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Saturday, May 2, 2020

May 02, 2020

लॉकडाउन के दौरान कर्मचारीओ को वेतन पूरा मिलना चाहिय या 50 % - आपकी क्या राय है ?

लॉकडाउन के दौरान कर्मचारीओ को वेतन पूरा मिलना चाहिय या 50 % - इस विषय पर उद्योगों के संगठन सुप्रीम कोर्ट भी गये है | इसी संदर्भ मे लेखक ने निजी विचार व्यक्त किये है जो निजी कम्पनी से 23 साल से काम रहे , इन्होने यह लेख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह को भी भेजे है, आपसे भी इस विचारो को पढ़िए और राय दीजिए आखिर क्या होना चाहिय ताकि कर्मचारी और व्यापारी मे ताल मेल बना रहे -
गृहमंत्रालय (एमएचए) के आदेश दिनांक 29.03.2020, स्थापना के लॉकडाउन के कारण बंद की वजह से अनुपस्थित के कारणकर्मचारियों को वेतन में बिना कटौती भुगतान करने के संदर्भ में 

 श्रीमान जी,  
गृहमंत्रालय (एमएचए) आदेश  दिनांक 29.03.2020 के खंड (iii) केअनुसार, "सभी नियोक्ता उद्योग, दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में हों, अपने श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान, उनके कार्य स्थान पर, नियत तिथि पर, बिना किसी कटौती के करेंगे, जिस अवधि के दौरान उनके प्रतिष्ठान लॉकडाउन के दौरान बंद हैं ” इसके संदर्भ में दिनांक 31 मार्च 2020 को गृहमंत्रालय (एमएचए) केआदेश दिनांक 29.03.2020 की समीक्षा करने के लिए ट्विटर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी तथा ग्रह मंत्रीअमित शाह जी से अनुरोध किया था ! COVID 19 के कारण तथा अन्य कारणों से अर्थव्यवस्था धीमा है, और सभी उद्योग अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अपने कर्मचारियों को पूरी मजदूरी देना संकट के समय मुमकिन तथा उचित नहीं है जहां उद्योग अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैंइसके अलावा कर्मचारी / श्रमिकों अपने मूल स्थान पर जा रहे है क्योंकि वे जानते हैं कि उन्हें काम किए बिना पूरी मजदूरी मिल जाएगी, कर्मचारी उन उद्योगों में अपनी नौकरी में भाग नहीं ले रहे हैं जो लॉकडाउन अवधि के दौरान चल रहे हैं, जो गैर- को जन्म देते हैं। श्रम की उपलब्धता। कर्मचारियों को पूर्ण वेतन देने से वित्तीय संकट और श्रमकर्मचारी / श्रमिकों की अनुपलब्धता के कारण उद्योगों को स्थायी रूप से बंद कर दिया जाएगा, जिससे पूरे देश में बेरोजगारी उत्पन्न होगी जिसके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था का पतन होगा।  औद्योगिक संगठन के एसोसिएशन ने गृहमंत्रालय (एमएचए) के आदेश दिनांक 29.03.2020 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्रीय सरकार को नोटिस जारी किया है और दो सप्ताह में जवाब देना है। यह स्थिति को और अधिक नाजुक बना देगा क्योंकि नियोक्ता कर्मचारियों को मजदूरी का भुगतान करने में सक्षम नहीं हैं, कई संगठनों ने भी मार्च 2020 के महीने के लिए पूर्ण वेतन का भुगतान नहीं किया है! और बिना किसी उत्पादकता के पूर्ण मजदूरी भुगतान उचित नहीं है, नियोक्ताओं द्वारा यह लॉकडाउन वित्तीय संकट के कारण स्थायी रूप से हो सकता है यदि यह लॉकडाउन नियोक्ताओं द्वारा स्थायी रूप से होगया तो क्याहोगा? एक कहानी है, मुर्गी से रोज एक अंडा मिलता है और मुर्गी का गला कभी नहीं काटता।  यदि मजदूरी भुगतान उद्योगों द्वारा किया जाता है जो वर्तमान स्थिति में संभव नहीं है, तो उद्योग स्थायी रूप से बंद हो जाएंगे और यदि कर्मचारियों को मजदूरी नहीं दी जाती है, तो कर्मचारियों को परेशानी होगी इसलिए तालाडाउन अवधि के लिए कर्मचारियों को वेतन @ 50% करने के आदेश करना बेहतर है।  कर्मचारी संघ अपनी आवाज भी उठाए गा यदि कोई निर्णय उनके खिलाफ आता है कर्मचारियों को मजदूरी नहीं दी जाती है, और संगठनों में काम करने के लिए भुगतान किए बिना प्रवासी श्रमिक काम पर नहीं लौटेंगे। इसके अलावा, कर्मचारियों को वेतन नहीं देने के कारण संगठनों में औद्योगिक संबंध (आईआर) मुद्दे होंगे जो देश की उत्पादकता को प्रभावित करेंगे। इसके अलावा, आईडीअधिनियम, 1947 की धारा 2KKK के अनुसार, छंटनी का प्रावधानहै, जो प्राकृतिक आपदा या अन्यथा के कारण रोजगार प्रदान करने में असमर्थता के कारण अपने कर्मचारियों को @ 50% वेतन बनाने की शर्त रखता है। उपरोक्त सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए,  आपसे अनुरोध है कि गृहमंत्रालय (एमएचए) के आदेश दिनांक 29.03.2020 की समीक्षा करें और अप्रैल 2020  के महीने के लिए मजदूरी 50%  करने के लिए तुरंत संशोधित आदेश जारी करें !
सादर,
डॉक्टर आकाश तंवर 
(लेखक 23 वर्ष के अनुभव के साथ निजी कम्पनी मे कॉर्पोरेट मानव संसाधन पेशेवर है)

यदि आप लेखक, कवि या साहित्यकार है तो हमसे जुड़ने के लिए  हमे ईमेल करे hr@haryanabulletinnews.com 

Friday, May 1, 2020

May 01, 2020

कोरोना संक्रमण के बीच सरकारी नौकरियो के बारे सोशल मीडिया में अफवाहों को पंख, आओ जागरूक बने

स्पेशल स्टोरी (नेहा)- प्रदेश में सोशल मीडिया पर फैल रहीं तरह तरह की अफवाहें भी नया सिरदर्द पैदा कर रही हैं, क्योकि कईं मामलों में खुद सीएम ने खंडन किया है। लेकिन फील्ड में सोशल मीडिया पर कई तरह के लेटर घूम रहे हैं जो वित्त विभाग ने जारी ही नहीं किए हैं। ऐसे मे जरुरी है आप जागरूक बने व अफवाहों से खुद भी बचे और अपने मित्र- प्यारे, रिश्तेदारों को भी बचाए |

सीएम के टिवीटर अकाउंट पर सैलरी समय पर देने का वायदा
हरियाणा प्रदेश के सीएम मनोहरलाल के टिवीटर एकाउंट (सीएमओ) पर साफ साफ लिखा गया है कि कर्मचारियों व अधिकारियों का वेतन तय समय पर जारी कर दिया जाएगा। मार्च का वेतन भी हमारी ओऱ से समय पर दिया गया है, इसी तरह से अप्रैल का भुगतान भी समय पर करेंगे। 



कब मिलेगी कर्मचारियो की सैलरी-
सोशल मीडिया पर वोरल हो रहे अधिकांश पत्र सरकारी कर्मचारियो से सम्बन्धित है जिनमे कर्मचारियो के वेतन देने की दिनांक का दावा किया जा रहा है या  वेतन बिलो से सम्बन्धित तरह तरह के लेटर जा हो रहे है, जिनमे से अधिकतर अधिकारिक वेबसाइट पर तो उपलब्ध नही है लेकिन दावा किया जा रहा कि ये असल ख़ुफ़िया जानकारी है जो गलती से लिक हो गये है |

विभागीय स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए-
लेकिन आज तक हरियाणा राज्य वित्त विभाग की ओऱ से सोशल मीडिया में वायरल होने वाले इस तरह के पत्रों के बारे में स्थिति साफ नहीं की गयी है। इस संबंध में वित्त विभाग को भी अपना स्टैंड जारी कर  अधिकारिक वेबसाइट पर डालना चाहिए। जैसे पिछले दिनों अग्रिम मोर्चे के योद्धाओं में शामिल हरियाणा पुलिस को लेकर भी कईं तरह की सूचनाएं सोशल मीडिया में वायरल हो गई थी और अफवाहों को पंख लग गए थे। जिसमें सीएम व पीएम रिलीफ फंड के नाम पर उनका वेतन काट दिए जाने जैसी सूचनाएं भी शामिल थी। जिनके बारे डीजीपी हरियाणा व सीएम ने खुद साफ कर दिया था कि स्वेच्छा से ही कर्मियों द्वारा दी जाने वाली राशि ली जाएगी, जबरन कटौती किसी के साथ में नहीं होगी। 
जागरूक बने, अफवाहों से बचे
हरियाणा बुलेटिन न्यूज़ अपील करता है कि यदि आपके पास किसी भी तरह का पत्र किसी भी सोशल मीडिया के माद्यम से आता है तो उसको आगे भेजने से पहले अधिकारिक वेबसाइट के माद्यम से वेरीफाई कर ले, क्योकि अगर ये अफवाह होती है आप के खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही भी हो सकती है | इस लिए जागरूक बने अफवाहों से बचे और अपनों को बचाए|
May 01, 2020

लॉकडाउन में देश के अलग अलग हिस्सों मे फंसे प्रवासी मजदुर, छात्र व व्यापारीओ के लिय खुशखबरी,पहली स्पेशल ट्रेन -1200 मजदूरों को लेकर तेलंगाना से झारखंड हुई रवाना

(मनवीर)नई दिल्ली, 1 मई। मजदुर दिवस पर अच्छी पहल व बड़ी खुशखबरी चली तेलंगाना से झारखंड स्पेशल ट्रेन रवाना हुई | देश मे 22 मार्च को जनता कर्फु के बाद से प्रदेश व देश मे लगातार लॉकडाउन जारी है, जिससे देश के अलग अलग हिस्सों मे प्रवासी मजदुर, छात्र व व्यापारी फंसे हुए थे | हलाकि पुरे देश के अलग अलग हिस्सों मे अफवाहों के चलते देश के कई हिस्सों मे भीड़ जमा हो गई थी तो कई जगह लोग सैकड़ो किलोमीटर पैदल अपने प्रदेश व घर पहुचे | प्रदेश के कई हिस्सों से प्रवासी मजदूरो द्वारा भार वाहक वाहनों से गैर कानूनी तरीके से अपने प्रदेश को जाते हुए मिले | पिछले दिनों केंद्र सरकार ने प्रदेशो को निर्देश दिए | जिसके बाद आज कोरोना वायरस में लॉकडाउन की वजह से देश के अलग अलग हिस्सों मे फंसे प्रवासी मजदूर और छात्रों के खुशखबरी आई और रेलवे ने पहली स्पेशल ट्रेन खोल दी है।


जिसमे लॉकडाउन में फंसे 1200 लोगों को लेकर तेलंगाना से झारखंड के लिए पहली स्पेशल ट्रेन आज यानी शुक्रवार को रवाना हो गई। बता दें कि लॉकडाउन में फंसे मजदूरों के लिए यह किसी बड़े राहत से कम नहीं है। हालांकि, आगे और कितनी ऐसी ट्रेनें चलेंगी, अभी इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।
लॉकडाउन मे देश के अलग अलग हिस्सों मे फंसे लोगो से हरियाणा बुलेटिन न्यूज़ की अपील' "आप जहा भी है अपने जिला प्रसाशन से सम्पर्क मे रहे व अपने प्रदेश जाने के लिए लिखित आवेदन करे ताकि आपके अनुसार जिला प्रसाशन प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार के साथ समन्वय स्थापित कर उचित व्यवस्था कर सके " 


May 01, 2020

राम रहीम ने कोविड -19 राहत कोष में करोड़ रुपए देने की पेशकश की, हाईकोर्ट ने लगाए चाहत पर ब्रेक

(मनोज) चंडीगढ़- डेरा सच्चा-सौदा मुखी गुरमीत सिंह राम-रहीम ने डेरे के फ्रिज किए बैंक खातों से कोरोना कोवीड-19 वायरस के चलते प्रधानमंत्री केयर फंड कोष में 2 करोड़ सहित पंजाब सी.एम. कोवीड रिलीफ फंड और हरियाणा कवीड रिलीफ फंड में एक-एक करोड़ दिए जाने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर हाई कोर्ट ने सुनवाई से इंकार कर दिया है।


डेरा मुखी ने इसके लिए अपने फ्रिज किए बैंक खातों को खोले जाने की मांग की थी डेरा मुखी ने इस मांग को लेकर याचिका दायर कर इस पर सुनवाई किए जाने की मांग की थी । कोरोना के चलते इस समय हाई कोर्ट में सिर्फ बेहद अर्जेन्ट केसों पर सुनवाई हो रही है । याचिका पर सुनवाई से पहले उसकी मेंशनिंग करनी पड़ती है इसके स्वीकार किए जाने के बाद ही याचिका सुनवाई के लिए सम्बंधित बेंच के समक्ष भेजी जाती है। यह याचिका की जब मेंशनिंग कर इस पर अर्जेन्ट सुनवाई की मांग की गई तो इस मांग को अस्वीकार कर दिया गया जिसके चलते इस याचिका पर सुनवाई ही नहीं हो पाई है। 


गौरतलब है कि इस पुरे मामले को लेकर हाई कोर्ट के तीन जजों की फुल बेंच जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है 2017 में डेरा मुखी को पंचकूला की सी.बी.आई. कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद हुए दंगों के बाद हाई कोर्ट ने डेरे की जांच की आदेश दिए थे और डेरे के सभी खातों को फ्रिज कर दिया था । अब डेरा मुखी ने हाई कोर्ट में अर्जी दायर कर कहा था कि वह अपने खातों से प्रधानमंत्री केयर फंड कोष में 2 करोड़ सहित पंजाब सी.एम. कोवीड रिलीफ फंड और हरियाणा कवीड रिलीफ फंड में एक-एक करोड़ रूपए देना चाहता है लेकिन बैंक खातों के फ्रिज होने के चलते वह नहीं दे सकता। लिहाजा यह राशि जारी किए जाने की उसे इजाजत दी जाए। इस अर्जी पर सुनवाई से हाई कोर्ट ने फ़िलहाल इंकार कर दिया है।

May 01, 2020

औद्योगिक इकाइयां खोलने को जारी की शर्तें, शर्तो के साथ मिलेगा खोलने का पास

(मनवीर)यदि आपकी औद्योगिक इकाइय या व्यवसायिक प्रतिष्ठान है तो ये खबर आपके ;लिए है , यदि आप अपने प्रतिष्ठान को खोलने की अनुमति लेना चाहते है तो अब आपको अनुमति मिल जाएगी, लेकिन कुछ शर्तें पूरी करने के बाद ही आपका पास बन पाएगा। अब केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के तहत राज्य सरकार ने विभिन्न औद्योगिक इकाइयों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को खोलने के लिए ऑनलाइन अनुमति देनी शरू कर दी है। इसके लिए उद्यमी को अपने वर्क प्लेस, फैक्टरी और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में कई तरह की शर्तों को पूरा करना पड़ेगा। जिसके बारे मे विस्तार से आपको जानकारी दी जा रही है
जरुर पढ़े-हरियाणा- दिल्ली सीमाएं सील होने का मुद्दा गरमाया
इन शर्तों को पूरा करने की स्वीकृति भरते हुए इनसे संबंधित प्रमाण और दस्तावेज सरल हरियाणा (https://saralharyana.gov.in/) अथवा कोविडपास ई गवर्नमेंट https://covidpass.egovernments.org संबंधी वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। कंटेनमेंट जोन के भीतर और बाहर इन व्यवसायिक गतिविधियों को अनुमति देने के बाद इस पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस के मुताबिक सख्ती से निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए संबंधित उद्यमी और व्यवसायी को एक सेल्फ डिक्लेरेशन भी देना होगा। जिसमें वह अपनी औद्योगिक इकाई, व्यवसाय व कारोबार की जानकारी देते हुए यह स्वीकार करेगा कि कोविड-19 से संबंधित  सरकारी और प्रशासनिक आदेशों, निर्देशों का पालन वे अपनी औद्योगिक इकाई और वर्कप्लेस पर करेगा। साथ ही जिन शर्तों को पूरा करने का दावा और प्रमाण आवेदक कर रहा है, उसमें यदि कुछ भी झूठ पाया गया तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 188 अन्य श्रम कानूनों के तहत कार्रवाई भी होगी।
25 से 200 वर्कर वाली इंडस्ट्री को अनुमति के लिए तीन कमेटियां
औद्योगिक एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को अनुमति पास जारी करने और उनकी स्क्रूटिनी के लिए ब्लॉक, टाउन और सिटी लेवल पर तीन कमेटियां बनाई गई हैं। ग्रामीण  एरिया  के जिन प्रतिष्ठानों में 25 कर्मचारी काम करते हैं, वहां अनुमति पास संबंधित एरिया के एसडीएम, डीएसपी, बीडीपीओ और असिस्टेंट लेबर कमिश्नर की सदस्यता वाली कमेटी करेगी। ग्रामीण और अर्बन एरिया जहां 25 से 200 कर्मचारी काम करते हैं।

200 से ज्यादा वर्कर वाली इंडस्ट्री को अनुमति के लिए तीन कमेटियां
वहां एडीसी, एरिया डीएसपी, एरिया बीडीपीओ और असिस्टेंट लेबर कमिश्नर की कमेटी व जहां 200 से ज्यादा कर्मचारी  काम करते हैं। वहां डीसी जिला पुलिस अधीक्षक अथवा कमिश्नर ऑफ पुलिस जिला औद्योगिक केंद्र के जीएम और डिप्टी लेबर कमिश्नर की कमेटी तमाम औपचारिकताओं के बाद अनुमति पास जारी करेगी। इंडस्ट्रियल सेफ्टी के असिस्टेंट डायरेक्टर इन कमेटियों को अपना पूरा सहयोग देंगे।
ये शर्ते पूरी होंगी, तभी मिलेगा पास
- व्यवसायिक प्रतिष्ठान का गेट, कैफिटेरिया, कैंटीन, मीटिंग रूम, कांफ्रेंस हॉल, ओपन एरिया, बरामदा, बंकर्स, कैबिन, लिफ्ट, दीवारें, वॉशरूम, टॉयलेट, सिंक व वाटर पॉइंट अच्छी तरह से संक्रमण रहित और नियमित रूप से सैनिटाइज होगा।
- जो कर्मचारी बाहर से आते हैं, उनके लिए एक ट्रांसपोर्ट सुविधा का इंतजाम करना होगा। इसके अंतर्गत संबंधित वाहन 30 से 40 पैसेंजर ही रहेंगे।
- प्रतिष्ठान के भीतर जो भी वाहन एंट्री करेंगे उन पर सैनिटाइज स्प्रे किया जाएगा।
- हर कर्मचारी की एंट्री के वक्त थर्मल स्कैनिंग अनिवार्य होगी।
- सभी कर्मचारियों का मेडिकल इंश्योरेंस करवाना  अनिवार्य होगा।
- सभी एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स, जिन्हें अकसर कर्मचारी छूते हैं, वहां सैनिटाइजर अथवा हैंडवाश की व्यवस्था की जाएगी।
- कर्मचारियों का लंच ब्रेक एक साथ नहीं होगा। तीन शिप्टों में कर्मचारियों को 1 घंटे कल लंच ब्रेक दिया जाएगा।
- लिफ्ट साइज के हिसाब से 2 से लेकर 4 व्यक्ति ही एक बार में उसके भीतर जाएंगे।
- कर्मचारियों के अलावा अनावश्यक बाहरी आदमी की एंट्री बैन रहेगी।
- नजदीक के अस्पताल और क्लीनिक जो कोविड-19 पेशेंट के उपचार के लिए ऑथराइज्ड हैं, उनकी सूची वर्क प्लेस पर चस्पा की जाएगी।
जरुर पढ़े- नियम न मानने वाले हरियाणा के निजी स्कूलों के खिलाफ पोल-खोल अभियान -हरियाणा बुलेटिन न्यूज़
May 01, 2020

राजनीतिक नियुक्तियों पर हो रहा मासिक खर्च बंद करे सरकार :दीपा शर्मा

(मनोज)अंबाला- (हरियाणा बुलेटिन न्यूज़ ब्यूरो) ब्राह्मण महासंघ की राष्ट्रीय महासचिव दीपा शर्मा ने कहा की मनोहर  लाल सरकार ने एक साल तक भर्ती रद्द करके अपनी कथनी और  करनी में अंतर का एक उदाहरण पेश किया है ।
उन्होंने कहा की कर्मचारियों के वेतन भते एलटीसी में  कटौती  किसानों मजदुरो व विधार्थियों से कोरोना फंड में दान मागने वाली भाजपा सरकार को  पहले अपना  आत्मा विसलेसक कर राजनीतिक नियुक्तियो पर हो  रहे करोड़ो रूपये के मासिक खर्च  बचाने की पहल  करनी चाहिए, मगर सरकार प्रदेश शिक्षत व  होनहार युवाओं  के रोजगार पर कैची चला रही है । उसे मुख्यमंत्री चला रहे हैं । उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहरलाल  से माँग की की कोरोना सकट के कारण उत्पन्न आर्थिक सकट के चलते पदेश में मुख्यमंत्री कार्यालय सहित विभन  निगमो बोर्डो सरकारी सधो माकेट कमेटियों की राजनीतिक नियुक्तियां रद्द करके हर माह सरकारी राजस्व पर इन नियुक्तियो के वेतन  भते  आवास सरकारी गाड़ियों में खर्च होने वाला करोड़ो रूपये का धन अपव्वय होने से  बचाया  जाए । दीपा शर्मा ने कहा की मुख्यमंत्री ने कार्यकताओ को आर्थिक लाभ पहुचाने के लिए प्रदेश  के बाहर के  लोगो को भी अपने मुख्यमंत्री  कार्यालय में भर रखा है जिसकी कोई आवश्यकता नही हैं।

Thursday, April 30, 2020

April 30, 2020

चालू वित्त वर्ष के दौरान सार्वजनिक परिवहन व आपातकालीन वाहनों को छोडक़र, अन्य वाहनों की खरीद पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया

हरियाणा सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान सार्वजनिक परिवहन के लिए बसों तथा एंबुलेंस, अग्निशमन वाहन सहित आपातकालीन सेवाओं के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों को छोडक़र, कार और जीप सहित नए वाहनों की खरीद पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।

(मनोज) चंडीगढ़- डीगढ़, 30 अप्रैल- हरियाणा सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान सार्वजनिक परिवहन के लिए बसों तथा एंबुलेंस, अग्निशमन वाहन सहित आपातकालीन सेवाओं के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों को छोडक़र, कार और जीप सहित नए वाहनों की खरीद पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
        इस आशय का निर्णय मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। मंत्रिमंडल ने यह भी निर्णय लिया कि यदि नई कार या जीप की अत्यधिक आवश्यकता है तो ऐसे वाहनों की खरीद करने के बजाये उन्हें आउटसोर्सिंग या किराए पर लिया जाएगा।
जरुर पढ़े- नियम न मानने वाले हरियाणा के निजी स्कूलों के खिलाफ पोल-खोल अभियान -हरियाणा बुलेटिन न्यूज़
April 30, 2020

गेहूं बाली बीनने खेत में पोतों के साथ गई थी दादी पेस्टीसाइड की बोलत में पीया पानी,पोते की मौत दादी-पोते की हालत गंभीर,पीजीआई किया रेफर

(संजय)जींद। जींद जिले के लुदाना गांव में बुधवार शाम को बड़ा हादसा हो गया। खेत में गेहूं की बाली चुगने (बीनने) गए दो पोते और दादी ने पेस्टीसाइड की खाली पड़ी बोतल में पानी पी लिया। इससे तीनों की हालत खराब हो गई। एक 10 वर्षीय पोते की मौत हो गई,जबकि दूसरे पोते और दादी की हालत गंभीर है। उन्हें रोहतक पीजीआई में रेफर किया गया है।
पढ़े- नियम न मानने वाले हरियाणा के निजी स्कूलों के खिलाफ पोल-खोल अभियान -हरियाणा बुलेटिन न्यूज़
65 वर्षीय बुजुर्ग महिला संतरा देवी बुधवार शाम को अपने दो पोतों 10 वर्षीय सागर व 8 वर्षीय रोहित के साथ खेतों में गेहूं की बाली चुगने के लिए गई हुई थी। काफी देर तक बालियां चुगने के बाद सागर और रोहित ने अपनी दादी को कहा कि उन्हें प्यास लगी है। इस पर दादी दोनों पोतों के साथ वापस घर आने लगी ताकि बच्चों को प्यास से गला न सुख जाए। इस दौरान रास्ते में एक ट्यूबवैल पर पेस्टीसाइड की खाली बोतल पड़ी हुई थी। इसी बोतल से तीनों ने ट्यूबवैल से पानी लेकर पी लिया। इसके बाद उसी समय तीनों की हालात बिगड़ गई। हालात बिगड़ने पर तीनों को शहर के सिविल अस्पताल में लाया गया। जहां पर इलाज के दौरान 10 वर्षीय सागर की मौत हो गई। रोहित व उसकी दादी को गंभीर हालत में चिकित्सकों ने पीजीआई रोहतक रैफर कर दिया।