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Friday, April 1, 2022

April 01, 2022

विरोध:नियम 134 ए खत्म करने के विरोध में होगा आंदोलन,सरकार की नीति गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित रखने की है

विरोध:नियम 134 ए खत्म करने के विरोध में होगा आंदोलन,सरकार की नीति गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित रखने की है


नियम 134 ए खत्म करने के विरोध में गुरुवार को दो जमा पांच जन मुद्दों के संयोजक एडवोकेट सत्यवीर हुड्डा ने प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा कि सरकार की नीति गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित रखने की है। नियम 134 ए खत्म होने से प्रदेश के हजारों गरीब बच्चों की पढाई प्रभावित होगी। नियम 134 ए को लागू करवाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी है। सरकार की ओर से नियम 134ए कोे खत्म करने के विरोध में सामाजिक संगठनों और विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर बडा आंदोलन किया जाएगा।

जनवादी महिला समिति ने नियम 134-ए को खत्म करने पर जताया गहरा रोष
रोहतक :  नियम 134 ए के तहत गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा का अधिकार दिया गया था। इस नियम के तहत निजी स्कूलों में 25% सीटें गरीब बच्चों के लिए आरक्षित रखी गई थी। इन्हें बाद में घटाकर 10% कर दिया गया और अब इस नियम को बिल्कुल ही खत्म कर दिया गया। राज्य सरकार ने कहा है कि अभिभावकों और निजी स्कूल संचालकों के बीच में हर साल होने वाले विवादों के चलते यह निर्णय लिया है। जनवादी महिला समिति की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जगमति सांगवान, राज्य अध्यक्ष उषा सरोहा, महासचिव सविता और कोषाध्यक्ष राजकुमारी दहिया ने कहा कि राज्य सरकार ने अभिभावकों और स्कूल संचालकों के बीच विवादों की आड़ लेकर लिया गया नियम 134ए को खत्म करने का निर्णय घोर गरीब विरोधी है।
राज्य सरकार की मंशा शुरू से ही इस नियम को कमजोर करके खत्म करने की थी। इसीलिए ना तो कभी चयन प्रक्रिया को ठीक से अपनाया गया और ना ही कानून के अनुसार निजी स्कूलों को भुगतान किया गया। इस नियम के तहत शिक्षा पाने वाले सभी विद्यार्थी दलित, गरीब और वंचित तबकों से हैं।

एसएफआई प्रदेश में 134ए खत्म करने का विरोध करेगी : स्टूडेंटस फैडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) जिला कमेटी ने कहा कि हरियाणा सरकार की अाेर से टीजीटी व पीजीटी के 4574 पदों पर भर्ती वापस लेने व नियम 134ए को खत्म करने जैसे बेहद शर्मनाक निर्णय लिए हैं, इन फैसलों का एसएफआई विरोध करती है। इस तुगलकी फरमान को जल्द से जल्द सरकार वापस ले। वापस ली गई भर्ती के जितने भी युवाओं ने फॉर्म भरें उन सभी का पैसा सरकार वापस करें। जिलाध्यक्ष अर्जुन बोहत व जिला सह सचिव प्रशांत ने बताया कि जब प्रदेश में वोट का समय आता हैं, तब सबसे ज्यादा युवाओं को सरकार नौकरियां के नाम पर इनको लुभाने का काम करते हैं। एसएफआई मांग करती है कि सरकार जल्द से जल्द इन पदों पर भर्ती करें। जितने भी पद खाली पड़े हैं सभी पदों पर भर्तियां की जाए। प्रदेश में 134ए खत्म करने का एसएफआई विरोध करती है।
April 01, 2022

रोडवेज बस स्टैंड परिसर में हट जा ताऊ पाछे नै पर थिरके कर्मचारी, देखें फोटो कर्मचारी भूल गए कि परिसर में लाउड साउंड पर बैन है।

रोडवेज बस स्टैंड परिसर में हट जा ताऊ पाछे नै पर थिरके कर्मचारी, देखें फोटो कर्मचारी भूल गए कि परिसर में लाउड साउंड पर बैन है।

 हांसी : बस स्टैंड परिसर में बृहस्पतिवार को रोडवेज के कर्मचारी हट जा ताऊ पाछे ने, हरियाणवी गाने पर थिरकते हुए नजर आए। कर्मचारी सभी नियमों को अनदेखा करते हुए रोड़वेज वर्कशॉप के अंदर ही डीजे पर डांस कर रहे थे। दरअसल बृहस्पतिवार को हांसी सब डिपो से रोडवेज के 13 कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए थे। इस दौरान उनके सम्मान में कर्मचारियों द्वारा विदाई समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कर्मचारियों के द्वारा रोडवेज परिसर में ही डीजे का प्रबंध किया गया था। इस मौके पर कर्मचारी भूल गए कि परिसर में लाउड साउंड पर बैन है। रोडवेज परिसर में प्रेसर होर्न का प्रयोग करने पर चालान या फिर जुर्माना करने का प्रावधान है। यदि कोई गाड़ी चालक रोडवेज परिसर में प्रेसर होर्न का प्रयोग करता है तो उसके खिलाफ उसकी समय कार्रवाई कर दी जाती है। लेकिन बावजूद इसके रोड़वेज वर्कशॉप में कर्मचारी डीजे पर नाच गाकर धमाल मचाते रहे। और रोड़वेज के किसी भी अधिकारी ने उन्हें रोकने या डीजे बंद करवाने की जहमत उठाने की कोशिश भी नहीं की गई। बता दें कि बृहस्पतिवार को रोड़वेज के अमर लाल, रामपाल सिंह, बलवान सिंह, अजीत सिंह, सतबीर सिंह, लाजपत राय, अशोक कुमार, कृष्ण कुमार, अशोक कुमार, मदन गोपाल, कश्मीरी लाल, कृष्ण कुमार, रमेश कुमार के रिटायरमेंट होने पर कर्मचारियों के द्वारा विदाई पार्टी का आयोजन किया गया था। जहां पर सभी रिटायरमेंट होने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। साथ ही इस कार्यक्रम के बाद रोडवेज वर्कशॉप में सभी कर्मचारी हरियाणवी गानों पर ठुमके मारते हुए नजर आए। बस स्टैंड परिसर में डीजे की तेज आवाज सुनकर आस-पास के दुकानदार व बस स्टैंड पर मौजूद यात्री भी वहां पर एकत्रित हो गए। कार्यक्रम के बाद सभी रिटार्रमेंट कर्मचारियों को डीजे की गाड़ी के साथ रोडवेज बसों में बैठाकर उनके घर के लिए रवाना कर दिया गया। इस दौरान कर्मचारियों को छोड़ने गई बसों को भी फूलमालाओं से सजाया गया था।
April 01, 2022

तंवर बोले: जनता को निचोड़कर तेल निकाल रही सरकार, लोग नया विकल्प सोचें

तंवर बोले: जनता को निचोड़कर तेल निकाल रही सरकार, लोग नया विकल्प सोचें

जींद : महंगाई ने जनता का दीवाला निकाल दिया है। अब तो लगता है कि सरकार ने ठान रखा है कि जनता को निचोड़ कर, व्यापारियों को निचोड़ कर, किसान-मजदूर को निचोड़ कर, जितना इनसे निचोड़ा जाए उतना जनता का तेल निकालकर महापूंजीपति साथियों की मदद करे। इसी कारण आज देश में महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार का बोलबाला है। देश व प्रदेश की जनता के पास मौका है कि वे नए विकल्प के बारे में सोचे। यह तीखे बोल तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद डा. अशोक तंवर ने वीरवार को जींद में पत्रकारों से बातचीत में कहे।
*तंवर बोले: हरियाणा में अनपढ़ों की सरकार*

जीआरपी में सब इंस्पेक्टर रहे जसवंत सिंधु के रिटायरमेंट कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में तंवर ने कहा कि उन्होंने हरियाणा में 134-ए के तहत गरीब बच्चों के निजी स्कूलों में दाखिलों पर रोक लगाने के फैसले पर सरकार को घेरते हुए कहा कि बीजेपी अनपढ़ों की सरकार है। ये सरकार शिक्षा के महत्व को नहीं समझती इसलिए ये शिक्षा व्यवस्था को खत्म करने चाहती है। आज स्कूलों में गरीबों को वजीफे नहीं मिल रहे। हायर एजुकेशन की स्कालरशिप नहीं मिल रही। उन्होंने कहा कि पहले प्रधानमंत्री और उनके मंत्रियों की डिग्रियों पर सवाल उठ चुके हैं।
*हरियाणा के लोग भी नए विकल्प की तलाश में*

पंजाब में आम आदमी की सरकार बनने व प्रदेश में आम आदमी के तेजी से फैलने की चर्चाओं पर अशोक तंवर ने कहा कि वह तो पहले भी कहते रहे हैं कि लोग नए विकल्प की तलाश में हैं। लोगों को पंजाब में लगा कि आम आदमी पार्टी उनके लिए ठीक है तो उन्होंने उसे वोट किया। इस मौके पर गुरमेज गोंदर, जसवंत सिंधु, ईश्वर तंवर, विमन मिनोचा, महाबीर तंवर, राजेन्द्र शर्मा, अंजना बाला, सुभाष चौपड़ा, करण लोहिया मौजूद रहे।
April 01, 2022

अब तेल की कीमत क्यों बढ़ी और सरकार का इसमें रोल कहां आता है?

कुछ साल पहले जब पेट्रोल, डीज़ल की क़ीमतें बढ़ती थीं तो विरोध प्रदर्शन दिखते थे। आम लोग हों या ख़ास लोग, सबकी तरफ़ से प्रतिक्रियाएं सामने आती थीं। अब ऐसा नहीं होता, आख़िर क्यों?

भाजपा ने ईंधन की क़ीमतों में बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार पर हमला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी, हालांकि सत्ता में आने पर उसने पेट्रोल, डीज़ल के दामों को कम करने के अपने वादे को पूरा नहीं किया और इसके लिए अंतरराष्ट्रीय कारकों को ज़िम्मेदार बताने लगी.

नई दिल्ली: मई 2012 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे. उन्होंने तत्कालीन सरकार द्वारा ईंधन की कीमतों में अत्यधिक बढ़ोतरी को कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की विफलता के एक प्रमुख उदाहरण के तौर पर पेश किया.

भाजपा और उसके नेताओं ने मनमोहन सिंह सरकार पर हमलावर होने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने वादा किया था कि अगर भाजपा सत्ता में आती है तो ईंधन की कीमतों में कमी लाएंगे.

वर्षों बाद भी, उस वादे को साकार होता देखना नागरिकों के लिए केवल दूर का सपना इसलिए प्रतीत होता है क्योंकि मोदी सरकार ने ईंधन की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि की है.

5 राज्यों कर चुनाव परिणामो के बाद पिछले 10 दिन में से 9 दिन दाम बढ़े हैं,  जो पैट्रोल  व डीजल दोनों के 5 रु 59 पैसे बढ़ चुके, जबकि डीजल के थोक विक्रताओ के लिए 25 रूपये बढ़ चुके है |

एक दौर था जब पेट्रोल और डीज़ल के भाव में इज़ाफा होता था तो अगले दिन अखबार के फ्रंट पेज पर बड़ी-बड़ी हेडलाइन होती थी. भाव बढ़ने की खबर सुनते ही लोग पेट्रोल पंप पर टंकी फुल कराने के लिए पहुंच जाते थे, ताकि नई रेट ना लगे. अब ऐसा लगता है कि पेट्रोल और डीज़ल के भाव बढ़ना तो कोई खबर ही नहीं है. लगभग रोज़ ही तो भाव बढ़ रहे हैं. पहले पेट्रोल 100 रुपये पार गया और अब डीज़ल भी देश के कई हिस्सों में 100 वाले आकंड़े को छू गया है. तेल के भावों की इस रेस में इस बार एडिबल ऑयल भी दौड़ रहा है. पिछले एक साल में खाने का तेल जितना महंगा हुआ, उतना एक दशक में नहीं हुआ. गरीब हो या अमीर हर घर में तेल इस्तेमाल होता है और इसका भाव बढ़ने का असर देश के हर घर पर पड़ता है. एक तरफ सरकार कह रही है कि वो कोरोना से लोगों को राहत देने के लिए आर्थिक पैकेज दे रही है, दूसरी तरफ बढ़ी हुई महंगाई से गरीबों की जे़ब और खाली हो रही है. तो क्या सरकार कीमतें नियंत्रित करना नहीं चाहती है या उसकी कोई मजबूरी है. इसी पर आज विस्तार से बात करेंगे.

पहले बात एडिबल ऑयल्स की करते हैं

एडिबल ऑयल्स यानी खाने के काम में लिए जाने वाले तेल. हमारे देश में सरसों, मुंगफली, सोया, सूरजमुखी, पाम और वनस्पति का तेल ही मुख्यत इस्तेमाल होता है. अगर आप घर का सामान खरीदकर लाते हैं तो आपको पता होगा कि पिछले एक साल में सरसों या दूसरे तेल के दामों में कितनी बढ़ोतरी हुई है. डेढ़ से दो गुना तक कीमतें बढ़ी हैं. पिछले 10 साल में खाने के तेल के दाम अचानक इतने नहीं बढ़े. सालभर से पहले अगर तेल के दाम बढ़ते भी थे तो 10-20 रुपये किलो वाली बढ़ोतरी होती थी. लेकिन पिछले कुछ महीनों में तो जैसे तेल के भाव एक्सीलेटर पैर रखकर ही बैठ गए हों. सरसों के तेल का उदाहरण लेते हैं. कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक 31 मार्च को दिल्ली में एक किलो पैक्ट सरसों के तेल का भाव 201 रुपये था. देश का अधिकतम रेट 260 रुपये है. अगर पूरे देश के एवरेज की बात करें तो 188.2 किलो में सरसों का एक किलो तेल आ रहा है. जबकि तेन साल मार्च के आखिर में एक किलो सरसों का तेल 104.3 रुपये का आता था. इसी अनुपात में और भी तेलों की कीमत बढ़ी है.

अब तेल की कीमत क्यों बढ़ी और सरकार का इसमें रोल कहां आता है?

बाज़ार में हर चीज़ की कीमतें सामान्य दिनों में डिमांड और सप्लाई के नियम से तय होती हैं. अगर डिमांड और सप्लाई में से कोई एक भी फैक्टर कम या ज़्यादा होता है तो कीमतें असामान्य रूप से कम या ज़्यादा होती हैं. तो अभी तेल की बढ़ी कीमतों के संदर्भ में पहले डिमांड की बात करते हैं.

देश में अचानक तेल की ज़्यादा डिमांड हो गई हो, ऐसा नहीं है. साल दर साल देश में तेल की खपत थोड़ी बहुत बढ़ती है. ग्रामीण इलाकों में सरसों का तेल ज्यादा इस्तेमाल होता है और शहरी इलाकों में सूरजमुखी और सोयाबीन के रिफाइंड ऑयल की खपत ज्यादा है. तेल का इस्तेमाल किस गति से बढ़ रहा है ये समझने के लिए हमारे पास आंकड़े हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक साल 1993-94 में तेल की खपत प्रति व्यक्ति ग्रामीण इलाकों में औसतन 370 ग्राम थी और शहरी इलाकों में 480 ग्राम थी. यानी एक आदमी औसतन इतना तेल खाता था. 2011-12 में बढ़कर ये आंकड़ा ग्रामीण इलाकों के लिए 670 ग्राम और शहरी इलाकों के लिए 850 ग्राम हो गया. यानी लगभग दोगुना. इसके बाद का प्रति व्यक्ति वाला आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, लेकिन ओवरऑल जो खपत का आंकड़ा है वो बताता है कि तेल की डिमांड साल दर साल बढ़ती है. डिमांड का ग्राफ धीमे-धीमे ऊपर जा रहा है. यानी ये बात बिल्कुल नहीं है कि इसी साल लोगों ने तेल ज्यादा खाना शुरू कर दिया हो, और उसकी वजह से भाव बढ़ रहे हों.

तो भाव बढ़ रहे हैं सप्लाई के सिरे पर. देश में तेल की जितनी खपत होती है, उतना हमारे यहां पैदा नहीं होता है. बाहर से आयात करना पड़ता है. साल 2019-20 में हमारा कुल तेल उत्पादन लगभग 1 करोड़ 10 लाख टन था. और मांग थी 2 करोड़ 40 लाख टन की. यानी घरेलू उत्पादन के बाद करीब 1 करोड़ 30 लाख टन तेल कम पड़ रहा था. ये कमी आयात से दूर होती है. आधे से ज्यादा तेल हमें विदेश से मंगवाना पड़ता है. और जितना तेल आयात करते हैं उसका 86 फीसदी हिस्सा सोयाबीन और पाम ऑयल होता है. पाम ऑयल हम इंडोनेशिया या मलेशिया से आयात करते हैं.

अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में भाव क्यों बढ़ रहा है?

इसीलिए अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में एडिबल ऑइल की कीमतों से हमारे देश में भी कीमतों पर असर पड़ता है. साल भर में अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में तेल का भाव बढ़ा है. अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में भाव क्यों बढ़ रहा है, इसकी कई वजह हैं. एक वजह तो ये मानी जा रही है कि खाने के तेल का इस्तेमाल ईंधन के लिए भी होने लगा है. अमेरिका, ब्राज़ील जैसे देशों में सोयाबीन के तेल से रिन्यूएबल एनर्जी तैयार की जा रही है. इसके अलावा कई और भी फैक्टर्स हैं जो अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में खाने के तेल की कीमत बढ़ा रहे हैं. जैसे इंडोनेशिया और मलेशिया में एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ाना, लेबर की दिक्कतें या ला निन्या तूफान से नुकसान. तेल महंगा होने की कुछ वजह, सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के एक्सिक्यूटिव डायरेक्टर बीवी मेहता ने इंडिया टुडे को बताई. इनके मुताबिक पाम ऑयल में बहुत मेहनत लगती है. और मलेशिया जो पाम ऑयल का बड़ा निर्यातक है, वो माइग्रेट लेबरर्स पर डिंपेड रहता है. कोरोना में बॉर्डर्स सील होने की वजह से लेबर की कमी रही. इससे प्रोडक्शन पर असर पड़ा | अब रूस और उक्रेन के बिच युद्ध भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तेल केर दामों मे बढ़ोतरी का मुख्य कारण है |

तो जाहिर है अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में खाने के तेल की कीमतें तो हम नियंत्रित नहीं कर सकते. लेकिन भारत की सरकार ये ज़रूर तय कर सकती है कि वो महंगा तेल भारत के लोगों को थोड़ा सस्ता मिल सके. आयात पर शुल्क घटाकर ऐसा किया जा सकता है. और सरकार आयातित तेल पर कितना टैक्स लेती है. 2 फरवरी 2021 के बाद से ये रेट 35.75 फीसदी से लेकर 60 फीसदी तक है. इसमें इम्पॉर्ट ड्यूटी के अलावा एग्रीकल्चर सेस और सोशल वेलफेयर सेस भी शामिल है. मिसाल के तौर पर – रिफाइंड और ब्लिचड पाम ऑयल जिसे RBD पाम ऑयल कहते हैं इस पर टैक्स करीब 60 फीसदी है. क्रूड और रिफाइंड सोयाबीन पर टैक्स 38 फीसदी से 49 फीसदी के बीच है. 
तो अगर आयात शुल्क में सरकार रियायत देती है तो तेल की कीमतें कम हो सकती हैं. लेकिन सरकार ऐसा करती दिख नहीं रही. 

अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चा तेल सस्ता है तो ज्यादा टैक्स ले लिया?

अब गाड़ी में डालने वाले तेल की बात करते हैं. पेट्रोल के बाद डीज़ल भी लगभग 100 रुपये लीटर हो चुका है. आपके वाहन हो या ना हो, डीज़ल और पेट्रोल के भाव बढ़ने का असर हरेक पर पड़ता है. तेल की कीमतों के साथ हर चीज़ की महंगाई जुड़ी है. और खाने के तेल की तरह पेट्रोल-डीज़ल के भाव पर सरकार अंतर्राष्ट्रीय कीमतों को भी जिम्मेदार नहीं बता सकती. आज से 11 साल पहले मई 2011 में पेट्रोल का भाव करीब 63 रुपये प्रति लीटर था. और तब अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल का भाव आज से ज़्यादा था. अभी क्रूड ऑयल 72 डॉलर प्रति बैरल है, फिर पेट्रोल का भाव लगभग दोगुना है. और फिर यहां बात आ जाती है सरकार के टैक्स की.  एक लीटर पेट्रोल पर केंद्र सरकार और राज्यें सरकारें किस तरह से टैक्स बढ़ाती रहती हैं. दोनों तरफ का मिलाकर अभी पेट्रोल पर 150 फीसदी और डीज़ल पर 120 फीसदी के करीब टैक्स है. सरकार अपने टैक्स में कोई कटौती नहीं करना चाहती. जब अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में तेल 40-45 डॉलर प्रति बैरल था तब भी सरकार इतना ही टैक्स ले रही थी. और अब कच्चा तेल महंगा हुआ तो भी टैक्स में कटौती नहीं हुई.

जब कोई चुनाव नज़दीक होता है तो तेल की कीमतें कुछ दिन बढ़ना रुक जाती हैं. चुनाव खत्म होते ही सरकार फिर तेल के भाव को भूल जाती है. 5 प्रदेशो के चुनाव के नतीजो के बाद पिछले 10 दिन मे9 बार तेल की कीमतें बढ़ चुकी हैं. अक्सर देखा जाता है कि जब अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चा तेल सस्ता होता है तो ज्यादा टैक्स ले लिया जाता है, तो अब जब कच्चा तेल महंगा हो रहा है तो टैक्स में कटौती करे. लेकिन ऐसा कुछ हो नहीं रहा. ऐसा लगता है कि सरकार को तेल की बढ़ी हुई कीमतों और लोगों पर पड़ते बोझ से कोई मतलब ही नहीं. एक तरफ सरकार कोविड के नाम पर राहत पैकेज की घोषणाएं कर अपनी पीठ थपथपाती है और दूसरे हाथ से लोगों के जेब से पैसे निकाल भी रही है. और इसमें केंद्र और राज्य दोनों की सरकारें बराबर शामिल हैं.

लंबे समय तक नहीं बढ़े दाम, 19000 करोड़ का नुकसान

आपको बता दें कि देश में चार नवंबर, 2021 से 21 मार्च, 2022 के बीच कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के बावजूद ईंधन कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ था। इस दौरान कच्चे तेल का दाम नवंबर के 82 डॉलर प्रति बैरल से मार्च के पहले तीन सप्ताह में औसतन 111 डॉलर प्रति बैरल रहा था।

रिपोर्ट के मुताबिक देश की शीर्ष तीन पेट्रोलियम कंपनियों को कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के बावजूद ईंधन के दाम नहीं बढ़ाने की वजह से नवंबर से मार्च, 2022 तक 2.25 अरब डॉलर (करीब 19,000 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है। ये नुकसान इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) को हुआ है। 

क्या कहा मूडीज ने: मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘बाजार की मौजूदा कीमतों के आधार पर पेट्रोलियम कंपनियों को वर्तमान में पेट्रोल की बिक्री पर लगभग 25 डॉलर (1,900 रुपये से अधिक) प्रति बैरल और और डीजल पर 24 डॉलर प्रति बैरल का घाटा हो रहा है।’’ रिपोर्ट में कहा गया कि अगर कच्चे तेल की कीमतें औसतन 111 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी रहती हैं, तो आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल को पेट्रोल-डीजल की बिक्री पर रोजाना सामूहिक रूप से 6.5 से सात करोड़ डॉलर का नुकसान हो सकता है।


Thursday, March 31, 2022

March 31, 2022

जींद में पुलिस ने अर्थी से उठाया शव:शराब के लिए पैसे न मिलने पर की थी आत्महत्या; परिजन रात को कर रहे थे अंतिम संस्कार

जींद में पुलिस ने अर्थी से उठाया शव:शराब के लिए पैसे न मिलने पर की थी आत्महत्या; परिजन रात को कर रहे थे अंतिम संस्कार

जींद : जींद के नागरिक अस्पताल में मृतक के शव के पोस्टमार्टम के लिए कार्रवाई करती पुलिस। - 
जींद के नागरिक अस्पताल में मृतक के शव के पोस्टमार्टम के लिए कार्रवाई करती पुलिस।
हरियाणा के जींद में रोहतक रोड स्थित सुभाष नगर में शाम को व्यक्ति ने फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली। परिजन रात को ही शव को अर्थी पर लेकर अंतिम संस्कार के लिए निकल चुके थे। उसी दौरान पुलिस पहुंच गई और अर्थी से शव को कब्जे में लेकर नागरिक अस्पताल में भिजवा दिया। कहा जा रहा है कि परिजनों में शराब के लिए रुपए नहीं दिए थे, जिससे खफा होकर उसने फंदा लगा लिया।
*पत्नी नीचे आई तो चला पता*

मिली जानकारी के अनुसार रोहतक रोड स्थित सुभाष नगर निवासी संजय (32) ने शाम को अपने मकान में फंदा लगा लिया। मृतक की पत्नी व अन्य परिवार के लोग उपर कमरें में थे। घटना का उस समय पता चला, जब मृतक की पत्नी नीचे कमरे में आई और संजय को फंदे पर लटके देखा। शोर मचाए जाने पर परिवार के अन्य लोग मौके पर पहुंच गए और संजय को नीचे उतारा। परिजनों ने ने रात को ही अंतिम संस्कार की तैयारी कर निकल पड़े। शहर थाना पुलिस ने रास्ते मे ही शव को कब्जे में ले लिया और पोस्टमार्टम के लिए सामान्य अस्पताल के शव गृह में भिजवा दिया।
*भाई बोला- आत्महत्या की*

मृतक के भाई राकेश ने बताया कि संजय शराब पीने का आदी था। शाम को संजय ने शराब पीने के लिए रुपयों की मांग की थी। जिस पर परिजनों ने रुपए देने से मना कर दिया। खफा संजय ने घर में फांसी के फंदे पर लटक कर आत्महत्या कर ली।

*पोस्टमार्टम के बाद सौंपा शव*

शहर थाना के जांच अधिकारी ओमप्रकाश ने बताया कि पुलिस कंट्रोल रूम से सूचना मिली थी। जिस पर शव को कब्जे में ले सामान्य अस्पताल लाया गया था। मृतक को परिजनों ने शराब पीने का आदी बताया है। कोई किसी प्रकार का आरोप नहीं लगाया गया है। शव का पोस्टमार्टम करवा परिजनों को सौंप दिया है।
March 31, 2022

नियम 134 A खत्म करने का फैसला तुरंत वापस हो - सुरजेवाला

नियम 134 A खत्म करने का फैसला तुरंत वापस हो - सुरजेवाला


खट्टर-चौटाला सरकार ने लाखों गरीब परिवारों से उनके बेहतर भविष्य की उम्मीद छीनी
चंडीगढ़, 31 मार्च :  हरियाणा सरकार द्वारा स्कूलों के लिए नियम 134 A खत्म करने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस गरीब विरोधी फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की है। 

सुरजेवाला ने कहा कि नियम 134 A खत्म करके खट्टर-चौटाला सरकार ने हरियाणा के लाखों गरीब परिवारों से उनके बच्चों को प्रदेश के सबसे अच्छे प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करवाने का सपना तोड़ दिया है और इस नियम के अंतर्गत स्कूलों में हर कक्षा में पहले से पढ़ रहे हजारों छात्रों का भविष्य अधर में डाल दिया है। गरीब के पास अपनी किस्मत बदलने के लिए एक ही उम्मीद ही होती है कि उनका बच्चा पढ़ लिख कर परिवार के लिए गरीबी की बेड़ियां तोड़ते हुए समाज व देश को आगे बढ़ाएगा। उसके लिए वो दिन-रात मेहनत करते हुए अपने बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा देना चाहता है। लेकिन आज इस असंवेदनशील सरकार ने गरीबों की वो उम्मीद भी छीन ली है। 
सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश में नियम 134 A के अंतर्गत आर्थिक रुप से कमजोर वर्गों के गरीब गुणवान छात्रों एवं गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) श्रेणियों से संबंधित मेधावी छात्रों के लिए प्रदेश के विभिन्न मान्यता प्राप्त प्राइवेट विद्यालयों में दो लाख से ज्यादा सीटें उपलब्ध थी, जिनपर वो निजी विद्यालय इन छात्रों से सरकारी विद्यालयों के समान दर पर फीस लेते हुए शिक्षा देने के लिए बाध्य थे। लेकिन इस सरकार ने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन न करते हुए तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा 19 जून, 2013 को अधिसूचित नियम 134 A रद्द कर दिया, जिससे हर वर्ष दो लाख से ज्यादा गरीब गुणवान छात्र अपने शहरों के सबसे अच्छे स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर सकते थे। इसके साथ ही इस नियम के खत्म से पहले से ही शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र-छात्राओं से निजी विद्यालय अन्य छात्रों के समान फीस वसूलने का दबाव बनाएंगे। लेकिन वे छात्र ना तो वो फीस दे पाएंगे, ना ही किसी दूसरे अच्छे विद्यालय में उनका दाखिला होगा, जिससे अब ऐसे दाखिले की उम्मीद करने वाले और पहले से शिक्षा ग्रहण कर रहे लाखों छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है।     
मुख्यमंत्री से सीधा सवाल पूछते हुए सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार गरीब परिवारों के मेधावी बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ क्यों कर रही है? उन्होंने कहा कि नियम 134 A प्रदेश के लाखों गरीब परिवारों के लिए एक उम्मीद थी कि वे पैसे ना होने के बावजूद भी अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ा सकेंगे। जिन माता पिता की सालाना आय 2 लाख रुपये से कम थी वो अपने बच्चों का दाखिला 134 A के तहत एक एंट्रेंस टेस्ट देकर लगभग निशुल्क प्राइवेट स्कूल में करवा सकते थे। यह सरकार अपनी गलत नीतियों के कारण सरकारी स्कूलों को तो पहले ही गर्त में डाल चुकी है और अब 134A को खत्म करके गरीब बच्चों का आखिरी रास्ता भी बंद किया जा रहा है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
March 31, 2022

हरियाणा के गांवों का विकास करने के भाजपा गठबंधन सरकार के दावे हवा हवाई: अभय चौटाला

हरियाणा के गांवों का विकास करने के भाजपा गठबंधन सरकार के दावे हवा हवाई: अभय चौटाला

गावों के विकास के लिए जो 2021-22 में बजट अलॉट किया गया था उसमें से 60 प्रतिशत पैसा लैप्स हो गया

धांधली: 2020-21 लॉकडाउन लगने के बावजूद बजट का 70 प्रतिशत से अधिक पैसा खर्च किया गया जबकि पूरे प्रदेश में सभी विभागों के कार्य बंद पड़े थे

भर्त्सना : भाजपा गठबंधन सरकार द्वारा धारा 134ए खत्म किए जाने पर कहा कि इससे गरीब घर का बच्चा प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई करने से वंचित हो जाएगा
चंडीगढ़, 31 मार्च: इनेलो प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि हरियाणा के गावों का विकास करने के भाजपा गठबंधन सरकार के दावे हवा हवाई बन गए हैं। भाजपा गठबंधन सरकार ने प्रदेश की जनता से विकास के वायदे तो बहुत किए थे लेकिन धरातल पर हकीकत उसके बिल्कुल विपरीत है। मीडिया में छपी रिपोर्ट के अनुसार गांवों के विकास के लिए जो बजट अलॉट किया गया था उसमें से सिर्फ 40 प्रतिशत ही खर्च किया गया है। 2021-22 में विकास एवं पंचायत विभाग के लिए प्रस्तावित 5979 करोड़ रूपए में से सिर्फ 1937 करोड़ रूपए ही खर्च किए गए यानी 60 प्रतिशत पैसा लैप्स हो गया।
उन्होंने कहा कि यह हरियाणा प्रदेश का दुर्भाग्य है कि प्रदेश में ऐसे गठबंधन की सरकार सत्ता में है जिसका नीचे से लेकर उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों पर कोई नियंत्रण नहीं है। अधिकारियों से लेकर मंत्री तक सभी प्रदेश को लूटने में लगे हैं। भाजपा गठबंधन सरकार पर अफसरशाही कितनी हावी है, इसका पता इसी से चल जाता है कि सरकार द्वारा एचआरडीएफ का पैसा सहकारी बैंक में रखने के आदेश देने के बावजूद भी अधिकांश पैसा प्राइवेट बैंकों में रखा गया है। मीडिया में छपी रिपोर्ट से पता चलता है कि कोरोना काल में कैसे जम कर लूट मचाई गई, 2020-21 में लॉकडाउन लगने के बावजूद 70 प्रतिशत से अधिक पैसा खर्च किया गया जबकि पूरे प्रदेश में सभी विभागों के कार्य बंद पड़े थे।
अभय सिंह चौटाला ने भाजपा गठबंधन सरकार द्वारा धारा 134ए खत्म किए जाने की भर्त्सना करते हुए कहा कि इससे गरीब घर का बच्चा प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई करने से वंचित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा गठबंधन सरकार पूंजीपतियों की सरकार है और किसान, मजदूर और कमेरों की विरोधी है इसलिए सरकार नहीं चाहती कि प्रदेश में किसान, मजदूर और कमेरे वर्गों का विकास हो। भाजपा गठबंधन के पापों का घड़ा भर चुका है और आने वाले समय में यही वर्ग इनको सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएगा।
March 31, 2022

हरियाणा में सभी जिलों के पेंशनरों की हर महीने सुनी जाएंगी समस्याएं

हरियाणा में सभी जिलों के पेंशनरों की हर महीने सुनी जाएंगी समस्याएं

चण्डीगढ़ : हरियाणा वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएस एन प्रसाद ने कहा कि पेंशनर्स को उचित सम्मान देना व उनकी शिकायतों का त्वरित समाधान करना हम सब का दायित्व बनता है। उन्होंने हर माह प्रत्येक दिन एक -एक जिले के लिए 10 से 11 बजे तक का समय पेंशनर्स की शिकायतों की सुनवाई वीडियो कान्फ्रेसिंग से करने के लिए निर्धारित करने की घोषणा की। वे पेंशनर्स की शिकायतों के समाधान के लिए सेक्टर-3 स्थित हरियाणा निवास में आयोजित पेंशन अदालत में में बोल रहे थे। अदालत का आयोजन प्रधान महालेखागार (लेखा एवं हकदारी) हरियाणा द्वारा किया गया था। वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने महालेखागार (लेखा एवं हकदारी) हरियाणा सुश्री नाजली जाफरी शाइन के प्रयासों की सराहना की जिन्होंने पेंशनर्स की शिकायतों के समाधान के लिए व संशोधित मामलों की सुनवाई के लिए ओडीएमएस प्रणाली लागू की है।
एलटीसी के लिए पेंशनर्स जीवन प्रमाण-पत्र के साथ दे सकेंगे विकल्प पेंशनर्स की एलटीसी के मुद्दे पर आई एक शिकायत पर टी.वी.एस.एन प्रसाद ने खजाना अधिकारियों से कहा कि एलटीसी के निर्धारित चार वर्ष के ब्लॉक वर्ष के दौरान जब भी पेंशनर्स अपना जीवन प्रमाण-पत्र देने आता है तो उस समय उनसे एलटीसी का विकल्प ले लें और ऐसी ही व्यवस्था एचआरएमएस पोर्टल में सेवानिवृत्त होने वाले नए पेंशनर्स के लिए भी करें। इसी प्रकार, महेन्द्रगढ़ ( नारनौल ) में भारतीय स्टेट बैंक की फोकल शाख खोलने के निर्देश भी उपस्थित बैंक के अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि पेंशन अदालत का उद्देश्य सम्बन्धित विभाग द्वारा महालेखागार कार्यालय में भेजे गए लम्बित मामलों की सुनवाई का है फिर भी कई पेंशनर्स एसोएिशन के पदााधिकारियों ने इससे हट कर सामान्य सुझाव दिए हैं जो बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए खजाना अधिकारी मुख्यालय तक इन्हें पहुंचाना सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि मण्डल स्तर पर भी पेंशनर्स की समस्या की सुनवाई के लिए मुख्यालय से एक टीम एक विशेष अभियान के तहत भेजी जाएगी। महालेखागार (लेखा एवं हकदारी) हरियाणा सुश्री नाजली जाफरी शाइन ने पेंशन अदालत के बारे जानकारी देते हुए बताया कि आज पूरे देश में पेंशन अदालतों को आयोजन किया जा रहा है। हरियाणा में लगभग एक हजार मामलों की सुनवाई की जा रही है इनमें पेंशन आदेशों की वैद्यता, डुप्लीकेट पीपीओ, मेडिकल भत्ता, पेंशनर्स के नाम व पते में बदलाव,परिवार पेंशन इत्यादि से सम्बन्धित शिकायत शामिल हैं।
March 31, 2022

बड़ी खबर… खिलाड़ियों का दबाव आया काम, ए व बी श्रेणी की नौकरी में कोटा बहाल

बड़ी खबर… खिलाड़ियों का दबाव आया काम, ए व बी श्रेणी की नौकरी में कोटा बहाल
चंडीगढ़ : प्रदेश सरकार ने कुछ दिन पहले फैसला लिया था कि हरियाणा में सरकारी नौकरियों में ए व बी श्रेणी में खिलाड़ियों का तीन प्रतिशत कोटा खत्म कर दिया गया है। इस फैसले के बाद पूरे हरियाणा में खिलाड़ी और पूर्व ओलंपियन खिलाड़ी और राजनीतिक दलों ने विरोध शुरू कर दिया था। कांग्रेस ने इस मुद्दे का जोरदार तरीके से विरोध किया था। वहीं आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे नवीन जयहिंद ने विरोध प्रदर्शन किया था और दो अप्रैल को रोहतक में भाजपा मुख्यालय पर बड़ा प्रदर्शन करने का ऐलान किया था। इसी बीच सरकार ने चहुंओर से हो रहे विरोध को देखते हुए अपना फैसला पलट दिया है और खिलाड़ियों का ए व बी श्रेणी में कोटा बहाल कर दिया है।

*पदक लाओ पद पाओ का कोटा भी बरकरार रहेगा*

वीरवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस संबंध में खेल मंत्री संदीप सिंह सहित आला अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि खिलाड़ियों के तीन प्रतिशत कोटा आउटस्टैंडिग स्पोर्टस पालिसी के तहत बहाल रहेगा। इसके साथ ही पदक लाओ पद पाओ का कोटा भी बहाल रहेगा। यानि अब हरियाणा में ए, बी व सी वर्ग की सरकारी नौकरियों में तीन प्रतिशत कोटा व डी कैटेगरी के 10 प्रतिशत कोटा बरकरार रहेगा। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने दो दिन पहले कहा था कि खिलाड़ियों का कोटा खत्म नहीं किया जाएगा और इस संबंध में जल्द उचित फैसला लिया जाएगा। आप के प्रदेशाध्यक्ष रहे नवीन जयहिंद ने कहा था कि खेल मंत्री खुद को खेल कोटे से डीएसपी भर्ती हो गए थे और अब मंत्री बनकर खिलाड़ियों का अधिकारी बनने का कोटा खत्म करवा रहे हैं।
*फर्जी सर्टिफिकेट पर रहेगी सख्ती*

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि खिलाड़ियों के फर्जी सर्टिफिकेट न बने इसे लेकर प्रक्रिया को सख्त किया जाएगा। अब भविष्य में फर्जी ग्रेडेशन सर्टिफिकेट से नौकरी लेने वाले युवा नपेंगे। बता दें कि कई भर्तियों में खिलाड़ियों के बड़ी संख्या में फर्जी सर्टिफिकेट मिले थे। इस मामले में सैकड़ों की युवाओं की नौकरी भी चली गई थी। उसके बाद सरकार ने पूरे प्रदेश में खिलाड़ियों के सर्टिफिकेट की जांच की थी। अब भविष्य में खिलाड़ी कोटे से भर्ती होने वाले खिलाड़ियों के सर्टिफिकेट की कई स्तर पर गहन जांच की जाएगी।
March 31, 2022

बीरेंद्र सिंह समेत किसी भी पूर्व विधायक या एमपी की आप में नो इंट्री

बीरेंद्र सिंह समेत किसी भी पूर्व विधायक या एमपी की आप में नो इंट्री

जींद : ( संजय कुमार ) ÷ भाजपा के वरिष्ठ नेता और बांगर में चौधर लाने के नाम पर लंबे समय से राजनीति कर रहे चौधरी बीरेंद्र सिंह की आम आदमी पार्टी में इंट्री नहीं हो पाएगी। उचाना हलके के कई गांवों की पंचायतों ने बीरेंद्र सिंह के बारे में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और जिला संगठन के पदाधिकारियों को नकारात्मक रिपोर्ट दी हैं। जिसके बाद पार्टी ने बीरेंद्र सिंह, उनके बेटे बृजेंद्र सिंह व पत्नी प्रेमलता की आप में इंट्री न करवाने का निर्णय लिया है। हालांकि आप के हरियाणा प्रभारी सुशील गुप्ता ने पांच दिन पहले उचाना में बीरेंद्र सिंह के जन्मदिन पर जनसभा में बीरेंद्र सिंह को आप में इंट्री का खुला न्योता दिया था। लेकिन अब पार्टी ने उचाना हलके सहित अन्य लोगों की रिपोर्टों को देखते हुए उनकी पार्टी में इंट्री न करवाने का निर्णय लिया है। आप के जींद जिले के प्रधान लाभ सिंह सिद्धू ने वीरवार को पत्रकारों से बातचीत में यह घोषणा की। सिद्धू ने यह भी कहा कि उचाना हलके के लोगों ने यह भी रिपोर्ट दी हैं कि बीरेंद्र सिंह को आप में शामिल किया तो पार्टी गर्त में चली जाएगी। उन्होंने इन सब रिपोर्टों को मुख्यालय को भेज दिया है। इस मौके पर पार्टी की महिला विंग की जिला प्रधान डा. रजनीश जैन, डा. सुरेश जैन, तरसेम गोयल भी मौजूद थे।
*आम आदमी की पार्टी, इसलिए पूर्व विधायकों व एमपी की इंट्री बंद*

अब हरियाणा के किसी भी पूर्व विधायक या पूर्व सांसद की भी आम आदमी पार्टी में इंट्री नहीं होगी। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस बारे में हरियाणा के सभी जिला प्रधानों व संगठन मंत्रियों को आनलाइन मीटिंग करके आदेश दिए हैं। इस मीटिंग में केजरीवाल ने सभी जिला प्रधानों से कहा कि वे किसी भी पूर्व विधायक या पूर्व एमपी की अपने स्तर पर पार्टी में इंट्री न कराएं। पार्टी के नेताओं का कहना है कि आप सिर्फ आम आदमी की पार्टी है। इसलिए आम आदमी ही नगर परिषद या विधानसभा का चुनाव लड़ेगा। किसी भी पूर्व विधायक की इंट्री नहीं करवाई जाएगी।
*जांच के बाद ही होगी बड़े नेताओं की इंट्री*

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा के सभी जिला प्रधानों, हरियाणा प्रभारी राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता, संगठन मंत्री सहित सभी नेताओं से कहा है कि यदि कोई बड़ा नेता आम आदमी पार्टी में शामिल होना चाहता है तो उसका नाम मुख्यालय में भेजें। पहले उसकी जांच की जाएगी। यदि उस पर भ्रष्टाचार का कोई दाग नहीं होगा और फील्ड में लोग उसे पसंद करते होंगे, तभी उसकी इंट्री करवाई जाएगी।
*दावा: बसपा के 12 जिलों के नेता आप में शामिल*

आम आदमी पार्टी के जींद जिले के प्रधान लाभ सिंह सिद्धू ने बताया कि बहुजन समाज पार्टी के कई जिलों के नेता आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं। दो दिन पहले हरियाणा से 12 जिलों से बसपा इकाई के पदाधिकारी और प्रदेश के वरिष्ठ नेता रंगा जी ने सुशील गुप्ता के कार्यालय में आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली है। अब वे लोग गांवों में जाकर गरीब तबके के लोगों को आम आदमी पार्टी से जोड़ने का काम करेंगे। इन लोगों की ड्यूटी लगाई है कि बसपा के कार्यकर्ताओं की आप में इंट्री करवाई जाए। इस अवसर पर जिला प्रेस प्रवक्ता डॉक्टर गणेश कौशिक ने जिला स्तर पर की जा रही आप पार्टी की गतिविधियों की जानकारी दी | 
March 31, 2022

8 साल के बच्चे ने 112 पर कॉल कर कहा- मम्मी फांसी लगा रही है, पुलिस ने 9 मिनट में पहुंचकर बचाई जान

8 साल के बच्चे ने 112 पर कॉल कर कहा- मम्मी फांसी लगा रही है, पुलिस ने 9 मिनट में पहुंचकर बचाई जान


कैथल : हरियाणा पुलिस  सेवा-सुरक्षा-सहयोग के लिए जानी जाती है और जब ये स्लोगन सही मायनों में चरितार्थ होता है तो कही ना कहीं पुलिस के प्रति लोगों के मन मे एक सम्मान की भावना जागृत करता है। ऐसा ही वाक्या कैथल में हुआ जब एक 8 साल के बच्चे ने 112 पर कॉल की और पुलिस कर्मचारियों ने मात्र 9 मिनट में मौके पर पहुंच एक महिला की जान बचाई। जिसके लिए पुलिस कप्तान मकसूद अहमद ने सम्बंधित पुलिस कर्मचारियों को सम्मानित किया है। 

24 मार्च को व्हीकल नं. 387 पर तैनात एसआई शमशेर सिंह, एचसी विनोद कुमार व एसपीओ जोरा सिंह को 112 पर कॉल प्राप्त हुई कि डिफेंस कॉलोनी कैथल में अपने घर में एक महिला फांसी लेने के लिए फंदा तैयार कर रही है। इस सूचना पर ईआरवी पर तैनात स्टाफ द्वारा त्वरित व मुस्तैदी से कार्रवाई करते हुए ट्रैफिक जाम से निकलते हुए मात्र 9 मिनट में मौका पर पहुंचकर महिला से बातचीत करके उसको समझा बुझाकर उसकी जान बचाई। 

*पुलिस कर्मियों को किया गया सम्मानित*

मौके पर पहुंचे महिला के अन्य परिजन व आमजन द्वारा पुलिस द्वारा इतनी जल्दी महिला के पास पहुंचकर उसकी जान बचाने के लिए धन्यवाद करते हुए डायल 112 प्रोजेक्ट की प्रशंसा की गई थी। महिला की जान बचा कर श्रेष्ठ कार्य करने वाले पुलिस कर्मचारियों का उत्साहवर्धन करते हुए अपने कार्यालय में एसपी मकसूद अहमद द्वारा उन्हें नकद इनाम व प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया। 

*एसपी ने कही ये बात*

इस मौके पर एसपी ने कहा कि अन्य पुलिस कर्मचारियों को भी इस प्रकार कर्तव्यनिष्ठा से बेहतरीन डयुटी करने वाले पुलिस कर्मचारियों से प्रेरणा लेनी चाहिए. कर्तव्यनिष्ठा व ईमानदारी से ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को आगे भी निरंतर रुप से सम्मानित किया जाएगा।
March 31, 2022

HBSE : बोर्ड की हिंदी परीक्षा में पहले दिन ही जमकर चली नकल, 165 केस दर्ज, 3 सेंटर पर Exam रद्द, 2 सेंटर शिफ्ट, 3 सुपरवाइजर रिलीव

HBSE : बोर्ड की हिंदी परीक्षा में पहले दिन ही जमकर चली नकल, 165 केस दर्ज, 3 सेंटर पर Exam रद्द, 2 सेंटर शिफ्ट, 3 सुपरवाइजर रिलीव


 भिवानी :  हरियाणा में बुधवार से शुरू हुई हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की सीनियर सेकेंडरी ( शैक्षिक/मुक्त विद्यालय ) की परीक्षा के लिए 1133 परीक्षा केंद्रों पर लगभग 2,61,657 परीक्षार्थी प्रवष्टि हुए तथा नकल के 165 मामले दर्ज किए गए। ड्यूटी से कौताही बरतने पर प्रदेशभर में 03 सुपरवाइज़र ड्यूटी से रिलीव, 03 परीक्षा केंद्र की परीक्षा रद्द एवं 02 परीक्षा केंद्रों को शिफ्ट किया गया। बोर्ड प्रवक्ता ने बताया कि प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार नकल के 165 मामले दर्ज किए गए। बोर्ड अध्यक्ष डॉ.जगबीर सिंह के उड़नदस्ते द्वारा जिला-भिवानी के लोहारू उपमंडल के परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया, जहां नकल के 02 मामले पकड़े। मढ़ौली कलां के दोनों परीक्षा केन्द्रों पर निरीक्षण के दौरान अनियमितताएं पाए जाने पर केन्द्र की बारहवीं कक्षा की हिंदी विषय की परीक्षा रद्द कर दी गई है तथा परीक्षा केंद्र रा.व.मा.वि. मढ़ौली कलां-1 (बी-1) व रा.व.मा.वि. मढ़ौली कलां-2 (बी-2) को 31 मार्च की परीक्षा के बाद आयोजित होने वाली सभी परीक्षाओं के लिए परीक्षा केन्द्रों को बहल में शिफ्ट कर दिया गया है।  बोर्ड उपाध्यक्ष वीपी यादव के उडऩदस्ते द्वारा जिला नुंह में तावडू के परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया, जहां नकल के 16 मामले पकड़े। बोर्ड सचिव कृष्ण कुमार के उड़न दस्ते द्वारा उपमण्डल-नरवाना के परीक्षा केंद्रों का औचक निरीक्षण किया, जहां परीक्षा शांतिपूर्ण चल रही थी। इसके पश्चात उडऩदस्ते द्वारा जिला जीन्द में जुलाना के परीक्षा केन्द्रों का निरीक्षण किया तथा नकल के 17 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद उन द्वारा जिला-जीन्द में जुलाना के परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया, जिसमें परीक्षा केन्द्र रा.व.मा.वि. जुलाना-3 (बी-1) में तैनात सुपरवाइज़र रामेश्वर दत्त पाण्डे, प्रवक्ता कम्प्यूटर साइंस, रा.क.व.मा.वि. जुलाना-1 (बी-1) में तैनात सुपरवाइजर सुषमा, प्रवक्ता भौतिकी, व मंजु, प्रवक्ता इतिहास को ड्यूटी में कोताही बरतने पर तुरंत प्रभाव से कार्यभार मुक्त किया गया। इसके अतिरिक्त परीक्षा की पवत्रिता भंग होने के कारण रा.क.व.मा.वि. जुलाना-2 (बी-2) परीक्षा केन्द्र की की परीक्षा रद्द की गई है। एसटीएफ नं०-03 द्वारा परीक्षा केन्द्र रा.व.मा.वि., करौला (उपमण्डल पटौदी) पर परीक्षा की पवत्रिता भंग होने के कारण हिंदी विषय की परीक्षा रद्द करने की सिफारिश की गई है। नकल पर अकुंश लगाने के गठित किए गए विशेष उडऩदस्तों द्वारा 61 नकल के मामले दर्ज किए गए, जिसमें बोर्ड अध्यक्ष के स्पेशल उडऩदस्तों के 45, उपाध्यक्ष के स्पेशल उडऩदस्तों के 09 तथा सचिव के स्पेशल उडऩदस्तों के 07 केस शामिल है। उन्होंने बताया कि रैपिड एक्शन फोर्स ने 14 केस पकड़े तथा अन्य उडऩदस्तों द्वारा नकल के 55 मामले दर्ज किए गए। प्रदेशभर में चल रही वार्षिक परीक्षा मार्च-2022 के दौरान ड्यूटी पर कौताही बरतने के कारण रिलीव किए गए स्टॉफ के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने हेतु शिक्षा विभाग को पत्र लिखा जा रहा है।इस परीक्षा में करीब 2,61,657 परीक्षार्थी प्रवष्टि हुए, जिनके लिए प्रदेशभर में स्थापित 1133 परीक्षा केंद्रों पर 1133 केंद्र अधीक्षक नियुक्त किए गए। परीक्षा सुव्यवस्थित ढंग से संचालित हुई हैं। परीक्षाओं में नकल व अन्य अनुचित साधनों के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए बोर्ड के 372 अतप्रिभावी उडऩदस्तों द्वारा प्रदेशभर के केंद्रों पर पूर्ण दबाव बनाए रखा।

Wednesday, March 30, 2022

March 30, 2022

महंगाई के सवाल पर बाबा रामदेव के बिगड़े बोल, मर्यादा तोड़ बोले- करले कै करेगा, चुप हो ज्या, आगे पूछेगा तो ठीक नहीं होगा

महंगाई के सवाल पर बाबा रामदेव के बिगड़े बोल, मर्यादा तोड़ बोले- करले कै करेगा, चुप हो ज्या, आगे पूछेगा तो ठीक नहीं होगा

करनाल : हरियाणा के करनाल पहुंचे योगगुरु बाबा रामदेव बुधवार को मीडिया के सवालों पर भड़क गए। बाबा रामदेव से जब बढ़ती महंगाई, मोदी सरकार बनने की सूरत में पेट्रोल-डीजल 40 रुपए प्रतिलीटर और LPG सिलेंडर 300 रुपए में मिलने संबंधी उनके पुराने दावों पर सवाल पूछे गए तो उन्होंने पहले अटपटे जवाब देकर पत्रकारों को टालने की कोशिश की। जब इसमें सफलता नहीं मिलती दिखी तो बाबा रामदेव गुस्सा हो गए और ऊटपटांग जवाब देने लगे। इतना ही नहीं बाबा रामदेव बोले- अब चुप हो जा, नहीं तो ठीक नहीं होगा।

अपने दोस्त से मिलने गए थे बाबा रामदेव

बाबा रामदेव बुधवार को करनाल शहर के बांसो गेट स्थित एसबी मिशन स्कूल की शाखा अभेद शक्ति सदन में अपने दोस्त महाराज अभेदानंद से मिलने पहुंचे। स्कूल मैनेजमेंट की तरफ से बाबा रामदेव का स्वागत किया गया। अपनी करनाल विजिट के दौरान बाबा रामदेव ने अलग-अलग पत्रकारों से बातचीत की, लेकिन जब शक्ति सदन में एक मीडियाकर्मी ने उनसे सवाल पूछने शुरू किए तो बाबा रामदेव भड़क गए। जब ये वाक्या हुआ तब बाबा रामदेव के मित्र महाराज अभेदानन्द उनके पास ही बैठे थे।


पत्रकार से बोले बाबा रामदेव- अच्छे सवाल पूछो
पत्रकार ने जब पूछा कि अब आपको योगगुरु से बाबा लालदेव क्यों कहा जाने लगा है? तो अचानक बाबा रामदेव के तेवर तल्ख हो गए। वह सीधा जवाब न देते हुए बोले, ‘तेरे पेट में कै दर्द होवे।’ इस पर रामदेव के आसपास बैठे लोग ताली बजाकर हंसने लगे। इसके बाद पत्रकार ने पूछा कि आपने जनता से कहा था कि क्या आपको 40 रुपए प्रतिलीटर पेट्रोल और 300 रुपए में सिलेंडर देने वाली सरकार चाहिए? उसका क्या बना? इस पर रामदेव बोले कि कोई अच्छे सवाल पूछो।

*मैं तेरे प्रश्नों का उत्तर देने के लिए कोई ठेकेदार नहीं हूं- बाबा रामदेव*

जब पत्रकार ने अपना सवाल दोहराया तो रामदेव तैश में आए और खुद आगे की तरफ झुककर पत्रकार से बोले- हां, मैंने कहा था, पूंछ पाड़ेगा मेरी?

 मीडियाकर्मी ने अगला सवाल पूछा कि आपकी कंपनी पतंजलि विश्व प्रसिद्ध है… तो रामदेव बीच में ही टोकते हुए कहा, ‘अरे मेरे से ऐसे प्रश्न मत पूछो। मैं तेरे प्रश्नों का उत्तर देने के लिए कोई ठेकेदार नहीं हूं। थोड़ा सभ्य बनाना सीखो।’

जब पत्रकार ने पूछा कि आपने ही बाइट दी थी इसे लेकर? तो रामदेव बोले, ‘हां, मैंने दी थी। अब नहीं दूंगा। कर ले, कै करेगा। चुप हो ज्या। अब आगे से पूछेगा तो ठीक नहीं होगा।’
March 30, 2022

बेलगाम अफसरशाही ने हाईकोर्ट के आदेशों को दिखाया ठेंगा

बेलगाम अफसरशाही ने हाईकोर्ट के आदेशों को दिखाया ठेंगा


हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद प्रार्थी को बिना फैमिली आईडी और आधार कार्ड के नहीं किया रजिस्ट्रेशन

हरियाणा कौशल रोजगार निगम पोर्टर को भेजा गया कोर्ट की अवमानना का नोटिस
चंडीगढ़ :  हरियाणा में बेलगाम अफसरशाही हाईकोर्ट के आदेशों को भी ठेंगा दिखाने की गुस्ताखी कर रही है।
 ताजा मामले में हरियाणा कौशल रोजगार निगम में हाईकोर्ट के आदेश को लागू नहीं करके हठधर्मिता का परिचय दिया है। हाईकोर्ट ने हरियाणा कौशल विकास निगम को आदेश दिया था कि एक प्रार्थी को बिना फैमिली आईडी और आधार कार्ड के रजिस्ट्रेशन किया जाए लेकिन निगम के अफसरों ने हाईकोर्ट के आदेश को अनदेखा करने का काम किया।
आपको बता दें की याचिकाकर्ता जगदीप सिंह ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम को मेल माध्यम से और फोन माध्यम से बार-बार प्रार्थना की थी की वह योग्य होते हुए भी आधार कार्ड और फैमिली आईडी की घोर बाध्यता के चलते ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पा रहा है। इस संबंध में याचिकाकर्ता ने दिनांक 30.12.2021 को मेल माध्यम से कानूनी पहलुओं की जानकारी देते हुए बिना आधार कार्ड और बिना आधार कार्ड आधारित फैमिली आईडी के ऑनलाइन आवेदन की विनम्र प्रार्थना भी थी की परन्तु विभाग की तरफ से उस मेल का कोई भी जवाब नहीं दिया गया। विभाग की वेबसाइट पर दिए गए लेडलाइन नंबर पर भी याचिकाकर्ता ने आधार कार्ड मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट का फैसला और एक अन्य मामले में फिलहाल ही माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आए आदेश का भी बार-बार हवाला देकर बिना आधार कार्ड और फैमिली आईडी के ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किए जाने की विनती गई परन्तु विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों पर इस बात का कोई असर नहीं हुआ और उल्ट इस संबंध में याचिकाकर्ता को ही सलाह देते हुए कहा गया की कोर्ट के पिछले आए सभी आदेश और फैसले उन पर लागू नहीं होते हैं। थक हारकर मजबूरन याचिकाकर्ता ने माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। माननीय कोर्ट ने इस संबंध में जल्द संज्ञान लेते हुए हरियाणा कौशल रोजगार निगम को दिनांक 11.03.2022 को आदेश देते हुए कहा की याचिकाकर्ता को बिना आधार कार्ड और फैमिली आईडी के अतिरिक्त आईडी के साथ प्रोविजनली आवेदन करने की अनुमति प्रदान करें।
याचिकाकर्ता ने माननीय कोर्ट के आदेश के साथ अपने आवेदन की कॉपी दिनांक 14.03.2022 को मेल माध्यम से और भारतीय डाक विभाग की स्पीड पोस्ट सेवा के माध्यम भेज देने के बावजूद भी अब तक हरियाणा कौशल रोजगार निगम के कर्मचारियों और अधिकारियों पर इसका कोई असर नहीं हुआ और न इस संबंध में याचिकाकर्ता को उसके आवेदन स्वीकार किए जाने की जानकारी दी गई। याचिकाकर्ता ने बार-बार फोन और मेल माध्यम से भी कोर्ट के आए आदेश से अवगत कराते हुए उसके आवेदन स्वीकार किए जाने की सूचना मांगनी चाही। परन्तु विभाग के कर्मचारी और अधिकारी माननीय कोर्ट के आदेश का पालन करने की बजाय कोर्ट के आदेश को "आदेश स्पष्ट नहीं है" कह कर मना कर दिया गया। जिसके चलते याचिकाकर्ता ने माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश को हल्के में लेने, आदेश के बावजूद आवेदन स्वीकार किए जाने की सूचना न देने, आदेश की समय पर पालना न करने और आदेश को नकारने मामले में संबंधित विभाग को अवमानना का नोटिस भेज दिया गया है।
March 30, 2022

किसानों को परेशान करने की एक और सरकारी साजिश : सैलजा

किसानों को परेशान करने की एक और सरकारी साजिश : सैलजा

- फसल खरीद में देरी करने का रच रहे षड्यंत्र
- रजिस्ट्रेशन किया हो, न किया हो, सभी का एक-एक दाना खरीदे सरकार
चंडीगढ़, 30 मार्च। हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि फसल खरीद शुरू होने से एकदम पहले प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने किसानों को परेशान करने की एक और सरकारी साजिश रचनी शुरू कर दी है। फसल का डेटा मिसमैच के बहाने प्रदेश सरकार मेहनत से तैयार फसल को खरीदने से बचना चाहती है और इसलिए ही यह सब षड्यंत्र रचा जा रहा है। कांग्रेस पार्टी प्रदेश सरकार से मांग करती है कि चाहे किसी किसान ने रजिस्ट्रेशन कराया हो या न कराया हो, उन सभी का एक-एक दाना खरीदने की जिम्मेदारी ली जाए।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि एक अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू होनी है और मंडियों में फसल आनी भी शुरू हो जाएगी। इसके लिए किसानों ने समय पर मेरा फसल, मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन भी करवा दिया था। लेकिन, प्रदेश सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। अब जब फसल खरीद का समय आ चुका है तो इस पोर्टल पर 3.79 लाख किसानों के डेटा के मिसमैच का बहाना बनाया जा रहा है।
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इतने महीने तक सरकार ने इस डेटा की जांच क्यों नहीं कराई? अगर इस डेटा की पहले ही जांच हो जाती तो ऐन वक्त पर किसानों के लिए इस तरह की दिक्कत खड़ी नहीं होती और वे आसानी से अपनी फसल को मंडी में लाकर बेच सकते थे। लेकिन, अब सरकार समय पर फसल की खरीद शुरू कर पाएगी, इसमें संदेह बना हुआ है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि तीन कृषि कानूनों का विरोध करने की वजह से किसान शुरू से ही सरकार के निशाने पर हैं। इसलिए उन्हें न तो गेहूं की फसल की बुआई के समय ही खाद मिल सका और न ही बाद में जरूरत पड़ने पर खाद का इंतजाम सरकार करवाई पाई। डीएपी व यूरिया के लिए किसानों को ठंड में खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ी और पुलिस की लाठी खा-खाकर खाद लेनी पड़ी। 
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस बार गेहूं की फसल की बुआई के दौरान मौसम भी खेती के अनुकूल नहीं रहा। बार-बार हुई बारिश व ओलावृष्टि से फसल को बहुत अधिक नुकसान हुआ और प्रदेश सरकार ने आज तक किसी भी तरह का मुआवजा नहीं दिया। 

कुमारी सैलजा ने कहा कि मार्च में तेजी से तापमान बढ़ने के कारण इस बार गेहूं का उत्पादन प्रभावित होने का अंदेशा पहले ही कृषि वैज्ञानिक जता चुके हैं। ऐसे में किसान को उसकी मेहनत के मुुकाबले कम फसल ही मिलने वाली है। इसके बावजूद अब प्रदेश सरकार डेटा मिसमैच का बहाना बनाने लगी है। इससे सरकार की मंशा साफ झलक रही है। कांग्रेस पार्टी प्रदेश सरकार से मांग करती है कि किसानों की गेहूं की फसल का एक-एक दाना खरीदने का इंतजाम किया जाए।
March 30, 2022

टोल टैक्स की दरों में भारी बढ़ोतरी वापस हो - सुरजेवाला

टोल टैक्स की दरों में भारी बढ़ोतरी वापस हो - सुरजेवाला 

चंडीगढ़, 30 मार्च।वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के टोल टैक्स की दरों में भारी बढ़ोतरी का विरोध करते हुए इन्हें तुरंत वापस लेने की मांग की है।

एक अहम खुलासा करते हुए  सुरजेवाला के बताया की बढ़ती महंगाई व हर रोज़ हो रही पेट्रोल-डीजल मूल्य वृद्धि के बीच जनता पर हरियाणा में सभी टोल रोड़ पर टोल टैक्स वृद्धि के रूप में एक और मार पड़ने जा रही है, जिसके कारण हरियाणा में एक अप्रैल से सफर करना महंगा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस वे और कुंडली-गाजियाबाद-पलवल हाईवे के साथ-साथ सभी राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर चलने वाले विभिन्न वाहनों के लिए दरें दस से अठारह प्रतिशत बढ़ा दी गयी हैं, जिससे कार-जीप के साथ-साथ बस, ट्रक-कैंटर का भाड़ा भी बढ़ जाएगा। 

 सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा का हर हिस्सा व हर जिला किसी न किसी राष्ट्रीय व राज्य राजमार्ग से जुड़ा है। एक जिले से दूसरे जिले में जाने के लिए सभी लोगों को राष्ट्रीय राजमार्गों से गुजरना पड़ता है। ऐसे में राष्ट्रीय-राज्य राजमार्गों पर दिए जाने वाले टोल रेट सीधे-सीधे निजी वाहनों के खर्चे, बस यात्रा व आम जरूरत की वस्तुओं की कीमत पर सीधा प्रभाव डालते हैं, इसके अलावा माल ढुलाई के सभी वाहन भी राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरते हैं।

 सुरजेवाला ने याद दिलाया कि नए वाहन को खरीदने पर लोगों से सरकार द्वारा भारी भरकम रोड टैक्स और अन्य टैक्स वसूले जाते हैं। केंद्र की मोदी सरकार ने 2014 से पेट्रोल व डीज़ल के उत्पाद शुल्क में 203 प्रतिशत और 531प्रतिशत बढ़ोतरी की है। पिछले 9 दिनों में पेट्रोल और डीजल के दामों में आठ बार बढ़ोतरी की गयी है, जिससे पेट्रोल व डीज़ल 5.60 रुपये महंगा हो चूका है। इस सबके बावजूद टोल दरों में बार-बार की जा रही वृद्धि जनता के लिए असहनीय और घोर आपत्तिजनक है।

 सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा की गलत नीतियों के कारण महंगाई दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। अच्छे दिन का नारा देकर आई सरकार में महंगे दिन आ गए हैं और हर चीज महंगी हो रही है। सरकार को जनता की पीड़ा बिल्कुल भी नजर नहीं आ रही है, लगता है की सरकार केवल लूट की नीति पर उतारू है। उन्होंने कहा कि टोल दरें बढ़ने से व्यापारी वर्ग को भी खासा नुकसान झेलना पड़ेगा, जो पहले ही आर्थिक मंदी का सामना कर रहे हैं। ऐसे में सरकार को गरीब और मध्य वर्ग के बारे में भी सोचना चाहिए।
 सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश की जनता नाराज है कि केएमपी, केजीपी और अधिकांश राष्ट्रीय राजमार्गों पर लोगों के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। अनेक राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क भी जगह-जगह से टूटी पड़ी है, सर्दियों के दिनों में तो धुंध की वजह से वाहनों का चलना भी मुश्किल हो जाता है और हर साल सैंकड़ों दुर्घटनाएं होने के समाचार मिलते हैं। यहाँ तक की शौचालयों की उचित व्यवस्था और सुरक्षा के भी कोई इंतजाम नहीं किये गए हैं, फिर भी टोल दरें बार-बार बढ़ाना जनता की समझ से परे है। 

 सुरजेवाला के बताया की केएमपी एक्सप्रेसवे पर अब तक कार/जीप आदि हल्के वाहनों से 1.46 रुपए प्रति किलोमीटर से टोल लिया जा रहा था, जिसे एक अप्रैल से 1.61 रुपए प्रति किलोमीटर की दर से वसूला जाएगा। कार चालकों को पलवल से नूंह के बीच के लिए 45 रुपये, तावडू तक 70 रुपये और गुरुग्राम तक करीब 90 रुपये का टोल टैक्स देना होगा।
जींद में खटकड़ टोल प्लाजा पर 10 रुपये तक टोल रेट बढ़ाए जा रहे हैं। इस समय कार-जीप सहित लाइट व्हीकल का एक साइड का 100 रुपये टोल कट रहा है जो एक अप्रैल के बाद यह 110 रुपये कटना शुरू हो जाएगा। जींद-नरवाना रोड पर झांझ और खटकड़ के बीच टोल प्लाजा में लाइट व्हीकल का सिंगल साइड का टोल अभी 100 रुपए है, जिसमें 10 से 15 रुपये तक टोल दरें बढ़ाई जा रही हैं। हिसार जिले में चौधरीवास और मय्यड़ टोल पर 7 से 30 रुपये की वृद्धि का समाचार है। सिरसा जिले में भावदीन और खुईयां मल्लकाना टोल प्लाजा पर कार व जीप के सफर में 10 रुपये की बढ़ौतरी हुई है।

हरियाणा के सोनीपत में राष्ट्रीय राजमार्ग-334बी पर गांव झरोठी के पास स्थापित टोल प्लाजा पर भी टोल टैक्स दरें बढ़ा दी गई हैं, जिसके अंतर्गत अब वाहन चालकों को 10 से लेकर 55 रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे। नेशनल हाईवे 44 पर मुरथल में भिगान चौक पर लगे टोल प्लाजा पर पांच रुपये से लेकर 25 रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है। 

राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर-19 पर पलवल के गांव तुमसरा के नजदीक बने टोल प्लाजा पर कार, जीप, वैन पर एक तरफ के लिए 10 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। वहीं ट्रक और बस के लिए 40 रुपये की बढ़ोतरी की गई है।
March 30, 2022

नियम 134-ए को हरियाणा सरकार ने किया खत्म, अब निजी स्कूलों में नहीं हाेगा फ्री दाखिला

नियम 134-ए को हरियाणा सरकार ने किया खत्म, अब निजी स्कूलों में नहीं हाेगा फ्री दाखिला 

चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने नियम 134-ए को खत्म कर दिया है। अब गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में फ्री में दाखिला नहीं मिलेगा। इस नियम के तहत प्राइवेट स्कूलों को 10 प्रतिशत सीट रिजर्व रखनी होती थी। इस क्रम में विधिवत इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है, निजी स्कूल संचालकों ने इसका दिल खोलकर स्वागत किया है, क्योंकि इसके विरुद्ध आवाज उठाते हुए पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट भी गए थे। निजी स्कूल संचालकों ने रुल को लेकर सवाल खड़े करते हुए पहले शिक्षा विभाग के आला-अफसरों की शरण ली थी। बाद में इसके नियमों को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। यहां पर बता दें कि 134 राइट टू एजूकेशन एक्ट है, जिसमें बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिया गया है। इस क्रम में राज्य सरकार की ओर से 28 मार्च 2022 को इस आशय की अधिसूचना जारी कर दी गई है। हरियाणा राज्य स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण की ओर से इस आशय की सूचना भी जारी कर दी गई है। वैसे, इस नियम को लेकर निजी स्कूल संचालकों और अभिभावकों के बीच में भारी खींचतान राज्य के अधिकांश जिलों में चली आ रही थी, परेशान स्कूल संचालकों ने इस संबंध में बैठकें करने और अफसरों से गुहार लगाकर उनके सामने खड़ी चुनौती के बारे में बताया था लेकिन सुनवाई नहीं होने पर वे हाई कोर्ट का रुख कर गए थे। अब अधिसूचना जारी हो जाने के बाद में निजी स्कूल संचालक पहले से पढ़ने वाले बच्चों को लेकर भी स्थिति साफ करने की गुहार अफसरों से लगाने लगे हैं।  संचालकों ने किया फैसले का स्वागत हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल्स कांफ्रेंस प्रदेश प्रवक्ता सौरभ कपूर और बाकी संचालकों का दावा है कि एचपीएससी द्वारा चलाई मुहिम का असर यह है कि उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार की तरफ से 28 मार्च 2022 को नोटिफिकेशन निकाल दी गई है। उन्हाेंने सीएम मनोहर लाल खट्टर के साथ-साथ शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुज्जर का धन्यवाद किया है। सौरभ ने कहा कि देर से ही सही, लेकिन सरकार ने रूल को खत्म करते हुए यह तो मान लिया कि इसको जबरन स्कूल संचालकों पर थोपा जा रहा था। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा रूल 134 ए को खत्म किए जाने के बाद अब स्कूल संचालकों और अभिभावकों के बीच चलने वाला गतिरोध भी समाप्त हो जाएगा। सौरभ कपूर ने कहा कि सालों से रूल के तहत निजी स्कूल संचालकों पर सरकार द्वारा गलत तरीके से मुफ्त एडमिशन देने का दबाव बनाया जाता था। उन्होंने कहा कि एचपीएससी के बैनर तले सभी निजी स्कूलों ने मिलकर विरोध किया और सरकार के फैसले को बताया था। जिसके बाद अब सरकार ने रूल 134 ए को खत्म किया है। प्रशांत मुंजाल ने कहा कि एचपीएससी ने हमेशा स्कूल संचालकों हितों की बात की है और हाईकोर्ट में भी रूल में कमियों की बात कर करते हुए तय नियमों के अनुसार रिइंबसमेंट मांगी थी, लेकिन सरकार ने नहीं दी। उन्होंने कहा कि मुफ्त एडमिशन न मिलने पर अभिभावक स्कूलों को दोषी ठहराते थे, लेकिन सच्चाई यह थी कि सरकार की पॉलिसी गलत थी। अब इस पॉलिसी के खत्म होने के बाद अभिभावकों व स्कूल संचालकों को राहत मिली है। सौरभ कपूर ने कहा कि सरकार ने 28 मार्च 2022 से रूल 134 ए को खत्म कर दिया है, लेकिन नोटिफिकेशन में कहीं यह स्पष्ट नहीं है कि जो पहले से पढ़ रहे स्टूडेंट्स हैं, उन्हें कैसे पढ़ाया जाएगा। सरकार की नोटिफिकेशन के अनुसार तो अब नए सत्र से सभी बच्चों को स्कूल के अनुसार फीस देनी होगी। साथ ही सौरभ ने कहा कि स्कूल संचालकों ने सालों से बच्चों को मुफ्त पढ़ाया है और स्कूल संचालकों का सरकार की तरफ लाखों रुपए बकाया है, लेकिन सरकार ने अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं किया कि आखिर बकाया कब तक दिया जाएगा। 
बच्चों की पढ़ाई की एवज में सरकार स्कूलों का भुगतान करे : निसा

 134ए को समाप्त करने पर प्रतिक्रिया देते हुए निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा, हम कभी भी 134-ए के खिलाफ नही थे हमारा विरोध चयन प्रक्रिया और भुगतान प्रक्रिया को लेकर था, सरकार अगर 12(1)(C) के अनुसार चयन और नियमित रूप से कानून के अनुसार भुगतान करती रहती तो ना तो गरीब अभिभावकों को दिक्कत आती और ना ही खत्म करने की जरूरत पड़ती। कुलभूषण शर्मा ने कहा कि सरकार 134-ए को खत्म कर पुराने भुगतान से बच नही सकती उसे तुरंत प्राइवेट स्कूलों का लंबित भुगतान अदा करना चाहिए और उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकार यह भी स्पष्ट करें कि 75000 जो विद्यार्थी 134ए के तहत स्कूलों में पढ़ रहे है उनका क्या होगा और 9वी से 12वी कक्षा में 134ए के तहत पढ़ रहे विद्यार्थियों की भुगतान राशि भी सरकार घोषित करें ताकि उनके भुगतान के लिए भी स्कूल आवेदन कर सकें।
March 30, 2022

आंगनबाड़ी केंद्रों में शुरू होंगे 4000 प्ले स्कूल, एक अप्रैल से दाखिला, देखें जिलेवार लिस्ट

आंगनबाड़ी केंद्रों में शुरू होंगे 4000 प्ले स्कूल, एक अप्रैल से दाखिला, देखें जिलेवार लिस्ट

चंडीगढ :  खेल-खेल में सीखने की प्रवृति को बढावा देने और स्कूलों में शत-प्रतिशत बच्चे पहुंच सके, इस लक्ष्य पर महिला एवं बाल विकास विभाग ने कदम बढा दिए हैं। हरियाणा में एक अप्रैल से 4000 आंगनबाड़ी केंद्र प्ले स्कूल की तर्ज पर अपनी गतिविधियां शुरू करने जा रही हैं। इसके लिए मुख्यालय से लेकर फील्ड स्तर पर योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। 31 मार्च को प्रदेश के सभी प्ले स्कूल पर स्कूल रेडीनेस मेले आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें अभिभावकों को 3 से 5 साल के बच्चे की प्ले स्कूल में जाने की अहमियत पर जागरूक किया जाएगा और अधिक से अधिक पंजीकरण करने सुनिश्चित किए जाएंगे। महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने प्रदेश के 4000 आंगनबाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल के तौर पर शुरू करने को प्रदेश के लिए ऐतिहासिक पल बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पहले चरण में 4000 प्ले स्कूल शुरू करने का जो संकल्प लिया था, उसे विभाग पूरा करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों को स्कूल में जाने के लिए तैयार करना नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सबसे अहम भाग है और हमें खुशी है कि हरियाणा सबसे पहली और अहम कडी को एक अप्रैल से जमीनी स्तर पर शुरू कर रहा है।  राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि विभाग का लक्ष्य पहले चरण में 4000 प्ले स्कूल शुरू करने का था। हमने न केवल इस लक्ष्य को पूरा कर लिया है, अपितु प्रदेश की सभी आंगनवाडी वर्करों को प्ले स्कूल के अनुसार प्रशिक्षण भी दिया है। उन्होंने कहा कि लगातार आंगनबाड़ी वर्कर, हैल्पर अपने-अपने दायरे में अभिभावकों से घर-घर जाकर मुलाकात कर रही हैं और उन्हें बता रही हैं कि उनके घर के नजदीक आंगनबाड़ी केंद्र अब प्ले स्कूल के तौर पर काम करेगा। इसमें 3 साल से 5 साल के बच्चे को परिवार व समाज में किस प्रकार व्यवहार करें, नैतिक मूल्यों को अपनी आदत में शामिल करें। स्कूल में बैठने के लिए तैयार हों और पढाई को लेकर उनमें रूचि पैदा हो, इसकी व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा 31 मार्च को सभी प्ले स्कूल पर स्कूल रेडीनेस मेला आयोजित किया जा रहा है, ताकि एक अप्रैल से शुरू हो रहे सत्र में अधिक से अधिक बच्चों का पंजीकरण करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों को स्कूल के लिए जितना मजबूत आधार दिया जाएगा, उतना ही नींव मजबूत होगी। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह प्ले स्कूल की गतिविधियों के बारे-बारे में अधिक से अधिक जागरूकता फैलाएं, ताकि आमजन, विशेषकर गरीब व वंचित को सस्ती व गुणवत्तापूर्ण षिक्षा उपलब्ध हो सके। सभी जिलों में तैयार हुए प्ले स्कूल राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने बताया कि अंबाला में 253, भिवानी में 173, चरखी दादरी में 124, फरीदाबाद में 117, फतेहाबाद में 234, गुरूग्राम में 104, हिसार में 219, झज्जर में 100, जींद में 201, कैथल में 240, करनाल में 291, कुरूक्षेत्र में 377, महेंद्रगढ में 142, नूंह में 84, पलवल में 122, पंचकूला में 47, पानीपत में 146, रेवाडी में 165, रोहतक में 100, सिरसा में 198, सोनीपत में 220 तथा यमुनानगर में 343 आंगनबाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल के तौर पर विकसित किया जा चुका है।
March 30, 2022

जहां सजा काट रहा गुरमीत राम रहीम, वहां सफाई महा अभियान चलाएंगे डेरा सच्चा सौदा श्रद्धालु

जहां सजा काट रहा गुरमीत राम रहीम, वहां सफाई महा अभियान चलाएंगे डेरा सच्चा सौदा श्रद्धालु

रोहतक :  डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत 3 अप्रैल को रोहतक में सफाई महा अभियान चलाएगी। जिसमें करीब 10 लाख श्रद्धालुओं के भाग लेने की बात कही जा रही है। इससे पहले डेरा श्रद्धालुओं ने 6 मार्च को गुरुग्राम में सफाई अभियान चलाया था। फरलो मिलने पर डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम गुरुग्राम में ही 21 दिन रहकर आया था। जिसके बाद वहां सफाई अभियान चलाया गया। अब डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत रोहतक शहर में गंदगी साफ करेगी।  आपको बता दें कि कई मामलों में सजा मिलने के बाद गुरमीत राम रहीम रोहतक की ही सुनारिया जेल में बंद है।

डेरे के अभियान 'हो पृथ्वी साफ, मिटे रोग अभिशाप' मुहिम के तहत 13 फरवरी 2013 को भी डेरे के सेवादारों ने रोहतक को गंदगी मुक्त किया था। कुछ दिन पहले डेरे के नाम लिखे पत्र में गुरमीत राम रहीम ने साध-संगत की इच्छा को ध्यान में रखते हुए डेरा सच्चा सौदा मैनेजमेंट से इस संबंध में प्रशासन से मंजूरी लेने की बात कही थी। जिस पर डेरा सच्चा सौदा मैनेजमेंट द्वारा रोहतक जिला प्रशासन से सफाई महा अभियान को लेकर मंजूरी ली जा चुकी है। इससे पहले डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत देश की राजधानी दिल्ली, जयपुर, पुरी, कोटा, गुरूग्राम, सरसा, जोधपुर, कोटा, हौंशगाबाद, पुरी ( उड़ीसा), हिसार, ऋषिकेश, गंगा जी व हरिद्वार, अजमेर, पुष्कर, रोहतक, फरीदाबाद, नरेला ( दिल्ली ) , करनाल, कैथल, नोएडा, नई दिल्ली, सीकर ( राजस्थान), अलवर, दौसा, सवाईमाधोपुर ( राजस्थान), श्योपुर ( मध्य प्रदेश ), टोंक ( राजस्थान ), मुम्बई, पानीपत, जयपुर, करनाल सहित देश के बड़े शहरों में 33 सफाई महाअभियान चला चुकी है।
March 30, 2022

रेड न मारने की एवज में 20 हजार की रिश्वत लेता गुप्तचर विभाग का ESI गिरफ्तार, सब-इंस्पेक्टर पर केस

रेड न मारने की एवज में 20 हजार की रिश्वत लेता गुप्तचर विभाग का ESI गिरफ्तार, सब-इंस्पेक्टर पर केस

चंडीगढ़ : हरियाणा स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने गुप्तचर विभाग के एक ईएसआई को 20,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। साथ ही साहा थाने में तैनात सब-इंस्पेक्टर के खिलाफ भी भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि अंबाला जिले में साहा थाने में तैनात गुप्तचर विभाग के ईएसआई कुलविंदर सिंह द्वारा रिश्वत की यह राशि थाने में दर्ज मुकदमे में रेड न करने व शिकायतकर्ता की गिरफ्तारी को टालने की एवज में ली जा रही थी। आरोपी ने रिश्वत की यह राशि थाने में ही तैनात सब-इंस्पेक्टर ऋशिपाल के नाम पर ली थी। शिकायतकर्ता ने साहा थाने में तैनात सब-इंस्पेक्टर ऋशिपाल के खिलाफ विजिलेंस में दी लिखित शिकायत में 50 हजार रुपये की मांग का आरोप लगाया था। आरोपी पुलिस अधिकारी ने उसके व संबंधियों के खिलाफ थाने में दर्ज मामले में रेड न करने व गिरफ्तारी को टालने की एवज में घूस की डिमांड की थी जिसमें 20000 रुपये पहले देने थे। शिकायत की पुष्टि के बाद कार्रवाई करते हुए विजिलेंस टीम ने रेड कर 20,000 की रिश्वत लेते ईएसआई कुलविंदर सिंह को रंगे हाथ गिरफ्तार किया। दोनों के खिलाफ ब्यूरो थाना में भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।
March 30, 2022

पंचायत चुनावों से भाग रही है गठबंधन सरकार, कांग्रेस पूरी तरह मजबूत - हुड्डा

पंचायत चुनावों से भाग रही है गठबंधन सरकार, कांग्रेस पूरी तरह मजबूत - हुड्डा 

कॉरपोरेशन का चुनाव पार्टी सिंबल पर लड़ेगी कांग्रेस - हुड्डा 

फरीदाबाद : 24 अप्रैल को "विपक्ष आपके समक्ष" का अगला कार्यक्रम फरीदाबाद में होगा। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आज पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए यह एलान किया। हुड्डा आज मशहूर समाजसेवी और गांधीवादी विचारक स्व. डॉ एस.एन. सुब्बाराव की याद में आयोजित राष्ट्रीय एकता एवं सद्भावना शिविर के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने पहुंचे थे। इस मौके पर उन्होंने बताया कि डॉ. सुब्बाराव जी ने अपना पूरा जीवन जनसेवा, देश की एकता और युवा पीढ़ी को देश निर्माण के प्रति प्रेरित करने में समर्पित कर दिया। 

फरीदाबाद दौरे के दौरान पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दावा किया कि आने वाले चुनाव में हरियाणा बीजेपी-जेजेपी मुक्त हो जाएगा। क्योंकि, मौजूदा सरकार और गठबंधन से जनता का मोहभंग हो चुका है। सरकार ने पूरे प्रदेश में जनहित का कोई कार्य नहीं करवाया। उन्होंने फरीदाबाद का उदाहरण देते हुए बताया कि कांग्रेस सरकार के दौरान यहां मेट्रो से लेकर मेडिकल कॉलेज, यूनिवर्सिटी, बाईपास समेत तमाम परियोजनाएं स्थापित हुईं। लेकिन बीजेपी और बीजेपी-जेजेपी के साढ़े सात साल में ऐसा कोई कार्य फरीदाबाद में नहीं हुआ।
हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार ने प्रदेश को कर्ज, बेरोजगारी और महंगाई के बोझ तले दबाने के अलावा कोई काम नहीं किया। सरकार द्वारा लगातार पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस के दाम बढ़ाकर इसे आम आदमी की पहुंच से दूर किया जा रहा है। प्रदेश सरकार जनता को राहत देने के लिए वैट में कोई कटौती नहीं कर रही है। आमजन समझ चुका है कि इस सरकार की नीतियां उसके हित में नहीं है। इसीलिए सरकार पंचायत चुनाव और स्थानीय निकाय चुनाव करवाने से बच रही है। जबकि, कांग्रेस पूरी तरह मजबूत है और चुनाव के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कॉरपोरेशन के आगामी चुनाव पार्टी सिंबल पर लड़ेगी। कमेटी और काउंसलर के चुनाव के बारे में आने वाले दिनों में फैसला लिया जाएगा।