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Tuesday, May 26, 2020

May 26, 2020

चंडीगढ़ से करनाल जाते समय अम्बाला मे "मेरा आसमान संस्थान" के माध्यम से श्रमिकों के लिए चलाए जा रहे शिविर मे पहुचे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर

(मनोज)अम्बाला, 26 मई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि कोरोना वायरस के बाद राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को उनके गृह जिलों में भेजने के लिए हरियाणा सरकार ने लगभग सौ विशेष रेलगाडिय़ां भेजने की व्यवस्था की है। इसके अलावा बसों के माध्यम से भी मजदूरों को निकट के राज्यों में भेजा जा रहा है। संकट की इस घड़ी में मानवता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं। सरकारी प्रयासों के साथ-साथ सामाजिक संगठन भी इस नेक कार्य में सहयोग के लिए आगे आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री आज चंडीगढ़ से करनाल जाते समय अम्बाला-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर किंगफिशर पर्यटक स्थल के नजदीक अम्बाला शहर के विधायक असीम गोयल के मार्गदर्शन में चलाए जा रहे श्रमिकों के शिविर में रूके और उन्होंने श्रमिकों के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की।
विधायक असीम गोयल ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को अवगत करवाया कि 14 मई से ‘मेरा आसमान संस्थान’ के माध्यम से श्रमिकों के लिए यहां पर शिविर का आयोजन किया जा रहा है। यहां पर तीनों समय का भोजन, चाय व पानी की पूरी व्यवस्था की गई है। जिन श्रमिकों को जूते या चप्पल इत्यादि की आवश्यकता है, वो भी उन्हें यहां मुहैया करवाई जा रही है। इसके साथ-साथ यहां पर उनके स्वास्थ्य की जांच भी की जा रही है। यदि किसी श्रमिक को उपचार की आवश्यकता है तो उसे एम्बूलेंस के माध्यम से अस्पताल भी पंहुचाया जाता है।
        विधायक ने मुख्यमंत्री को इस बात की भी जानकारी दी कि श्रमिकों को उनके गृह जिलों में भेजने के लिए यहां पर रजिस्ट्रेशन भी किया जा रहा है तथा अब तक  लगभग 800 श्रमिकों का यहां पर रजिस्ट्रेशन किया गया है, जिनमें से अधिकतर को रेल व बस मार्ग के माध्यम से भेजने का काम भी किया गया है। हमारा प्रयास है कि श्रमिक को सडक़  पर पैदल नहीं चलने दिया जाए। सरकार द्वारा श्रमिकों के लिए हर संभव सहायता मुहैया करवाई जा रही है।
इस मौके पर संस्था के सचिव रितेश गोयल ने भी समय-समय पर करवाए जा रहे विभिन्न सामाजिक कार्यो के बारे भी मुख्यमंत्री को अवगत कराया।

Wednesday, May 13, 2020

May 13, 2020

दर्दनाक हादसे- रेलवे ट्रैक पर इलेक्ट्रिक इंजन की चपेट में आने से 3 बच्चों की मौत, पैदल लौट रहे प्रवासी मजदूरों को कार ने रौंदा

(रामफल) हरियाणा के हिसार में एक दर्दनाक हादसे में तीन बच्चों की जान चली गई है। हिसार के घोड़ा फार्म रेलवे फाटक के पास इलेक्ट्रिक इंजन के नीचे आने से तीन मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में दो बच्चे सगे भाई हैं। तीनों बच्चे परिवार सहित सत्या नगर में रहते थे। जानकारी के अनुसार मूलरूप से बिहार निवासी मनोज कुमार व सुनील कुमार मजदूरी करते हैं।

वह सत्या नगर स्थित एक मकान में ऊपर तथा नीचे के हिस्से में अलग-अलग रहते हैं। मंगलवार शाम करीब साढ़े पांच बजे मनोज कुमार के दोनों बेटे 7 वर्षीय अजीत व चार वर्षीय गोलू, जबकि सुनील कुमार का 10 वर्षीय बेटा रवि रेलवे लाइन पर खेल रहे थे। इसी बीच तीनों बच्चे सिरसा की तरफ से हिसार आ रहे इलेक्ट्रिक इंजन की चपेट में आ गए।

एक बच्चे ने तो मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि दो बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। तीनों को तत्काल जिला नागरिक अस्पताल भिजवाया गया। जहां चिकित्सकों ने उनको मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने के बाद रेलवे पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और आसपास के लोगों से घटनाक्रम की जानकारी जुटाई। फिलहाल पुलिस मौके पर कार्रवाई में जुटी है।

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अम्बाला से पैदल बिहार लौट रहे प्रवासी मजदूरों को कार ने रौंदा

मंगलवार को मजदूर से जुड़े एक और घटना सामने आई है। बताया जा रहा है कि अंबाला कैंट के छोटा खुड्डा के पास एक तेज रफ्तार कार ने सड़क पर चल रहे दो मजदूरों (Migrant labor) को रौंद दिया। इस हादसे में एक मजदूर की मौके पर ही दर्दनाक मौत (Painful Death) हो गई।
जबकि एक अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल मजदूर को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। साथ ही घटना के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई। पुलिस ने बताया कि दोनों मजदूर पैदल सवारी कर अम्बाला से बिहार अपने गांव लौट रहे थे। इस दौरान एक तेज रफ्तार कार ने दोनों को रौदंते हुए निकल गया। हादसे के बाद कार चालक अपने गाड़ी को छोड़कर फरार हो गया। मौके पर से कार को जब्त कर फरार आरोपी का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।

Monday, May 4, 2020

May 04, 2020

अंबाला कैंट में 25 से अधिक मजदूर मिले कोरोना पॉजिटिव

(अरुण)अंबाला कैंट में 25 से अधिक  मजदूर पॉजिटिव पाए गए| मिली जानकारी के मुताबिक अंबाला में पंजाब केसरी कार्यालय के पीछे बने हुए क्वार्टरों में मजदूर रह रहे थे। वहां इन मजदूरों में किसी एक के संक्रमित होने से बाकी भी अंदर ही अंदर संक्रमित होते रहे।अभी करीब 25 से 26 के पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है। जबकि 40 मजदूरों की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है

Friday, May 1, 2020

May 01, 2020

राजनीतिक नियुक्तियों पर हो रहा मासिक खर्च बंद करे सरकार :दीपा शर्मा

(मनोज)अंबाला- (हरियाणा बुलेटिन न्यूज़ ब्यूरो) ब्राह्मण महासंघ की राष्ट्रीय महासचिव दीपा शर्मा ने कहा की मनोहर  लाल सरकार ने एक साल तक भर्ती रद्द करके अपनी कथनी और  करनी में अंतर का एक उदाहरण पेश किया है ।
उन्होंने कहा की कर्मचारियों के वेतन भते एलटीसी में  कटौती  किसानों मजदुरो व विधार्थियों से कोरोना फंड में दान मागने वाली भाजपा सरकार को  पहले अपना  आत्मा विसलेसक कर राजनीतिक नियुक्तियो पर हो  रहे करोड़ो रूपये के मासिक खर्च  बचाने की पहल  करनी चाहिए, मगर सरकार प्रदेश शिक्षत व  होनहार युवाओं  के रोजगार पर कैची चला रही है । उसे मुख्यमंत्री चला रहे हैं । उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहरलाल  से माँग की की कोरोना सकट के कारण उत्पन्न आर्थिक सकट के चलते पदेश में मुख्यमंत्री कार्यालय सहित विभन  निगमो बोर्डो सरकारी सधो माकेट कमेटियों की राजनीतिक नियुक्तियां रद्द करके हर माह सरकारी राजस्व पर इन नियुक्तियो के वेतन  भते  आवास सरकारी गाड़ियों में खर्च होने वाला करोड़ो रूपये का धन अपव्वय होने से  बचाया  जाए । दीपा शर्मा ने कहा की मुख्यमंत्री ने कार्यकताओ को आर्थिक लाभ पहुचाने के लिए प्रदेश  के बाहर के  लोगो को भी अपने मुख्यमंत्री  कार्यालय में भर रखा है जिसकी कोई आवश्यकता नही हैं।

Monday, April 27, 2020

April 27, 2020

अम्बाला छावनी मे कोरोना सन्दिग्ध के अंतिम संस्कार पर हुआ बवाल

(मनोज)अंबाला : हरियाणा के अंबाला छावनी के नागरिक अस्पताल में हुई तोपखाना की रहने वाली 72वर्षीय महिला के अंतिम संस्कार को लेकर सोमवार को जमकर बवाल हुआ। अंतिम संस्‍कार के दौरान ग्रामीणों ने पुलिसवालों पर जमकर पत्थरबाजी की। पत्थरबाजी में डीएसपी, एसएचओ महेश नगर सहित करीब एक दर्जन पुलिस कर्मियों को चोटें भी आईं। पुलिस को अपने बचाव में हवाई फायर करना पड़ा। इतना ही नहीं जिस एंबुलेंस में महिला का शव लाया गया, उसका शीशा भी लोगों ने पत्थर मारकर तोड़ दिया।
बता दें कि महिला को रविवार शाम करीब 5:30 बजे छावनी नागरिक अस्पताल लाया गया था, जहां उसकी सांसें उखड़ती देख डॉक्टरों ने उसे पीजीआई रेफर करना चाहा लेकिन परिजनों ने गुहार लगाई कि वह पीजीआई नहीं जाना चाहते। यहीं पर बुजुर्ग को आइसोलेट कर इलाज किया जाए। परिजनों की गुहार पर महिला को छावनी नागरिक अस्पताल में भर्ती कर लिया गया। सोमवार सुबह महिला का कोरोना का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया लेकिन उपचाराधीन बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया। कोरोना संदिग्ध होने के कारण प्रशासन ने चंदपुरा गांव के श्मशान घाट में महिला को अंतिम संस्कार के लिए भेज दिया।
शव का अंतिम संस्कार करने के लिए जब प्रशासन की टीम पहुंची, तो ग्रामीण भड़क गए। काफी संख्या में एकत्रित ग्रामीणों ने गांव के शमशानघाट में अंतिम संस्कार का विरोध करने लगे। स्वास्थ्य विभाग की टीम व पुलिस ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। देखते ही देखते ग्रामीणों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। हालात यह रहे कि पुलिस ने स्थिति बिगड़ते देख करीब चार हवाई फायर करने पड़े, जिसके बाद ग्रामीण पीछे हटे। ग्रामीणों द्वारा की गई पत्थरबाजी में डीएसपी रामकुमार, एसएचओ रजनीश सहित करीब एक दर्जन पुलिस र्किमयों को चोटें आई हैं।

Friday, April 10, 2020

April 10, 2020

एसिड अटैक पीड़ितों को 15 दिन के भीतर मिले एक लाख अंतरिम मुआवजा

चंडीगढ़, 9 अप्रैल। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एसिड अटैक पीड़ितों को 15 दिन के अंदर अंतिम मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने हरियाणा, पंजाब के मुख्य सचिव व चडीगढ़ प्रशासन को निर्देश दिया है कि वो सुप्रीम कोर्ट द्वारा लक्ष्मी बनाम यूनियन आफ इंडिया केस में दिए गए दिशा निर्देश के तहत एसिड अटैक विक्टिम को घटना के पंद्रह दिम के भीतर एक लाख का मुआवजा देना सुनिश्चित करे। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश को निर्देश दिया था कि एसिड अटैक की घटना सामने आने के तुरंत बाद विक्टिम को पंद्रह दिन के भीतर एक लाख का मुआवजा जारी किया जाए व सरकार अपने खर्चे पर उसको तुरंत बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध करवाए। इसके अलावा दो महीने के भीतर अन्य मुआवजा राशि का भुगतान भी किया जाए।
हाईकोर्ट ने यह आदेश तेजाब हमले के एक आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किए। इस मामले में बेंच ने सरकार को पिछली सुनवाई पर विक्टिम को मुआवजा के तीन लाख रुपये जारी करने के निर्देश दिए थे। सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र ने बेंच को बताया कि इस मामले में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद भी विक्टिम को अभी तक किसी भी तरह की कोई वित्तीय सहायता या इलाज की सुविधा नही दी गई।
अधिकारी इस मामले को सामान्य मामले की तरह लेकर लापरवाही से काम कर रहे हैं। बेंच ने इस पर सख्त रूप अपानते हुए कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में साफ कर चुका है विक्टिम को सरकार की तरफ से तुरंत निशुल्क इलाज व पंद्रह दिन के भीतर एक लाख का मुआवजा दिया जाए तो सरकार इसकी पालना क्यों नहीं कर रही। हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि वो दो सप्ताह के भीतर विक्टिम को मुआवजा देकर उसका निशुल्क इलाज निश्चित करे।