेस के ऐलान में देरी

बरोदा उपचुनाव:बरोदा में भाजपा से फिर योगेश्वर लड़ेंगे, गुटबाजी से कांग्रेस के ऐलान में देरी

चंडीगढ़ :बरोदा उप चुनाव के लिए शुक्रवार को नामांकन का अंतिम दिन है। देर रात भाजपा ने अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी। फिर से पहलवान योगेश्वर दत्त पर पार्टी ने विश्वास जताया है। पार्टी ने दिन में अपने स्टार प्रचारकों का भी ऐलान कर दिया था। लेकिन कांग्रेस में टिकट गुटबाजी के कारण रुकी हुई है। वहीं इनेलो को इंतजार है कि भाजपा और कांग्रेस किसे टिकट देती हैं।
भाजपा से चुनाव लड़ चुके पहलवान योगेश्वर दत्त हलके के लोगों और पहलवानों के साथ सीएम मनोहर लाल से मिले थे और टिकट के लिए बात की। जिस पर सीएम ने उन्हें कहा था कि जाओ और अपनी तैयारी करो। इसलिए दिन में योगेश्वर ने तैयारी पूरी कर ली थी। सुबह 11 बजे गोहाना राजघराना पैलेस में भाजपा कार्यालय में कार्यक्रम है, जहां से वे नामांकन के लिए जाएंगे।
योगेश्वर को टिकट क्यों ?

योगेश्वर भैंसवाल कलां गांव के रहने वाले हैं, जो बरोदा हलके का बड़ा गांव हैं।

2019 में डीएसपी पद से त्यागपत्र देकर यहीं से भाजपा के लिए चुनाव लड़ चुके हैं।

कांग्रेस के श्रीकृष्ण हुड्डा को 42566 व योगेश्वर को 37726 वोट मिले थे।

कांग्रेस में गुटबाजी ऐसी

दिल्ली में कांग्रेस की कई दौर की मीटिंग के बाद भी गुटबाजी चलती रही। भूपेन्द्र हुड्डा की तरफ से कपूर नरवाल का नाम फाइनल है और वो उन्हीं के लिए जोर लगाते रहे।

कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष सैलजा समेत कई नेता मिलकर स्व. विधायक कृष्ण हुड्डा की पुत्रवधू गायत्री हुड्डा के लिए जोर लगा रहे हैं।

*इनेलो को इंतजार*

इनेलो दिनभर ऐसे नेताओं से संपर्क बनाती रही जिन नेताओं की भाजपा या कांग्रेस से टिकट कट सकती है। सूत्रों के अनुसार पूर्व विधायक कृष्ण हुड्डा के बेटे से भी इनेलो संपर्क बनाए हुए है। वहीं इनेलो ने शुक्रवार सुबह 10 बजे पूर्व विधायक कृष्ण हुड्डा के कार्यालय के पास अपने कार्यालय उद्घाटन का कार्यक्रम रखा है।
October 16, 2020

गठबंधन सरकार के 14 नेता एडजस्ट:भाजपा के 8, जजपा के 5 नेता और एक निर्दलीय को बनाया चेयरमैन; बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष बराला, बबीता समेत आठ को मिले पद

गठबंधन सरकार के 14 नेता एडजस्ट:भाजपा के 8, जजपा के 5 नेता और एक निर्दलीय को बनाया चेयरमैन; बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष बराला, बबीता समेत आठ को मिले पद

चंडीगढ़ : बरोदा उपचुनाव से ठीक पहले भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने 14 नेताओं को बोर्ड-निगमों की चेयरमैनी दी है, वहीं एक को वाइस चेयरमैन बनाया गया है। इसमें सबसे ज्यादा विधायकों, चुनाव हारने वालों और टिकट न मिलने वालों को जिम्मेदारी दी गई हैं। चेयरमैन बनने वालों में आठ नेता भाजपा के हैं, जबकि गठबंधन की सहयोगी जजपा के भी 5 नेताओं को जगह मिली है।
चेयरमैन बनने वालों में बड़े नामों की बात करें तो इसमें भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला और हाल ही में खेल विभाग में डिप्टी डायरेक्टर का पद छोड़ने वाली ओलिंपियन बबीता फौगाट का नाम शामिल है। जजपा लगातार अपने विधायकों को एडजस्ट करने का दबाव भाजपा पर बना रही थी।
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और अनूप धानक पहले ही मंत्री हैं। ऐसे में दस में से तीन विधायक बाकी रह गए हैं। इनमें दुष्यंत की मां नैना चौटाला, रामकुमार गौतम और देवेंद्र बबली हैं। वहीं, सरकार को समर्थन देने वाले बादहशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद को भी सरकार ने चेयरमैनी दी है। छह निर्दलीय को पद मिल चुके हैं।

जानिए किसके कोटे से किसे क्या और क्याें मिला

भाजपा के इन नेताओं को ओहदा
1. सुभाष बराला : सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो
क्योंकि: भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। सीएम के करीबी हैं। चर्चा यह भी थी कि सीएम उन्हें अध्यक्ष बनवाए रखना चाहते थे।
2. कैलाश भगत : हैफेड
क्योंकि: कैलाश कैथल से हैं। विधानसभा चुनाव के वक्त भाजपा में आए थे, लेकिन लीलाराम को टिकट मिला था।
3. निर्मल बैरागी: पिछड़ा वर्ग कल्याण निगम
क्योंकि: ये सीएम सिटी करनाल से हैं और सीएम से नजदीकी भी हैं। भाजपा की महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष भी हैं।
4. रामनिवास गर्ग : व्यापारी कल्याण बोर्ड
क्योंकि: ये यमुनानगर से हैं। इसी बोर्ड के सदस्य हैं। विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदार थे और टिकट नहीं मिली थी, इसलिए यह जिम्मेदारी दी गई है।
5. अरविंद यादव : हरको बैंक
क्योंकि: ये रेवाड़ी से हैं और भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे हैं। अब प्रदेश अध्यक्ष बदले तो इनकी किस्मत चमक गई।
6. मुकेश गौड़ : हरियाणा युवा आयोग
क्योंकि: भिवानी से हैं और युवा के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। अभी प्रदेश सचिव हैं। तोशाम से टिकट के दावेदार थे।
7. जगदीश नैय्यर: भूमि सुविधा व विकास निगम
क्योंकि: होडल से विधायक हैं। मंत्रिमंडल का गठन हुआ तब चर्चा में थे, लेकिन नहीं बन पाए थे। इसलिए अब चेयरमैन बनाया है।
8. बबीता फौगाट : महिला विकास निगम
क्योंकि: भाजपा की फायर ब्रांड नेत्री हैं। सोशल मीडिया पर खुलकर पक्ष रखती हैं।
9. धूमन किरमच: सरस्वती हेरिटेज बोर्ड के उपप्रधान
क्योंकि: भाजपा के कुरुक्षेत्र जिला अध्यक्ष रहे हैं। लाेकसभा चुनाव के लिए टिकट चाह रहे थे, नहीं मिली। अब संतुष्ट किए गए।
जेजेपी : विरोध और भारोसे के चलते पांच को मिली चेयरमैनी
1. जोगीराम सिहाग : हाउसिंग बोर्ड हरियाणा
क्योंकि: बरवाला से विधायक हैं। नाराजगी भी जाहिर कर चुके थे। कृषि बिलों को लेकर किसानों के प्रदर्शन में भी समर्थन देने गए थे।
2. रामकरण काला : शुगरफैड
क्योंकि:शाहबाद विधायक हैं। पार्टी के विश्वसनीय नेताओं में से एक हैं।
3. रामनिवास सुरजाखेड़ा : खादी-ग्रामोद्योग
क्योंकि:नरवाना से विधायक हैं। कर्मचारी नेता भी रहे हैं। जींद पर पार्टी का फोकस रहता है, इसलिए जिम्मेदारी मिलनी तय थी।
4. रणधीर सिंह : हरियाणा डेयरी विकास संघ
क्योंकि: गुहला-चीका से विधायक डॉ. ईश्वर सिंह के बेटे हैं। ईश्वर विधायक दल के उपनेता हैं।
5. पवन खरखौदा: अनु. जाति वित्त विकास निगम
क्योंकि: 2019 में जेजेपी टिकट पर खरखौदा से चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए थे और पार्टी के विश्वसनीय नेता हैं।

Thursday, October 15, 2020

October 15, 2020

बरोदा उपचुनाव:भाजपा-कांग्रेस के दो-दो नाम फाइनल, अपनों को छोड़ बाहरी नेताओं को दे सकते हैं टिकट

बरोदा उपचुनाव:भाजपा-कांग्रेस के दो-दो नाम फाइनल, अपनों को छोड़ बाहरी नेताओं को दे सकते हैं टिकट

नई दिल्ली : बरोदा उपचुनाव के लिए नामांकन करने के दो दिन ही शेष हैं। टिकट को लेकर दावेदारों की लड़ाई अंतिम दौर में पहुंच चुकी है। अभी तक प्रत्याशियों की तस्वीर पूरी तरह से साफ नहीं हुई है, लेकिन गुरूवार 15 अक्टूबर को तीनों बड़ी पार्टियों अपने-अपने उम्मीदवारों का एलान कर देंगी। लेकिन इससे पहले कई बड़े उल्ट फेर देखने को मिल सकते हैं।
क्योंकि तीनो ही पार्टियां अपनों की बजाए दूसरे दलों के नेताओं पर ज्यादा विश्वास दिखा रही हैं। ऐसे में टिकट की स्थिति के अनुसार कुछ नेता इन दो दिनों में अचानक दल बदल सकते हैं। सूत्रों के अनुसार भाजपा और कांग्रेस ने अपने दो-दो नाम फाइनल कर लिए हैं लेकिन दोनों पार्टियां एक दूसरे का इंतजार कर रही हैं।
जिससे देख सकें कि सामने वाली पार्टी ने किस जाति का उम्मीदवार उतारा है और उसी के अनुसार वो अपने जातीय समीकरण साध सकें। इस उपचुनाव में सभी पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। ऐसे में इनकी तरफ से चुनाव में पूरा जोर लगाया जाएगा इसलिए मैदान में प्रत्याशी जाने-माने और पुराने चेहरे ही होंगे लेकिन उनका झंडा दूसरा हो सकता है।

कांग्रेस: गुटबाजी में फंसा टिकट का खेल

1. अंदरूनी नेता: कांग्रेस का एक गुट चाहता है कि पार्टी अपने अंदर के ही किसी पुराने नेता को टिकट दे। प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा और राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला आदि चाहते हैं कि यहां से विधायक रहे स्व. कृष्ण हुड्डा के बेटे जीता हुड्डा को टिकट मिले।
2. बाहरी नेता: चर्चा है कि 2019 चुनाव से ठीक पहले जेजेपी से भाजपा में आए कपूर नरवाल पिछले कुछ समय से पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा से नजदीकी बनाए हुए हैं और भाजपा के कार्यक्रमों से दूर हैं। वो पहले भी यहां से चुनाव लड़ चुके हैं। भूपेन्द्र हुड्डा उनको टिकट दिलाने का मन बना चुके हैं और उनका नाम ऊपर भेजा भी गया है।
क्यों जातीय समीकरण जरूरी
बरोदा हलका जाट बहुल क्षेत्र है। हलके में करीब 178250 मतदाता हैं। करीब 94 हजार जाट मतदाता हैं। वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने गैर जाट कार्ड खेलते हुए पहलवान योगेश्वर दत्त को चुनाव मैदान में उतारा था। बड़ा चेहरा होने और मुकाबला त्रिकोणीय हाेने से कांग्रेस जीत गई।

भाजपा: जाट-नॉन जाट में उलझी पार्टी

1. जाट : पार्टी का मन किसी जाट उम्मीदवार को उतारने का है। ऐसे में पिछली बार यहां जेजेपी से चुनाव लड़े भूपेंद्र मलिक को पार्टी टिकट दे सकती है। भाजपा पहले उसे अपनी पार्टी में शामिल करवाना चाहती है। भाजपा ने भूपेंद्र से बात भी की है। जेजेपी नेता इस बात पर कम सहमत हैं कि भूपेन्द्र भाजपा ज्वाइन करे, ऐसे में विकल्प के लिए महेंद्र मलिक का नाम पैनल में रखा है। 2. योगेश्वर दत्त: अगर नॉन जाट उम्मीदवार उतारती है तो पहलवान योगेश्वर दत्त का मैदान में उतरना तय है। 2019 विधानसभा चुनाव में भी वो भाजपा की तरफ से मैदान में थे। लेकिन भाजपा अभी इंतजार कर रही है कि कांग्रेस जाट को उम्मीदवार बनाती है या किसी नॉन जाट नेता को।

भाजपा ने पहले रोहतक फिर दिल्ली में की चर्चा

भाजपा ने बुधवार रात दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा के साथ बैठक की। इससे पहले दिन में रोहतक सर्किट हाउस में वरिष्ठ नेताओं की मीटिंग हुई। इसमें जजपा से केसी बांगड़ा व भूपेंद्र मलिक और भाजपा की ओर से महेंद्र मलिक और रणधीर लठवाल को लेकर बनाए गए पैनल के नामाें पर चर्चा हुई।

Wednesday, October 14, 2020

October 14, 2020

वीआईपी कल्चर रिटर्न्स:तीन साल पहले लालबत्ती हटाने का मोदी सरकार ने लिया था फैसला, अब हरियाणा सरकार ने विधायकों की गाड़ी पर लगाने के लिए झंडी लॉन्च कर दी

वीआईपी कल्चर रिटर्न्स:तीन साल पहले लालबत्ती हटाने का मोदी सरकार ने लिया था फैसला, अब हरियाणा सरकार ने विधायकों की गाड़ी पर लगाने के लिए झंडी लॉन्च कर दी

चंडीगढ़ :  पीएम मोदी ने भले वीआईपी कल्चर रोकने का प्रयास किया। मई 2017 से नेताओं की गाड़ियों से लालबत्ती व झंडियां हटवा दीं। लेकिन अब उन्हीं की पार्टी की हरियाणा सरकार ने इसका तोड़ निकाला है। मंगलवार को सीएम मनोहर लाल, स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता, उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा, संसदीय कार्यमंत्री कंवरपाल गुर्जर ने विधायकों की गाड़ियों पर लगाने के लिए विधानसभा के लोगो की मैरून रंग की झंडी लाॅन्च कर दी। झंडी जल्द सभी विधायकों को दी जाएंगी।
इसे लेकर विधायक भी खुश हैं, क्योंकि झंडी से अब विधायकों की गाड़ी दूर से ही पहचानी जाएगी। न कोई टोल पर रोकेगा, न पुलिस हाथ देगी। स्पीकर से लेकर विधायक तक झंडी को वीआईपी कल्चर नहीं मानते हैं। उनका कहना है कि यह विधायक की पहचान के लिए है। इसे लेकर परिवहन, गृह विभाग व सीएम से भी अनुमति ली गई है। कानूनी विशेषज्ञों से सलाह ली गई। उधर, सीएम ने मंगलवार को विधानसभा परिसर में भगवान श्रीकृष्ण के रथ व भगवद् गीता के चित्र का अनावरण किया।

विधायकों ने पहचान के लिए रखी थी मांग

गाड़ियों पर झंडी की मांग विधायकों ने ही विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के सामने रखी थी। ज्यादातर ने यही कहा था कि उनकी कोई पहचान होनी चाहिए। क्योंकि टोल बूथों पर उन्हें रोक लिया जाता है। जब एमएलए का कार्ड दिखाते हैं, तो उसे मान्य तक नहीं करते। रास्ते में कहीं भी पुलिस कर्मचारी रोक लेते हैं। इससे उन्हें दिक्कत होती है। इसके बाद स्पीकर ने इस पर सलाह करके आखिरी फैसला लिया।

मौजूदा विधायक ही कर सकेंगे इसका इस्तेमाल: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा विधायक ही इस झंडी का इस्तेमाल अपने उन वाहनों पर कर सकेंगे, जो उनके नाम पर पंजीकृत हैं। यदि मौजूदा विधायक के पास अपने नाम से पंजीकृत कोई वाहन नहीं है, तो झंडी का इस्तेमाल निजी या किराए के वाहनों पर किया जा सकता है। झंडी के इस्तेमाल के लिए परिवहन आयुक्त की ओर से पत्र जारी किया जाएगा। यह पत्र हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने या मौजूदा विधायक के विधानसभा का सदस्य रहने तक वैध रहेगा।
पक्ष-विपक्ष सब खुश, लेकिन गाड़ी में विधायक नहीं होंगे तो झंडी कवर रहेगी

गाड़ी में यदि विधायक नहीं हैं और कोई दूसरा व्यक्ति गाड़ी लेकर जाता है तो उसे झंडी को कवर करना होगा।

झंडी के गलत इस्तेमाल और ऐसी दूसरी नकली झंडी बनाने पर संबंधित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।

भाजपा विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने कहा कि झंडी लगने से समय की बचत होगी।

जजपा विधायक देवेंद्र बबली बोले कि बिना पहचान के लिए कई बार विधायक के प्रॉटोकाॅल में दिक्कत आती है।

कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल का कहना है कि भाजपा सरकार को अब समझ आया है कि पहले झंडी लगाने वाले गलत नहीं थे।

सीधी बात (ज्ञानचंद गुप्ता, स्पीकर) अफसर झंडी लगा रहे, विधायक उनसे ऊपर
Q. विधायकों की गाड़ियों पर झंडी की जरूरत क्यों हुई।
A. अनेक विधायकों ने पहचान के लिए झंडी की बात रखी थी। उनका कहना था कि पहचान के बिना काफी दिक्कतें आती हैं।
Q. क्या झंडी से वीआईपी कल्चर को बढ़ावा नहीं मिलेगा।
A. ऐसा नहीं है। जो चुना हुआ व्यक्ति है, उसकी पोजिशन की पहचान होनी चाहिए। प्रोटोकॉल में विधायक सीएस से भी ऊपर है। जबकि सीएस से लेकर एसीएस और डीसी तक झंडी लगा रहे हैं।

Sunday, October 11, 2020

October 11, 2020

रोहतक:भाजपा की ट्रैक्टर यात्रा में कृषि विधेयकों के विरोध में किसानों ने दिखाए काले झंडे

भाजपा की ट्रैक्टर यात्रा में कृषि विधेयकों के विरोध में किसानों ने दिखाए काले झंडे

रोहतक : संसद में पास हुए कृषि विधेयकों के विरोध में किसानों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ भाजपा के नेता इस विधेयक के पक्ष में ट्रैक्टर यात्रा निकाल रहे हैं, दूसरी तरफ किसान इसका विरोध भी कर रहे हैं। ऐसा ही वाकया शनिवार को रोहतक में देखने को मिला। यहां डीघल से सांपला के बीच निकाली गई ट्रैक्टर यात्रा को किसानों ने काले झंडे दिखाए और विरोध में प्रदर्शन भी किया।

इस यात्रा में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़, रोहतक के सांसद डॉ. अरविंद शर्मा और पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर शामिल थे। डीघल से सांपला चौ छोटूराम संग्रहालय तक ट्रैक्टर यात्रा निकाली। इसी दौरान किसान संघर्ष समन्वय समिति की ओर से इस रैली को काले झंडे दिखाकर विरोध किया गया।

डीघल गांव के बस स्टैंड पर समिति के सदस्य व पदाधिकारी पहले से मौजूद थे जैसे यात्रा यहां से निकले सभी किसानों ने काले झंडे दिखाकर विरोध करना शुरू कर दिया। उन्होंने जमकर नारेबाजी भी की।
October 11, 2020

बरोदा उपचुनाव:सीएम का हुड्डा पर निशाना, ये तो अपने घर में चौधर लिए बैठे हैं, बापू-बेटा पहले लोकसभा चुनाव हार गए, राज्यसभा की बारी आई तो फिर कोई और नी मिला

बरोदा उपचुनाव:सीएम का हुड्डा पर निशाना, ये तो अपने घर में चौधर लिए बैठे हैं, बापू-बेटा पहले लोकसभा चुनाव हार गए, राज्यसभा की बारी आई तो फिर कोई और नी मिला

गोहाना : 3 नवंबर को होने वाले बरोदा उपचुनाव को लेकर हरियाणा के सभी राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। इसी के चलते हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर शनिवार को गोहाना पहुंचे। सीएम यहां प्रेसवार्ता करते हुए पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ये तो अपने घर में ही चौधर लिए बैठे हैं। बापू-बेटा पहले दो लोकसभा चुनाव हार गए और जब राज्यसभा की बारी आई तो पूरे हरियाणा में कोई और नेता नहीं मिला, फिर दीपेंद्र को राज्यसभा भेज दिया। सीएम ने कहा कि इनकी चौधर तो घर की है, जनता के लिए नहीं है।

भाजपा और जजपा का उम्मीदवार कौन होगा नहीं बोले सीएम

सीएम मनोहर लाल खट्टर से जब उम्मीदवार को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अभी उम्मीदवार का नाम तय नहीं किया गया है। जल्द इस पर फैसला किया जाएगा। वहीं चुनाव प्रचार कोरोना को ध्यान में रखकर किया जाएगा। सीएम ने कहा कि भाजपा और जजपा उम्मीदवार के नाम की घोषणा होते ही डोर टू डोर प्रचार करेंगी। करीब डेढ़ लाख लोगों से संपर्क किया जाएगा।

कांग्रेस पर साधा निशाना

सीएम ने कहा कि कांग्रेस के नेता अब भाजपा द्वारा की गई घोषणाओं पर सवाल उठा रहे हैं, जब उनके राज में उनके विधायक ने कुछ नहीं किया तो हमें तो करना ही था। विकास का काम अगर कांग्रेस करती तो हमें ये न करना पड़ता। हालत ये है कि बिल्डिंग बनाकर छोड़ दी और कॉलेज तक शुरू नहीं किए। हमने जो कहा वो किया।
October 11, 2020

डाटा कांड में बड़ा खुलासा:गांव के ही युवक को शराब पिलाई फिर मारकर जलाया, गर्लफ्रेंड की कार से पहुंचा छत्तीसगढ़

डाटा कांड में बड़ा खुलासा:गांव के ही युवक को शराब पिलाई फिर मारकर जलाया, गर्लफ्रेंड की कार से पहुंचा छत्तीसगढ़

हिसार : कारोबारी राममेहर की कार में जला व्यक्ति उसका ही जानकार रमलू निकला। 1.60 करोड़ रु. का बीमा क्लेम लेने के लिए राममेहर ने खुद को मरा घोषित करने के लिए रमलू को मार डाला। हत्या करने के बाद राममेहर ने अपनी कार को आग लगा दी। कार में रमलू का शव ड्राइवर के साथ वाली सीट पर था। यह खुलासा राममेहर ने पुलिस की पूछताछ में किया है। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से हांसी लाने के बाद पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे पूछताछ के लिए 7 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया।
हांसी के एसपी लोकेंद्र सिंह ने बताया कि कार में जला शव राममेहर के डाटा के युवक रमलू का था। राममेहर उसे शाम को गांव से लाया था। शाम से ही दोनों ने शराब पीना शुरू कर दिया। तीन जगह शराब पी। वारदात स्थल पर फिर शराब पी और राममेहर ने गला दबाकर रमलू को मार डाला। रमलू कार में उसके साथ वाली सीट पर बैठा था। रमलू को मारने के बाद राममेहर ने कार के फ्यूल टैंक से डीजल निकाला। डीजल निकालने के लिए वह पाइप साथ लाया था। कार स्टार्ट रख डीजल छिड़का और आग लगा दी।
वारदात के बाद वह पैदल ही ढाणी कुतुबपुर गया। वहां उसने एक कार खड़ी की हुई थी। उसमें दो साथियों को लेकर छत्तीसगढ़ के लिए निकल गया। ढाणी कुतुबपुर में उसका कोई पुराना कर्मचारी रहता है। बिलासपुर में वह परिचित के पास रुका। परिचित को बताया कि वह खेती करना चाहता है और जमीन खरीदने आया है। पुलिस ने आरोपी राममेहर पर हत्या समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है। रिमांड के दौरान राममेहर से बिलासपुर जाने के लिए इस्तेमाल कार, बरामद हुए मोबाइल नंबर, एटीएम कार्ड, घटना में अन्य किन-किन व्यक्तियों की संलिप्तता रही है, आदि के बारे में पूछताछ की जाएगी।

कबूलनामा: परिवार को झूठी सूचना दे वारदात कर खेतों के रास्ते निकल गया

मेरी आर्थिक स्थिति खराब है। एक से डेढ़ करोड़ रुपए के कर्ज में डूब गया। फैक्ट्री में नुकसान हो रहा था। कर्ज चुकाने के लिए पीएनबी और एचडीएफसी बैंक से पर्सनल लोन लिए। कुछ प्राइवेट लोगों से भी पैसा उठा रखा है। कर्ज में डूबने के बाद आत्महत्या करने के बारे में भी सोची। लेकिन जुलाई में बीमा पॉलिसी खरीदी और खुद को मरा घोषित कर बीमा क्लेम लेने का प्लान बनाया। 6 अक्टूबर को बैंक से 10.90 लाख रुपए निकलवाए। कुछ रकम एक महिला मित्र को दी। दूसरी महिला मित्र के बैंक खाते में पैसा ट्रांसफर किया। बाकी पैसे छिपा दिए। मैंने घरवालों को रात 11:30 बजे झूठी सूचना दी थी कि 2 बाइक व 1 गाड़ी महजद-भाटला रोड पर पीछे लगे हैं। मेरे को मारेंगे व पैसे छीनेंगे। रमलू की हत्या के बाद गाड़ी में अपनी पहचान के लिए लॉकेट डालकर कार को आग लगा दी। कार के जलने के बाद मैं मौके से खेतों के रास्ते पैदल चला। रास्ते में नए मोबाइल नंबर का प्रयोग करके अपने साथियों से सामान पैक करके तैयार रहने को कहा। ढाणी कुतुबपुर में पहले से कार खड़ी कर रखी थी। वहां से कार में अपने साथियों के साथ सवार होकर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर पहुंचा। वहां हांसी पुलिस ने मुझे काबू कर लिया। -जैसा आरोपी राममेहर ने पुलिस को पूछताछ में बताया

ढाणी कुतुबपुर में खड़ी कर रखी थी महिला मित्र की कार

एसपी ने बताया कि राममेहर ने ढाणी कुतुबपुर में जो कार खड़ी कर रखी थी, वह उसकी महिला मित्र के नाम पर है। कार में जो दो लोग उसके साथ छत्तीसगढ़ गए थे, उन्हें राममेहर द्वारा जघन्य घटना को अंजाम देने की जानकारी थी, ऐसा पुलिस की अभी तक की छानबीन में नहीं आया है। वारदात को अंजाम देने के बाद राममेहर नए नंबर से फोन कर रहा था। वह हांसी की महिला मित्र के संपर्क में था। पुलिस को उसी से राममेहर के बारे में सुराग लगा। महिला से पुलिस ने पूछताछ की है।

रमलू के 6 बच्चे हैं, शव का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा

28 वर्षीय रमलू बावरिया समाज से ताल्लुक रखता था। उसके तीन बेटे व 3 बेटियां हैं। रमलू की हत्या 6 अक्टूबर की रात को हुई। परिवार का कहना है कि रमलू डेरू बजाता था। वह कई-कई दिन बाहर रहता था। उसके लापता होने का शक नहीं हुआ, इसलिए पुलिस को काेई शिकायत नहीं दी थी। रमलू शराब पीने का आदी था। राममेहर भी शराब पीने का आदी था। इसलिए वह शराब के लालच में साथ चला गया होगा। शिनाख्त के लिए पुलिस शव का डीएनए टेस्ट कराएगी।

परिजन लेट क्यों आए, इस पर छानबीन जारी

राममेहर द्वारा हत्या कर शव जलाने के मामले में पुलिस गहन छानबीन कर रही है। अभी तक की छानबीन में परिवार के किसी सदस्य की संलिप्पता सामने नहीं आई है। परिजनों ने पुलिस को देर से क्यों सूचना दी और खुद क्यों देरी से वारदात स्थल पर पहुंचे, पुलिस इसकी छानबीन करेगी। छानबीन में पुलिस को किसी तरह की मिलीभगत के सबूत मिले तो कार्रवाई होगी। अभी तक सामने आया है कि राममेहर के पास घर, दुकान और फैक्ट्री के अलावा 13 एकड़ जमीन है।
October 11, 2020

कामकाजी महिलाओं के लिए खुशखबरी, 500 क्रेच खोले जाएंगे

कामकाजी महिलाओं के लिए खुशखबरी, 500 क्रेच खोले जाएंगे

चण्डीगढ़ : हरियाणा की महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा  ने कहा कि प्रदेश में कामकाजी महिलाओं की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए 500 क्रेच केन्द्र खोले जाएंगे। आज यहां जारी एक वक्तव्य में उन्होंने बताया कि यह योजना दो चरणों में पूरी की जाएगी, जिसके तहत प्रथम चरण में पहले से ही चल रहे 182 क्रेच केन्द्रों को सुदृढ़ व मूलभुत सुविधाएं प्रदान कर बेहतर तरीके से चलाने की योजना है।
इसी प्रकार, दूसरे चरण में शेष 318 नए क्रेच केन्द्र कामकाजी महिलाओं की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ऐसे स्थानों पर खोले जाएंगे, जहां पर ज्यादा संख्या में महिलाएं कार्य करती हैं। उन्होंने बताया कि क्रेच केन्द्रों के प्रशिक्षण, पाठय सामग्री तथा बेहतर संचालन के लिए भी समझौता भी किया जाएगा।

उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश अभी कोविड-19 संक्रमण काल से गुजर रहा है जिसके चलते सभी आंगनवाड़ी केन्द्र  बंद हैं तथा बच्चे इन केन्द्रों में आने में असमर्थ हैं। बच्चों के लिए आवंटित पूरक पोषण उनके घरों में उपलब्ध करवाया जा रहा है।
परंतु आंगनवाड़ी केन्द्रों के बंद होने के कारण बच्चों के लिए निर्धारित स्कूल पूर्व शिक्षा प्रभावित हुई हैं। इसी के मदेनजर विभाग ने निर्णय लिया है कि 3 से 6 साल तक के बच्चों के लिए विशेष वर्कशीट, विभिन्न प्रकार के रंग व अन्य सामग्री उनके घरों में ही उपलब्ध करवाई जाएगी।
मंत्री ढांडा ने बताया कि प्रत्येक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता उसके अधीन क्षेत्र में समय-समय पर बच्चों द्वारा इन वर्कशीटों पर किए कार्य का मूल्यांकन करेगी तथा उनके अभिभावकों को इस संबंध में जानकारी देगी ताकि वे घरों में बच्चों की अनौपचारिक शिक्षा पर ध्यान दें सकें।

Saturday, October 10, 2020

October 10, 2020

मोदी जी! धनखड़ तो आपकी भी नहीं सुनते:गोहाना में कार्यक्रम के दौरान 35 गुना 20 वर्गफीट के मंच पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष समेत 46 लोग हैं, लेकिन सिर्फ 2 ने ही सही से मास्क लगाया है।

मोदी जी! धनखड़ तो आपकी भी नहीं सुनते:गोहाना में कार्यक्रम के दौरान 35 गुना 20 वर्गफीट के मंच पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष समेत 46 लोग हैं, लेकिन सिर्फ 2 ने ही सही से मास्क लगाया है।

गोहाना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जन जागरुकता कार्यक्रम शुरू करते हुए कहा था कि जब तक कोरोना की दवा नहीं आ जाती, तब तक मास्क ही वैक्सीन है। पूरे देश से आह्वान किया था कि मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंस रखें, लेकिन ओमप्रकाश धनखड़ जब से हरियाणा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष बने हैं, वे सार्वजनिक कार्यक्रमों में न तो सही से मास्क पहनते हैं और न ही सोशल डिस्टेंस रख रहे।

प्रधानमंत्री की अपील के अगले दिन भी गोहाना में नियम तोड़ते दिखे। इस बारे में जब ओपी धनखड़ से हमने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर मुझे कोई बात नहीं करनी है।
झूठ के सहारे चल रही कांग्रेस की राजनीति : धनखड़
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष धनखड़ ने कृषि कानूनों को केंद्र सरकार का क्रांतिकारी कदम बताया। नए कानून में किसानों के लिए फसल बेचने को अन्य विकल्पों का प्रावधान किया है। कांग्रेस किसानों को गुमराह कर रही है। जब कांग्रेस सत्ता में थी तो स्वामीनाथन रिपोर्ट को दबाए रही। कांग्रेस की राजनीति झूठ के सहारे चल रही है। इसलिए सच को हारने नहीं देंगे।
October 10, 2020

बरोदा विधानसभा क्षेत्र से ग्राउंड रिपोर्ट:लोगों को उम्मीदवारों की तस्वीर साफ होने का इंतजार, उससे पहले गोहाना की जलेबी जैसी गोल-गोल घूम रही राजनीति

बरोदा विधानसभा क्षेत्र से ग्राउंड रिपोर्ट:लोगों को उम्मीदवारों की तस्वीर साफ होने का इंतजार, उससे पहले गोहाना की जलेबी जैसी गोल-गोल घूम रही राजनीति

गोहाना :  ठेठ ग्रामीण सीट बरोदा में उपचुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई, लेकिन अभी तक किसी भी पार्टी ने अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। इसके बावजूद इस सीट के 54 गांवों का हर घर अब चुनावी चर्चा की चौपाल बन गया है। हलके में कोई शहरी कस्बा नहीं है। इसलिए बरोदा में चुनाव होते हुए भी राजनीतिक अखाड़ा गोहाना बना हुआ है। सभी पार्टियों के कार्यक्रम गोहाना में हो रहे हैं और गांवों के किसान शहर की मंडी में तो खरीदार दुकानों पर बरोदा चुनाव की ही चर्चा कर रहे हैं।
गोहाना की जिस तरह से भूमिका नजर आ रही है, उससे लगता है कि गोहाना की मातुराम वाली जलेबी की भूमिका चुनाव में जरूर रहेगी। वोटरों को जलेबी का स्वाद चखने को मिलेगा। वैसे भी जब तक उम्मीदवारों का Wलान नहीं हो जाता, तब तक चुनावी राजनीति इस जलेबी की तरह ही गोल-गोल घूम रही है। हर पार्टी से दर्जनों ऐसे सफेद कुर्ते पायजामे वाले नेता घूम रहे हैं, जो कह रहे हैं कि चुनाव तो मैं ही लड़ूंगा।
मेरी टिकट बिल्कुल पक्की है, बस आप लोग साथ दे देना, लेकिन यहां के लोग अपना मन किसी भी तरफ का अभी नहीं बना पा रहे हैं। सभी का कहना है कि दुल्हन का मुंह देखे बिना कैसे तय कर लें कि कौन सही होगी और कौन गलत। इसलिए अभी हलके में मुद्दों से ज्यादा इसी बात की चर्चा है कि कौनसी पार्टी से कौनसा नेता मैदान में उतरेगा और कौन अंतिम मौके पर पलटी मार जाएगा।
यहां के मुद्दों की बात की जाए तो उन पर यहां के लोगों को हमेशा नेता घुमाते ही रहे हैं। खेती और नौकरी ही यहां रोजगार है। नहरी पानी, पेयजल, ग्रामीण विकास ही यहां लोगों से जुड़े मुद्दे हैं। हाल ही में सरकार ने उपचुनाव की घोषणा से पहले विश्वविद्यालय, आईएमटी, राइस मिल लगाने परियोजनाएं देकर विकास को हवा दी, लेकिन मुद्दों से ज्यादा चर्चा अब किसान अध्यादेशों पर दिख रही है। किसान नाखुश नजर आ रहे हैं। भाजपा नेता किसानों को इस मुद्दे पर समझाने के हर संभव प्रयास कर रहे हैं। गोहाना में शुक्रवार को इस मुद्दे पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने किसान धन्यवाद रैली भी की। शनिवार को खुद सीएम भी यहां आ रहे हैं।

ये हैं हलके के बड़े गांव

मुडलाना, शामड़ी, चिडाना, महमदपुर, गंगाना, जागसी, बुटाना, बरोदा, कथूरा, आहुलाना, भैंसवाल, कटवाल हलके के बड़े गांव है। हलके में मलिक खाप का भी प्रभाव है। वहीं नरवाल बहुल्य भी कई गांव हैं। इसके विभिन्न वर्ग के लोग अपनी वोट से प्रभाव डालते हैं।

गोहाना विस के 15 गांव बरोदा में शामिल

हरियाणा बनने के बाद वर्ष 1977 और 2009 में परिसीमन हुआ। 2005 तक बरोदा विधानसभा आरक्षित था। 2009 में विधानसभा सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित हुआ। परिसीमन में बरोदा विधानसभा से केवल सिवानामाल गांव को हटाया गया। यह गांव जींद जिला में आता था। जबकि बरोदा विधानसभा में गोहाना विधानसभा के 15 गांवों को शामिल किया था। इनमें एसपी माजरा, रभड़ा, बली ब्राह्मणान, कटवाल, आंवली, बिलबिलान, भैंसवाल, जसराना, रिवाड़ा, मोई हुड्डा, पुठी, भैंसवान खुर्द, माहरा और रूखी गांव शामिल हैं।

Thursday, October 8, 2020

October 08, 2020

खेल के बाद राजनीतिक पारी शुरुआत की तैयारी:बबीता फौगाट ने खेल विभाग के उप निदेशक पद से दिया इस्तीफा, भाजपा में होंगी सक्रिय, मुख्यमंत्री खट्‌टर से की मुलाकात

खेल के बाद राजनीतिक पारी शुरुआत की तैयारी:बबीता फौगाट ने खेल विभाग के उप निदेशक पद से दिया इस्तीफा, भाजपा में होंगी सक्रिय, मुख्यमंत्री खट्‌टर से की मुलाकात

चंडीगढ़ : अंतरराष्ट्रीय पहलवान बबीता फौगाट ने भाजपा के लिए एक साल में दूसरी बार सरकारी नौकरी छोड़ी है। उन्होंने करीब सवा दो माह पहले खेल विभाग में मिली डिप्टी डायरेक्टर की नौकरी से इस्तीफा दे दिया है। अब वे पार्टी के लिए काम करना चाहती हैं। माना जा रहा है कि संगठन में विस्तार होना है। ऐसे में उन्हें कोई पद भी मिल सकता है। बबीता ने पिछले साल सितंबर में विधानसभा चुनाव से पहले इंस्पेक्टर की नौकरी छोड़कर भाजपा जॉइन की थी।
चरखी दादरी से चुनाव मैदान में भी उतरीं, लेकिन हार गई थीं। इसके बाद लगातार पार्टी से जुड़ी रहीं। अगस्त में ही उन्हें खेल कोटे से खेल विभाग में डिप्टी डायरेक्टर की नौकरी दी गई। इससे भी बुधवार को इस्तीफा दे दिया। माना जा रहा है कि बबीता बिहार विधानसभा चुनाव के साथ बरोदा सीट पर होने वाले उपचुनाव में भी पार्टी का प्रचार करेंगी। बबीता का कहना है कि इस्तीफा किसी भी नाराजगी में नहीं दिया गया है।

बबीता फौगाट से भास्कर की बातचीत

Q. आपने इस्तीफा क्यों दिया है?
A. मैं लंबी सियासी पारी खेलते हुए पूरी तरह पार्टी के लिए काम करूंगी।
Q. जब नौकरी जॉइन की, तब ऐसा विचार नहीं आया?
A. अब विचार आया है।
Q. बिहार व बरोदा में प्रचार करेंगी?
A. मैं पार्टी की समर्पित कार्यकर्ता के रूप में काम करूंगी। जिसमें दोनों जगह के चुनाव भी शामिल हैं।
Q. क्या पार्टी बरोदा चुनाव लड़ाएगी?
A. पार्टी जो आदेश देगी, पालन करूंगी।
October 08, 2020

बरोदा उपचुनाव:रिश्तेदारियों में वोट खोजेगी भाजपा, बरोदा से सटे 4 जिलों के वर्करों से रिश्तेदारों का ब्योरा मांगा

बरोदा उपचुनाव:रिश्तेदारियों में वोट खोजेगी भाजपा, बरोदा से सटे 4 जिलों के वर्करों से रिश्तेदारों का ब्योरा मांगा

रोहतक : सत्ता पक्ष के लिए बरोदा उपचुनाव नाक का सवाल बनता जा रहा है। जीत के लिए भाजपा जातिगत समीकरणों के साथ वर्करों की रिश्तेदारियां खोज रही है। जींद उपचुनाव की तर्ज पर कार्यकर्ता बरोदा में रिश्तेदारियों के जरिए तैयारी में जुट गए हैं। वर्करों को रिश्तेदारी में जाकर अपने पक्ष में वोट डालने के लिए प्रेरित करने का पाठ पढ़ाया है।
वर्करों से पूछा जा रहा है कि उसकी रिश्तेदारी में कितने वोट हैं और कौन रिश्तेदार लगता है। इसका ब्योरा तैयार किया जाए। रिश्तेदारों के पड़ोसियों तक की सूची तैयार की जाए। रोहतक में बुधवार को भाजपा ने मंडल और जिला के प्रमुख कार्यकर्ताओं की बैठक ली। धनखड़ ने लिखित में वोट डलवाने के लिए सूची तैयार करने को कहा है।
जो वर्कर 100 वोट, 50 वोट, 25 वोट, 10 वोट या 5 वोट तक डलवाने की ताकत रखता हो, उसकी सूची हाईकमान को चाहिए। बरोदा से सटे 4 जिलों में सोनीपत, जींद, रोहतक शामिल हैं। अब रोहतक में बैठक के साथ कार्यक्रम पूरे कर लिए हैं। अब भाजपा 10 अक्टूबर को डीघल से सांपला तक किसान कानून को लेकर ट्रैक्टर रैली के बाद सीधे बरोदा उपचुनाव पर फोकस होगा।
नाराज सास की बहू की तरह मनोव्वल करनी होगी: धनखड़
रिश्तेदारियों की अहमियत बताते हुए धनखड़ ने कहा कि जब सास रुठी हो तो बहू की ओर से की जाने वाली मान-मनोव्वल ही सास के दुख को हर सकती है। रिश्तेदारियों के जरिए जितनी ताकत लगानी है लगा लियो, फिर दिल पर बोझ सहा नहीं जाएगा।
October 08, 2020

राजनीति:कांग्रेस से चुनाव लड़ने वालों की लाइन लंबी, अब तक 18 ने किया आवेदन, भाजपा ने 10 को सोनीपत में बुलाई बैठक

राजनीति:कांग्रेस से चुनाव लड़ने वालों की लाइन लंबी, अब तक 18 ने किया आवेदन, भाजपा ने 10 को सोनीपत में बुलाई बैठक

चंडीगढ़ : बरोदा उपचुनाव के लिए भाजपा ने 10 अक्टूबर को सोनीपत में चुनाव समिति की बैठक बुलाई है। इसमें प्रत्याशी को लेकर चर्चा होगी, जबकि दोपहर बाद प्रदेश कार्यकारिणी का ऐलान हो सकता है। वहीं, कांग्रेस में चुनाव लड़ने वालों की लाइन लंबी हो गई है। आवेदन की तारीख 6 से बढ़ाकर 8 कर दी है। अब तक 18 नेता चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुके हैं।
पिछले काफी दिनों से इस पर गहन मंथन चल रहा है। प्रदेश चुनाव समिति की बैठक प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ की अध्यक्षता में होगी। इसमें सीएम, रामबिलास शर्मा, कैप्टन अभिमन्यु, राव इंद्रजीत सिंह, कृष्णपाल गुर्जर, रतनलाल कटारिया समेत अन्य नेता मौजूद रहेंगे।
स्क्रीनिंग कमेटी की मुहर के बाद सोनिया गांधी तय करेंगी कौन होगा उम्मीदवार
बरोदा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर टिकट के लिए 18 कांग्रेस नेताओं द्वारा आवेदन किए हैं। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद कांग्रेस के हरियाणा मामलों के प्रभारी विवेक बंसल की अध्यक्षता में हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक होगी। आवेदन फार्मों की छंटनी करने के बाद संभावित उम्मीदवारों का पैनल तैयार किया जाएगा। स्क्रीनिंग कमेटी में मुहर लगने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में उम्मीदवार का नाम फाइनल होगा।

Saturday, October 3, 2020

October 03, 2020

हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज बोले, हाथरस की घटना बेहद ही चिंताजनक और घिनौनी है

हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज बोले, हाथरस की घटना बेहद ही चिंताजनक और घिनौनी है

चंडीगढ़ :  हरियाणा के गृहमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल विज का कहना है कि हाथरस की घटना बेहद ही चिंताजनक औऱ घिनौनी है, जो बर्दाश्त करने लायक नहीं है लेकिन इस पर सियासत करने वालों को बाज आना चाहिए।
हाथरस में घटना के बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए पहुंचने को हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कोरी राजनीति करार दिया है। विज ने पूरे मामले में सियासी ड्रामा करने पर राहुल गांधी को भी बड़ी नसीहत दी है। विज ने कहा कि ऐसी घिनौनी हरकत बर्दाश्त करने लायक नहीं, लेकिन इसका राजनीतिकरण करना शर्मनाक बात है। अनिल विज ने कहा कि बलात्कार की घटना चाहे उत्तर प्रदेश में हो जहाँ भाजपा की सरकार है या राजस्थान में जहाँ कांग्रेस की सरकार है , उसकी जितनी निंदा की जाए वो कम है।

विज ने राहुल गांधी को बड़ी नसीहत देते हुए कहा कि राहुल गाँधी को राजस्थान जाकर भी देखना चाहिए। अनिल विज ने आरोप लगाए कि ये कांग्रेस की कोरी राजनीति है जो लोगों के गले नहीं उतर रही। हाथरस मामले पर प्रियंका गांधी के सरकार के खिलाफ की टिप्पणी पर गृहमंत्री अनिल विज ने प्रियंका गांधी पर तंज कसते हुए पलटवार किया। विज ने कहा कि प्रियंका गांधी लुकिंग लंदन टॉकिंग टॉकियो वाली बात कर रही हैं। अब ये राजस्थान की सरकार को कह रही हैं या कौन सी सरकार को ये उनकी बात से स्पष्ट नहीं हो रहा।
फरीदाबाद घटना यह बोले 
हरियाणा के फरीदाबाद में भी 8 वर्षीय बच्ची के साथ हैवानियत की घटना सामने आई है। इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए गृह मंत्री अनिल विज ने कड़े शब्दों के कहा कि दोषी बख़्शा नहीं जाएगा और इसके मामले की जांच कर सख्त से सख्त कार्रवाई के आदेश भी अधिकारियों को दे दिए गए हैं।

 *प्रदर्शन करने का अधिकार सभी को है*

कृषि कानून मामले पर एनडीए से अलग हुए अकाली दल ने अमृतसर से लेकर चंडीगढ़ तक रोष प्रदर्शन कर चंडीगढ़ की सीमा पर देर रात तक प्रदर्शन किया। जिसके चलते एहतियात के तौर पर चंडीगढ़ आने-जाने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए गए थे। इस मामले पर हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने प्रदर्शन करने वालों पर भी प्रतिक्रिया दी। विज ने कहा कि प्रदर्शन करने का अधिकार सभी को है लेकिन ये ध्यान रखना बेहद जरुरी है कि उससे किसी को असुविधा न हो। विज ने कहा कि महामारी का दौर है ऐसे में कोई भी अपने मरीज को इधर से उधर ले जा रहा होता है।

*विपक्षी किसान के कंधे पर बंदूक रखकर चलाना चाह रहे हैं*

गृह मंत्री अनिल विज ने विपक्षी दलों पर किसान के कंधे का इस्तेमाल करने के आरोप लगाते हुए कहा कि किसान सारे खेल को समझ चुका है विपक्षी किसान के कंधे पर बंदूक रखकर चलाना चाह रहे हैं। विज ने कहा कि ये कुछ लोग है जो माहौल खराब करना चाहते हैं लेकिन किसान इनके बहकावे में नहीं आने वाले।

Friday, October 2, 2020

October 02, 2020

राजनीति:राहुल गांधी की ट्रैक्टर यात्रा 5 को पंजाब से गुहला-चीका में करेगी प्रदेश में प्रवेश, 7 को समालखा में होगा समापन

राजनीति:राहुल गांधी की ट्रैक्टर यात्रा 5 को पंजाब से गुहला-चीका में करेगी प्रदेश में प्रवेश, 7 को समालखा में होगा समापन

प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज राहुल गांधी की ट्रैक्टर यात्रा को हरियाणा में प्रवेश नहीं करने की बात कह रहे हैं। वहीं, दूसरी हरियाणा कांग्रेस ने यात्रा का समय और रूट लगभग तय कर दिया है। राहुल की यह यात्रा 5 अक्टूबर को हरियाणा में गुहला-चीका, पेहवा से प्रवेश करेगी। इसके बाद उन्हें प्रदेश कांग्रेसी सीधे उस पिपली कस्बे में लेकर जाएगी, जहां किसानों का आंदोलन हुआ था। वे तीन दिन हरियाणा में रहेंगे।

पिपली के बाद ट्रैक्टर यात्रा नेशनल हाइवे पर करनाल और पानीपत होकर समालखा पहुंचेगी। बरोदा चुनाव की वजह से सोनीपत में चुनाव आचार संहिता लागू होने से यात्रा का समापन समालखा में ही किया जाएगा। गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल और प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा के साथ सीनियर नेताओं ने दिल्ली में मीटिंग की और यह रूट चार्ज फाइनल किया।

सूत्रों का कहना है कि अब कांग्रेस इस यात्रा में अपनी ताकत का प्रदर्शन भी करेगी। इसे सफल बाने के लिए 3 अक्टूबर को एक बार फिर मीटिंग करेगी, जिसमें उन क्षेत्र के सीनियर नेताओं को भी बुलाया जाएगा, जहां से राहुल गाधी की यात्रा गुजरेगी। गृह मंत्री के बयान पर सैलजा ने कहा कि उन्हें किस बात का डर है। राहुल गांधी के साथ यूपी भी बुरा बर्ताव हुआ है। यह लोकतंत्र है। विपक्ष की जिम्मेदारी है जनता की आवाज उठाना। मीटिंग में प्रभारी विवेक बंसल, नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा, पूर्व नेता प्रतिपक्ष किरण चौधरी, राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्‌डा और पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव मौजूद रहेंगे।

विज के बाद धनखड़ बोले- राहुल को नहीं आने देंगे

गृहमंत्री विज के बाद धनखड़ ने कहा कि राहुल गांधी प्रदेश में माहौल खराब करने के लिए आना चाहते हैं। यदि वह केंद्र सरकार की तरह किसानों को साढ़े 12 हजार करोड़ देने आते तो उनका स्वागत होता लेकिन कांग्रेस झूठा संघर्ष कर माहौल खराब करने आना चाहते हैं, इसे लेकर राहुल को हरियाणा में एंट्री नहीं करने देंगे। एमएसपी पर ही खरीद होगी। तीन अध्यादेशों को लेकर कांग्रेस झूठा संघर्ष कर रही है। उसका झूठ नहीं चलने देंगे। कहा कि सभी मंडलाध्यक्ष किसानों व जनता के बीच जाकर इन अध्यादेशों की खूबियां बताएंगे। इन मुद्दों पर भाजपा कार्यकर्ता मजबूती से जनता के बीच सरकार का पक्ष रखेंगे।

Wednesday, September 30, 2020

September 30, 2020

उपचुनाव के लिए तारीख की घोषणा:बरोदा में 3 नवंबर को वोटिंग

उपचुनाव के लिए तारीख की घोषणा:बरोदा में 3 नवंबर को वोटिंग, 10 को नतीजे भाजपा-जजपा सरकार की पहली बड़ी परीक्षा, कांग्रेस विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा के निधन के बाद खाली हुई सीट

सीएम को 3 बजे विकास कार्यों का उद‌्घाटन व शिलान्यास करना था, इससे पहले ही चुनाव की घोषणा हो गई, शिलापट्‌ट उठाकर गाड़ियों में ले जाने पड़े

12 राज्यों में खाली पड़ी 56 विधानसभा व एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव की तारीख घोषित दिवाली से 4 दिन पहले बरोदा को नया विधायक मिलेगा

कोराेना महामारी के बीच चुनाव आयोग ने 12 राज्यों में खाली पड़ी 56 विधानसभा व एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव की तारीख घोषित कर दी है। इनमें हरियाणा के सोनीपत जिले की बरोदा सीट भी है। बरोदा सीट के लिए 3 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। 10 नवंबर को नतीजे घोषित होंगे। यानी दिवाली से 4 दिन पहले बरोदा को नया विधायक मिलेगा। 27 अक्टूबर को जहां भाजपा-जजपा की गठबंधन सरकार का एक साल पूरा हो रहा है।

वहीं इसी दौरान चुनाव भी आ गया है। ऐसे में सभी दल जीत के लिए पूरा जोर लगाएंगे। हरियाणा में अभी तक 47 विधानसभा उपचुनाव हुए हैं। सबसे पहला उपचुनाव संयुक्त पंजाब में डबवाली सीट पर 1952 में हुआ था। बरोदा मेें पहली बार उपचुनाव हो रहा है। 13 अप्रैल को श्रीकृष्ण हुड्डा के निधन के कारण यह सीट खाली हुई थी। बरोदा विधानसभा में 178250 मतदाता हैं। यहां 94 हजार जाट वोटर, अन्य जनरल 21 हजार, बीसी 25 हजार और एससी 29 हजार के करीब हैं। बरोदा ग्रामीण क्षेत्र की जाट बाहुल्य सीट है।

ये रहेगा चुनावी शेड्यूल

9 अक्टूबर को नोटिफिकेशन
16 अक्टूबर तक नामांकन
17 को नामांकन की छंटनी
19 तक नामांकन वापसी
3 नवंबर को वोटिंग होगी
10 नवंबर को चुनाव नतीजे
पिछले चुनाव की स्थिति

कुल वोट पोल हुए - 122797

योगेश्वर दत्त, भाजपा- 37726

श्रीकृष्ण हुड्‌डा, कांग्रेस- 42566

भूपेंद्र मलिक, जजपा- 32480

मुख्य पार्टियों की तैयारी


कांग्रेस: प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि सबकी सहमति से प्रत्याशी उतारेंगे। आवेदन मांगे गए हैं। 30 को दिल्ली में बैठक होगी।

भाजपा-जजपा: भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ ने मंगलवार को ही बैठक की। गृह मंत्री अनिल विज बोले, 'भाजपा-जजपा साथ मिलकर लड़ेगी।

1 सीट के किसके लिए क्या मायने


भाजपा: भाजपा के पास 90 में से 40 सीट हैं। जजपा व निर्दलीयों के समर्थन से सरकार चल रही है। भाजपा यह उपचुनाव जीत लेती है तो एक विधायक बढ़ने से सरकार में स्थिरता आएगी और जजपा पर निर्भरता कुछ कम होगी। साथ ही बरोदा में पहली बार खाता खुलेगा।

कांग्रेस: लंबे समय से यह सीट कांग्रेस के पास है। कांग्रेस हारती है तो उसके लिए बड़ा झटका होगा। अगर जीतती है तो 31 विधायकों की संख्या बरकरार रहेगी। वह भाजपा-जजपा की गठबंधन सरकार पर दबाव बनाने में भी कामयाब रहेगी।

जजपा: जननायक जनता पार्टी के 10 विधायक हैं। जजपा चुनाव लड़ती है और जीत जाती है तो सरकार में दखल बढ़ सकेगा।य

इनेलो: अभय चौटाला पार्टी के इकलौते विधायक हैं। इनेलो जीतती है तो नए सिरे से पार्टी को खड़ा करने की दिशा में कदम तेजी से बढ़ाएगी।

Monday, September 28, 2020

September 28, 2020

कल हरियाणा राजभवन तक पैदल मार्च निकालेगी कांग्रेस, आगे ये रहेंगे शेड‍्यूल

कल हरियाणा राजभवन तक पैदल मार्च निकालेगी कांग्रेस, आगे ये रहेंगे शेड‍्यूल

चंडीगढ़ :  प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मोदी सरकार के किसानों, आढ़तियों और मज़दूरों को बर्बाद करने वाले तीन काले कानूनों के विरूद्ध राज्यव्यापी विरोध व्यक्त करने का निर्णय किया है।
चंडीगढ़ में हरियाणा कांग्रेस के केन्द्रीय प्रभारी विवेक बंसल, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षा सैलजा, पूर्व मुख्यमंत्री तथा विपक्ष के नेता चौ. भूपेन्द्र हुड्डा, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला तथा सचिव आशीष दुआ द्वारा एक संयुक्त पत्रकार सम्मेलन में यह जानकारी दी गई।
विवेक बंसल ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस द्वारा 28 सितंबर को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नेतृत्व में एक पैदल मार्च प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से हरियाणा राज भवन तक जायेगा जो हरियाणा के राज्यपाल को महामहिम राष्ट्रपति के लिए एक ज्ञापन देकर इन तीन काले कानूनों को निरस्त करने की मांग करेगा।

उन्होंने बताया कि 2 अक्तूबर को राज्य के प्रत्येक विधान सभा व जिला मुख्यालय पर हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा किसान-मज़दूर बचाओ दिवस के रूप में मनाया जायेगा। इसी प्रकार 10 अक्तूबर को राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा और 2 अक्तूबर से 31 अक्तूबर तक इन काले कानूनों के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाया जायेगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपनी अध्यक्षा सोनिया गांधी और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरी तरह एकजुट होकर किसानों के हितों की रक्षा के लिए उनके साथ खड़ी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षा सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार ने काले कानूनों के जरिए हमारे देश के किसान, मजदूर और आढ़तियों पर एक क्रूर हमला किया है।

भाजपा सरकार द्वारा संसद में यह बिल लोकतंत्र की हत्या करके पास करवाये गए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने और स्वामीनाथन कमेटी के सिफारिशों के अनुसार कृषि उत्पाद की कीमतें देने में पूर्णतया असफल रही है और अब इन काले कानूनों द्वारा किसानों, मज़दूरों और आढ़तियों को पूरी तरह बर्बाद करने की ठान ली है।
उन्होंने कहा कि कॉंट्रेक्ट फार्मिंग लागू होने से छोटे किसान अपने ही खेतों में मजदूर बन कर रह जायेगा और उनका जीना दुभर हो जायेगा। कृषि उपज का कम से कम सुनिश्चित मूल्य न मिलने के कारण कृषि आर्थिकता बिल्कुल तबाह हो जायेगी।
उन्होंने कहा कि किसानों को कपास, मक्का और धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है और किसान अपनी उपज को औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर हो गया है। उन्होंने कहा कि नई फसलें पहली सितंबर से मंडियों में आनी शुरू हो गई हैं परंतु सरकारी खरीद पहली अक्तूबर से शुरू होगी जिसके फलस्वरूप किसानों को एक-तिहाई कम कीमत पर अपनी उपज बेचनी पड़ रही है।

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षा ने कहा कि किसान भाजपा की गलत नीतियों के कारण दुखी हो कर आंदोलन कर रहे हैं और कांग्रेस पार्टी किसानों के इस आंदोलन में उनके साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ी है और किसानों के हक में हमारा यह आंदोलन निरंतर जारी रहेगा। उन्होंने गेंहू के न्यूनतम मूल्य में 50 रूपए की वृद्धि को किसानों के साथ एक क्रूर मजाक बताया।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार यह बहाना बना रही है कि उनके पास अनाज के भंडार बहुत हैं और इसलिए सरकारी खरीद एक सीमित हद तक की जायेगी। प्रश्न उठता है कि जब सरकारी खरीद नहीं होगी तो भंडार समाप्त होने के बाद सार्वजनिक वितरण प्रणाली द्वारा गरीब लोगों को अनाज कहां से दिया जाएगा।

इस अवसर पर बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री चौ. भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की जोरदार मांग यह है कि भाजपा सरकार एक और कानून बनाकर यह व्यवस्था सुनिश्चित करे कि किसान को हर हालत में उसकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य अवश्य मिलेगा। उन्होंने आंकड़े देकर बताया कि कांग्रेस सरकार ने कृषि मंडी उपज कानून को और व्यापक बनाने का प्रस्ताव किया था और इसकी सिफारिश कार्यकारी ग्रुप ने अपनी रिपोर्ट में की थी। दुख की बात यह है कि भाजपा सरकार इस रिपोर्ट को बिल्कुल नकार रही है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री होते हुए कृषि मंडी व्यवस्था और व्यापक तथा सुदृढ़ बनाने की वकालत की थी परंतु अब मोदी जी स्वंय ही मंडियों को खत्म करने का कानून बना रहे हैं।

उन्होनें कहा कि मोदी सरकार ने अपनी गलत नीतियों से दुकानदार खत्म कर दिए, मजदूरों को तबाह कर दिया और अब किसानों को पूर्णतया समाप्त करने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि जब मंडियां ही खत्म हो जायेंगी तो न्यूनतम समर्थन मूल्य कौन दिला पायेगा और छोटे किसान अपनी उपज दूर-दराज के क्षेत्रों में कैसे भेज पायेंगे।
उन्होंने कहा कि देश में साढ़े पंद्रह करोड़ किसान हैं जब भाजपा सरकार 42 हजार किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उपज नहीं खरीद पा रही तो देश के सारे किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य कैसे दे पायेगी। उन्होंने कहा कि 25 लाख करोड़ का अनाज का कारोबार है और सरकार उसे माफिया के हवाले करने पर तुली हुई है। 86 प्रतिशत से अधिक किसान दो एकड़ भूमि या इससे कम के मालिक हैं, मंडियों से बाहर उपज बेचने की उनकी क्षमता नहीं है।
September 28, 2020

BJP प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ ने क्यों कहा कि पार्टी में काम देखा जाता है ना कि लॉबिंग

BJP प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ ने क्यों कहा कि पार्टी में काम देखा जाता है ना कि लॉबिंग

चंडीगढ़ :  भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़  का कहना है कि भाजपा में लॉबिंग नहीं बल्कि् काम देखा जाता है। उन्होंने कहा कि हमेशा ही पार्टी हाईकमान ने बिना मांगे बहुत कुछ दिया है ।
प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनकर पंचकूला में भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों के साथ रूबरू हो रहे थे। उनके साथ में हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने मुलाकात की इसके अलावा पूर्व विधायक लतिका शर्मा, भारतीय जनता पार्टी की नेत्री और सांसद रतनलाल कटारिया की धर्मपत्नी बर्नतों कटारिया डॉक्टर संजय शर्मा, संजय आहूजा, हरेंद्र मलिक के अलावा प्रवीण आत्रे, तरुण भंडारी दीपक शर्मा योगेंद्र शर्मा और पंचकूला के जिला अध्यक्ष ने मुलाकात  की।

ओमप्रकाश धनखड़ ने इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भाजपा में आने से पहले उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में रहकर बहुत कुछ सीखा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और एबीवीपी ने युवाओं में देश को लेकर जो भावनाएं भरी हैं उसका फायदा राष्ट्र को मिलेगा।
उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का धन्यवाद करते हुए कहा कि नड्डा के साथ उन्होंने लंबे समय तक काम किया है। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा में किसी को पद के लिए लॉबिंग करने की जरूरत नहीं है बल्कि पार्टी जब नियुक्ति करती है, तो काफी कम लोगों को पता होता है। ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि पार्टी संगठन को मजबूत करने और कार्यकारिणी के गठन जैसे कार्यों को करने की प्रक्रिया जारी है इस दिशा में आए दिन कदम उठा रहे हैं।