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Tuesday, May 12, 2020

May 12, 2020

पूर्व विधायक ने मुख्यमंत्री के समक्ष रखी किसानों को भी कोरोना वारियर्स घोषित करने की मांग : परमेन्द्र ढुल

किसान भी जान जोखिम में डाल कर अपनी भूमिका अदा कर रहा, किसानों का भी हो 50 लाख का बीमा : परमेन्द्र ढुल 

(संजय)जीन्द। जुलाना विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक परमेन्द्र सिंह ढुल ने मुख्यमंत्री के समक्ष किसानों को आधिकारिक तौर पर कोरोना वारियर्स घोषित किये जाने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से सरकार द्वारा कोरोना के खिलाफ लड़ रहे डॉक्टर या कर्मचारियों को 50 लाख रुपये का बीमा व उसका प्रीमियम दिया जा रहा है,ठीक उसी प्रकार से किसानों को भी इस योजना में शामिल किया जाए।
उन्होंने कहा कि सरकार, समाज व सभी राजनैतिक दलों के सांझे प्रयास से आज कोरोना वायरस की महामारी के समय पर भी हरियाणा देश के अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर स्थिति में है। कोरोना वारियर्स को सम्मान देने के लिए सरकार की तरफ से विभिन्न प्रकार की योजनाएं बनाई गयी हैं एवं लगातार घोषणा जारी हैं। कोरोना के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई में लगे पुलिस कर्मियों, पत्रकारों,चिकित्स्कों एवं स्वास्थ्य या सफाई कर्मचारियों को लाभान्वित करने के लिए सरकार ने विभिन्न प्रकार की घोषणाएं की हैं।
परमेन्द्र ढुल ने कहा कि जिस प्रकार दिन रात मुस्तैदी से पुलिस कर्मी एवं चिकित्स्क आदि हरियाणा की कोरोना से रक्षा करने के लिए कार्य कर रहे हैं,ठीक उस ही प्रकार इस अत्यंत कठिन समय में कृषक समाज भी लगातार अपनी जान को खतरे में डालते हुए न केवल शहरों में,कस्बों में सब्जी, अनाज, फल आदि की लगातार सप्लाई बनाए हुए है। न केवल दूध, फल, सब्जी एवं अनाज की उपलब्धता घर घर तक जा रही है,अपितु प्रवासी मजदूरों को भी लगाकर प्रशासनिक स्तर पर जो सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं उसमें भी कृषक समाज अपनी आहूति दे रहा है। 

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परमेन्द्र ढुल ने कहा कि हरियाणा में कृषि से जुड़ा हुआ अधिकतर समाज न केवल गरीब है अपितु उसके पास मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं। यह जगजाहिर है कि प्रदेश के विभिन्न भागों में किसानों को सब्जी मंडी,अनाज मंडी के अंदर आने की वजह से कोरोना बीमारी के संक्रमण का सामना करना पड़ा है। बावजूद इसके किसान लगातार सप्लाई को समस्त हरियाणा में सुचारू रूप से जारी किये हुए है। इससे न केवल उसे जान माल का खतरा है अपितु उसके परिवार को भी ठीक उस ही प्रकार खतरे का सामना करना पड़ रहा है जैसे कि पुलिस कर्मियों अथवा चिकित्स्कों को करना पड़ रहा है। सरकार के द्वारा चिकित्सकों, चिकित्सा विभाग के कर्मियों,पत्रकारों को सम्मान देते हुए उनके लिए इंश्योरेंस का प्रबंध किया गया है जिसका प्रीमियम सरकार अपनी तरफ से दे रही है। 
परमेन्द्र ढुल ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि ठीक उस ही प्रकार किसानों को,दूध,फल,सब्जी सप्लाई करने वालों को,पोल्ट्री सप्लाई करने वालों को भी सरकार "कोरोना वारियर्स" मानते हुए अपनी योजना में शामिल करे एवं इस वर्ग में से यदि किसी की कोरोना से मृत्यु होती है तो उसके परिवार को पचास लाख रूपये का मुआवजा दिया जाए ताकि इस वर्ग को भी समुचित सम्मान प्राप्त हो सके। इससे न केवल उनका सम्मान होगा,अपितु उन्हें सरकार एक आर्थिक सुरक्षा कवच भी उपलब्ध करवा पायेगी जिससे कि आम जन एवं किसानों का व्यवस्था पर विश्वास बढ़ सकेगा। इस सुझाव के क्रियान्वयन में सरकार को अधिक वित्तीय भार भी नहीं पड़ेगा।
May 12, 2020

गुरुग्राम जिला की ग्राम पंचायत पलड़ा की सरपंच मुनेश देवी ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए दिए 21 करोड़ रुपये

(मनोज)चण्डीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को आज गुरुग्राम जिला की ग्राम पंचायत पलड़ा की सरपंच मुनेश देवी ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए 21 करोड़ रुपये की राशि का चेक भेंट किया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ग्राम पंचायत की ओर से हरियाणा कोरोना रिलीफ फण्ड के लिए दी गई राशि को एकत्रित करने के प्रयास हेतू पंचायत के लोगों की प्रशंसा करते हुए कहा कि कोविड-19 संक्रमण को रोकने के अलावा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सामाजिक संगठनों के साथ-साथ पंचायतों का भी बेहतर सहयोग मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए बेहतर कदम उठाए जा रहे हैं, जिसके तहत हरियाणा के जिन जिलों में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं, वहां पर स्वास्थ्य प्रबंधों को बेहतर किया गया है। उन्होंने प्रदेशवासियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि जल्द ही प्रदेश कोविड-19 पर शिकंजा कसते हुए इस पर विजय पा लेगा।
जिला गुरुग्राम की ग्राम पंचायत पलड़ा की सरपंच श्रीमती मुनेश देवी ने कहा कि गांव के लोग सदैव ही संकट की घड़ी में योगदान देने में अग्रणी रहे है और गांव हमेशा सरकार के निर्णय के साथ मिलकर कदम उठाता रहा है।

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शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने हरियाणा कोरोना रिलीफ फण्ड मे दिए 17,55,200 रुपये के चैक 

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल को आज शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल ने 17,55,200 रुपये के चैक हरियाणा कोरोना रिलीफ फण्ड के लिए दिए। 
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी शिक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री को हरियाणा कोरोना रिलीफ फण्ड के लिए 87,73,903 रुपये के चैक दिए थे। इस तरह उन्होंने अब तक मुख्यमंत्री को 1,05,29,103 रुपये के चैक हरियाणा कोरोना रिलीफ फण्ड के लिए दिए हैं।
May 12, 2020

सरकारी दफ्तरों में नहीं लगेगी बायोमेट्रिक से हाजिरी - हरियाणा सरकार


सरकारी दफ्तरों में नहीं लगेगी बायोमेट्रिक से हाजिरी
चंडीगढ़, 12 मई- हरियाणा सरकार ने कोविड-19 महामारी के संक्रमण के मद्देनजर अपने कर्मचारियों को आधार सक्षम बायोमीट्रिक हाजिरी प्रणाली (एईबीएएस) के माध्यम से हाजिरी लगाने से दी गई छूट को अगले आदेशों तक जारी रखने का निर्णय लिया है।
        एक सरकारी प्रवक्ता ने आज इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस दौरान सभी कर्मचारी एईबीएएस शुरू होने से पहले जारी प्रथा के अनुसार हाजिरी रजिस्टरों में अपनी हाजिरी लगाएंगे। मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा राज्य सरकार के सभी प्रशासकीय सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों, सभी बोर्डों व निगमों के प्रबन्ध निदेशकों, उपायुक्तों, उप-मंडल अधिकारियों और राज्य में सभी विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को इस सम्बन्ध में निर्देश दिए गए हैं।
गौरतलब है कि कोरोना कोविड-19 महामारी के संक्रमण की आशंका के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा 8 मार्च को अपने कर्मचारियों को आधार सक्षम बायोमीट्रिक हाजिरी प्रणाली (एईबीएएस) के माध्यम से हाजिरी लगाने से दी गई छूट दी गई थी। जरुर पढ़े- चीन को छोड़ो - हरियाणा आओ, 60 अन्तर्राष्ट्रीय कम्पनियां हरियाणा मे निवेश की इच्छुक-मनोहर लाल HaryanaBulletinNews

Monday, May 11, 2020

May 11, 2020

लॉकडाउन  में गौ तस्करो के हौसले बुलंद 




(कमल कांत शर्मा की रिपोर्ट)होडल गौ रक्षक दल  सूचना पर होडल  थाना  पुलिस ने हसनपुर पुल पर नाका लगाकर एक राजस्थान के आईसर कैंटर से 13 गौ वंस वरामद कर गऊशाला में छोड दिये पुलिस ने कैंटर चालक व् उसके साथी को ग्रिफ्तार कर के मामला दर्ज कर लिया है 
होडल विजयपाल A. S .I . ने जानकारी देते हुए बताया की गौ रक्षक दल के प्रधान भगतसिंह रावत ने सूचना दी की कोसी की तरफ एक कैंटर में गाय भरी है और वह हाइवे से निकलेगा सूचना मिलते ही पुलिस ने प्रधान द्वारा दी गयी सूचना के आधार पर हसनपुर चौक होडल के फ्लाई ओवर पर नाका लगाकर वहान चैक करने पर कैंटर ने सीधी नाके को टककर मारकर भागने लगा लकिन पुलिस ने व् गौ रक्षक दल के सदस्यों ने कैंटर चालक व् उसके साथी को दबोच लिया और जब कैंटर की तलाशी ली गई तो उसमे करीब डेढ़ दर्जन गाय निकली गायो को गौशाला छोड दिया है पकड़े  गये आरोपियों ने पुलिस पुछ ताछ में अपना नाम अखलाख पुत्र खुशीर्द निवासी अड़वर नहु बताया और दूसरे आरोपी ने शब्वीर पुत्र अजीम निवासी घाटमीका राजिस्थान  बताया और यह भी बताया की ये गाय आगरा से लेकर चले थे और महबूब पुत्र अर्जन  निवासी घाटमीका के पास  पहुचानी है 
जांच अधिकारी - विजयपाल A. S .I
-गौ रक्षक दल प्रधान - भगतसिंह रावत
May 11, 2020

राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से उभरने को कदम


(मनोज)चंडीगढ़, 11 मई - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की लम्बी अवधि के कारण बंद पड़ी औद्योगिक एवं आर्थिक गतिविधियों को चरणबद्घ तरीके से पुन: संचालित करने की केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों को दी गई अनुमति को और आगे बढ़ाते हुए केन्द्र सरकार से मांग की है कि केवल कंटेनमेंट जोन को छोडक़र ग्रीन, ओरेंज व रेड जोन में ये गतिविधियां चलाने के लिए राज्यों को अपने स्तर पर अधिकृत किया जाए।

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सकल घरेलू उत्पाद दर पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के स्तर के समीप पहुंचाने का हर संभव प्रयास

 मुख्यमंत्री ने यह मांग प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के साथ आज राज्यों के मुख्यमंत्रियों की हुई वीडियो कांफेर्सिंग के दौरान हरियाणा का पक्ष रखते हुए उठाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रम कानूनों में सुधारों को राज्यों को आपदा की इस घड़ी में आपसी प्रतिस्पर्धा का विषय नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री को आश्वस्त किया कि वित्त वर्ष 2020-21 के दूसरी तिमाही में हरियाणा की सकल घरेलू उत्पाद दर पिछले वित्त वर्ष 2019-20 के दूसरी तिमाही के स्तर के समीप पहुंचाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा।

शैक्षणिक संस्थानों को जल्द सोशल डिस्टेंसिंग के साथ शरू करने के प्रयास

मुख्यमंत्री ने 27 अप्रैल, 2020 को मुख्यमंत्रियों के साथ हुई वीडियो कांफे्रसिंग के दौरान एनडीए, इंजीनियरिंग कॉलेजों एवं मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए 12वीं कक्षा के बाद होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे कि कम्बाइंड डिफेंस सर्विसिज़, जेईई तथा एनईईटी(नीट) के संबंध में चल रही अनिश्चितता को शीघ्र समाप्त करने की उठाई मांग को स्वीकार करने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद भी किया। उन्होंने कहा कि आगे चल कर युवाओं के भविष्य के मद्देनजर केन्द्र सरकार से स्कूल, कॉलेजों, प्रोफेशनल कोर्सिस वाले शैक्षणिक संस्थानों को सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रख कर 50 प्रतिशत सीमा के साथ खोलने के बारे में सोचना चाहिए।

प्रदेश सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की डाक्यूमेंटेशन जल्द

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में प्रदेश सरकार द्वारा किए गए सभी प्रयासों के डाक्यूमेंटेशन का कार्य हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान के निर्देशन में किया जा रहा है। हरियाणा ने इस अवधि में कई सुधार किये हैं और कुछ नई योजनाएं भी शुरू की हैं। उन्होंने कहा कि ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’, जिसके तहत हर किसान स्वेच्छा से अपनी फसल का ब्यौरा देता है , परिवार पहचान पत्र, मुख्यमंत्री परिवार समृद्घि योजना, लाल डोरा मुक्त जिसके तहत गांव के आबादी में रहने वालों को जमीन का स्वामित्व दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा की इस योजना का जिक्र प्रधानमंत्री ने रास्ट्रीय पंचायती दिवस के अवसर पर अपने मन की बात कार्यक्रम में भी किया था और इस योजना को अपनी स्वामित्व योजना में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि जल ही जीवन है मिशन को आगे बढ़ाते हुए हमने धान बाहुल्य क्षेत्रों में किसान धान के स्थान पर कम पानी से पकने वाली अन्य वैकल्पिक फसलें बोएं इसके लिए मेरा पानी मेरी विरासत योजना शुरू की है। 

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लोगो के खाते मे सीधे करोड़ो रूपये भेजे 

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री परिवार समृद्घि योजना के तहत 5.03 लाख परिवारों को  3000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक की वित्तीय सहायता पहुंचाने के लिए उनके खाते में सीधा लाभ हस्तांतरण के तहत 154 करोड़ रुपये की राशि डाली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के कारण जनगणना 2021 का कार्य रूक गया था, वहीं हमने इन दिनों में लगभग 20,000 स्थानीय कमेटियां गठित करके उनके माध्यम से प्रदेश के 25 लाख परिवारों के साधनों और आवश्यकताओं के सर्वे का कार्य करवाकर उसे डिजिटल रूप से स्टोर किया है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार 3.73 लाख ऐसे परिवार थे, जिनके पास किसी प्रकार का राशन कार्ड नहीं था। राज्य सरकार ने उनको डिस्ट्रेस राशन टोकन जारी किए हैं और उनको मुफ्त राशन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार,13.40 लाख परिवारों को 553 करोड़ रुपये की राशि का सीधे हस्तांतरण का लाभ दिया गया है।

सोशल डिस्टेंसिंग के साथ रबी फसल खरीद

मुख्यमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार करते हुए हरियाणा ने अपात्र लाभानुभोगियों को कम किया है, जिसके फलस्वरूप भारतीय खाद्य निगम के पास हरियाणा को आबंटित किए जाने वाले खाद्यान्नों में से 45,000 मीट्रिक टन सरप्लस हो गई है। इसलिए हरियाणा का अनुरोध है कि भारतीय खाद्य निगम को निर्देश दिये जाएं कि मई से अगस्त तक इसका उपयोग डिस्ट्रेस राशन टोकन वाले परिवारों को मुफत राशन देने के लिए दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग को बनाकर राज्य सरकार ने रबी फसलों की खरीद प्रक्रिया के कार्य को काफी तेजी से आगे बढ़ाया है  और अब तक गेहूं और सरसों की लगभग 66 लाख मीट्रिक टन की आवक हो चुकी है और 15 लाख मीट्रिक टन और खरीद होने की सम्भावना है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही किसानों के खातों में 22,000 करोड़ रुपये चला जाएगा। 

उधोगधंदे पटरी पर लाने के हो रहे प्रयास 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में लगभग 35,000 फैक्टरियों में 24 लाख मजदूर कार्य करते हैं जिनमें से 14 लाख औद्योगिक श्रमिक काम पर वापिस आ गये हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का लोगों में भय के कारण मानसिक तनाव बढ़ा है। इसके लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुष विभाग ने प्रोडक्टस तैयार किए है और उसे हर जन तक मुफ्त पहुंचाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि सरकार की अपील पर उद्यमियों ने श्रमिकों को लॉकडाउन अवधि के दौरान बिना कार्य के वेतन दिया है। इसलिए उनसे इतने समय अतिरिक्त काम का सिंगल वेतन दिया जाना चाहिए।
वीडियो कांफे्रंसिंग के दौरान उप-मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला, स्वास्थ्य एवं गृह मंत्री श्री अनिल विज, मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, अतिरिक्त प्रधान सचिव श्री वी.उमाशंकर, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विजय वर्धन, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल, स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजीव अरोड़ा, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन प्रसाद, पुलिस महानिदेशक श्री मनोज यादव के अतिरिक्त अन्य वरिष्ठï अधिकारी भी उपस्थित थे।
May 11, 2020

शराब घोटाले की जांच के लिए खेमका का नाम हटाया, राजनितिक दंगल के बीच गुप्‍ता बने SIT प्रधान

शराब घोटाले की जांच के लिए खेमका का नाम हटाया, राजनितिक दंगल के बीच गुप्‍ता बने SIT प्रधान

चंडीगढ़, [मनोज]। हरियाणा के खरखौदा में हुए शराब घोटाले पर घमासान तेज हो गया है। जांच के लिए गठित एसआइटी की फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय को मंजूरी मिल गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने एसआइटी प्रमुख का नाम तय कर दिया। वरिष्‍ठ आइएएस अधिकारी टीसी गुप्‍ता को एसआइटी का प्रमुख बनाया गया है। सरकार ने तीन सदस्‍यीय कमेटी गठित की है। कमेटी में आबकारी विभाग से जुड़े एक अधिकारी और एक आइपीएस अधिकारी को भी शामिल किया गया है। गृह मंत्री अनिल विज ने कमेटी के नाम सीएम को सिफारिश के लिए भेजे थे। मुख्‍यमंत्री ने एसआइटी केे प्रधान के लिए सीनियर आइएएस अफसर डॉ: अशोक खेमका का नाम खारिज कर‍ दिया।

ज्ञात है कि गृह मंत्री अनिल विज ने तेज तर्रार आइएएस अधिकारी डा. अशोक खेमका, सीनियर आइइएस अधिकारी संजीव कौशल और टीसी गुप्ता के नाम एसआइटी प्रमुख के लिए सीएम के पास भेजे थे। इनमें से कोई एक नाम तय किया जाना था। एसआइटी के बाकी दो नाम एडीजीपी सुभाष यादव और आबकारी एवं कराधान विभाग के एडीशनल आयुक्त विजय सिंह के थे। दूसरी ओर, जब्‍त शराब को तस्‍कर माने जा रहे व्‍यक्ति के गोदाम में रखने पर सवाल उठ रहे हैं। 

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कई ऐसे सवाल, जिनकी तह में पहुंचना जरूरी: अनिल विज

''खरखौदा में शराब चोरी का जो मामला है, यह एक बहुत बड़ा घोटाला है। इसकी जड़ें बहुत गहरी नजर आती हैं। कौन-कौन इसमें जुड़ा हुआ था, कहां-कहां शराब जाती थी, कहां से आती थी, किस प्रदेश से आती थी और कौन-कौन से अधिकारी उसमें शामिल हैं, ऐसे बहुत सारे सवालों की गहराई से जांच होने की आवश्यकता है। इसके लिए एसआइटी बनाने का अनुरोध किया गया है, जिसमें सीनियर आइपीएस सुभाष यादव, एक्साइज विभाग से एडीशनल एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर विजय सिंह और तीन वरिष्ठ आइएएस अधिकारियों के नाम दिए गए थे। इनमें अशोक खेमका, संजीव कौशल और टीसी गुप्ता का नाम मुख्यमंत्री को भेजा गए थे।  इस मसले की गहराई तक जाएगी। रही जिला स्तर पर जांच टीम बनाने की काम, पुलिस की जांच अपने स्तर पर होगी और एसआइटी की जांच अलग।

                                                                                                  - अनिल विज, गृह मंत्री, हरियाणा।

यह शराब चोरी का मामला, राजस्व चोरी का नहीं: दुष्यंत चौटाला


'' जब डिस्टलरी से शराब निकलती है, तो उसकी एक्साइज ड्यूटी पेड हो जाती है। उसके बाद वह कहीं भी जाए तो उसमें हरियाणा को राजस्व को नुकसान नहीं हो सकता। सोनीपत के खरखौदा के गोदाम से शऱाब चोरी होने का जो मामला है, वहां पुलिस तैनात हुई थी और गोदाम में जब्त की हुई शराब थी। जब्त की गई शराब की इस चोरी से आबकारी विभाग का कोई सरोकार नहीं है। यह सारा मामला आपराधिक प्रवृत्ति का है तथा यह पुलिस की जांच के दायरे में है। हरियाणा में शराब बिक्री की न्यूनतम दर तय है। अधिकतम दरें तय नहीं है। न्यूनतम दर पर राजस्व फैक्ट्री से शराब निकलते ही ले लिया जाता है। उसके बाद ठेकेदार उसे किसी भी रेट पर बेच सकता है। यह ठेकेदारों के बीच आपसी प्रतिस्पर्धा पर निर्भर करता है। हालांकि हमारी सरकार ने हाल ही में जो शराब के रेट बढ़ाए हैं, वह दूसरे राज्यों की अपेक्षा काफी कम बढाए हैं। इन बढ़े रेट से कोई खास फर्क नहीं पडऩे वाला है। शराब की चोरी की हालांकि गहराई से जांच होनी चाहिेए, लेकिन सरकार को किसी तरह का राजस्व का नुकसान हुआ है, ऐसा नहीं है। 

                                                                                           - दुष्यंत चौटाला, उपमुख्यमंत्री, हरियाणा।

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शराब घोटाले की जांच को लेकर राजनितिक दंगल 

फ़िलहाल इस पुरे मामले मे दुष्यंत और विज आमने सामने होते नजर आ रहे है, लेकिन ये जनता है कि सब घोल मोल जानती भी है पहचानती भी है, और सबकुछ जानकार भी अनजान से बनी सारे खेल को देखती रहती है | इस खेल अभी देखते है निष्कर्ष क्या होता है क्या SIT कुछ निकाल पाएगी या कुछ दिन मामले को ठन्डे बस्ते मे डाल दिया जाएगा| लेकिन अब तक चली तनातनी से ये तो स्पष्ट है गड़बड़ तो कही जरुर है, लेकिन अब देखते है कि इस गड़बड़ के पीछे के खेल को कब और कैसा दिखा कर उजागर किया जाता है |
May 11, 2020

नए उद्योग लाने व बंद पड़े उद्योगों को पुन: संचालित करने के प्रयास हुए तेज, जानिए आपके जिले मे किस उद्योग का बनेगा कलस्टर -हरियाणा सरकार

(मनोज)चण्डीगढ़, 10 मई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन अवधि के कारण बंद पड़े उद्योगों को पुन: संचालित व उद्योग को बढ़ावा देने, निवेशकों को आकृषित करने और रोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा किये जा रहे है| पुन: संचालित करने के लिए सरल हरियाणा पोर्टल saralharyana.gov.in पर अनुमति व पास देने का कार्य शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि सभी उद्योगों का पंजीकरण हो और सरकार के पास समुचित डाटा उपलब्ध हो ताकि भविष्य की योजनाएं बनाते समय भी इसे  उपयोग में लाया जा सके।

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55,935 उद्योगों को मिल चुकी पुन: संचालन की अनुमति

          इस सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान राज्य में वर्तमान में स्थापित लगभग 1 लाख 16 हजार 700 लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग हैं तथा अब तक पोर्टल पर 55,935 उद्योगों ने पुन: संचालन की अनुमति के लिए आवेदन किया है, जिसमें 21 लाख 86 हजार 98 कर्मियों को पुन: काम मिलेगा। इनमें शहरी क्षेत्र में 35,572 उद्योग तथा ग्रामीण क्षेत्र में 20,246 उद्योग स्थित हैं। इनके अलावा, 608 उद्योग इन-सिटू वाले भी हैं।
          प्रवक्ता ने बताया कि इन 25 श्रमिकों तक की संख्या वाले उद्योगों की संख्या 43,653 है, जबकि 25 से 200 श्रमिकों तक की संख्या उद्योगों की संख्या 10,186 है। इसी प्रकार, 200 से अधिक श्रमिकों की संख्या वाले उद्योगों की संख्या 1979 है। उन्होंने बताया कि अब तक 34,375 उद्योगों को काम करने की अनुमति दी जा चुकी है, जिसमें 15 लाख 48 हजार 574 कर्मियों को काम मिला है। इनमें 18,816 उद्योग शहरी क्षेत्रों में हैं, जिसमें 8,02,825 कर्मियों को काम मिला है। इसी प्रकार, ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित 11,842 उद्योग में 4,97,828 कर्मियों को काम मिला है।
          उन्होंने बताया कि इसी प्रकार, 558 इन-सिटू उद्योगों को भी काम करने की अनुमति दी गई है, जिसमें कुल 26,546 कर्मियों को काम मिला है। इनमें शहरी क्षेत्रों  के 294 उद्योग में 13,574 कर्मियों तथा ग्रामीण क्षेत्र के 264 उद्योगों में 12,972 कर्मियों को काम मिला है। इसी प्रकार, राज्य में 1448 ईंट भटठों के संचालन की अनुमति भी दी गई है, जिनमें 2,08,046 कर्मी काम पर लौटे हैं।

लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यम 11 मई, 2020 से करे सामान्य स्थिति की तरह उत्पादन

        उप-मुख्यमंत्री जिनके पास  श्रम एवं रोजगार विभाग का प्रभार भी है, ने इस सम्बन्ध में आज यहां विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि सरकार की प्राथमिकता है कि लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यम 11 मई, 2020 से शत प्रतिशत अपनी पहले जैसी सामान्य स्थिति की तरह उत्पादन आरम्भ करे। उन्होंने बताया कि सभी कामगारों को अपने मोबाइल पर आरोग्य सेतू एप्प अनिवार्य रूप से डाउनलोड करना होगा तथा सोशल डिस्टैंसिंग का पालन कर मास्क, सेनिटाइजेशन व लॉकडाउन के अन्य नियमों का पालन करना होगा। उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग वर्कस वाले उद्योगों को भी शीघ्र ही खोलने की अनुमति होगी।

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जिलों मे बनेगे उद्योग कलस्टर 

 प्रदेश सरकार द्वारा क्लस्टर योजना बनाई गई है, ताकि कोई भी उद्योग केवल एक जिले तक सीमित न रहे, बल्कि सभी 22 जिलों में उद्योगों का विस्तार हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए बुनायदी ढ़ांचे जैसे सडक़ और रेल की व्यवस्था, जो भी आवश्यक होगा उसे पूरा किया जाएगा। 
  योजना की बारीकियों से अवगत करवाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन 22 जिलों के अंदर विशेष तौर पर गुरुग्राम, फरीदाबाद, रेवाड़ी, सोनीपत यह ऐसे जिले हैं, जहां पहले से उद्योग चल रहे हैं। शेष जिलों में भी उद्योगों का विस्तार हो इसके लिए यह योजना बनाई गई है।

हर जिले मे अलग उद्योग 

        उन्होंने कहा कि सिरसा जिले में कृषि का अच्छा उत्पाद होता है तो वहां फूड प्रोसेसिंग के यूनिट के साथ ही कपड़ा उद्योग का कलस्टर तैयार करने के लिए योजना बनाएंगे। फतेहाबाद और जींद जिले में कृषि एवं खाद्य आधारित उद्योग, लोहा और इस्पात उद्योग को बढ़ावा दिया जाएगा।
        उन्होंने कहा कि हिसार जिले में लोहा और इस्पात का पहले से अच्छा उद्योग है उसी को और अधिक बढ़ाया जाएगा। इसी प्रकार, भिवानी में कपड़ा उद्योग पहले से चल रहा है, इसको और बढ़ावा दिया जाएगा। इसके साथ ही, खाद्य आधारित उद्योगों का विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महेंद्रगढ़ जिला सरसों का क्षेत्र है और वहां तेल की मिलें अधिक हैं तो इसी उद्योग को बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा, ऑटो कॉम्पोनेंट्स उद्योग भी लगाए जाएंगे।
        उन्होंने कहा कि रेवाड़ी जिले में ऑटो कॉम्पोनेंट्स, कपड़ा उद्योग, नूंह जिले में फार्मास्यूटिकल और केमिकल इंडस्ट्री, अंबाला में वैज्ञानिक उपकरण, पंचकूला में आईटी एवं आईटी- सक्षम सेवाओं, सोनीपत में कृषि एवं खाद्य आधारित और ऑटोमोबाइल कॉम्पोनेंट्स, फरीदाबाद में ऑटो कॉम्पोनेंट्स, निर्माण और इंजीनियरिंग, कृषि एवं खाद्य आधारित उद्योगों और चरखी दादरी में तेल की मिलों को बढ़ावा दिया जाएगा।
        उन्होंने कहा कि यमुनानगर में पहले से ही प्लाईवुड और इस्पात की फैक्ट्रियां है, इसे ही बढ़ावा दिया जाएगा। इसी प्रकार, कुरुक्षेत्र में पेपर मिल, कृषि एवं खाद्य आधारित उद्योग लगाए जाएंगे। पानीपत में कपड़ा उद्योग पहले से चल रहा है, इसके साथ ही कृषि एवं खाद्य आधारित उद्योगों को बढ़ाया जाएगा। झज्जर में फुटवियर उद्योग विशेषकर बहादुरगढ़ में इस उद्योग का और अधिक विस्तार किया जाएगा। रोहतक में इंजीनियरिंग यूनिट्स को आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा।
        उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में ऑटोमोबाइल, ऑटो कॉम्पोनेंट, आईटी एवं आईटी- सक्षम सेवाओं, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग इन सबका विस्तार किया जाएगा। करनाल में कृषि एवं खाद्य आधारित, पैकेजिंग, फार्मास्यूटिकल उद्योग को बढ़ावा दिया जाएगा।
      
        उन्होंने कहा कि हरियाणा के नागरिकों को रोजगार के योग्य बनाने के लिए उनका कौशल विकास करना आवश्यक है और हरियाणा का एकमात्र श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, पलवल में युवाओं को कौशल परिक्षण करके उन्हें रोजगार योग्य बनाया जा रहा है ताकि विभिन्न प्रकार के उद्योगों में उनको काम मिले।

Sunday, May 10, 2020

May 10, 2020

प्रवासी घर वापसी जारी है - रेवाड़ी, रोहतक, भिवानी से रेलगाड़िया तो जिला मुख्यालयों से चली स्पेशल बसे


चंडीगढ़, 10 मई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा है कि हरियाणा राज्य की उन्नति व विकास में प्रवासी श्रमिकों का उल्लेखनीय योगदान है इसलिए कोविड-19 वैश्विक महामारी के चलते राज्य सरकार द्वारा प्रदेश से इच्छुक प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाने के लिए रोजाना विशेष श्रमिक रेलगाडिय़ों को प्रदेश के विभिन्न रेलवे स्टेशनों से चलाया जा रहा है और इसी श्रृंखला में आज हरियाणा से तीन विशेष श्रमिक रेलगाडिय़ों को भेजा गया है।
          उन्होंने बताया कि आज रेवाड़ी से एक रेलगाड़ी के माध्यम से लगभग 1200 प्रवासी श्रमिकों को कटिहार (बिहार), रोहतक से 1200 से अधिक प्रवासी श्रमिकों को अररिया (बिहार) तथा भिवानी से लगभग 1200 प्रवासी श्रमिकों को छततरपुर (मध्य प्रदेश) भेजा गया हैं। उन्होंने कहा कि विविधताओं के बावजूद हम सब देशवासी एक हैं और इसी भावना व सोच के साथ हरियाणा सरकार ने लॉकडाउन में फंसे और अपने घर जाने के इच्छुक प्रवासी श्रमिकों को हरियाणा सरकार के खर्च पर उनके गृह राज्यों में भिजवाने की शुरूआत की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के किसी भी भाग में रहने वाले सभी भारतीय एक हैं और इनकी दुख-तकलीफ को दूर करना हम सब भारतीयों का दायित्व है। 

          --रोहतक से अररिया (बिहार) के लिए रवाना हुई विशेष श्रमिक रेलगाड़ी--

लोकडाउन की वजह से हरियाणा के रोहतक व झज्जर जिला में फंसे 1200 अधिक प्रवासी मजदूरों को आज सायं रोहतक रेलवे स्टेशन से बिहार के लिए रवाना कर दिया गया। रवाना हुई रेलगाड़ी में कुल 1204 श्रमिक है, इनमें से 108 श्रमिक रोहतक जिला से और शेष श्रमिक झज्जर जिला से हैं। अररिया (बिहार) के लिए रवाना हुई इस रेलगाड़ी में कुल 22 कोच है जिनमें इन श्रमिकों को उनके गंतव्य के लिए रवाना किया गया है। ये श्रमिक बिहार के अररिया, कटियार, पुर्णिया, सुपोल व सहरसा के रहने वाले हैं। 

          --भिवानी से छत्तरपुर (मध्य प्रदेश) के लिए रवाना हुई विशेष श्रमिक रेलगाड़ी--

भिवानी से जाने वाले सभी प्रवासी श्रमिक राज्य परिवहन की बसों से भिवानी रेलवे स्टेशन पर पहुंचे। ये प्रवासी मजदूर मध्यप्रदेश के भिंड, मुरैना, दमोह, सागर, छतरपुर, रीवा, जबलपुर आदि जिलों की ओर रवाना किए गए हैं। रेलगाड़ी में बैठते हुए महिलाओं व बच्चों के चेहरों पर विशेष खुशी देखी जा रही थी। भिवानी से यह रेलगाड़ी मध्य प्रदेश के जिला छतरपुर जाएगी और 754 किलोमीटर की दूरी का सफर तय कर सुबह 6 बजे अपने गंतव्य पर पहुंचेगी। ये रेलगाड़ी भिवानी से रोहतक, दिल्ली, पलवल, झांसी होते हुए इसका ठहराव छतरपुर में ही होगा।

          --रेवाड़ी से कटिहार (बिहार)के लिए रवाना हुई विशेष श्रमिक रेलगाड़ी--

रेवाड़ी जंक्शन से लगातार चैथे दिन आज लगभग 1200 प्रवासी श्रमिकों को लेकर विशेष श्रमिक रेलगाड़ी बिहार के कटिहार के लिए रवाना हुई। ये सभी प्रवासी श्रमिक बिहार के विभिन्न जिलों के रहने वाले हैं और ये रेवाड़ी जिले में ही कार्य कर रहे थे।

          --रेलवे स्टेशन पर किए गए सभी जरूरी इंतजाम--

रेवाड़ी में रह रहे प्रवासी मजदूरों को शैल्टर होम से रोडवेज की बसों के माध्यम से रेलवे स्टेशन तक लाया गया। प्रवासी मजदूरों को उनके गृह प्रदेश रवाना करने से पूर्व सभी जरूरी इंतजाम किए गए। जहां एक तरफ रेलवे प्लेटफार्म को वैक्यूम क्लीनर मशीन से बार-बार साफ किया जा रहा था, तो वहीं दूसरी ओर प्रत्येक प्रवासी श्रमिक के हाथों को भी सैनिटाइज किया गया तथा उनके लिए भोजन व पीने के पानी की व्यवस्था भी की गई। श्रमिकों को निर्धारित कोच में बैठाने के लिए स्वयंसेवकों को लगाया गया ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।

          --संकट की घड़ी में सहारा बनी मनोहर सरकार--

रेवाड़ी जंक्शन से बिहार के कटिहार के लिए रवाना हुई विशेष श्रमिक रेलगाड़ी में परिवार के साथ रवाना हुए दामोदर प्रसाद का कहना है कि हरियाणा सरकार ने श्रमिकों का ख्याल रखते हुए अपने खर्च पर प्रवासी श्रमिकों को रेवाड़ी से अपने गृह राज्य में भेजकर सराहनीय कार्य किया है, जिसके लिए वे हरियाणा सरकार के शुक्रगुजार हैं। राज्य सरकार द्वारा ट्रेन में खाने-पीने की भी पूरी व्यवस्था की गई है। वहीं अन्य प्रवासी श्रमिक बृजेश का कहना है कि खेतीहर श्रमिकों को अपने खर्च पर गृह राज्य में भेजकर संकट की इस घड़ी में हरियाणा सरकार उनका सहारा बनी है, जिसके लिए वह हरियाणा सरकार के आभारी है।

          --घर जाते हुए इतना सम्मान जीवन में कभी नहीं मिला--

भिवानी रेलवे स्टेशन पर प्रवासी श्रमिकों से बात की गई तो मबई गांव, जिला टीकमगढ़ के रहने वाले श्रमिक विनोद के कहने का भाव ऐसा था कि अब घर जाते हुए जितना सम्मान उनको कभी जीवन में नहीं मिला और हरियाणा सरकार व यहां के अधिकारियों का व्यवहार देख भारत के आतिथ्य देवो भव: की कहावत यहां चरितार्थ होती नजर आ रही है।
          गावं अबहु जिला छतरपुर के निवासी सुनील का कहना था कि सरकार के कर्मचारियों ने उनको दादरी के गांवों से चरखी स्कूल में पहुंचाया है। वहां उनके लिए खाने-पीने का पूरा इंतजाम किया गया। फिर वहां से स्टेशन तक उनको साफ-सुथरी बसों में भिवानी लाया गया। कमाल की बात है कि उनसे एक रूपया किसी चीज का नहीं लिया गया और ना ही कोई हमें परेशानी होने दी है।
          ऐसे ही, प्रवासी मजदूर राजकुमारी ने कहा कि किसी महिला या बच्चों को कोई परेशानी नहीं हैं और सभी अपने घर जाते हुए बहुत खुश हैं। राजकुमार का कहना है कि हमारी तो भगवान से यही प्रार्थना है कि हरियाणा में हमेशा खुशहाली ही हो और यहां कोई बीमारी ना आए।

गुरुग्राम से उतराखंड तो जींद से उत्तर प्रदेश गई बसे 

रविवार को प्रदेश के अधिकतर जिला मुख्यालयों से बसे प्रवासी मजदूरों को लेकर या तो उनके गृह राज्य छोड़ने गई या नजदीकी रेलवे स्पेशल ट्रेन तक छोड़ने गई | 200 बसों के माध्यम से 6 हजार प्रवासी श्रमिकों को पश्चिमी उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों तथा 3 रेलगाडिय़ो के माध्यम से 3600 से अधिक प्रवासी श्रमिकों को बिहार व मध्य प्रदेश राज्यों में पहुंचाने का कार्य किया गया है।
May 10, 2020

15 स्पेशल यात्री रेलगाड़ियों के लिए सोमवार (11 मई) शाम 4 बजे से बुकिंग शरू, 12 मई से यात्री रेलगाड़ियों परिचालन शरू

12 मई से 15 शहरों के लिए चलेंगी पैसेंजर ट्रेनें, कल से टिकट की बुकिंग शुरू

(नेहा)भारतीय रेलवे की योजना है कि 12 मई  से यात्री रेलगाड़ियों के परिचालन को लेकर योजना बना रही है। शुरुआत में 15 जोड़ी ट्रेनों का परिचालन हो सकता है। इन ट्रेनों को नई दिल्ली स्टेशन से देश के 15 महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ने वाली विशेष ट्रेनों के रूप में चलाया जाएगा।

रेल मंत्रालय ने इसे लेकर एक विस्तृत योजना का निर्माण किया है। शुरुआत में कम संख्या में ही ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। इस दौरान लोगों के स्वास्थ्य और कोरोना संक्रमण की जांच भी की जाएगी।
ये ट्रेनें डिब्रूगढ़, अगरतला, हावड़ा, पटना, बिलासपुर, रांची, भुवनेश्वर, सिकंदराबाद, बंगलुरू, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, मडगांव, मुंबई सेंट्रल, अहमदाबाद और जम्मू तवी को जोड़ने वाली नई दिल्ली स्टेशन से विशेष ट्रेनों के रूप में चलाई जाएंगी। उसके बाद रेलवे कुछ अन्य मार्गों पर विशेष ट्रेनें संचालित करेगी हालांकि यह कोचों की उपलब्धता पर निर्भर करेगा क्योंकि 20000 कोचों को कोविड-19 केयर सेंटर के रूप में आरक्षित किया गया है, जबकि प्रतिदन 300 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने के लिए भी पर्याप्त संख्या में कोच रिजर्व हैं।

नई दिल्ली से चलाई जाने वाली ट्रेनों के आरक्षण के लिए बुकिंग 11 मई को शाम चार बजे से शुरू होगी और केवल IRCTC की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। रेलवे स्टेशनों पर टिकट बुकिंग काउंटर बंद रहेंगे और कोई काउंटर टिकट (प्लेटफॉर्म टिकट सहित) जारी नहीं किया जाएगा।

केवल वैध कंफर्म टिकट वाले यात्रियों को रेलवे स्टेशनों में प्रवेश करने की अनुमति होगी। यात्रियों को प्रवेश के दौरान मास्क अनिवार्य होगा और प्रस्थान के समय स्क्रीनिंग से गुजरना होगा और सिर्फ यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने की अनुमति होगी।
पिछले एक सप्ताह से केवल हरियाणा मे लाखो प्रवासी मजदुर घर वापसी के लिए हरियाणा सरकार से आवेदन कर चुके |  जिसके बाद पहली ट्रेन हिसार से चली उसके बाद रेवाड़ी, अम्बाला व भिवानी से ट्रेने भी चली व बसों के माद्यम से भी प्रवासी मजदूरो को उनके गृह राज्य छोड़ने के लिए लगातार प्रयास हरियाणा सरकार कर रही है | लेकिन अब स्पेशल यात्री रेलगाड़ियों  की बुकिंग व परिचालन शरू होने के बाद प्रवासी मजदुर चिंता व चिन्तन मे है कि आखिर क्या करे ? प्रवासी मजदुर बस एक ही सवाल कर रहे है कि स्पेशल ट्रेन की टिकट बुक करवाए या हरियाणा सरकार के जवाब का इन्तजार करे ?

हेल्थ सर्टिफिकेट की जरूरत है या नही 

ज्ञात है कि पिछले दिनों प्रवासी मजदूरों के रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद हरियाणा सरकार ने निर्देश जारी किये कि आपका नम्बर जब आएगा तब आपको फोन पर सुचना दे दी जाएगी | उसके बाद हर प्रवासी मजदुर का हेल्थ सर्टिफिकेट बनवाया जाएगा उसके बाद उन्हें स्पेशल ट्रेन या बस के द्वारा उनके गृह राज्य छोड़ा जाएगा | लेकिन अब स्पेशल ट्रेन की बुकिंग यदि कोई रजिस्टर्ड प्रवासी मजदूर करवाता है तो क्या उसको विभाग हेल्थ सर्टिफिकेट जारी करेगा या नही या बिना हेल्थ  सर्टिफिकेट के यात्रा कर पाएगा इस बारे कोई स्पष्ट दिशा निर्देश नही मिले है |

14 स्पेशल ट्रेन 1100 से अधिक बसे  जा चुकी प्रवासी मजदूरो के लिए 

        आज तक हरियाणा से 1100 से अधिक बसों के माध्यम से विभिन्न राज्यों में प्रवासी श्रमिकों को पहुंचाया गया हैं जिनमें 890 बसें उत्तर प्रदेश, 152 बसें राजस्थान, 44 बसें मध्य प्रदेश, 9 बसें पंजाब, 9 बसें उत्तराखण्ड व 2 बसें हिमाचल-प्रदेश भेजी गई हैं।
        इसी प्रकार आज तक कुल 14 विशेष श्रमिक रेलगाडिय़ों के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों को बिहार व मध्य प्रदेश राज्यों में पहुंचाया गया हैं जिनमें 10 रेलगाडिय़ां बिहार व 4 रेलगाडिय़ां मध्य प्रदेश भेजी गई हैं। उन्होंने बताया कि प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में भेजने के लिए चलाई जाने वाली रेलगाडिय़ों व बसों का सारा खर्च हरियाणा सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। इन मजदूरों को राहत केंद्रो में रखने का, रेलवे स्टेशन व बस स्टेशन पर लाने के मुफ्त प्रबंध सरकार द्वारा किया जा रहा है।

        उन्होंने बताया कि अब तक राज्य से 28000 प्रवासी मजदूरों को उत्तर प्रदेश पहुंचाया गया है। इसी प्रकार, हरियाणा से 12000 से अधिक प्रवासी श्रमिकों को बिहार भेजा जा चुका है तथा राज्य से उत्तराखण्ड  के 9550 प्रवासी मजदूरों को भेजा गया है, तो वहीं, 6500 प्रवासी मजदूरों को मध्य प्रदेश भेजा गया है।
        प्रवक्ता ने बताया कि इसके अलावा 435 प्रवासी मजदूरों को राजस्थान, 221 प्रवासी मजदूरों को पंजाब, 54 प्रवासी मजदूरों को हिमाचल प्रदेश, 46 प्रवासी मजदूरों को केरल, 32 प्रवासी मजदूरों को असम, 39 प्रवासी मजदूरों को महाराष्ट्र, 27 प्रवासी मजदूरों को गुजरात, 41 प्रवासी श्रमिकों को जम्मू व कश्मीर, 10 प्रवासी श्रमिकों को दिल्ली व 18 प्रवासी श्रमिकों को अंाध्र प्रदेश पहुंचाया जा चुका है।
        इसके अलावा, उन्होंने बताया कि संबंधित जिला प्रशासन से पास लेकर विभिन्न राज्यों में जाने वाले लगभग 8500 प्रवासी श्रमिकों को भी उनके गृह राज्यों में भेजा गया है। इसी तरह, लगभग दस हजार हरियाणा के निवासियों को अन्य राज्यों से हरियाणा लाया गया है।
        प्रवक्ता ने बताया की कल पश्चिमी उतर प्रदेश व अन्य राज्यो के लिए 200 बसे व बिहार के लिए दो विशेष श्रमिक रेलगाड़ी चलायी जाएगी ।
May 10, 2020

शिक्षण संस्थान की ज़मीन पर शमशान घाट नही बनने देगे – कुलवंत मलिक (प्रधान गैर शिक्षक संघ)

शिक्षण संस्थान की ज़मीन पर शमशान घाट नही बनने देगे, ज़िला प्रशासन तुगलकी फ़रमान वापिस ले – कुलवंत मलिक (प्रधान गैर शिक्षक संघ)

आज मीटिंग के बाद यूनिवर्सिटी कुलपति को शिक्षक व गैर शिक्षक संघ का सोपा गया ज्ञापन
चेयरमैन DDMA, रोहतक द्वारा जारी पत्र, जिसमे यूनिवर्सिटी की जमीन शमशान के लिए उपयोग करने के आदेश 

(विनय ) रोहतक-  महर्षि दयानंद विश्विध्यालय की ज़मीन पर ज़िला प्रशासन द्वारा शमशानघाट बनाने के आदेश पर आज यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ व गैर शिक्षक संघ ने ऑनलाइन मीटिंग कर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। गैर शिक्षक संघ के प्रधान कुलवंत मलिक से हरियाणा बुलेटिन न्यूज़ ने ख़ास बातचीत की जिसमे मलिक ने बताया कि पिछले दिनों रोहतक ज़िला उपायुक्त आर एस वर्मा द्वारा  तुगल्की फ़रमान मीडिया के माद्यम से देखने मे आया है हमारे शिक्षण संस्थान की ज़मीन पर शमशान घाट बनाने की बात कही गई है जिसको विश्विध्यालय के शिक्षक व गैर शिक्षक किसी भी सूरत में सहन नही करेंगे। उनका कहना था कि ज़िला प्रशासन विश्वविद्यालय की ज़मीन पर शमशान घाट बनाने की बजाय कोई अन्य विकल्प तलाश करे।

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अनुमति दी जाति है तो करेगे धरना प्रदर्शन 

कुलवंत मलिक ने बताया कि जिस जगह पर प्रशासन शमशान घाट बना रहा है वो एमडीयू की ज़मीन है और उसके पूर्व दिशा में ओमैक्श सिटी के रिहायशी मकान व फ़्लैट है। इस ज़मीन के पश्चिम दिशा में हॉस्टल है। उतर दिशा में स्कूल है व दक्षिण दिशा में कन्हेली गांव है। अगर नियमोंं की बात करें तो एक विश्वविद्यालय स्वायत्त शिक्षण संस्थान होता है और उसकी ज़मीन पर ज़िला प्रशासन का कोई अधिकार नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ़ से जारी निर्देश के अनुसार भी कोरोना मृतकों के दाह संस्कार के लिए इस रिहायशी जगह पर शमशान घाट बनाना घातक सिद्ध होगा। बावजूद इसके यदि अनुमति दी जाती है तो हम किसी भी सूरत में एमडीयू की इस ज़मीन पर शमशान घाट नहीं बनने देगे। अगर ज़रूरत पड़ी तो विश्विध्यालय का शिक्षक व गैर शिक्षक संघ लोकडाऊन तोड़ कर सोशल डिस्टेंस के साथ प्रदर्शन करने से भी पीछे नही हटेंगे। जिसकी जिम्मेवारी विश्विध्यालय प्रसाशन व सरकार की होगी | इसी बारे मे आज ऑनलाइन मीटिंग करने बाद यूनिवर्सिटी के कुलपति को पत्र सोपा गया है |
May 10, 2020

हरियाणा सरकार ने कैदियों व बंदियों की पैरोल उनके पहले आत्मसमर्पण की तिथि से छ: सप्ताह और बढ़ाने का निर्णय लिया है : रणजीत सिंह

(मनोज)चंडीगढ़, 10 मई- हरियाणा सरकार ने कैदियों व बंदियों की पैरोल उनके पहले आत्मसमर्पण की तिथि से छ: सप्ताह और बढ़ाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय उन सभी कैदियों व बंदियों पर लागू होगा जिनकी पैरोल 20 अप्रैल, 2020 को हुई बैठक में तीन सप्ताह के लिए बढ़ाई गई थी।
        हरियाणा के जेल मंत्री श्री रणजीत सिंह ने आज इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि उच्चाधिकार-प्राप्त समिति के निर्देशानुसार अन्तरिम जमानत पर पहले छोड़े गए विचाराधीन बंदियों की जमानत की अवधि भी उनके आत्मसमर्पण की तिथि से और छ: सप्ताह के लिए बढ़ाई जाएगी।

        जेल मंत्री ने बताया कि मौजूदा हालात के मद्देनजर अन्तरिम जमानत, पैरोल, फरलो आदि से वापस आने वाले कैदियों व बंदियों के लिए कोविड जांच तथा 14 दिन के लिए क्वारंटाइन करना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि आपात आधार पर छुट्टी के बाद जेलों में लौटने वाले विभाग के कर्मचारियों को भी अनिवार्य रूप से कोविड जांच करवानी होगी। ऐसे कर्मचारियों को कोविड जांच रिपोर्ट नैगेटिव आने और जेल के चिकित्सा अधिकारी से फिटनेस रिपोर्ट मिलने के बाद ही नियमित ड्यूटी ज्वाइन करने की अनुमति दी जाएगी।
        श्री रणजीत सिंह ने बताया कि देशभर में बढ़ रही कोविड संक्रमितों की संख्या और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के बावजूद यदि ऐसी स्थिति में पैरोल या अन्तरित जमानत पर  छोड़े गए लगभग चार हजार कैदी व बंदी वापस जेलों में आते हैं तो यह एक बहुत बड़ा जोखिम होगा। इतनी बड़ी संख्या में कैदियों व बंदियों के वापस आने से कोविड संक्रमण का जोखिम बढ़ जाएगा और इससे उन्हें पैरोल व जमानत पर छोड़े जाने का पूरा उद्देश्य व्यर्थ हो जाएगा। इसलिए, सरकार ने इन कैदियों व बंदियों की पैरोल, उनके पहले आत्मसमर्पण की तिथि से छ: सप्ताह और बढ़ाने का निर्णय लिया है।
        जेल मंत्री ने बताया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी निर्देशों की अनुपालना हेतु विचार-विमर्श के लिए 5 मई, 2020 को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं हरियाणा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण के कार्यकारी चेयरमैन न्यायमूर्ति श्री राजीव शर्मा की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित एक बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस बैठक में जेल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विजय वर्धन और महानिदेशक कारागार, के. सेल्वराज भी शामिल हुए।
        श्री रणजीत सिंह ने बताया कि इस बैठक में उच्चाधिकार-प्राप्त कमेटी द्वारा जारी निर्देशों के मद्देनजर कैदियों व बंदियों को पैरोल या अन्तरिम जमानत पर छोड़े जाने के लिए जीन्द, अम्बाला और कुरुक्षेत्र की जिला मॉनिटरिंग कमेटियों द्वारा भेजी गई सिफारिशों पर भी विचार किया गया। उन्होंने बताया कि इस बैठक में हरियाणा के सभी मण्डलायुक्तों और जिलाधीशों के पास लम्बित पैरोल से सम्बन्धित आवदेनों का भी निपटारा करने के निर्देश दिए गए।
May 10, 2020

लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यम किसी भी देश व प्रदेश की औद्योगिक एवं आर्थिक गतिविधियों की रीढ होते हैं : दुष्यन्त चौटाला

चंडीगढ़, 10 मई- हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यम किसी भी देश व प्रदेश की औद्योगिक एवं आर्थिक गतिविधियों की रीढ होते है। राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन अवधि के दौरान बंद पड़े हुए इन उद्योगों को चरणबद्घ तरीके से पुन:संचालित करने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की अनुपालना करते हुए ऐसे 30 हजार 800 उद्योगों को चलाने की अनुमति दी है जिनमें 13 लाख 12 हजार 500 कामगार  काम पर लौटे।

लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यम 11 मई, 2020 से करेसामान्य स्थिति की तरह उत्पादन

        उप-मुख्यमंत्री जिनके पास  श्रम एवं रोजगार विभाग का प्रभार भी है, ने इस सम्बन्ध में आज यहां विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि सरकार की प्राथमिकता है कि लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यम 11 मई, 2020 से शत प्रतिशत अपनी पहले जैसी सामान्य स्थिति की तरह उत्पादन आरम्भ करे। उन्होंने बताया कि सभी कामगारों को अपने मोबाइल पर आरोग्य सेतू एप्प अनिवार्य रूप से डाउनलोड करना होगा तथा सोशल डिस्टैंसिंग का पालन कर मास्क, सेनिटाइजेशन व लॉकडाउन के अन्य नियमों का पालन करना होगा। उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग वर्कस वाले उद्योगों को भी शीघ्र ही खोलने की अनुमति होगी।

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उद्यमी लॉकडाउन अवधि का वेतन दे, फैक्टरियों के अन्दर बनेगे 1 लाख अस्थायी प्री-फैबरिकेटिड आवास

        श्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि एमएसएमई उद्यमी लॉकडाउन अवधि के दौरान अपने श्रमिकों का वेतन देते रहें, जिसके लिए सरकार द्वारा एक बड़ा महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है, जिसके तहत 20,000 रुपये प्रति श्रमिक की दर से बैंक ऋण के कार्यशील पूंजी हिस्से पर छ: महीने तक ब्याज राशि सरकार की तरफ से वहन की जाएगी।
        उप मुख्यमंत्री ने बताया कि कल प्रदेश के सभी जिलों के लघु उद्योग भारती के प्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने लगभग 3 घंटे से अधिक समय तक लम्बी बैठक कर चर्चा की और इस दौरान एमएसएमई उद्योगों को पुन: पटरी पर लाने के लिए अनेक रियायतें देने के निर्णय लिए गए हैं, जिनमें मुख्य रूप से एमएसएमई की बैंकों से सम्बंधित सभी मुद्दों के त्वरित समाधान के लिए वित्त विभाग में एक बैंक शिकायत सूचना केन्द्र स्थापित करना, बैंक ऋण के लिए एमएसएमई को भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक की ओर से दी जाने वाली गारंटी को राज्य सरकार द्वारा दिया जाना तथा श्रमिकों के लिए फैक्टरियों के अन्दर ही प्री-फैबरिकेटिड आवासों का निर्माण  करवाना मुख्य रूप से शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे 1 लाख अस्थायी आवासों का निर्माण करवाया जाएगा।

नई उद्यम प्रोत्साहन नीति-2020 जल्द

        श्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा की नई उद्यम प्रोत्साहन नीति-2020 को अगस्त माह तक तैयार किया जाना प्रस्तावित है, जिसके लिए सभी हितधारकों से सुझाव लिए जाएंगे ताकि हरियाणा देश की सबसे उद्योग मैत्री एवं कारोबार सहूलियत वाली उद्योग नीति बना सके। उन्होंने कहा कि पिछले दो महीनों से राजस्व न के बराबर प्राप्त हुआ है। राजस्व मुख्य रूप से जीएसटी, आबकारी, स्टैम्प डयूटी, केन्द्र सरकार से वैट रिफण्ड तथा खनन से प्राप्त होता है। अब चरणबद्ध तरीके से उन्हें संचालित किया जा रहा है।
        श्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि उद्योगों में हरियाणा के स्थानीय श्रमिकों की कमी न रहे, इसके लिए राज्य स्तरीय कौशल कार्य बल (स्रुस्ञ्जस्न) कमेटी का गठन किया जाएगा जो युवाओं को उद्योगों की मांग के अनुरूप कौशल विकास प्रशिक्षण उपलब्ध करवाने पर ध्यान केन्द्रित करेगी और इसके लिए श्री विश्वकर्मा कौशल विकास विश्वविद्यालय, दुधौला (पलवल) के सहयोग से कार्यक्रम तैयार किये जाएंगे।