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Saturday, April 2, 2022

April 02, 2022

युनाइटेड इंडिया इंशयूरेन्स कंपनी लिमिटेड जींद ने गत वित वर्ष मे 97 प्रतिशत क्लेम सेटेलमेंट के साथ 42 प्रतिशत अधिक प्रीमियम का किया बिमा - मनदीप नैन

युनाइटेड इंडिया इंशयूरेन्स कंपनी लिमिटेड जींद ने गत वित वर्ष मे 97 प्रतिशत क्लेम सेटेलमेंट के साथ 42 प्रतिशत अधिक प्रीमियम का किया बिमा - मनदीप नैन

United India Insurance Company Limited Jind insured 42 percent more premium with 97 percent claim settlement in the last financial year - Mandeep Nain
युनाइटेड इंडिया इंशयूरेन्स कंपनी लिमिटेड जींद के शाखा प्रबंधक मनदीप नैन
युनाइटेड इंडिया इंशयूरेन्स कंपनी लिमिटेड जींद के शाखा प्रबंधक मनदीप नैन ने आज अपने कार्यलय मे प्रेस वार्ता कर बताया कि बीमा पॉलिसी भविष्य में किसी नुकसान की आशंका से निपटने का प्रभावी हथियार है, हमें नहीं पता कि कल क्या होगा, इसलिए हम बीमा पॉलिसी के जरिये भविष्य में संभावित नुकसान की भरपाई की कोशिश करते हैं | गत वित् वर्ष मे जींद शाखा ने 97 प्रतिशत क्लेम सेटेलमेंट भरपाई किये है जींद शाखा मे इस साल 550 क्लेम दर्ज किये गये जिनमे से हम 534 नुकसानों की भरपाई कर चुके है| नव वित वर्ष मे हम ग्राहकों के लिए जागरूकता के साथ साथ समाजिक सरोकारों के लिए भी कार्य करेगे | उन्होंने बताया कि गत वित् वर्ष मे शाखा ने 42 प्रतिशत अधिक प्रीमियम के साथ 4.70 करोड़ का बिमा किया है, जिसको इस वर्ष ओर बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया | मनदीप नैन ने बताया कि युनाइटेड इंडिया इंशयूरेन्स कंपनी लिमिटेड द्वारा मोटर बीमा, स्वास्थ्य बीमा, दूकानदार बीमा , व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा, गृह सम्पदा बीमा व अन्य जनरल बीमा किया जाता है |

इंश्योरेंस और निवेश मे अंतर

इस अवसर पर शाखा उप- प्रबंधक सुभाष ने इंश्योरेंस और निवेश के अंतर को समझाते हुए बताया कि इंश्योरेंस का मतलब जोखिम से सुरक्षा है. अगर कोई बीमा कंपनी किसी व्यक्ति का बीमा करती है तो उस व्यक्ति को होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी करती है. आपको निवेश और बीमा में अंतर समझना चाहिए. बीमा आपके अनिश्चित भविष्य की सुरक्षा के लिए है, जबकि निवेश आपकी बचत का भविष्य में इस्तेमाल करने के हिसाब से किया जाता है | अगर बीमा कंपनी ने किसी व्यक्ति, कार, घर या स्मार्टफोन का बीमा किया है तो उसके टूटने, फूटने, खोने या क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में बीमा कंपनी उसके नॉमिनी को पहले से तय शर्त के हिसाब से मुआवजा देती है | बीमा वास्तव में बीमा कंपनी और बीमित व्यक्ति के बीच एक अनुबंध है. इस कॉन्ट्रेक्ट के तहत बीमा कंपनी बीमित व्यक्ति से एक निश्चित धनराशि (प्रीमियम) लेती है और बीमित व्यक्ति या कंपनी को पॉलिसी की शर्त के हिसाब से किसी नुकसान की स्थिति में हर्जाना देती है |

युनाइटेड इंडिया इंशयूरेन्स कंपनी लिमिटेड

18 फरवरी 1938 को युनाइटेड इंडिया इंशयूरेन्स कंपनी लिमिटेड को कंपनी के रूप में संस्थापित किया गया । भारत में साधारण बीमा व्यवसाय को 1972 में राष्ट्रीयकृत किया गया और दक्षिण क्षेत्र के भारतीय जीवन बीमा निगम के साधारण बीमा प्रचालन के अलावा 12 भारतीय बीमा कंपनियां , 4 सहकारी बीमा संस्थायें और 5 विदेशी बीमाकर्ताओं के भारतीय प्रचालन युनाइटेड इंडिया इंशयूरेंस कंपनी लिमिटेड के साथ सम्मिलित हुए । राष्ट्रीयकृत के पशचात् युनाइटेड इंडिया ने अच्छी प्रगति की है और देश भर में 2110 कार्यालयों में कार्यरत 11500 कर्मचारी 1 करोड ग्राहकों को बीमा सुरक्षा प्रदान करते हैं । कंपनी के पास विभिन्न पालिसियां उपलब्ध है जो बैल गाडी से लेकर सैटलाइट तक की सुरक्षा कर सकती है । 

इस अवसर पर शाखा प्रबंधक मनदीप नैन ने कम्पनी के कर्मचारी, ग्राहक, एजेंटो, डीलर व सर्वेयरो के साथ व सहयोग के लिए धन्यवाद किया | इस अवसर पर साथ है सुभाष नैन, ललिता, सुशील शर्मा आदि

April 02, 2022

ड्यूटी में कोताही बरतने वालों के खिलाफ देवेंद्र बबली का सुपर स्पीड एक्शन

ड्यूटी में कोताही बरतने वालों के खिलाफ देवेंद्र बबली का सुपर स्पीड एक्शन

 शिकायत मिलने के 4 घंटे में ही कर दिए जेई और ग्राम सचिव सस्पेंड

गली का निर्माण नहीं करने वाले ठेकेदार को 5 साल के लिए ब्लैक लिस्ट किया


Devendra Babli's super speed action against those who are dereliction of duty
ग्रामीण विकास व पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली
चंडीगढ़ :  ग्रामीण विकास व पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली पूरे एक्शन मोड में आ गए हैं और उन्होंने भ्रष्टाचार व ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है।
 देवेंद्र बबली ने आज पंचायती राज विभाग के एक जेई और ग्राम सचिव को शिकायत मिलने के 4 घंटे के अंदर सस्पेंड कर दिया। मंत्री देवेंद्र बबली को रेवाड़ी जिले के बावल ब्लॉक के गांव आसरा का माजरा निवासी राजेंद्र सिंह ने बताया कि उनके सामने की गली को बनवाने के लिए पंचायती राज विभाग ने जुलाई 2021 को ₹854000 की राशि जारी कर दी थी लेकिन 8 महीनों बाद भी जेई और ग्राम सचिव ने ठेकेदार के साथ मिलीभगत करके गली को बनने नहीं दिया।
 बार-बार गुहार लगाने के बावजूद जेई और ग्राम सचिव टालमटोल करते रहे। मुख्यालय से कई बार फोन कराने के बाद गली में रोड़े तो डाल दिए गए लेकिन इसके बाद काम बीच में ही रोक दिया गया। 
इस बारे में जब जेई और ग्राम सचिव से बात की गई तो उन्होंने कोई भी संतोषजनक जवाब देने नहीं दिया और कहा कि ठेकेदार उनका फोन नहीं उठा रहा है। 
गली निर्माण को लेकर एक्सइन से लेकर ठेकेदार तक कोई भी जवाब नहीं मिलने पर चारों तरफ से परेशान होने के बाद राजेंद्र सिंह ने आज 2 बजे चंडीगढ़ सचिवालय में ग्रामीण विकास व पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली को अपनी पीड़ा बताई।
 देवेंद्र बबली ने तुरंत ही इस मामले में एक्शन लेते हुए उच्च अधिकारियों से जांच कराई जिसमें यह साफ हो गया कि समय पर गली की ग्रांट जारी होने के बावजूद जेई और ग्राम सचिव ने ठेकेदार के साथ मिलकर पूर्व सरपंच की मिलीभगत से गली बनाने के काम को बीच में ही छोड़ दिया।
 देवेंद्र बबली ने इस लापरवाही पर कड़ा संज्ञान लेते हुए जेई धर्मेंद्र और ग्राम सचिव धर्मेंद्र को 4 घंटे के अंदर ही निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए। इसके अलावा गली का निर्माण बीच में छोड़ने वाले ठेकेदार को 5 साल के लिए ब्लैक लिस्टेड कर दिया।
 देवेंद्र बबली का इस तरह से तुरंत एक्शन लेना उनके उस ऐलान को पक्का कर गया है जिसमें उन्होंने कहा था कि भ्रष्टाचार करने वालों और ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले पंचायती राज विभाग के किसी भी अधिकारी और कर्मचारी को नहीं बख्शा जाएगा।

Friday, April 1, 2022

April 01, 2022

बच्चों के नजदीकी रहवासी स्थान तक पहुंच कर उनकी रुचि व उम्र विशेष को ध्यान रखते हुए अधिकतम लाभ पहुंचाया जाए : अनिल मलिक

बच्चों के नजदीकी रहवासी स्थान तक पहुंच कर उनकी रुचि व उम्र विशेष को ध्यान रखते हुए अधिकतम लाभ पहुंचाया जाए : अनिल मलिक

By reaching the nearest residential place of the children, keeping in mind their interest and age, maximum benefit should be given: Anil Malik
अनिल मलिक
जींद : आज वित्तीय एवं शैक्षणिक स्तर की शुरुआत में जिला वरिष्ठ बाल कल्याण अधिकारी एवं राज्य नोडल अधिकारी  व निदेशक चाइल्ड हेल्पलाइन सेवाएं अनिल मलिक की अध्यक्षता में जिला बाल कल्याण परिषद, जींद द्वारा जिले भर के स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों के साथ - साथ आम जनमानस को अधिकतम सीमा तक लाभान्वित करने हेतु राज्य बाल कल्याण परिषद की विभिन्न परियोजनाओं के साथ-साथ कुछ अन्य सर्जनात्मक लाभकारी योजनाओं की तैयारियों एवं उनके बेहतर संचालन के साथ - साथ धरातलीय लाभ पहुंचाने हेतु एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें वर्ष 2022-2023 की कार्य योजनाओं का कैलेंडर तैयार करने की तैयारियों हेतु कार्यक्रम अधिकारी मलकीत सिंह, चाइल्ड हेल्पलाइन - 1098 कोऑर्डिनेटर संतोष देवी, परामर्शदाता सोनिया एवं मोतीराम को अपने संबंधित परियोजनाओं का वर्ष भर का मासिक कैलेंडर तैयार करने की विस्तृत चर्चा की जिसमें मुख्यतः बच्चों के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक एवं भावनात्मक विकास पर केंद्रित कार्यक्रमों का निरंतर आयोजन करने बारे में अनिल मलिक ने दिशा निर्देश दिए l
By reaching the nearest residential place of the children, keeping in mind their interest and age, maximum benefit should be given: Anil Malik
अनिल मलिक
उपस्थित सभी अधिकारियों व कर्मचारियों ने बच्चों के सर्वांगीण  विकास हेतु अपनी सकारात्मक भूमिका निभाने बारे कार्य इच्छाशक्ति दर्शाई l अनिल मलिक ने कहा कि जिला बाल कल्याण परिषद का धद्यय होना चाहिए कि बच्चों के नजदीकी रहवासी स्थान तक पहुंच कर उनकी रुचि व उम्र विशेष को ध्यान रखते हुए अधिकतम लाभ पहुंचाया जाए l बैठक के दौरान कार्यक्रम अधिकारी मलकीत सिंह, चाइल्डलाइन सेवाएं 1098 कोऑर्डिनेटर संतोष देवी, परामर्शदाता सोनिया, मोतीराम के साथ-साथ कशिश, विनोद, सीमा,बिना,परमजीत, मानू सुरेश व सुमन इत्यादि उपस्थित रहे l
April 01, 2022

चंडीगढ़ पर हरियाणा का हक, मान कॉमेडियन उन्हें संवेदनशील मुद्दों का ज्ञान नहीं-कुलदीप बिश्नोई

चंडीगढ़ पर हरियाणा का हक, मान कॉमेडियन उन्हें संवेदनशील मुद्दों का ज्ञान नहीं-कुलदीप बिश्नोई

Haryana's right over Chandigarh, honor comedian, they do not have knowledge of sensitive issues - Kuldeep Bishnoi
कुलदीप बिश्नोई
हिसार, 1 अप्रैल: कांग्रेस केन्द्रीय कार्यसमिति सदस्य एवं विधायक कुलदीप बिश्नोई ने पंजाब के मुख्यमंत्री श्री भगवत मान द्वारा चंडीगढ़ को पंजाब में ट्रांसफर करने के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पलटवार किया है। यहां जारी एक विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ पर हरियाणा का अधिकार है। पृथक हरियाणा राज्य के गठन के लिए कई लोगों ने अपनी कुर्बानियां दी है। इसलिए हरियाणा की ढाई करोड़ लोगों की भावनाएं राज्य की राजधानी चंडीगढ़ के साथ जुड़ी हैं।  भगवत मान के बयान पर पलटवार करते हुए कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि वे कॉमेडियन हैं और उन्हें पंजाब-हरियाणा के ऐसे संवेदनशील मुद्दों के बारे में ज्ञान नहीं है। चुटकुले सुनाकर ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा करने की बजाय भगवत मान को चुनावों में जनता से किए वादों को पूरा करने की दिशा में काम करना चाहिए तथा जो हक पंजाब हरियाणा के हिस्से का दबाए बैठा है, उसको दिलाए जाने की दिशा में गंभीरता से सोचना चाहिए। चंडीगढ़ हरियाणा का है और हमेशा हरियाणा का हिस्सा रहेगा।
Haryana's right over Chandigarh, honor comedian, they do not have knowledge of sensitive issues - Kuldeep Bishnoi
कुलदीप बिश्नोई
कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि चाहे एसवाईएल के निर्माण का मामला हो या फिर प्रदेश की राजधानी चंडीगढ़ को पंजाब को सौंपने का फैसला प्रदेश के हितों से जुड़े अहम मसले पर चौ. भजनलाल ने हरियाणा की वकालत पूरे दमदार तरीके से की थी। प्रदेश की प्यासी जनता की समस्या को दूर करने के लिए 9 अपै्रल 1982 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से कपूरी गांव में कस्सी चलवाकर एसवाईएल की खुदाई का कार्य शुरू करवाना उनकी दूरदर्शिता थी। एसवाईएल के निर्माण का 98 प्रतिशत कार्य अपने कार्यकाल में पूरा करवाकर तथा अदालतों में दमदार तरीके से हरियाणा की पैरवी कर उन्होंने इस मसले पर पूरी संजीदगी दिखाई। चौ. भजनलाल ने सत्ता में रहते प्रदेश की 36 बिरादरी के लिए एक समान विकास कार्य करवाए तथा राज्य के हर क्षेत्र का चहुंमुखी विकास करवाया। चाहे एसवाईएल के निर्माण का मामला हो या फिर प्रदेश की राजधानी चंडीगढ़ को पंजाब को सौंपने का विरोध करना हो, हर एक अंतरराज्यीय मसले पर चौ. भजनलाल ने हरियाणा प्रदेश की वकालत पूरे दमदार तरीके से की। इसमें कोई दो राय नहीं है कि एसवाईएल के पानी पर भी हरियाणा के लोगों का पूरा हक। इस पानी को हासिल करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री स्व. चौ. भजनलाल ने लंबी लड़ाई लड़ी है। हमें पूरा विश्वास है कि एक दिन हम पंजाब से एसवाईएल से हरियाणा को उसके हिस्से का पानी दिलाकर रहेंगे।
April 01, 2022

गुरुग्राम को ट्रैफिक जाम से निजात मिलेगी : मुख्यमंत्री खट्टर

गुरुग्राम को ट्रैफिक जाम से निजात मिलेगी : मुख्यमंत्री खट्टर 

Gurugram will get rid of traffic jams: Chief Minister Khattar
मुख्यमंत्री मनोहर लाल
गुरुग्राम : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गुरुग्राम हरियाणा का एक महत्वपूर्ण नगर है और हम गुरुग्राम को केवल शहर के तौर पर नहीं देखते बल्कि गुरुग्राम ने विश्व भर में जो ख्याति प्राप्त की है, उससे यह शहर हरियाणा को दुनिया से जोड़ने के लिए एक सेतु के रूप में काम कर रहा है। मुख्यमंत्री शुक्रवार को गुरुग्राम के हुडा सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन के समीप गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण द्वारा बनाए गए अंडरपास, फलाईओवर के अलावा सिग्नेचर टावर व इफको चौक पर बने दो फुटओवर ब्रिज का लोकार्पण करने के अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने इसी स्थान पर गुरुग्राम के सेक्टर-111 से 115 के लिए जल आपूर्ति वितरण प्रणाली का उद्घाटन भी किया। इन दोनो परियोजनाओं पर लगभग 63 करोड़ रुपये की लागत आई है। इससे 92 हजार आबादी को लाभ होगा।  कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट लागू किया लेकिन गुरुग्राम को स्मार्ट नहीं स्मार्टेस्ट सिटी बनाया जाएगा। हम सन् 2031 तक की गुरुग्राम की 42 लाख की अनुमानित जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए योजना बना रहे हैं ताकि लोगों को भविष्य में भी कठिनाई न हो। उन्होंने कहा कि आज जिन परियोजनाओं का लोकार्पण हुआ है उनसे गुरुग्राम शहर में हुडा सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन क्षेत्र जाम मुक्त हो जाएगा। इसी प्रकार, गुरुग्राम को ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए कई परियोजनाओं पर काम चल रहा है।
Gurugram will get rid of traffic jams: Chief Minister Khattar
मुख्यमंत्री मनोहर लाल
मुख्यमंत्री ने बताया कि इनमें से कई परियोजनाएं इसी साल पूरी हो जाएंगी। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि लेफ्टिनेंट अतुल कटारिया चौक पर 47 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा फलाईओवर 30 जून तक पूरा होगा और लगभग 25.5 करोड़ रुपये की लागत से किए जा रहे राव महावीर चौक के सुधारीकरण का कार्य भी जुलाई अंत तक पूरा किया जाएगा। इसी प्रकार, लगभग 80 करोड़ रुपये की लागत से कैप्टन उमंग भारद्वाज चौक पर भी युद्धस्तर पर काम चल रहा है। इससे पूर्व, गुरुग्राम के विधायक सुधीर सिंगला ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की दूरदर्शिता की ही देन है कि आज गुरुग्राम का कोई भी हिस्सा विकास से अछूता नहीं है। राज्य सरकार अब गुरुग्राम की अगले 50 वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखकर विकास कार्य करवा रही है। उन्होंने कहा कि हुडा सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन पर जाम लगा रहता था लेकिन अब परियोजनाएं पूरी होने से लोगों को जाम से राहत मिलेगी और लोगों के कई घंटो की बचत होगी।
April 01, 2022

मंत्री बबली के सुरक्षा कर्मी समेत 3 पर केस दर्ज:फतेहाबाद में दुष्कर्म मामले में सबूतों से छेड़छाड़ पर कोर्ट ने दिया था कार्रवाई का आदेश

मंत्री बबली के सुरक्षा कर्मी समेत 3 पर केस दर्ज:फतेहाबाद में दुष्कर्म मामले में सबूतों से छेड़छाड़ पर कोर्ट ने दिया था कार्रवाई का आदेश

Case filed against three including minister Babli's security personnel: Court ordered action on tampering of evidence in rape case in Fatehabad
हाईकोर्ट पहुंचे आरोपी पुलिस कर्मी
फतेहाबाद : हरियाणा के पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली की सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मी और दो महिला सहकर्मियों पर दुष्कर्म केस से जुड़े सबूतों से छेड़छाड़ करने के आरोप में फतेहाबाद पुलिस ने केस दर्ज किया है। तीनों पुलिस कर्मियों के खिलाफ यह कार्रवाई अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश बलवंत सिंह के आदेश पर हुई है। केस आईपीसी की धारा 193, 195, 196, 467, 471 के तहत दर्ज हुआ है। मामले में एक सप्ताह पहले कोर्ट नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल कैद की सजा सुना चुकी है।

*मंत्री की सुरक्षा में तैनाती से पहले का मामला*

फतेहाबाद पुलिस ने जिन पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की है, उनमें एक कर्मचारी कीमती लाल वर्तमान में राज्य के पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली की सुरक्षा में तैनात है। इससे पहले वह थाने में तैनात था और उसके थाने में तैनाती के दौरान की गई गड़बड़ी की वजह से हुआ है। देवेंद्र बबली की सुरक्षा में तो कुछ दिन पहले ही आया है। इसके साथ ही दो महिला पुलिस कर्मियों पर भी केस दर्ज हुआ है। आरोप है कि दुष्कर्म के इस केस में तीनों पुलिस कर्मियों पर कोर्ट में पेश किए गए सबूतों से छेड़छाड़ करने और नए सबूत बनाकर पेश करने के आरोप हैं।

*20 साल की सजा*

आपको बता दें कि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश व फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज बलवंत सिंह की अदालत ने 24 मार्च को नाबालिग से शादी करने की नीयत से अपहरण करके साथ ले जाने और दुष्कर्म करने के मामले दोषी को 20 वर्ष की सजा सुनाई थी। इसी मामले में तीन पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश जारी किए थे। जानकारी मिली है कि उन्होंने जो सबूत इस केस में अदालत में पेश किए थे, उनसे छेड़छाड़ की बात सामने आई है।
Case filed against three including minister Babli's security personnel: Court ordered action on tampering of evidence in rape case in Fatehabad
हाईकोर्ट पहुंचे आरोपी पुलिस कर्मी

*क्या था मामला*

28 नवंबर 2020 को फतेहाबाद क्षेत्र के एक व्यक्ति की शिकायत पर जींद के डूमरखां निवासी गुलाब के खिलाफ शादी की नियत से उसकी नाबालिग बेटी का अपहरण कर ले जाने के आरोप में मामला दर्ज हुआ था। बाद में युवती के मेडिकल में उससे दुष्कर्म की पुष्टि होने पर पोक्सो एक्ट धारा 6 और जोड़ दी थी। इस मामले में दोषी को 20 वर्ष की कैद की सजा सुनाई गई थी।

*हाईकोर्ट पहुंचे आरोपी पुलिस कर्मी*

एसपी सुरेंद्र सिंह भौरिया ने तीनों पुलिस कर्मियों पर मामला दर्ज होने की पुष्टि की। साथ ही बताया कि अदालत के आदेश के खिलाफ आरोपी पुलिस कर्मी हाईकोर्ट की शरण में चले गए हैं और उन्होंने रिट लगा दी है। पुलिस अपने स्तर पर कार्रवाई कर रही है।
April 01, 2022

गिड़गिड़ाते रहे BJP के पूर्व मंत्री:CM मनोहर से बात का हवाला दिया, महेंद्रगढ़ प्रशासन ने नहीं सुनी देखिये क्या हुआ उसके बाद

गिड़गिड़ाते रहे BJP के पूर्व मंत्री:CM मनोहर से बात का हवाला दिया; महेंद्रगढ़ प्रशासन ने नहीं सुनी, कुछ मिनट में उखाड़े खोखे 


Former BJP minister kept pleading: Referred to CM Manohar; Mahendragarh administration did not listen, the kiosks were uprooted in a few minutes
महेन्द्रगढ़ शहर में कार्रवाई के दौरान मौके पर मौजूद पुलिसबल।

महेंद्रगढ़ : हरियाणा में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (‌BJP) के नेताओं को ही प्रशासनिक अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाना पड़ रहा है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व मंत्री रहे रामबिलास शर्मा को अपने विधानसभा क्षेत्र में प्रशासन की कार्रवाई रोकने के लिए काफी मान-मनोव्वल करनी पड़ी।

इतना ही नहीं उन्होंने JCB के आगे बैठने की बात की और मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बात हो जाने का हवाला दिया, लेकिन अधिकारियों ने तोड़फोड़ की कार्रवाई जारी रही। आखिर में पूर्व मंत्री को बैरंग लौटना पड़ा।

Former BJP minister kept pleading: Referred to CM Manohar; Mahendragarh administration did not listen, the kiosks were uprooted in a few minutes
अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाते पूर्व शिक्षा मंत्री।

दरअसल, महेंद्रगढ़ शहर में रेलवे रोड पर पिछले 30-35 वर्षों से काफी लोग सड़क के साथ ही खोखे लगाकर अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं। इन दुकानदारों ने नगर पालिका प्रशासन से तहबाजारी की पर्ची भी बनवा रखी है। इसके साथ ही उसका किराया भी हार माह अदा किया जाता रहा है। परंतु कुछ समय से नगर पालिका ने इन दुकानदारों से किराया वसूलना बंद कर दिया था और कहा जाने लगा है कि यह खोखे अवैध रूप से रखे हुए हैं। इन्हें जितना जल्दी हो सके हटा दिया जाए।

बीती रात एएसपी सिद्धांत जैन व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के नेतृत्व में भारी पुलिस बल के बीच ये खोखे हटाए जाने का अभियान शुरु किया गया। दुकानदारों ने अपने पेट पालने के जरिए को बचाने के लिए हाथ तक जोड़े, लेकिन अधिकारी नहीं माने। 40 परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा होता देख इसकी सूचना महेन्द्रगढ़ के विधायक रहे पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा को सूचित किया गया। रामबिलास शर्मा प्रदेश भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रहने के साथ ही सीनियर नेता है।
Former BJP minister kept pleading: Referred to CM Manohar; Mahendragarh administration did not listen, the kiosks were uprooted in a few minutes
तोड़फोड़ करते प्रशासनिक अधिकारी।

सूचना मिलते ही रामबिलास शर्मा तुरंत मौके पर पहुंचे गए। खोखो को टूटता देख रामबिलास शर्मा आग बबूला हो गए और उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि उनकी इस विषय को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बात हो चुकी है। अधिकारी फौरन कार्रवाई को रोके, लेकिन अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं रोकी। इस बीच पूर्व मंत्री ने एसडीएम महेन्द्रगढ़ को भी फोन लगाया और कार्रवाई रोकने की बात की, लेकिन तमाम खोखे हटा दिए गए।

इस बीच पूर्व मंत्री ने कहा कि जेसीबी मशीन को रोक दें वरना वह मशीन के सामने बैठ जाएंगे परंतु अधिकारियों पर उनकी धमकी का कोई असर नहीं हुआ। फिर राम बिलास शर्मा अधिकारियों के सामने व फोन पर गिड़गिड़ाते रहे और दुकानों को बचाने की गुहार लगाते रहे, परंतु अधिकारियों ने उनकी एक ना सुनी। अंत में खुद की फजीहत होती देख पूर्व शिक्षा मंत्री मौके से चले गए। इसके बाद वहां पर उपस्थित दुकानदारों ने पूर्व शिक्षा मंत्री के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की।
April 01, 2022

कल्पना चावला अस्पताल ने हटाए 150 कर्मचारी:वित्तवर्ष बदलने पर नहीं बढ़ाया कॉन्ट्रैक्ट; कोरोना काल से थे कार्यरत, डॉयरेक्टर कार्यालय के बाहर धरना

कल्पना चावला अस्पताल ने हटाए 150 कर्मचारी:वित्तवर्ष बदलने पर नहीं बढ़ाया कॉन्ट्रैक्ट; कोरोना काल से थे कार्यरत, डॉयरेक्टर कार्यालय के बाहर धरना

Kalpana Chawla Hospital removed 150 employees: Contract did not extend on changing financial year; Worked since Corona period, picketing outside the director's office
अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन करतीं स्टाफ नर्स।
करनाल : हरियाणा के करनाल जिले में स्थित कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज (KCGMC) ने वित्त वर्ष बदलते ही कॉन्ट्रैक्ट पर लगे स्टाफ को निकाल दिया। इनमें स्टाफ नर्स, गार्ड व सिक्योरिटी गार्ड के पदों पर काम कर रहे 150 कर्मचारी शामिल हैं। कर्मचारियों ने सरकार व मेडिकल कॉलेज प्रशासन के खिलाफ रोष जताया।

निकाले गए कर्मचारियों ने अब डायरेक्टर कार्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया है। उन्होंने अपनी डयूटी को बहाल करने की मांग की है। इन कर्मचारियों को कोरोना काल से जॉइन करवाया गया था, लेकिन 31 मार्च को वित्त वर्ष खत्म होने के साथ ही कॉन्ट्रैक्ट भी खत्म कर दिया गया।
Kalpana Chawla Hospital removed 150 employees: Contract did not extend on changing financial year; Worked since Corona period, picketing outside the director's office
अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन करतीं स्टाफ नर्स।

 
*100 स्टाफ नर्स करती रहीं काम*

स्टाफ नर्स प्रीति ने बताया कि हमारा कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया है। हमें बोला गया कि आगे कॉन्ट्रैक्ट नहीं आया है। अब डयूटी पर आने की जरुरत नहीं है। करीब 100 नर्सिंग स्टाफ को निकाला है। हमें लिखित में कोई सूचना नहीं दी गई। मौखिक रूप से कहा गया है। अगले महीने के रोस्ट में भी हमारा नाम नहीं है।

डॉयरेक्टर सर से मिलने के लिए गए थे, लेकिन वे कार्यालय में नहीं मिले। पहले कहा गया था कि कौशल विकास योजना के तहत रखा जाएगा, पर उसमें भी हमारा रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है। हम चाहते हैं कि हमारे कॉन्ट्रैक्ट को आगे बढ़ाया जाए और हमें डयूटी पर रखा जाए।

*व्हाटसऐप पर भेजा रिलीविंग का मैसेज*

स्टाफ नर्स पुनीत ने बताया कि आज हमें फोन व व्हाटसऐप पर मैसेज दिया गया है कि तुम्हे रिलीव किया जाता है। हमारे रोस्ट से नाम एकदम कट कर दिए गए। हम कोविड काल में लगे थे। तब भगवान से बढ़कर मान रहे थे। अब एकदम से निकाला जाना इंसाफ वाली बात नहीं है। डॉयरेक्टर सर से संपर्क नहीं हो रहा है।
April 01, 2022

चंडीगढ हरियाणा और पंजाब की राजधानी है और रहेगी: खट्टर

चंडीगढ हरियाणा और पंजाब की राजधानी है और रहेगी: खट्टर

चंडीगढ़ को लेकर पंजाब सरकार के एक तरफा रेजुलेशन का कोई अर्थ नहींः मनोहर लाल

बेमानी है पंजाब सरकार का रेजुलेशन 
मुख्यमंत्री मनोहर लाल
मुख्यमंत्री मनोहर लाल
गुरुग्राम, 1 अप्रैल: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ के मसले पर पंजाब विधानसभा में रेजुलेशन पास करने को लेकर कहा कि चंडीगढ़ दोनों राज्यों हरियाणा और पंजाब की राजधानी है और रहेगी भी। दोनों राज्यों के बीच केवल चंडीगढ़ का ही मसला नहीं है बल्कि कई मुद्दे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने चंडीगढ के कर्मचारियों की मांग और उनके हित में केंद्रीय सेवा नियम लागू करने का निर्णय लिया है। पंजाब सरकार इस मसले पर जनता को गुमराह कर रही है। 

उन्होंने कहा कि इस फैसले से चंडीगढ़ के कर्मचारियों को काफी फायदा होगा। पहले हर आदेश के लिए चंडीगढ़ के कर्मचारियों को पंजाब सरकार पर निर्भर रहना पड़ता था। केंद्र से भत्ते या दूसरे बैनिफिट के लिए आदेश होते तो पहले पंजाब नोटिफिकेशन जारी करता था। इसके बाद चंडीगढ़ में यह लागू होती। अब केंद्र जो नोटिफिकेशन करेगा, कर्मचारियों के लिए वह सीधे लागू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब ने अब तक भी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ नही दिया है जबकि हरियाणा ने 2016 में ही इसे लागू कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि चंडीगढ के कर्मचारी भी अभी तक इससे वंचित थे लेकिन अब नए नियम लागू होने के बाद उन्हें इसका लाभ मिल जाएगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल
मुख्यमंत्री मनोहर लाल
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 1966 में पास हुए पंजाब पुर्नगठन एक्ट से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ अस्तित्व में आया था। इस एक्ट में प्रावधान है कि चंडीगढ़ के 60 प्रतिशत कर्मचारी पंजाब से और 40 प्रतिशत कर्मचारी हरियाणा से होंगे। उसी समय से चंडीगढ़ हरियाणा और पंजाब की राजधानी है।

 मनोहर लाल ने यह भी कहा कि सिर्फ पंजाब और हरियाणा ही नहीं बल्कि हिमाचल प्रदेश के लोग भी चंडीगढ़ में अपना शेयर मांगते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में पंजाब पुर्नगठन एक्ट के तहत चंडीगढ़ की 7.19 प्रतिशत जमीन पर हिमाचल प्रदेश का भी हक बताया था। यह अलग बात है कि हिमाचल प्रदेश ने अपनी राजधानी शिमला में बना ली है।
April 01, 2022

मॉडल संस्कृति स्कूलों में बच्चों के दाखिले का खाका बदला, पहली कक्षा में नहीं होगा हिंदी मीडियम का सेक्शन देखे नए नियम

मॉडल संस्कृति स्कूलों में बच्चों के दाखिले का खाका बदला, पहली कक्षा में नहीं होगा हिंदी मीडियम का सेक्शन

भिवानी : निजी स्कूलों को पटखनी देने के मकसद से शिक्षा विभाग ने मॉडल संस्कृति स्कूलों में बच्चों के दाखिले का खाका बदल दिया है। अब इन स्कूलों की पहली कक्षा में केवल अंग्रेजी माध्यम से पढने वाले बच्चों को ही दाखिला दिया जाएगा। हिंदी माध्यम का पहली कक्षा में कोई सेक्शन ही नहीं होगा। इनके अलावा इन स्कूलों में पहली कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के दाखिले पांच अप्रैल से शुरू होंगे और जमा आवेदन के 26 अप्रैल को ड्रा निकाले जाएंगे। शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी संस्कृति मॅाडल स्कूलों में पत्र भेजकर इस बारे में सूचित कर दिया है। इन स्कूलों में होने वाले दाखिले को लेकर इसी सप्ताह स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के साथ बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए है। बताया गया है कि कमेटी के सदस्यों को स्कूल में बुलाकर कमरों की संख्या व ढाचांगत सुविधाओं का अवलोकन किया जाए। ढांचागत सुविधाओं के मध्यनजर सीटों का निर्धाण हो। ताकि बच्चों को बैठने में कोई परेशानी हो पाए। इसी सप्ताह बैठक का आयोजन होना सुनिश्चित किया जाए। आयोजित बैठक में यह तय किया जाए कि पहली, छठी, नौंवी व ग्यारहवीं में अंग्रेजी माध्यम के सेक्शन में ही नए दाखिले होंगे,लेकिन अन्य कक्षाओं मंे दाखिल रिक्त सीटों के आधार पर ही किए जाए। पहली कक्षा में एक सेक्शन में अधिकतम 30 से ज्यादा विद्यार्थी दाखिल न करें। इसी तरह छठी से लेकर आठवीं कक्षा तक के प्रत्येक सेक्शन में 35 तथा नौंवी से बारहवीं कक्षा में एक सेक्शन में 40 विद्यार्थियों को दाखिला दिया जाना चाहिए। दाखिले के वक्त हर विद्यार्थी को दाखिले का फार्म नि:शुल्क प् उपलब्ध करवाया जाए। पांच अप्रैल से शुरू होंगे दाखिले शिक्षा विभाग ने पहली क्लास से लेकर 12 वीं कक्षा तक के बच्चों के दाखिले का नया शैडयूल जारी किया है। दाखिला प्रक्रिया 5 अप्रैल से शुरू होगा और 25 अप्रैल तक दाखिले के लिए आवेदन जमा किए जाएगें। 26 अप्रैल को दाखिले का ड्रा निकाला जाएगा। पहली मई को दाखिले की वेटिंग लिस्ट चस्पाई जाएगी। उसके बाद जिन स्कूलों में दाखिले के लिए सीटें खाली रह जाएगी। उनके लिए दो मई से आवेदन मांगे जाएंगे।
April 01, 2022

जोर का झटका / रसोई गैस के दामों में भारी बढ़ोतरी देखे कब कितने बढ़े दाम

जोर का झटका / रसोई गैस के दामों में भारी बढ़ोतरी

नई दिल्ली : देश में व्यावसायिक रसोई गैस के दाम एक बार फिर बढ़ गए हैं। 1 अप्रैल से इसके 19 किलो के सिलेंडर 250 महंगे हो गए हैं। दिल्ली में अब ये 2253 रुपये में मिलेंगे। हालांकि घरेलू रसोई गैस सिलेंडरों के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। बीते दो माह में 19 किलो के व्यावसायिक रसोई गैस के दाम 346 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ गए हैं।

इससे पहले एक मार्च को इनके दाम 105 रुपये बढ़ाए गए थे। फिर नौ रुपये घटाए गए।

 एक मार्च को 19 किलो का एलपीजी सिलेंडर दिल्ली में 2012  रुपये में मिलता था, जो 22 मार्च को 9 रुपये घटकर 2003 रु. का हो गया था, लेकिन आज से 250 रुपये की बढ़ोतरी के बाद यह 2253 रुपये का हो गया।
 वहीं कोलकाता में यह सिलेंडर 2351 रुपये में मिलेगा तो मुंबई में 2205 में और
चेन्नई में कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर 2406 रुपये में मिलेगा। दरों में यह कमी-बेशी राज्यों व स्थानीय करों के कारण रहेगी। 

पांच राज्यों के चुनाव के बाद पेट्रोल, डीजल व एलपीजी के दामों में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है।
22 मार्च को सबसिडी वाले घरेलू रसोई गैस सिलेंडर के दाम भी 50 रुपये बढ़ाए गए थे।
हालांकि अक्तूबर 2021 के बाद से घरेलू एलपीजी के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी। 

देश के चार महानगरों में अभी घरेलू रसोई गैस सिलेंडर इन दामों पर मिल रहे हैं।

दिल्ली में ये 949.50 रुपये, कोलकाता में 976 रुपये, मुंबई में 949.50 रुपये और चेन्नई में 965.50 में मुहैया कराए जा रहे हैं।
April 01, 2022

हरियाणा वालों को एक और झटका, बिजली उपभोक्ताओं की कटेगी जेब

हरियाणा वालों को एक और झटका, बिजली उपभोक्ताओं की कटेगी जेब

चंडीगढ़ :  हरियाणा सरकार ने आम लोगों को बढ़ती महंगाई के बीच एक और झटका दे दिया है। प्रदेश के 50 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को 100 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च पर ज्यादा बिल देना होगा। 0 से 150 यूनिट पर बिजली 25 पैसे प्रति यूनिट महंगी हो गई है। इस स्लैब में अब 2.50 के बजाय 2.75 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब बिल चुकाना होगा। हालांकि, अन्य स्लैब की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। नई दरें पहली अप्रैल से लागू होंगी। गुरुवार को हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचआईआरसी) ने बिजली की नई दरों का टैरिफ जारी कर दिया है। हर साल बिजली निगम की वार्षिक राजस्व प्राप्ति (एआरआर) के आधार पर आयोग याचिका पर दरों को लेकर फैसला सुनाता है। 

सरकार ने 100 यूनिट तक बिजली खपत वालों को इस वृद्धि से बाहर रखा है, जो कैटेगिरी-1 में आते हैं। दूसरी कैटेगरी में 100 यूनिट से ज्यादा खपत वाले शामिल हैं। इसके अलावा, इस बार हरियाणा इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन की ओर से जारी बिजली टैरिफ में किसानों के ट्यूबवैल कनेक्शन के लिए मोटर के लोड के हिसाब से 8 व 10 पैसे प्रति यूनिट के दर्शाए जाने वाले प्रावधान को बदल दिया है।

अब टैरिफ में ट्यूबवैल कनेक्शनों का चार्ज 6.67 रुपए ही दर्शाया है। हालांकि, साथ में यह भी लिखा गया है कि सरकार ट्यूबवैल कनेक्शनों पर सब्सिडी जारी रख सकती है। उसे यह सब्सिडी एडवांस में हर तीन माह पर देनी होगी। ऐसा पहली बार हुआ है, जब ट्यूबवैल कनेक्शन का पूरा चार्ज टैरिफ में पूरा दर्शाया गया है। पहले प्रति यूनिट 10 व 8 पैसे ही दर्शाया जाता था। अब सरकार को तय करना है कि वह किसानों को कितनी छूट देती है।
*घरेलू उपभोक्ताओं के लिए यह रहेगा टैरिफ*
कैटेगरी 1
0-50 यूनिट 2 रुपये
51-100 यूनिट 2.50 रुपये

*कैटेगरी - 2*
0-150 यूनिट 2.75 रुपये
151-250 यूनिट 5.25 रुपये
251-500 यूनिट 6.30 रुपये
501-800 यूनिट 7.10 रुपये

*कैटेगरी- 3*
801 से ऊपर यूनिट 7.10 रुपये फ्लैट
April 01, 2022

पानीपत में डंपर ने कार को मारी टक्कर:गांव नारा के अड्‌डे पर हुआ हादसा; चालक की मौत; महिला समेत 2 बच्चों की हालत गंभीर

पानीपत में डंपर ने कार को मारी टक्कर:गांव नारा के अड्‌डे पर हुआ हादसा; चालक की मौत; महिला समेत 2 बच्चों की हालत गंभीर

पानीपत : हरियाणा के पानीपत जिले के नारा गांव के अड्‌डे पर एक सड़क हादसा हो गया। तेज रफ्तार डंफर ने कार को कुचल दिया। टक्कर लगने से कार में सवार दो बच्चे, महिला व युवक बुरी तरफ अंदर ही फंस गए। किसी तरह चारों को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक कार चालक की मौत हो चुकी थी, जबकि अन्य तीनों सवार गंभीर रूप से घायल हैं।

तीनों को पानीपत सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां से प्रारंभिक उपचार के बाद तीनों को रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया गया। मृतक के शव का पंचनामा भरवा कर शवगृह में रखवा दिया गया है। मृतक के चचेरे भाई की शिकायत के आधार पर आरोपी डंपर चालक के खिलाफ आईपीसी की धारा 279, 337, 304ए के तहत केस दर्ज कर लिया गया है।
*चचेरे भाई की आंखों के सामने हुआ हादसा*

मतलौडा थाना पुलिस को दी शिकायत में सतबीर ने बताया कि वह गांव नारा का रहने वाला है। 31 मार्च की रात करीब 11 बजे वह अपने गांव के अड्डे पर मौजूद था। इसी दौरान सफीदों की तरफ से एक युवक अपनी कार को धीरे-धीरे अपनी साइड में चलाता हुआ आ रहा था। वहीं मतलौडा की तरफ से एक डंपर तेज रफ्तार से आया। देखते ही देखते डंपर चालक ने कार में सीधी टक्कर मार दी।
हादसा देख सतबीर मौके पर पहुंचा तो देखा कि कार में चचेरा भाई रामफल (29), उसकी पत्नी रेखा, उसका 2 साल का बेटा आदित्य व शिवानी पुत्री रमेश थे। हादसे में चारों कार में फंस गए थे। हादसे के बाद मौके पर स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई। लोगों ने किसी तरह चारों को कार से बाहर निकाला। रामपाल की मौके पर ही मौत हो गई थी। बाकी तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

हादसे के बाद आरोपी डंपर चालक मौके पर डंपर छोड़कर फरार हो गया। घायलों को निजी वाहनों के माध्यम से तुरंत सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां से तीनों को प्रारंभिक उपचार के बाद उनकी हालत गंभीर बनी देख डॉक्टरों ने रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया।
April 01, 2022

विरोध:नियम 134 ए खत्म करने के विरोध में होगा आंदोलन,सरकार की नीति गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित रखने की है

विरोध:नियम 134 ए खत्म करने के विरोध में होगा आंदोलन,सरकार की नीति गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित रखने की है


नियम 134 ए खत्म करने के विरोध में गुरुवार को दो जमा पांच जन मुद्दों के संयोजक एडवोकेट सत्यवीर हुड्डा ने प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा कि सरकार की नीति गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित रखने की है। नियम 134 ए खत्म होने से प्रदेश के हजारों गरीब बच्चों की पढाई प्रभावित होगी। नियम 134 ए को लागू करवाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी है। सरकार की ओर से नियम 134ए कोे खत्म करने के विरोध में सामाजिक संगठनों और विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर बडा आंदोलन किया जाएगा।

जनवादी महिला समिति ने नियम 134-ए को खत्म करने पर जताया गहरा रोष
रोहतक :  नियम 134 ए के तहत गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा का अधिकार दिया गया था। इस नियम के तहत निजी स्कूलों में 25% सीटें गरीब बच्चों के लिए आरक्षित रखी गई थी। इन्हें बाद में घटाकर 10% कर दिया गया और अब इस नियम को बिल्कुल ही खत्म कर दिया गया। राज्य सरकार ने कहा है कि अभिभावकों और निजी स्कूल संचालकों के बीच में हर साल होने वाले विवादों के चलते यह निर्णय लिया है। जनवादी महिला समिति की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जगमति सांगवान, राज्य अध्यक्ष उषा सरोहा, महासचिव सविता और कोषाध्यक्ष राजकुमारी दहिया ने कहा कि राज्य सरकार ने अभिभावकों और स्कूल संचालकों के बीच विवादों की आड़ लेकर लिया गया नियम 134ए को खत्म करने का निर्णय घोर गरीब विरोधी है।
राज्य सरकार की मंशा शुरू से ही इस नियम को कमजोर करके खत्म करने की थी। इसीलिए ना तो कभी चयन प्रक्रिया को ठीक से अपनाया गया और ना ही कानून के अनुसार निजी स्कूलों को भुगतान किया गया। इस नियम के तहत शिक्षा पाने वाले सभी विद्यार्थी दलित, गरीब और वंचित तबकों से हैं।

एसएफआई प्रदेश में 134ए खत्म करने का विरोध करेगी : स्टूडेंटस फैडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) जिला कमेटी ने कहा कि हरियाणा सरकार की अाेर से टीजीटी व पीजीटी के 4574 पदों पर भर्ती वापस लेने व नियम 134ए को खत्म करने जैसे बेहद शर्मनाक निर्णय लिए हैं, इन फैसलों का एसएफआई विरोध करती है। इस तुगलकी फरमान को जल्द से जल्द सरकार वापस ले। वापस ली गई भर्ती के जितने भी युवाओं ने फॉर्म भरें उन सभी का पैसा सरकार वापस करें। जिलाध्यक्ष अर्जुन बोहत व जिला सह सचिव प्रशांत ने बताया कि जब प्रदेश में वोट का समय आता हैं, तब सबसे ज्यादा युवाओं को सरकार नौकरियां के नाम पर इनको लुभाने का काम करते हैं। एसएफआई मांग करती है कि सरकार जल्द से जल्द इन पदों पर भर्ती करें। जितने भी पद खाली पड़े हैं सभी पदों पर भर्तियां की जाए। प्रदेश में 134ए खत्म करने का एसएफआई विरोध करती है।
April 01, 2022

रोडवेज बस स्टैंड परिसर में हट जा ताऊ पाछे नै पर थिरके कर्मचारी, देखें फोटो कर्मचारी भूल गए कि परिसर में लाउड साउंड पर बैन है।

रोडवेज बस स्टैंड परिसर में हट जा ताऊ पाछे नै पर थिरके कर्मचारी, देखें फोटो कर्मचारी भूल गए कि परिसर में लाउड साउंड पर बैन है।

 हांसी : बस स्टैंड परिसर में बृहस्पतिवार को रोडवेज के कर्मचारी हट जा ताऊ पाछे ने, हरियाणवी गाने पर थिरकते हुए नजर आए। कर्मचारी सभी नियमों को अनदेखा करते हुए रोड़वेज वर्कशॉप के अंदर ही डीजे पर डांस कर रहे थे। दरअसल बृहस्पतिवार को हांसी सब डिपो से रोडवेज के 13 कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए थे। इस दौरान उनके सम्मान में कर्मचारियों द्वारा विदाई समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कर्मचारियों के द्वारा रोडवेज परिसर में ही डीजे का प्रबंध किया गया था। इस मौके पर कर्मचारी भूल गए कि परिसर में लाउड साउंड पर बैन है। रोडवेज परिसर में प्रेसर होर्न का प्रयोग करने पर चालान या फिर जुर्माना करने का प्रावधान है। यदि कोई गाड़ी चालक रोडवेज परिसर में प्रेसर होर्न का प्रयोग करता है तो उसके खिलाफ उसकी समय कार्रवाई कर दी जाती है। लेकिन बावजूद इसके रोड़वेज वर्कशॉप में कर्मचारी डीजे पर नाच गाकर धमाल मचाते रहे। और रोड़वेज के किसी भी अधिकारी ने उन्हें रोकने या डीजे बंद करवाने की जहमत उठाने की कोशिश भी नहीं की गई। बता दें कि बृहस्पतिवार को रोड़वेज के अमर लाल, रामपाल सिंह, बलवान सिंह, अजीत सिंह, सतबीर सिंह, लाजपत राय, अशोक कुमार, कृष्ण कुमार, अशोक कुमार, मदन गोपाल, कश्मीरी लाल, कृष्ण कुमार, रमेश कुमार के रिटायरमेंट होने पर कर्मचारियों के द्वारा विदाई पार्टी का आयोजन किया गया था। जहां पर सभी रिटायरमेंट होने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। साथ ही इस कार्यक्रम के बाद रोडवेज वर्कशॉप में सभी कर्मचारी हरियाणवी गानों पर ठुमके मारते हुए नजर आए। बस स्टैंड परिसर में डीजे की तेज आवाज सुनकर आस-पास के दुकानदार व बस स्टैंड पर मौजूद यात्री भी वहां पर एकत्रित हो गए। कार्यक्रम के बाद सभी रिटार्रमेंट कर्मचारियों को डीजे की गाड़ी के साथ रोडवेज बसों में बैठाकर उनके घर के लिए रवाना कर दिया गया। इस दौरान कर्मचारियों को छोड़ने गई बसों को भी फूलमालाओं से सजाया गया था।
April 01, 2022

तंवर बोले: जनता को निचोड़कर तेल निकाल रही सरकार, लोग नया विकल्प सोचें

तंवर बोले: जनता को निचोड़कर तेल निकाल रही सरकार, लोग नया विकल्प सोचें

जींद : महंगाई ने जनता का दीवाला निकाल दिया है। अब तो लगता है कि सरकार ने ठान रखा है कि जनता को निचोड़ कर, व्यापारियों को निचोड़ कर, किसान-मजदूर को निचोड़ कर, जितना इनसे निचोड़ा जाए उतना जनता का तेल निकालकर महापूंजीपति साथियों की मदद करे। इसी कारण आज देश में महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार का बोलबाला है। देश व प्रदेश की जनता के पास मौका है कि वे नए विकल्प के बारे में सोचे। यह तीखे बोल तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद डा. अशोक तंवर ने वीरवार को जींद में पत्रकारों से बातचीत में कहे।
*तंवर बोले: हरियाणा में अनपढ़ों की सरकार*

जीआरपी में सब इंस्पेक्टर रहे जसवंत सिंधु के रिटायरमेंट कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में तंवर ने कहा कि उन्होंने हरियाणा में 134-ए के तहत गरीब बच्चों के निजी स्कूलों में दाखिलों पर रोक लगाने के फैसले पर सरकार को घेरते हुए कहा कि बीजेपी अनपढ़ों की सरकार है। ये सरकार शिक्षा के महत्व को नहीं समझती इसलिए ये शिक्षा व्यवस्था को खत्म करने चाहती है। आज स्कूलों में गरीबों को वजीफे नहीं मिल रहे। हायर एजुकेशन की स्कालरशिप नहीं मिल रही। उन्होंने कहा कि पहले प्रधानमंत्री और उनके मंत्रियों की डिग्रियों पर सवाल उठ चुके हैं।
*हरियाणा के लोग भी नए विकल्प की तलाश में*

पंजाब में आम आदमी की सरकार बनने व प्रदेश में आम आदमी के तेजी से फैलने की चर्चाओं पर अशोक तंवर ने कहा कि वह तो पहले भी कहते रहे हैं कि लोग नए विकल्प की तलाश में हैं। लोगों को पंजाब में लगा कि आम आदमी पार्टी उनके लिए ठीक है तो उन्होंने उसे वोट किया। इस मौके पर गुरमेज गोंदर, जसवंत सिंधु, ईश्वर तंवर, विमन मिनोचा, महाबीर तंवर, राजेन्द्र शर्मा, अंजना बाला, सुभाष चौपड़ा, करण लोहिया मौजूद रहे।
April 01, 2022

अब तेल की कीमत क्यों बढ़ी और सरकार का इसमें रोल कहां आता है?

कुछ साल पहले जब पेट्रोल, डीज़ल की क़ीमतें बढ़ती थीं तो विरोध प्रदर्शन दिखते थे। आम लोग हों या ख़ास लोग, सबकी तरफ़ से प्रतिक्रियाएं सामने आती थीं। अब ऐसा नहीं होता, आख़िर क्यों?

भाजपा ने ईंधन की क़ीमतों में बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार पर हमला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी, हालांकि सत्ता में आने पर उसने पेट्रोल, डीज़ल के दामों को कम करने के अपने वादे को पूरा नहीं किया और इसके लिए अंतरराष्ट्रीय कारकों को ज़िम्मेदार बताने लगी.

नई दिल्ली: मई 2012 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे. उन्होंने तत्कालीन सरकार द्वारा ईंधन की कीमतों में अत्यधिक बढ़ोतरी को कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की विफलता के एक प्रमुख उदाहरण के तौर पर पेश किया.

भाजपा और उसके नेताओं ने मनमोहन सिंह सरकार पर हमलावर होने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने वादा किया था कि अगर भाजपा सत्ता में आती है तो ईंधन की कीमतों में कमी लाएंगे.

वर्षों बाद भी, उस वादे को साकार होता देखना नागरिकों के लिए केवल दूर का सपना इसलिए प्रतीत होता है क्योंकि मोदी सरकार ने ईंधन की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि की है.

5 राज्यों कर चुनाव परिणामो के बाद पिछले 10 दिन में से 9 दिन दाम बढ़े हैं,  जो पैट्रोल  व डीजल दोनों के 5 रु 59 पैसे बढ़ चुके, जबकि डीजल के थोक विक्रताओ के लिए 25 रूपये बढ़ चुके है |

एक दौर था जब पेट्रोल और डीज़ल के भाव में इज़ाफा होता था तो अगले दिन अखबार के फ्रंट पेज पर बड़ी-बड़ी हेडलाइन होती थी. भाव बढ़ने की खबर सुनते ही लोग पेट्रोल पंप पर टंकी फुल कराने के लिए पहुंच जाते थे, ताकि नई रेट ना लगे. अब ऐसा लगता है कि पेट्रोल और डीज़ल के भाव बढ़ना तो कोई खबर ही नहीं है. लगभग रोज़ ही तो भाव बढ़ रहे हैं. पहले पेट्रोल 100 रुपये पार गया और अब डीज़ल भी देश के कई हिस्सों में 100 वाले आकंड़े को छू गया है. तेल के भावों की इस रेस में इस बार एडिबल ऑयल भी दौड़ रहा है. पिछले एक साल में खाने का तेल जितना महंगा हुआ, उतना एक दशक में नहीं हुआ. गरीब हो या अमीर हर घर में तेल इस्तेमाल होता है और इसका भाव बढ़ने का असर देश के हर घर पर पड़ता है. एक तरफ सरकार कह रही है कि वो कोरोना से लोगों को राहत देने के लिए आर्थिक पैकेज दे रही है, दूसरी तरफ बढ़ी हुई महंगाई से गरीबों की जे़ब और खाली हो रही है. तो क्या सरकार कीमतें नियंत्रित करना नहीं चाहती है या उसकी कोई मजबूरी है. इसी पर आज विस्तार से बात करेंगे.

पहले बात एडिबल ऑयल्स की करते हैं

एडिबल ऑयल्स यानी खाने के काम में लिए जाने वाले तेल. हमारे देश में सरसों, मुंगफली, सोया, सूरजमुखी, पाम और वनस्पति का तेल ही मुख्यत इस्तेमाल होता है. अगर आप घर का सामान खरीदकर लाते हैं तो आपको पता होगा कि पिछले एक साल में सरसों या दूसरे तेल के दामों में कितनी बढ़ोतरी हुई है. डेढ़ से दो गुना तक कीमतें बढ़ी हैं. पिछले 10 साल में खाने के तेल के दाम अचानक इतने नहीं बढ़े. सालभर से पहले अगर तेल के दाम बढ़ते भी थे तो 10-20 रुपये किलो वाली बढ़ोतरी होती थी. लेकिन पिछले कुछ महीनों में तो जैसे तेल के भाव एक्सीलेटर पैर रखकर ही बैठ गए हों. सरसों के तेल का उदाहरण लेते हैं. कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक 31 मार्च को दिल्ली में एक किलो पैक्ट सरसों के तेल का भाव 201 रुपये था. देश का अधिकतम रेट 260 रुपये है. अगर पूरे देश के एवरेज की बात करें तो 188.2 किलो में सरसों का एक किलो तेल आ रहा है. जबकि तेन साल मार्च के आखिर में एक किलो सरसों का तेल 104.3 रुपये का आता था. इसी अनुपात में और भी तेलों की कीमत बढ़ी है.

अब तेल की कीमत क्यों बढ़ी और सरकार का इसमें रोल कहां आता है?

बाज़ार में हर चीज़ की कीमतें सामान्य दिनों में डिमांड और सप्लाई के नियम से तय होती हैं. अगर डिमांड और सप्लाई में से कोई एक भी फैक्टर कम या ज़्यादा होता है तो कीमतें असामान्य रूप से कम या ज़्यादा होती हैं. तो अभी तेल की बढ़ी कीमतों के संदर्भ में पहले डिमांड की बात करते हैं.

देश में अचानक तेल की ज़्यादा डिमांड हो गई हो, ऐसा नहीं है. साल दर साल देश में तेल की खपत थोड़ी बहुत बढ़ती है. ग्रामीण इलाकों में सरसों का तेल ज्यादा इस्तेमाल होता है और शहरी इलाकों में सूरजमुखी और सोयाबीन के रिफाइंड ऑयल की खपत ज्यादा है. तेल का इस्तेमाल किस गति से बढ़ रहा है ये समझने के लिए हमारे पास आंकड़े हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक साल 1993-94 में तेल की खपत प्रति व्यक्ति ग्रामीण इलाकों में औसतन 370 ग्राम थी और शहरी इलाकों में 480 ग्राम थी. यानी एक आदमी औसतन इतना तेल खाता था. 2011-12 में बढ़कर ये आंकड़ा ग्रामीण इलाकों के लिए 670 ग्राम और शहरी इलाकों के लिए 850 ग्राम हो गया. यानी लगभग दोगुना. इसके बाद का प्रति व्यक्ति वाला आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, लेकिन ओवरऑल जो खपत का आंकड़ा है वो बताता है कि तेल की डिमांड साल दर साल बढ़ती है. डिमांड का ग्राफ धीमे-धीमे ऊपर जा रहा है. यानी ये बात बिल्कुल नहीं है कि इसी साल लोगों ने तेल ज्यादा खाना शुरू कर दिया हो, और उसकी वजह से भाव बढ़ रहे हों.

तो भाव बढ़ रहे हैं सप्लाई के सिरे पर. देश में तेल की जितनी खपत होती है, उतना हमारे यहां पैदा नहीं होता है. बाहर से आयात करना पड़ता है. साल 2019-20 में हमारा कुल तेल उत्पादन लगभग 1 करोड़ 10 लाख टन था. और मांग थी 2 करोड़ 40 लाख टन की. यानी घरेलू उत्पादन के बाद करीब 1 करोड़ 30 लाख टन तेल कम पड़ रहा था. ये कमी आयात से दूर होती है. आधे से ज्यादा तेल हमें विदेश से मंगवाना पड़ता है. और जितना तेल आयात करते हैं उसका 86 फीसदी हिस्सा सोयाबीन और पाम ऑयल होता है. पाम ऑयल हम इंडोनेशिया या मलेशिया से आयात करते हैं.

अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में भाव क्यों बढ़ रहा है?

इसीलिए अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में एडिबल ऑइल की कीमतों से हमारे देश में भी कीमतों पर असर पड़ता है. साल भर में अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में तेल का भाव बढ़ा है. अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में भाव क्यों बढ़ रहा है, इसकी कई वजह हैं. एक वजह तो ये मानी जा रही है कि खाने के तेल का इस्तेमाल ईंधन के लिए भी होने लगा है. अमेरिका, ब्राज़ील जैसे देशों में सोयाबीन के तेल से रिन्यूएबल एनर्जी तैयार की जा रही है. इसके अलावा कई और भी फैक्टर्स हैं जो अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में खाने के तेल की कीमत बढ़ा रहे हैं. जैसे इंडोनेशिया और मलेशिया में एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ाना, लेबर की दिक्कतें या ला निन्या तूफान से नुकसान. तेल महंगा होने की कुछ वजह, सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के एक्सिक्यूटिव डायरेक्टर बीवी मेहता ने इंडिया टुडे को बताई. इनके मुताबिक पाम ऑयल में बहुत मेहनत लगती है. और मलेशिया जो पाम ऑयल का बड़ा निर्यातक है, वो माइग्रेट लेबरर्स पर डिंपेड रहता है. कोरोना में बॉर्डर्स सील होने की वजह से लेबर की कमी रही. इससे प्रोडक्शन पर असर पड़ा | अब रूस और उक्रेन के बिच युद्ध भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तेल केर दामों मे बढ़ोतरी का मुख्य कारण है |

तो जाहिर है अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में खाने के तेल की कीमतें तो हम नियंत्रित नहीं कर सकते. लेकिन भारत की सरकार ये ज़रूर तय कर सकती है कि वो महंगा तेल भारत के लोगों को थोड़ा सस्ता मिल सके. आयात पर शुल्क घटाकर ऐसा किया जा सकता है. और सरकार आयातित तेल पर कितना टैक्स लेती है. 2 फरवरी 2021 के बाद से ये रेट 35.75 फीसदी से लेकर 60 फीसदी तक है. इसमें इम्पॉर्ट ड्यूटी के अलावा एग्रीकल्चर सेस और सोशल वेलफेयर सेस भी शामिल है. मिसाल के तौर पर – रिफाइंड और ब्लिचड पाम ऑयल जिसे RBD पाम ऑयल कहते हैं इस पर टैक्स करीब 60 फीसदी है. क्रूड और रिफाइंड सोयाबीन पर टैक्स 38 फीसदी से 49 फीसदी के बीच है. 
तो अगर आयात शुल्क में सरकार रियायत देती है तो तेल की कीमतें कम हो सकती हैं. लेकिन सरकार ऐसा करती दिख नहीं रही. 

अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चा तेल सस्ता है तो ज्यादा टैक्स ले लिया?

अब गाड़ी में डालने वाले तेल की बात करते हैं. पेट्रोल के बाद डीज़ल भी लगभग 100 रुपये लीटर हो चुका है. आपके वाहन हो या ना हो, डीज़ल और पेट्रोल के भाव बढ़ने का असर हरेक पर पड़ता है. तेल की कीमतों के साथ हर चीज़ की महंगाई जुड़ी है. और खाने के तेल की तरह पेट्रोल-डीज़ल के भाव पर सरकार अंतर्राष्ट्रीय कीमतों को भी जिम्मेदार नहीं बता सकती. आज से 11 साल पहले मई 2011 में पेट्रोल का भाव करीब 63 रुपये प्रति लीटर था. और तब अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल का भाव आज से ज़्यादा था. अभी क्रूड ऑयल 72 डॉलर प्रति बैरल है, फिर पेट्रोल का भाव लगभग दोगुना है. और फिर यहां बात आ जाती है सरकार के टैक्स की.  एक लीटर पेट्रोल पर केंद्र सरकार और राज्यें सरकारें किस तरह से टैक्स बढ़ाती रहती हैं. दोनों तरफ का मिलाकर अभी पेट्रोल पर 150 फीसदी और डीज़ल पर 120 फीसदी के करीब टैक्स है. सरकार अपने टैक्स में कोई कटौती नहीं करना चाहती. जब अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में तेल 40-45 डॉलर प्रति बैरल था तब भी सरकार इतना ही टैक्स ले रही थी. और अब कच्चा तेल महंगा हुआ तो भी टैक्स में कटौती नहीं हुई.

जब कोई चुनाव नज़दीक होता है तो तेल की कीमतें कुछ दिन बढ़ना रुक जाती हैं. चुनाव खत्म होते ही सरकार फिर तेल के भाव को भूल जाती है. 5 प्रदेशो के चुनाव के नतीजो के बाद पिछले 10 दिन मे9 बार तेल की कीमतें बढ़ चुकी हैं. अक्सर देखा जाता है कि जब अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चा तेल सस्ता होता है तो ज्यादा टैक्स ले लिया जाता है, तो अब जब कच्चा तेल महंगा हो रहा है तो टैक्स में कटौती करे. लेकिन ऐसा कुछ हो नहीं रहा. ऐसा लगता है कि सरकार को तेल की बढ़ी हुई कीमतों और लोगों पर पड़ते बोझ से कोई मतलब ही नहीं. एक तरफ सरकार कोविड के नाम पर राहत पैकेज की घोषणाएं कर अपनी पीठ थपथपाती है और दूसरे हाथ से लोगों के जेब से पैसे निकाल भी रही है. और इसमें केंद्र और राज्य दोनों की सरकारें बराबर शामिल हैं.

लंबे समय तक नहीं बढ़े दाम, 19000 करोड़ का नुकसान

आपको बता दें कि देश में चार नवंबर, 2021 से 21 मार्च, 2022 के बीच कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के बावजूद ईंधन कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ था। इस दौरान कच्चे तेल का दाम नवंबर के 82 डॉलर प्रति बैरल से मार्च के पहले तीन सप्ताह में औसतन 111 डॉलर प्रति बैरल रहा था।

रिपोर्ट के मुताबिक देश की शीर्ष तीन पेट्रोलियम कंपनियों को कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के बावजूद ईंधन के दाम नहीं बढ़ाने की वजह से नवंबर से मार्च, 2022 तक 2.25 अरब डॉलर (करीब 19,000 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है। ये नुकसान इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) को हुआ है। 

क्या कहा मूडीज ने: मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘बाजार की मौजूदा कीमतों के आधार पर पेट्रोलियम कंपनियों को वर्तमान में पेट्रोल की बिक्री पर लगभग 25 डॉलर (1,900 रुपये से अधिक) प्रति बैरल और और डीजल पर 24 डॉलर प्रति बैरल का घाटा हो रहा है।’’ रिपोर्ट में कहा गया कि अगर कच्चे तेल की कीमतें औसतन 111 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी रहती हैं, तो आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल को पेट्रोल-डीजल की बिक्री पर रोजाना सामूहिक रूप से 6.5 से सात करोड़ डॉलर का नुकसान हो सकता है।


Thursday, March 31, 2022

March 31, 2022

जींद में पुलिस ने अर्थी से उठाया शव:शराब के लिए पैसे न मिलने पर की थी आत्महत्या; परिजन रात को कर रहे थे अंतिम संस्कार

जींद में पुलिस ने अर्थी से उठाया शव:शराब के लिए पैसे न मिलने पर की थी आत्महत्या; परिजन रात को कर रहे थे अंतिम संस्कार

जींद : जींद के नागरिक अस्पताल में मृतक के शव के पोस्टमार्टम के लिए कार्रवाई करती पुलिस। - 
जींद के नागरिक अस्पताल में मृतक के शव के पोस्टमार्टम के लिए कार्रवाई करती पुलिस।
हरियाणा के जींद में रोहतक रोड स्थित सुभाष नगर में शाम को व्यक्ति ने फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली। परिजन रात को ही शव को अर्थी पर लेकर अंतिम संस्कार के लिए निकल चुके थे। उसी दौरान पुलिस पहुंच गई और अर्थी से शव को कब्जे में लेकर नागरिक अस्पताल में भिजवा दिया। कहा जा रहा है कि परिजनों में शराब के लिए रुपए नहीं दिए थे, जिससे खफा होकर उसने फंदा लगा लिया।
*पत्नी नीचे आई तो चला पता*

मिली जानकारी के अनुसार रोहतक रोड स्थित सुभाष नगर निवासी संजय (32) ने शाम को अपने मकान में फंदा लगा लिया। मृतक की पत्नी व अन्य परिवार के लोग उपर कमरें में थे। घटना का उस समय पता चला, जब मृतक की पत्नी नीचे कमरे में आई और संजय को फंदे पर लटके देखा। शोर मचाए जाने पर परिवार के अन्य लोग मौके पर पहुंच गए और संजय को नीचे उतारा। परिजनों ने ने रात को ही अंतिम संस्कार की तैयारी कर निकल पड़े। शहर थाना पुलिस ने रास्ते मे ही शव को कब्जे में ले लिया और पोस्टमार्टम के लिए सामान्य अस्पताल के शव गृह में भिजवा दिया।
*भाई बोला- आत्महत्या की*

मृतक के भाई राकेश ने बताया कि संजय शराब पीने का आदी था। शाम को संजय ने शराब पीने के लिए रुपयों की मांग की थी। जिस पर परिजनों ने रुपए देने से मना कर दिया। खफा संजय ने घर में फांसी के फंदे पर लटक कर आत्महत्या कर ली।

*पोस्टमार्टम के बाद सौंपा शव*

शहर थाना के जांच अधिकारी ओमप्रकाश ने बताया कि पुलिस कंट्रोल रूम से सूचना मिली थी। जिस पर शव को कब्जे में ले सामान्य अस्पताल लाया गया था। मृतक को परिजनों ने शराब पीने का आदी बताया है। कोई किसी प्रकार का आरोप नहीं लगाया गया है। शव का पोस्टमार्टम करवा परिजनों को सौंप दिया है।
March 31, 2022

नियम 134 A खत्म करने का फैसला तुरंत वापस हो - सुरजेवाला

नियम 134 A खत्म करने का फैसला तुरंत वापस हो - सुरजेवाला


खट्टर-चौटाला सरकार ने लाखों गरीब परिवारों से उनके बेहतर भविष्य की उम्मीद छीनी
चंडीगढ़, 31 मार्च :  हरियाणा सरकार द्वारा स्कूलों के लिए नियम 134 A खत्म करने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस गरीब विरोधी फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की है। 

सुरजेवाला ने कहा कि नियम 134 A खत्म करके खट्टर-चौटाला सरकार ने हरियाणा के लाखों गरीब परिवारों से उनके बच्चों को प्रदेश के सबसे अच्छे प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करवाने का सपना तोड़ दिया है और इस नियम के अंतर्गत स्कूलों में हर कक्षा में पहले से पढ़ रहे हजारों छात्रों का भविष्य अधर में डाल दिया है। गरीब के पास अपनी किस्मत बदलने के लिए एक ही उम्मीद ही होती है कि उनका बच्चा पढ़ लिख कर परिवार के लिए गरीबी की बेड़ियां तोड़ते हुए समाज व देश को आगे बढ़ाएगा। उसके लिए वो दिन-रात मेहनत करते हुए अपने बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा देना चाहता है। लेकिन आज इस असंवेदनशील सरकार ने गरीबों की वो उम्मीद भी छीन ली है। 
सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश में नियम 134 A के अंतर्गत आर्थिक रुप से कमजोर वर्गों के गरीब गुणवान छात्रों एवं गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) श्रेणियों से संबंधित मेधावी छात्रों के लिए प्रदेश के विभिन्न मान्यता प्राप्त प्राइवेट विद्यालयों में दो लाख से ज्यादा सीटें उपलब्ध थी, जिनपर वो निजी विद्यालय इन छात्रों से सरकारी विद्यालयों के समान दर पर फीस लेते हुए शिक्षा देने के लिए बाध्य थे। लेकिन इस सरकार ने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन न करते हुए तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा 19 जून, 2013 को अधिसूचित नियम 134 A रद्द कर दिया, जिससे हर वर्ष दो लाख से ज्यादा गरीब गुणवान छात्र अपने शहरों के सबसे अच्छे स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर सकते थे। इसके साथ ही इस नियम के खत्म से पहले से ही शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र-छात्राओं से निजी विद्यालय अन्य छात्रों के समान फीस वसूलने का दबाव बनाएंगे। लेकिन वे छात्र ना तो वो फीस दे पाएंगे, ना ही किसी दूसरे अच्छे विद्यालय में उनका दाखिला होगा, जिससे अब ऐसे दाखिले की उम्मीद करने वाले और पहले से शिक्षा ग्रहण कर रहे लाखों छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है।     
मुख्यमंत्री से सीधा सवाल पूछते हुए सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार गरीब परिवारों के मेधावी बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ क्यों कर रही है? उन्होंने कहा कि नियम 134 A प्रदेश के लाखों गरीब परिवारों के लिए एक उम्मीद थी कि वे पैसे ना होने के बावजूद भी अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ा सकेंगे। जिन माता पिता की सालाना आय 2 लाख रुपये से कम थी वो अपने बच्चों का दाखिला 134 A के तहत एक एंट्रेंस टेस्ट देकर लगभग निशुल्क प्राइवेट स्कूल में करवा सकते थे। यह सरकार अपनी गलत नीतियों के कारण सरकारी स्कूलों को तो पहले ही गर्त में डाल चुकी है और अब 134A को खत्म करके गरीब बच्चों का आखिरी रास्ता भी बंद किया जा रहा है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
March 31, 2022

हरियाणा के गांवों का विकास करने के भाजपा गठबंधन सरकार के दावे हवा हवाई: अभय चौटाला

हरियाणा के गांवों का विकास करने के भाजपा गठबंधन सरकार के दावे हवा हवाई: अभय चौटाला

गावों के विकास के लिए जो 2021-22 में बजट अलॉट किया गया था उसमें से 60 प्रतिशत पैसा लैप्स हो गया

धांधली: 2020-21 लॉकडाउन लगने के बावजूद बजट का 70 प्रतिशत से अधिक पैसा खर्च किया गया जबकि पूरे प्रदेश में सभी विभागों के कार्य बंद पड़े थे

भर्त्सना : भाजपा गठबंधन सरकार द्वारा धारा 134ए खत्म किए जाने पर कहा कि इससे गरीब घर का बच्चा प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई करने से वंचित हो जाएगा
चंडीगढ़, 31 मार्च: इनेलो प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि हरियाणा के गावों का विकास करने के भाजपा गठबंधन सरकार के दावे हवा हवाई बन गए हैं। भाजपा गठबंधन सरकार ने प्रदेश की जनता से विकास के वायदे तो बहुत किए थे लेकिन धरातल पर हकीकत उसके बिल्कुल विपरीत है। मीडिया में छपी रिपोर्ट के अनुसार गांवों के विकास के लिए जो बजट अलॉट किया गया था उसमें से सिर्फ 40 प्रतिशत ही खर्च किया गया है। 2021-22 में विकास एवं पंचायत विभाग के लिए प्रस्तावित 5979 करोड़ रूपए में से सिर्फ 1937 करोड़ रूपए ही खर्च किए गए यानी 60 प्रतिशत पैसा लैप्स हो गया।
उन्होंने कहा कि यह हरियाणा प्रदेश का दुर्भाग्य है कि प्रदेश में ऐसे गठबंधन की सरकार सत्ता में है जिसका नीचे से लेकर उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों पर कोई नियंत्रण नहीं है। अधिकारियों से लेकर मंत्री तक सभी प्रदेश को लूटने में लगे हैं। भाजपा गठबंधन सरकार पर अफसरशाही कितनी हावी है, इसका पता इसी से चल जाता है कि सरकार द्वारा एचआरडीएफ का पैसा सहकारी बैंक में रखने के आदेश देने के बावजूद भी अधिकांश पैसा प्राइवेट बैंकों में रखा गया है। मीडिया में छपी रिपोर्ट से पता चलता है कि कोरोना काल में कैसे जम कर लूट मचाई गई, 2020-21 में लॉकडाउन लगने के बावजूद 70 प्रतिशत से अधिक पैसा खर्च किया गया जबकि पूरे प्रदेश में सभी विभागों के कार्य बंद पड़े थे।
अभय सिंह चौटाला ने भाजपा गठबंधन सरकार द्वारा धारा 134ए खत्म किए जाने की भर्त्सना करते हुए कहा कि इससे गरीब घर का बच्चा प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई करने से वंचित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा गठबंधन सरकार पूंजीपतियों की सरकार है और किसान, मजदूर और कमेरों की विरोधी है इसलिए सरकार नहीं चाहती कि प्रदेश में किसान, मजदूर और कमेरे वर्गों का विकास हो। भाजपा गठबंधन के पापों का घड़ा भर चुका है और आने वाले समय में यही वर्ग इनको सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएगा।
March 31, 2022

हरियाणा में सभी जिलों के पेंशनरों की हर महीने सुनी जाएंगी समस्याएं

हरियाणा में सभी जिलों के पेंशनरों की हर महीने सुनी जाएंगी समस्याएं

चण्डीगढ़ : हरियाणा वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएस एन प्रसाद ने कहा कि पेंशनर्स को उचित सम्मान देना व उनकी शिकायतों का त्वरित समाधान करना हम सब का दायित्व बनता है। उन्होंने हर माह प्रत्येक दिन एक -एक जिले के लिए 10 से 11 बजे तक का समय पेंशनर्स की शिकायतों की सुनवाई वीडियो कान्फ्रेसिंग से करने के लिए निर्धारित करने की घोषणा की। वे पेंशनर्स की शिकायतों के समाधान के लिए सेक्टर-3 स्थित हरियाणा निवास में आयोजित पेंशन अदालत में में बोल रहे थे। अदालत का आयोजन प्रधान महालेखागार (लेखा एवं हकदारी) हरियाणा द्वारा किया गया था। वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने महालेखागार (लेखा एवं हकदारी) हरियाणा सुश्री नाजली जाफरी शाइन के प्रयासों की सराहना की जिन्होंने पेंशनर्स की शिकायतों के समाधान के लिए व संशोधित मामलों की सुनवाई के लिए ओडीएमएस प्रणाली लागू की है।
एलटीसी के लिए पेंशनर्स जीवन प्रमाण-पत्र के साथ दे सकेंगे विकल्प पेंशनर्स की एलटीसी के मुद्दे पर आई एक शिकायत पर टी.वी.एस.एन प्रसाद ने खजाना अधिकारियों से कहा कि एलटीसी के निर्धारित चार वर्ष के ब्लॉक वर्ष के दौरान जब भी पेंशनर्स अपना जीवन प्रमाण-पत्र देने आता है तो उस समय उनसे एलटीसी का विकल्प ले लें और ऐसी ही व्यवस्था एचआरएमएस पोर्टल में सेवानिवृत्त होने वाले नए पेंशनर्स के लिए भी करें। इसी प्रकार, महेन्द्रगढ़ ( नारनौल ) में भारतीय स्टेट बैंक की फोकल शाख खोलने के निर्देश भी उपस्थित बैंक के अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि पेंशन अदालत का उद्देश्य सम्बन्धित विभाग द्वारा महालेखागार कार्यालय में भेजे गए लम्बित मामलों की सुनवाई का है फिर भी कई पेंशनर्स एसोएिशन के पदााधिकारियों ने इससे हट कर सामान्य सुझाव दिए हैं जो बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए खजाना अधिकारी मुख्यालय तक इन्हें पहुंचाना सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि मण्डल स्तर पर भी पेंशनर्स की समस्या की सुनवाई के लिए मुख्यालय से एक टीम एक विशेष अभियान के तहत भेजी जाएगी। महालेखागार (लेखा एवं हकदारी) हरियाणा सुश्री नाजली जाफरी शाइन ने पेंशन अदालत के बारे जानकारी देते हुए बताया कि आज पूरे देश में पेंशन अदालतों को आयोजन किया जा रहा है। हरियाणा में लगभग एक हजार मामलों की सुनवाई की जा रही है इनमें पेंशन आदेशों की वैद्यता, डुप्लीकेट पीपीओ, मेडिकल भत्ता, पेंशनर्स के नाम व पते में बदलाव,परिवार पेंशन इत्यादि से सम्बन्धित शिकायत शामिल हैं।