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Wednesday, June 23, 2021

June 23, 2021

रोहतक पीजीआई में ओपीडी शुरू करने की तैयारी

रोहतक पीजीआई में ओपीडी शुरू करने की तैयारी
रोहतक :  दो महीने बाद पीजीआई में सोमवार से ओपीडी शुरू करने की तैयारी है। रविवार को लॉकडाउन में छूट के बाद ओपीडी चलाने की गाइड लाइन तय कर ली जाएंगी। हर विभाग की ओपीडी में कार्ड बनाने की संख्या दोबारा निर्धारित होगी। 20 अप्रैल से 50 प्रतिशत क्षमता के साथ ही ओपीडी में कार्ड बन रहे थे। ओपीडी में करीब 5-6 हजार मरीज रोज आते हैं, दो महीने से 2400 मरीजों के ही कार्ड बनाए जा रहे थे। 16 विभाग ऐसे हैं, जिनमें सिर्फ 50-50 कार्ड बनाने की अनुमति है। 4 विभागों में 150-150 कार्ड बनाए जा रहे हैं। अब भी जनरल मेडीसन में सबसे ज्यादा 300 कार्ड बनाने की मंजूरी है। सोमवार से ओपीडी शुरू होने के बाद मरीजों को सबसे बड़ी राहत मिलेगी। फिलहाल तैयारी शुरू कर दी है और नए नियम बनाए जा रहे हैं।

*अधिकारिक घोषणा नहीं* कुलपति ओपीडी शुरू करने की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन हेल्थ यूनिवर्सिटी के कुलपति का कहना है कि सोमवार से शुरू करने की तैयारी है। अभी तो सरकार ने लोकडाउन भी नहीं हटाया। जल्दी ही ओपीडी के बारे में सभी को बता दिया जाएगा। इलेक्टिव ऑपरेशन में राहत की उम्मीद इस साल जैसे ही जैसे ही कोरोना बेकाबू हुआ तो सभी विभागों के इलेक्टिव ऑपरेशन पर रोक लगा दी गई। इलेक्टिव यानी ऐसे ऑपरेशन जो कुछ दिन बाद भी किए जा सकते हैं, उन्हें होल्ड पर रख दिया गया। इमरजेंसी ऑपरेशन कोविड के दौरान भी चलते रहे। सोमवार से ओपीडी खुली तो उम्मीद है कि इलेक्टिव ऑपरेशन करने की मंजूरी भी दे दी जाएगी। स्टाफ संक्रमित रहा महामारी बढ़ी तो जरनल ओपीडी पर रोक लगा दी गई थी। सिर्फ गंभीर मरीज ही देखे जा रहे थे। यहां डॉक्टर से लेकर हर ग्रुप के कर्मचारी संक्रमित हुए। स्टाफ की कमी के कारण ओपीडी बंद करने का निर्णय भी लिया गया। इलेक्टिव यानी ऐसे ऑपरेशन जो कुछ दिन बाद भी किए जा सकते हैं। नई गाइडलाइन तैयार की जाएंगी ओपीडी सोमवार से शुरू करने की तैयारी है। अभी नई गाइडलाइन तैयार की जाएंगी। लॉकडाउन में छूट नहीं मिली है। रविवार को कितनी छूट मिलेगी इसके बाद नियम बनेंगे।* डॉ. ओपी कालरा, कुलपति, हेल्थ यूनिवर्सिटी*
June 23, 2021

भाजपा और जजपा विधायकों की हुई बैठक, निर्दलीय भी बुलाए गए

भाजपा और जजपा विधायकों की हुई बैठक, निर्दलीय भी बुलाए गए
चंडीगढ़ : भारतीय जनता पार्टाी और जजपा विधायकों की अहम बैठक देर शाम को चंडीगढ़ हरियाणा निवास में आयोजित की गई। इसमें निर्दलीय विधायकों को भी बुलाया गया था। कोविड संक्रमण के कारण इस तरह की बैठक लंबे समय के बाद में हुई है। मंगलवार को हरियाणा निवास में बैठक शाम को चार बजे के आसपास शुरु हुई। इसमें पहले चरण में सीएम और मंत्री, डिप्टी सीएम और विधायक मौजूद थे। दूसरे चऱण में संगठन से जुड़े पदाधिकारियों को भी बैठक में शामिल कर लिया गया। इस दौरान सरकार के कामकाज और विधिन्न हलकों को लेकर विधायकों से फीडबैक लिया गया। इसके अलावा कोविड संक्रमण, व्यवस्था के साथ ही किसान आंदोलन सहित कईं विषय पर चर्चा हुई। इस दौरान सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में विस्तार से चर्चा करने के साथ ही पार्टी पदाधिकारियों को उठाए जा रहे कल्याणकारी कदमों की चर्चा के लिए कहा गया। सरकारी योजनाओं को अमली जामा पहनाने के साथ ही जनसहायक पोर्टल अन्य विषयों को लेकर इस दौरान जानकारी साझा की गई। इस बैठक के दौरान भाजपा हरियाणा मामलों के प्रभारी विनोद तावड़े और भाजपा प्रदेशा अध्यक्ष ओपी धनखड़, जजपा प्रदेशाध्यक्ष सरदार निशान सिंह के साथ-साथ मंत्रीमंडल के सभी सदस्य और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला भी मौजूद रहे
June 23, 2021

वर्करों की विधायक सुनेंगे, विधायकों की मंत्री और अब मंत्रियों की मुख्यमंत्री

वर्करों की विधायक सुनेंगे, विधायकों की मंत्री और अब मंत्रियों की मुख्यमंत्री

चंडीगढ़ : भाजपा को 7 साल बाद वर्करों की याद आई है। अब वर्करों की बात विधायक सुनेंगे, विधायकों की मंत्री और मंत्रियों की बात मुख्यमंत्री सुनेंगे। महीने में 2 दिन सभी मंत्री चंडीगढ़ स्थित सचिवालय में मौजूद रहेंगे, ताकि विधायक वर्करों या हलके के जो काम लेकर आएं, उनको सुना जाए। मंत्रियों को दिक्कत है तो सीएम उनकी बात सुनेंगे।
सूत्रों के अनुसार यह निर्देश भाजपा-जेजेपी व 4 निर्दलीय विधायकों की बैठक में भाजपा के प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े ने दिए हैं। उन्होंने कहा कि इसी से पार्टी पूरी तरह से मजबूत रहेगी। बैठक में भाजपा-जजपा के 54 विधायकों ने शिरकत की। सीएम, डिप्टी सीएम, सभी मंत्री, भाजपा व जेजेपी के प्रदेशाध्यक्ष मौजूद रहे। 4 चार निर्दलीय विधायक भी बैठक में पहुंचे।
भाजपा के प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े ने पिछले दिनों प्रदेशभर में वर्करों व पदाधिकारियों के साथ कई जिलों में जाकर बातचीत की थी। पदाधिकारियों ने खुलकर कहा था कि उनकी सुनवाई नहीं हो रही। वहीं, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला व जेजेपी प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह ने कहा कि दोनों दलों की को-आर्डीनेशन कमेटी का गठन किया जाना चाहिए, ताकि निर्णय लेने में दिक्कत न हो।
जबकि दोनों दलों की कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को लेकर कमेटी बनी हुई है, लेकिन काफी समय से इसकी बैठक नहीं हुई। बैठक में यह जिक्र नहीं किया कि जो 4 निर्दलीय विधायक सरकार को समर्थन दे रहे हैं, उनके मन की कोई सुनेगा या नहीं। सीएम के साथ 4 निर्दलीय विधायकों की बैठक होनी थी, इसके लिए बाकायदा समय भी लिया गया था।
विधायकों के पास सीएम हाउस पहुंचने के बारे में कोई सूचना नहीं आई। बैठक के बाद सीएम ने किसान आंदोलन पर कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है। बहुत बड़ा एक्शन लेने का विषय नहीं है, लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करते हैं तो कोई दिक्कत नहीं है। वहीं, कहा कि जिस तरह यह बैठक हुई है, उसी तरह अगले सप्ताह फिर बैठक करेंगे।
*किसानों का मुद्दा उठाया तो निर्दलीय को बैठाया*
बैठक में जब एक निर्दलीय विधायक किसान आंदोलन को लेकर बोलने लगे तो उन्हें तुरंत बैठा दिया गया। वे किसानों की बात सुनने के लिए कह रहे थे, क्योंकि किसान कई माह से आंदोलन कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि अफसरों द्वारा सुनवाई न करने की आवाज भी बैठक में नहीं उठाने दी गई। दूसरे निर्दलीय विधायक ने कहा कि 25 किलोमीटर के खेतों के रास्ते हर साल हर विधानसभा में पक्के किए जाने चाहिए।
June 23, 2021

कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी, रोहतक पीजीआई में डॉक्टरों को दी जाएगी ट्रेनिंग

कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी, रोहतक पीजीआई में डॉक्टरों को दी जाएगी ट्रेनिंग
रोहतक : पीजीआई में सभी जिलों के सिविल अस्पतालों को डॉक्टर्स की स्पेशल ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है। मंगलवार और बुधवार को झज्जर, जींद व सोनीपत के 22 डॉक्टर्स को ट्रेनिंग दी जा रही है। सिविल अस्पतालों के शिशू रोग विशेषज्ञ और आईसीयू में काम करने वाले डॉक्टर्स को भी सिखाया जा रहा है। यह ट्रेनिंग डॉ. कुंदन मित्तल और डॉ. प्रशांत दे रहे हैं। डॉ. कुंदन मित्तल ने बताया कि हर सप्ताह मंगलवार व बुधवार को यह ट्रेनिंग कार्यक्रम रखा जाएगा, जिसमें 19 से 22 चिकित्सकों को ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग करीब 7 सप्ताह तक चलेगी। मंगलवार को ट्रेनिंग के दौरान पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ओपी कालरा ने कहा कि हमें अपने दिमाग से यह बात बिल्कुल निकाल देनी चाहिए कि कोरोना की तीसरी लहर यदि आती है तो उससे सिर्फ बच्चे प्रभावित होंगे और यह भी कि जिन्हें दूसरी लहर में कोरोना हो चुका है, उन्हें अब तीसरी लहर में कोरोना नहीं होगा। कोरोना कभी जवान या बच्चा नहीं देखता, हां अधिकतर युवाओं व बुजूर्गों को वैक्सिन लग चुकी है तो उन्हें कोरोना होने की संभावना कम हो जाती है। ऐसे में हमें शिशुओं के लिए विशेष रूप से तैयारी रखने की जरूरत है। इसी को ध्यान में रखकर पीजीआईएमएस में क्रमबद्व तरीके से पूरे प्रदेश के चिकित्सकों को आपातकाल में शिशुओं की देखभाल करने की विशेष ट्रेनिंग कृत्रिम अंगों पर प्रदान की जा रही है।
June 23, 2021

मनोज यादव के जाने के बाद कौन बनेंगे हरियाणा के DGP, पांच आईपीएस दौड़ में

मनोज यादव के जाने के बाद कौन बनेंगे हरियाणा के DGP, पांच आईपीएस दौड़ में 


चंडीगढ़ आखिरकार हरियाणा के पुलिस प्रमुख मनोज यादव की रवानगी लगभग तय हो गई है। पहले गृह मंत्री अनिल विज की नाराजगी और पत्र लिख देने के बाद में मामला सुर्खियों में छाया रहा वहीं अब खुद डीजीपी ने राज्य गृह विभाग को पत्र भेजकर उन्हें वापस आईबी में भेजने की आग्रह किया है। डीजीपी ने मंगलवार को इस संबंध में पत्र भी लिख दिया है। हालांकि गृहमंत्री विज की नाराजगी के बावजूद डीजीपी की डेपूटेशन बढ़ा दी गई थी। डीजीपी ने 22 जून को एसीएस होम के माध्यम से सरकार को लिखे पत्र में कहा है कि 21 फरवरी 2019 को उन्होंने हरियाणा में ज्वायन किया था। जिसकी अवधि दो साल के लिए थी। उनकी हरियाणा में अवधि 20 फरवरी 2021 तक थी। 2 मार्च 2021 को उनका कार्यकाल केंद्रीय गृहमंत्रालय की ओर से एक साल के लिए बढ़ा दिया गया था। डीजीपी ने अपने पत्र में अपने परिवार की जम्मिेदारियों के साथ साथ आईबी में एक बार फिर से जम्मिा उठाने के पक्षधर हैं। कुल मिलाकर यह पत्र लिख दिए जाने के साथ ही अब मनोज यादव की रवानगी तय मानी जा रही है। 

 प्रदेश में नए पुलिस प्रमुख को लेकर फिर से चर्चा का दौर खास बात यहां पर यह है कि अब केंद्र में जाने के लिए खुद डीजीपी मनोज यादव ने पत्र लिख दिया है। यादव 1988 बैच के आईपीएस हैं। यादव के पास में अभी भी चार वर्ष की आईपीएस सेवा का समय बचा हुआ है। हरियाणा में लगभग 28 माह का समय देने वाले यादव ने टवीट कर कहा है कि इस दौरान उन्होंने गंभीरता और ईमानदारी के साथ में हरियाणा के लोगों की सेवा की है। अब वे एक बार फिर से गृह मंत्रालय के अधीन आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) में बतौर एडीशनल डायरेक्टर जाना चाहते हैं। ज्ञात रहे कि मनोज यादव को केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 4 माह पूर्व 2 मार्च 2021 को उनके प्रदेश (पेरंट) कैडर हरियाणा में 20 फरवरी 2021 से एक वर्ष या आगामी आदेशों, जो भी पहले हो, तक के लिए एक्सटेंशन प्रदान किया था। वैसे, फरवरी, 2019 में मनोज यादव को जब हरियाणा डीजीपी तैनात किया गया था, वे इंटेलिजेंस ब्यूरो में हार्डकोर अधिकारी के तौर पर एबजोर्ब हो चुके थे।

पांच आईपीएस अफसर डीजीपी बनने की दौड़ में हरियाणा में 5 आईपीएस डीजीपी बनने योग्य हैं। इनमें सबसे पहले गौर करें, तो 1988 बैच के पीके अग्रवाल और 1989 बैच से मोहम्मद अकील के अलावा डाक्टर आरसी मिश्रा का नाम आता है। 1990 बैच के शत्रुजीत कपूर, देश राज सिंह, 1991 बैच के आलोक कुमार रॉय, एसके जैन आईपीएस में 30 वर्ष पूरे कर चुके हैं परन्तु डीजीपी रैंक में प्रमोट नहीं किया है। 1984 बैच के एसएस देसवाल और 1986 बैच के केके सिंधु दोनों अगस्त, 2021 में रिटायर होंगे। इसलिए इन दोनों ही नामों पर गौर करने का सवाल ही नहीं। कुल मिलाकर अब देखना होगा कि राज्य की सरकार बतौर नए डीजीपी किसको जिम्मेदारी देती है। 

*गृह मंत्री विज भी पिछले दिनों हुए थे खफा, बताया था इनकंपीटेंट*

 हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज भी पिछले दिनों हरियाणा के पुलिस प्रमुख से नाराज चल रहे थे, जिन्होंने इस क्रम में लिखित पत्र में हरियाणा डीजीपी मनोज यादव की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए इनकंपीटेंट तक लिख दिया था। गृहमंत्री की नाराजगी के बाद में यह माना जा रहा था कि डीजीपी अब हरियाणा में ज्यादा दिन रुकने वाले नहीं हैं। पूरा मामला राज्य सरकार सीएम से लेकर दिल्ली दरबार तक जा चुका था। गृहमंत्री ने कईं मौकों पर पुलिस प्रमुख की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल खड़े करते हुए बदलाव की वकालत की थी। जिसके बाद में डीजीपी ने गृहमंत्री से अंबाला में उनके आवास पर पहुंचकर लंबी चौड़ी मंत्रणा की थी। कुल मिलाकर अब यह तय हो गया है कि डीजीपी का जाना पूरी तरह से तय है।  

*विज और डीजीपी की अंबाला में एक घंटा बंद कमरे में हुई थी बातचीत*

गृह मंत्री अनिल विज की नाराजगी के बाद में डीजीपी मनोज यादव अप्रैल के दूसरे सप्ताह में अंबाला छावनी गृहमंत्री के आवास पर पहुंचे थे। यहां पर उन्होंने बंद कमरे में लगभग एक घंटे तक मुलाकात कर लंबी गुफ्तगू गृहमंत्री के साथ में की थी। बताया जा रहा है कि इस दौरान सुरक्षा गार्डों को भी दूर कर दिया गया था। इस दौरान अंबाला एसपी हामिद अख्तर भी अंबाला छावनी पहुंचे हुए थे। लेकिन मंत्री और डीजीपी की आपस में लंबी चर्चा हुई थी। मीटिंग को लेकर भले ही किसान आंदोलन, कोरोना के साथ साथ कानून व्यवस्था जैसे विषयों की बात कहकर टाल दिया गया था। राजपत्रित अवकाश वाले दिन विज और डीजीपी की मुलाकात को अप्रैल में सुलह मानकर चला जा रहा था, जिसके बाद में विज का रवैया भी नरम पड़ गया था। डीजीपी का आईजी वाई पूर्ण कुमार से भी हुआ था विवाद हरियाणा डीजीपी मनोज यादव का पिछले कुछ अर्सा पहले ही अंबाला रेंज में तैनात आईजी वाई पूर्ण कुमार के साथ में भी विवाद हो गया था। वाई पूर्ण कुमार ने पुलिस प्रमुख के विरुद्ध लिखित शिकायत करते हुए केस दर्ज कराने की मांग की थी। पूरे मामले में भी पुलिस विभाग की अच्छी खासी फजीहत हो रही थी। अंबाला में तैनात तत्कालीन आईजी वाई पूर्ण कुमार इन दिनों होमगार्ड विभाग मे तैनात किए गए हैं। जिन्होंने अंबाला के साहा क्षेत्र स्थित ट्रैफिक थाने में मंदिर जाने को लेकर डीजीपी ने जवाब तलब कर लिया था। हालांकि मंदिर पहले 2011 से वहां पर स्थित था। उक्त मामले में डीजीपी ने आईजी से लिखित में जवाब मांगा लेकिन आईजी के साथ में अवकाश के दिन मंदिर गए एसपी अंबाला को छोड़ दिया था, जिस पर नाखुश वाई पूर्ण कुमार ने डीजीपी के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया था। 

*मुख्यमंत्री बोले - इच्छा से जाना चाहें तो ठीक*
 मुख्यमंत्री मनोहरलाल का डीजीपी हरियाणा को लेकर कहना है कि अपनी इच्छा से जाना चाहें, तो ठीक है। अगर डीजीपी अपनी इच्छा से जाना चाहते हैं, तो उनके आवेदन पर विचार किया जाएगा। सीएम ने कहा कि जल्द ही एक पैनल डीजीपी के लिए तैयार कर लिया जाएगा औऱ पूरी प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा।

*गृहमंत्री विज बोले - डेपूटेशन का वक्त खत्म हुआ हमने यही कहा था*
गृह एवं सेहत मंत्री अनिल विज ने पूरे मामले में पूछे जाने पर कहा कि हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव को लेकर हमने पहले ही दो साल का वक्त पूरा हो जाने की बात कही थी। जिसके बाद में नए नामों का पैनल जाना चाहिए था, अब खुद डीजीपी ने अपने पत्र में वही बात स्वीकार की है। विज ने भी कहा कि वे खुद ही जाना चाहते हैं, तो प्रक्रिया जारी कर दी जाएगी नए नामों का पैनल बनाने के लिए पहले से ही अफसरो को निर्देश दिए गए हैं।
June 23, 2021

अस्सिटेंट बैंक मैनेजर ने सहायक के साथ मिलकर उपभोक्ताओं से किया 83 लाख का गबन

अस्सिटेंट बैंक मैनेजर ने सहायक के साथ मिलकर उपभोक्ताओं से किया 83 लाख का गबन 
 सिरसा जिले के गांव दड़बी में बैंक के सहायक प्रबंधक व कार्यालय सहायक द्वारा मिलकर खाताधारकों के साथ 83 लाख 8 हजार रुपये का फ्रॉड करने का मामला आया है। डिंग पुलिस थाना में सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक की शिकायत पर दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी करने, षड्यंत्र रचने सहित विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। अभी तक दोनों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। जानकारी के अनुसार दड़बी स्थित सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक की शाखा में पिछले दिनों खाताधारकों ने उनके साथ धोखाधड़ी होने का मामला उठाया। बताया जाता है कि इस दौरान एक उपभोक्ता के खाते से बिना पैसे निकलवाए ही लाखों रुपये के निकासी का मैसेज मिला तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। उसने बैंक में आकर पता किया तो उसके खाते से बड़ी राशि निकली हुई थी। शोर मचा तो पोल खुलने की डर से बैंक के ही सहायक प्रबंधक ने इसकी सूचना 29 मई को फतेहाबाद-सिरसा सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक सीजे खुराना को सूचना दी गई कि बैंक में कार्यरत कार्यालय सहायक प्रदीप कुमार ने फ्रॉड कर लिया है। इस मामले की जांच बैंक के वरिष्ठ निरीक्षक केएल जिंदल द्वारा की गई, जिसमें सहायक प्रबंधक अमनजोत व कार्यालय सहायक प्रदीप कुमार की मिलीभगत पाई गई। क्षेत्रीय प्रबंधक सीजे खुराना ने दोनों के खिलाफ 83 लाख 8 हजार रुपये का गबन करने की शिकायत डिंग पुलिस थाना में दी। क्षेत्रीय प्रबंधक की शिकायत पर दोनों के खिलाफ षड्यंत्र रचकर धोखाधड़ी से फ्रॉड करने का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
June 23, 2021

इनेलो किसान आंदोलन के साथ : कुंडू

इनेलो किसान आंदोलन के साथ : कुंडू
जींद : ( संजय कुमार ) महाराजा अग्रसेन मंदिर उचाना में इनेलो कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता हलकाध्यक्ष बलराज नगूरां ने की। मुख्य अतिथि के तौर पर जिलाध्यक्ष रामफल कुंडू ने हिस्सा लिया। अनिल कुमार जैन को शहरी प्रधान मनोनित करने की घोषणा इनेलो व्यापार सेल के प्रदेशाध्यक्ष सतीश जैन ने की। 28 जून को इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला की जींद मीटिंग को लेकर यह बैठक आयोजित की गई। हलके के गांव को 6 जोनों में बांटा गया। एक जोन में 11 गांवों को शामिल किया गया। सत्ता डूमरखां, सुरेश सुरबरा, अनुरूद्ध खटकड़, बलवंत छातर, वेद, पूर्व सरपंच प्रेम नगूरां को अलग-अलग जोन के प्रभारी मनोनित किया गया।    
रामफल कुंडू ने कहा कि इनेलो किसान आंदोलन के साथ है। अभय सिंह चौटाला पूरे देश में पहले ऐसे विधायक है जिन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया। वो जो कहते है वो करते है। आज गठबंधन सरकार से हर वर्ग के लोग तंग है। सात महीने से अधिक समय किसानों को अपनी मांगों के लिए धरना देते हो गया है। जो किसानों की मांगे है उन मांगों को केंद्र सरकार माने। इस मौके पर वेद मुंडे, सूबे सिंह लोहान, कर्ण सिंह चहल, बलवंत छातर, वीरभान झील, वकील करसिंधु मौजूद रहे।
June 23, 2021

सेंट्रल बैंक और ओवरसीज बैंक को भी बेचेगी मोदी सरकार!

सेंट्रल बैंक और ओवरसीज बैंक को भी बेचेगी मोदी सरकार! सुरजेवाला बोले- 60 साल में जो बनाया, ये सब बेच देंगे
नई दिल्ली : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बैंकों को लेकर एक और बड़ा फैसला किया है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक के निजीकरण पर मोदी सरकार की मुहर लग गई है।
अब इन दोनों बैंकों की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचने का निर्णय मोदी सरकार ने कर लिया है। अब इन दोनों बैंकों में सरकार धीरे धीरे अपनी हिस्सेदारी घटाएगी।
बताया जा रहा है कि नीति आयोग की रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सरकार के इस फैसले पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए ट्वीट किया है कि “60 साल में जो कुछ भी बनाया, सब कुछ बेच डालेंगे”

https://twitter.com/rssurjewala/status/1407184753346826248?s=20

वहीं गुजरात कांग्रेस के नेता अर्जुन मोढ़वाडिया ने कहा कि वो पहले कहते थे कि सौगंध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं झुकने दूंगा.. और अब कहते हैं कि सारी सरकारी संपत्तियों को बेचकर देश को खोखला कर दूंगा। उन्होंने आगे कहा कि जिसे देश के लोगों ने रक्षक समझा था, वो अब भक्षक निकला।
मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार अपने इस फैसले को अमली जामा पहनाने के लिए बैंकिंग नियमन एक्ट में बदलाव के साथ ही दूसरे कानूनों में भी संशोधन करेगी। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से भी इस मुद्दे पर आखिरी राय ली जाएगी।
नीति आयोग ने अपनी पिछली रिपोर्ट में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक के निजीकरण की सिफारिश की थी।
नीति आयोग से दो बैंकों और एक इंश्योरेंस कंपनी का प्रस्ताव मांगा गया था, जिसका निजीकरण किया जा सके।
नीति आयोग ने इन्हीं दो बैंकों का नाम आगे बढ़ाया जिसके बाद सरकार ने इनके निजीकरण को मंजूरी दी।
बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना काल में बैंकों की हिस्सेदारी को बेचना इतना आसान नहीं होगा क्योंकि पिछले साल भी सरकार ने विनिवेश के जरिए 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य बनाया था, जो हासिल नहीं हो सका।
वहीं सोशल मीडिया पर लगातार इन दोनों बैंकों के बेचने के सरकार के निर्णय की आलोचना हो रही है।
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंकों के कर्मचारी सोशल मीडिया के अलग अलग प्लेटफॉर्म्स पर इसका विरोध कर रहे हैं।
कई कर्मचारी जहां अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की बात कर रहे हैं तो कईयों का कहना है कि बैंक यूनियनों की कमजोरी के कारण सरकार लगातार कर्मचारी विरोधी फैसले कर रही है। अब बैंक यूनियनों से इस्तीफा देना ही एकमात्र विकल्प है।
June 23, 2021

प्राइवेट अस्पताल को अतिरिक्त चार्ज किया गया पैसा लौटने के आदेश

प्राइवेट अस्पताल को अतिरिक्त चार्ज किया गया पैसा लौटने के आदेश
चंडीगढ़ : कोरोना की दूसरी लहर में निजी अस्पतालों ने लोगों की जेबें खाली की हैं। प्रशासक के निर्देश पर बनाई गई एसडीएम (दक्षिण) एसके जैन की कमेटी ने एक ऐसे ही मामले में निजी अस्पताल को दोषी पाया है और अतिरिक्त चार्ज किये गए पैसे लौटाने के आदेश दिए हैं।
प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि एसडीएम (दक्षिण) के इलाके में आने वाले एक अस्पताल के खिलाफ कुणाल सोनी ने शिकायत दी थी कि अस्पताल ने उनके पिता के इलाज के लिए कई गुना ज्यादा पैसे वसूले हैं। इस शिकायत पर एसडीएम एसके जैन व उनकी टीम के सदस्यों ने जांच की। जांच में पता चला कि मरीज के इलाज का कुल खर्च करीब 91000 रुपये का था लेकिन अस्पताल ने मरीज के परिजनों को तीन लाख 69 हजार का बिल थमाया और उन्हें चुकाने पर मजबूर भी किया। इसके बाद मरीज के परिजनों को ये पैसे देने पड़े। जांच में स्पष्ट हो गया कि अस्पताल ने मरीज से दो लाख 78 हजार रुपये ज्यादा लिये हैं।
 कमेटी ने अब अस्पताल प्रबंधक को आदेश दिये हैं कि वह तीन दिन के अंदर मरीज के परिजनों को ये पैसे लौटाये। हालांकि अभी तक ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पैसे लौटाने के साथ कमेटी अस्पताल पर कार्रवाई क्या करेगी। दरअसल, प्रशासन ने 10 जून को निजी अस्पतालों द्वारा ओवरचार्जिंग के मुद्दे पर जांच के लिए एसडीएम (मध्य), एसडीएम (पूर्व) और एसडीएम (दक्षिण) की अध्यक्षता में तीन कमेटी बनाई थी। इस कमेटी में एरिया एसडीएम के साथ, डीएसपी, सीनियर मेडिकल ऑफिसर और ड्रग इंस्पेक्टर को शामिल किया गया था। कमेटी को आदेश दिये गए थे कि वह अपने इलाके में निजी अस्पतालों के खिलाफ आने वाली ओवरचार्जिंग की शिकायतों की जांच करें और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई करें।

Tuesday, June 22, 2021

June 22, 2021

प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमराई-डॉ अशोक तंवर

प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमराई-डॉ अशोक तंवर
बोले, सरकार व प्रशासन को जागना चाहिए
जींद, 22 जून ( संजय कुमार ) अपना भारत मोर्चा के राष्ट्रीयध्यक्ष एवं पूर्व सांसद अशोक तंवर ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। सरकार कानून व्यवस्था को बनाए रखने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है। इसी का नतीजा है कि अपराधियों के हौंसलें बुलंद हैं और वो खुले आम वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। इसी के चलते 14 जून को अलेवा निवासी सुरेश की हत्या कर दी गई और पुलिस आजतक भी हत्यारोपितों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। पहले बेटे और अब पिता की हत्या की गई। अब सरकार को जाग जाना चाहिए वरना प्रदेश की जनता सोई सरकार को जगाने का प्रयास करेगी। 
पूर्व सांसद डा. अशोक तंवर मंगलवार को अर्बन इस्टेट स्थित सुभाष कौशिक के आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इससे पहले वो मृतक सुरेश के जींद आवास पर पहुंचे और परिजनों को ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार महापूंजीपतियों की सरकार है। इस सरकार में काला धन वापस आने की बजाए डबल हुआ है। सरकार को केवल महापूंजीपतियों चिंता सता रही है और उन्हीं के लिए नीतियां बना कर देश को बर्बाद करने में जुटी है। सीबीआई से चार्जशीट अधिकारियों को पावर में बैठाया जा रहा है जबकि र्ईमानदार अधिकारियों को खुड्डे लाइन लगाया जा रहा है। भ्रष्टाचार चरम पर है और वैक्सीन का सबसे बड़ा घोटाला इसका उदाहरण है। पहले सरकार ने मुफ्त वैक्सीन के बड़े-बड़े दावे किए वहीं अब पैसे देकर वैक्सीन लगवाने की बात कह रही है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर घोटाले की सच्चाई देश की जनता के सामने आ चुकी है। अब एक-एक कर कई बड़े घोटाले जनता के सामने आएंगे। जिससे देश व प्रदेश की जनता को पता चल जाएगा कि ईमानदार कहने वाली सरकार खुर्द कितनी भ्रष्टाचार में डूबी हुई थी। 
उन्होंने आरोप लगाया कि किसान आंदोलन में दिल्ली बॉर्डर की घटनाओं को सरकार की ओर से राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। सरकार आंदोलन को समाप्त करवाने के लिए ओच्छे हथकंडे अपना रही है। सरकार को चाहिए कि किसानों की मांगों को माने और तुरंत प्रभाव से इन कानूनों को रद्द करे। 
उन्होंने कहा कि अब जो सरकार है वो अराजकता फैलाने वाली, गुंडागर्दी फैलाने वाली सरकार है। सात साल बीतने के बाद भी इन्हें यह नहीं समझ आया है कि सरकार कैसे चलाएं। सरकार होते हुए भी विपक्ष वाला व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देशभर में कोविड की तीसरी लहर का अंदेशा जताया जा रहा है मगर सरकार की इस लहर से निपटने के लिए कोई तैयारी नजर नहीं आ रही है। पहले ही सरकार की लापरवाही से कोरोना संक्रमण के चलते लाखों लोग मारे जा चुके हैं पर सरकार पर इसका कोई असर नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार से हर वर्ग दुखी है। उद्योग धंधे बंद पड़े हैं। अब देश को बचाना है तो सभी को साथ मिल कर आवाज उठानी होगी। आने वाले समय में गैर भाजपा, गैर कांग्रेस मजबूत विकल्प उभर कर सामने आएंगे और जनता को इनका साथ देना होगा। 
इस मौके पर सुल्तान मास्टर सुभाष चोपड़ा, वंदना बाल्मीकि जसवंत सिंधु, जयपाल मुंडे, संदीप एडवोकेट, संदीप 
एडवोकेट, नितिन मलिक एडवोकेट, सुशील खटक एडवोकेट समेत अनेक लोग मौजूद रहे।
June 22, 2021

गुरुग्राम से जयपुर, अलवर और कटरा के लिए रोडवेज बस सेवा शुरू

गुरुग्राम से जयपुर, अलवर और कटरा के लिए रोडवेज बस सेवा शुरू
गुरुग्राम :  कोरोना संक्रमण का प्रसार कम होते ही रोडवेज विभाग ने चरणबद्ध तरीके से लंबी दूरी के कुछ चुनींदा रूटों पर बस सेवा फिर से बहाल कर दी है। लंबी दूरी की ये बस सेवाएं कोरोना महामारी की दूसरी लहर के समय लगे लॉकडाउन के चलते करीब डेढ़ महीने से बंद थी। हरियाणा राज्य परिवहन डिपो गुरूग्राम के महाप्रबंधक कुलबीर सिंह ढाका ने इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान परिवहन विभाग ने लॉकडाउन की गाइडलाइन्स के चलते लंबी दूरी के रूटों की बस सेवाएं बंद कर दी थी, लेकिन इस दौरान लोकल रूटों पर बस सेवा निरंतर जारी थी। हालांकि यात्रियों की संख्या के मद्देनजर बसों के फेरो में कमी की गई थी।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा जारी नई गाइडलाइंस के अनुसार विभाग ने कुछ चुनिंदा रूटों पर बस सेवा फिर से बहाल कर दी है। विभाग द्वारा अभी राजस्थान प्रदेश में जाने वाली बसों के जयपुर व अलवर रूट को फिर से शुरू किया गया है। अभी गुरुग्राम से जयपुर रूट पर तीन व गुरुग्राम से अलवर रूट पर एक बस शुरू की गई है। ये सभी बसें गुरुग्राम बस अड्डे से सुबह प्रस्थान करती है। गुरुग्राम से कटरा के रूट पर अभी रोजाना दोपहर 12 बजे एक बस का ही संचालन किया जा रहा। जम्मू-कश्मीर में बसों के प्रवेश की अनुमति ना मिलने का कारण अभी यह सेवा गुरुग्राम से लखनपुर बॉर्डर तक ही चलाई जा रही है। कटरा जाने वाले यात्री लखनपुर बॉर्डर से दूसरी बस सेवा लेकर अपनी यात्रा पूरी कर सकते है।
महाप्रबंधक ने बताया कि गुरूग्राम से चंडीगढ़ के रूट पर अभी रोजाना 10 साधारण बसों का संचालन किया जा रहा है। इस रूट पर चलने वाली ए.सी बसों को हरियाणा राज्य परिवहन डिपो के अगले आदेशों तक बन्द रखा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अभी पंजाब, हिमाचल व उत्तर प्रदेश के रूटों के लिए बसों के संचालन की अनुमति नही दी गई है। सरकार से अनुमति मिलते ही इन प्रदेशों में जल्द सभी रूटों की बस सेवाएं बहाल कर दी जाएगी।
June 22, 2021

शिक्षामंत्री के कार्यक्रम का विरोध करने वाले 250 किसानों पर केस दर्ज

शिक्षामंत्री के कार्यक्रम का विरोध करने वाले 250 किसानों पर केस दर्ज 

अंबाला : अंबाला सोमवार को शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर के कार्यक्रम का विरोध करने वाले किसानों के खिलाफ पुलिस ने दस धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। बैरिकेड तोड़ने के दौरान हुई धक्कामुक्की के दौरान सेक्टर-9 थाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर सुरेश कुमार के अंगूठे को भी किसी ने मरोड़ दिया। इसी वजह से उन्हें नागरिक अस्पताल में अपनी मेडिकल जांच करवानी पड़ी। अभी पुलिस ने 200-250 किसानों के खिलाफ केस दर्ज किया है। फिलहाल किसी भी किसान की पहचान का एफआईआर में जिक्र नहीं किया गया है। कोतवाली पुलिस को दी शिकायत में एसएचओ सुरेश कुमार ने बताया कि सोमवार को पंचायत भवन में जिला कष्ट निवारण समिति की मीटिंग तय थी। शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर खुद इस मीटिंग में आने वाले थे। पर मीटिंग से पहले ही सैकड़ों किसानों ने विरोध शुरू कर दिया। इसी वजह से शिक्षा मंत्री मीटिंग में नहीं पहुंच पाए। सुरेश ने बताया कि वह अम्बाला हिसार रोड़ पर सीटी प्लाजा के सामने पुलिस के साथ तैनात था। यहां पुलिस की ओर से बैरिकेड लगाए गए थे। विरोध के लिए यहां शेखों पेट्रोल पंप पर 200/250 किसान जमा हो गए थे। ये मीटिंग में बाधा उत्पन्न करना चाहते थे। इसके बाद ये किसान पंचायत भवन की तरफ चल पड़े। इन किसानों को मैंने सहयोगी पुलिस जवानों के साथ रोकने का प्रयास किया लेकिन ये लोग जबरन बैरिकेड तोड़कर जवानों के साथ धक्कामुक्की करने लगे। एसएचओ सुरेश का आरोप है कि इस दौरान किसी ने उसका अंगूठा मरोड दिया। उग्र भीड़ सरकार के विरुद्ध नारे लगाते हुए पंचायत भवने के सामने पहुंच गई। सुरेश का आरोप है कि किसानों ने यहां लगाई गई धारा-144 का भी उल्लंघन किया है। किसानों के खिलाफ पुलिस ने डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के साथ भादंसं की धारा-147, 149, 186,188, 269,270, 332,353 व 506 के तहत केस दर्ज किया है।
June 22, 2021

शरारती तत्वों ने तोड़ा सीएम के नाम का शिलान्यास पत्थर

शरारती तत्वों ने तोड़ा सीएम के नाम का शिलान्यास पत्थर
जींद : गांव बेलरखां में किसी शरारती तत्व ने व्यायामशाला पर लगे सीएम के शिलान्यास बोर्ड को तोड़ डाला। सदर थाना नरवाना पुलिस ने ग्राम सचिव की शिकायत पर अज्ञात लोगाें के खिलाफ तोड़फोड़ तथा सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। गांव बेलरखां के ग्राम सचिव तेजबीर ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि ग्रामीणों के स्वास्थ्य के मध्यनजर गांव में व्यायामशाला बनाई गई है। जिसका शिलान्यास पांच मई 2018 को सीएम मनोहरलाल द्वारा किया गया था। व्यायामशाला में शिलान्यास का बोर्ड भी लगा हुआ था। जिसे किसी शराराती तत्व ने तोड़ डाला। घटना का उस समय पता चला जब अंताराष्ट्रीय योगा दिवस के मध्यनजर योग क्रिया करवाने के लिए वालेंटियर तथा योग करने वाले लोग व्यायामशाला में पहुंचे। सदर थाना नरवाना पुलिस ने ग्राम सचिव तेजबीर की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ तोड़फोड़, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। शिलान्यास पत्थर तोड़ने की वीडियो बना किया वायरल गांव बेलरखां में अंतराष्ट्रीय योग दिवस से पूर्व तोड़े गए शिलान्यास पत्थर की वीडियो भी बनाई गई। जिसमें दो युवक रॉड के साथ शिलान्यास पत्थर को तोड़ रहे हैं। शिलान्यास पत्थर से तोड़फोड़ की बनाई गई वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दिया गया। सदर थाना नरवाना के जांच अधिकारी संदीप ने बताया कि गांव की व्यायामशाला पर शिलान्यास बोर्ड लगाया गया था। जिसे किसी शरारती तत्व ने तोड़ दिया। फिलहाल ग्राम सचिव की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी।
June 22, 2021

प्राइवेट स्कूल संघ की मांग, एक जुलाई से खोले जाएं स्कूल

प्राइवेट स्कूल संघ की मांग, एक जुलाई से खोले जाएं स्कूल
फतेहाबाद : जिला प्राइवेट स्कूल संघ के पूर्व प्रधान शैलेन भास्कर ने मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री को पत्र लिखकर बंद पड़े स्कूलों को एक जुलाई से खोलने की मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि विगत दो वर्षों में जिस तरह से बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई है, उसकी भरपाई कर पाना एक बहुत ही मुश्किल कार्य होगा। उन्होंने कहा कि बेशक कोरोना महामारी से पूरे विश्व पर असर पड़ा है परन्तु बच्चों की शिक्षा दीक्षा व शिक्षण की पूरी प्रक्रिया का जो नुक्सान हो चुका है, उसका एकमात्र उपाय अब स्कूलों को जल्दी खोलकर ही हो सकता है। उन्होंने कहा कि आज लगभग सभी क्षेत्र खुल गए हैं और महामारी भी लगभग नियंत्रण की स्थिति में है। ऐसे में सभी अध्यापकों व स्कूल में कार्यरत सभी कर्मचारियों का स्कूल कैंपस में ही वैक्सीनेशन करके स्कूलों को खोला जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार के स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी तीसरी लहर में बच्चों को प्रभावित होने की आशंका को नकार चुके हैं, ऐसे में इस दुष्प्रचार से बचना चाहिए कि बच्चे तीसरी लहर में प्रभावित होंगे। शैलेन भास्कर ने कहा कि स्कूलों में बच्चे पूरी तरह सुरक्षित होते हैं और इसके लिए सभी उपाय और प्रबंध किये जा सकते हैं। उन्होंने पत्र में कहा है कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि न तो प्रदेश सरकार व न ही केन्द्र सरकार ने स्कूल प्रबंधकों, स्कूल स्टाफ व स्कूली बच्चों के बारे में कभी कोई सहानुभूति दिखाई व न ही कोई राहत प्रदान की।
उन्हें इस प्रकार छोड़ दिया गया मानो वो समाज का हिस्सा ही न हों। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि स्कूलों को भी अन्य क्षेत्रों की तरह राहत प्रदान की जाए व आर्थिक पैकेज दिया जाए ताकि उनके भी परिवारों का भरण-पोषण हो सके। जिस चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में स्कूल प्रबंधकों, स्कूल फैकल्टी और बच्चों ने ऑनलाइन पढ़ाई इस पूरे दौर में की है, उसके लिए वो सब बधाई के पत्र हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि जिस तरह अब माहौल सामान्य होने लगा है उसको देखकर लगता है कि सरकार इस पर सहानुभूति से विचार करके स्कूलों को खोलने का निर्णय लेगी और बच्चे पुन: अपनी शिक्षा सुचारु रूप से स्कूलों में ग्रहण कर सकेंगे और इस शैक्षणिक सत्र में जुलाई से सब सामान्य हो जायेगा तो बचे हुए समय में बच्चों के अब तक के नुक्सान की भरपाई की जा सकेगी।
June 22, 2021

निजी अस्पताल ने फर्जी क्लेम बिल तैयार कर बीमा कंपनी को भेजा

निजी अस्पताल ने फर्जी क्लेम बिल तैयार कर बीमा कंपनी को भेजा
रोहतक :  शीला बाईपास स्थित एक निजी अस्पताल के तीन डाक्टरों ने एक महिला कर्मचारी के साथ मिलकर एक फर्जी क्लेम बिल तैयार कर इंश्योरेंश कंपनी को भेजा है। चारों फर्जी तरीके से क्लेम पास करवाना चाहते थे पर पकड़ लिए गए। चारों के खिलाफ पुलिस में केस दर्ज कराया गया है। अस्पताल प्रबंधन इस मामले में सिविल लाइन थाना में अभद्रता करने का मामला दर्ज करवा चुके हैं। नेहरू कालोनी निवासी कनिका ने पुलिस को शिकायत में बताया कि 8 जून को उसे बच्चा हुआ था। तबीयत ठीक नहीं होने के कारण वे शीला बाईपास स्थित एक अस्पताल में बच्चे को लेकर गए, जहां चिकित्सकों ने कोई समस्या नहीं होने की बात कही। बाद में मेडिकल इंश्योरेंश के बारे में पूछा, इसके बाद फर्जी क्लेम का प्लॉन बनाया। बच्चे को 12 जून तक भर्ती रखा गया और 15 जून तक का बिल बना दिया गया। जब डिस्चार्ज बिल मांगे तो व्हाट्सअप पर देने को कहा। 19 जून को जब डिस्चार्ज समरी लेने गए तो उनके साथ बदतमीजी हुई। पता लगा है कि अस्पताल ने फर्जी इंश्योरेंस बिल बनाकर क्लेम के लिए कंपनी को भेजा है। पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। फुटेज देखने के बाद होगी कार्रवाई महिला की शिकायत पर जांच शुरू कर दी है। अस्पताल की सीसीटीवी फुटेज देखी जाएगी, उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल प्रबंधन पहले ही इसमें अभद्रता करने का मामला दर्ज करवा चुका है। -निकेश, चौकी प्रभारी, माडल टाउन
June 22, 2021

हरियाणा में स्कूलाें का समय बदला

हरियाणा में स्कूलाें का समय बदला
चंडीगढ़ : हरियाणा शिक्षा विभाग ने प्रदेश के विद्यालयों में समय में बदलाव करने के बारे में आदेश जारी किए हैं। 22 जून से विद्यालयों का समय प्रातः 8:30 बजे से बाद दोपहर 12:30 बजे तक रहेगा। "मुख्यमंत्री दूरवर्ती शिक्षा कार्यक्रमज़ के मध्यनजर विभाग द्वारा विद्यालयों के कार्य घंटों में बदलाव किया गया है। इस दौरान सभी अध्यापक विद्यालय मुखिया के मार्गदर्शन में अपने-अपने विद्यालयों के नामांकन एवं अवस्थान्तर को समुचित करने के लिए विद्यालय प्रबंधन समिति की सहायता से कार्यवाही करेंगे। पंचकूला सेक्टर 5 स्थित हरियाणा शिक्षा विभाग में सेकेंडरी शिक्षा सहायक निदेशक ने राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी, विद्यालय मुखिया एवं विद्यालय प्रभारी को निर्देश जारी किए हैं।
June 22, 2021

छह साल की तृषा का नाम इंडियन रिकार्ड में दर्ज

छह साल की तृषा का नाम इंडियन रिकार्ड में दर्ज
सिरसा :  शहर के चिकित्सक वीपी गोयल की 6 वर्षीय पोती तृषा गोयल का नाम ओएमजी बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज हुआ है, जिससे जिला सिरसा गौरवान्वित हुआ है। डॉ. वीपी गोयल ने बताया कि पोती तृषा महज 53 सैकेंड में आवर्त सारणी का पूरा पाठ पढ़ लेती है जिसके चलते उसका नाम इंडियन रिकार्ड ओएमजी में दर्ज हुआ है। तृषा पूरे विश्व के प्रदेशों के नाम याद करने की तैयारी में जुटी है, ताकि एक और रिकार्ड दर्ज हो सके। काबिलेगौर है कि तृषा दिल्ली पब्लिक स्कूल की छात्रा है और स्कूल ने तृषा की प्रतिभाओं को देखते हुए उसे गूगल गर्ल नाम भी दिया है। 6 जून को तृषा छह वर्ष की हो गई है। कम उम्र में तृषा ने इस उपलब्धि को हासिल किया है, जिसका श्रेय अपने दादा डॉ. वीपी गोयल, पिता डॉ. तुषार गोयल व मां डॉ. शिखा गोयल सहित गुरुजनों को दिया है।
June 22, 2021

सुप्रीम स्कूल में मनाया गया सातवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

*सुप्रीम स्कूल में मनाया गया सातवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस*
जींद : ( संजय तिरंगाधारी ) इस बार भी कोरोना की वजह से सुप्रीम सीनियर सेकेंडरी स्कूल द्वारा डिजिटल मीडिया प्लेटफार्म पर योग दिवस की थीम घर पर योग और घर-घर योग् रखी गई। इस माध्यम से बच्चों ने व अध्यापकों ने योग करते हुए विडियो प्रेषित किये व अध्यापकों द्वारा सभी बच्चों को योग अभ्यास करवाया गया इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य सत्येंद्र त्रिपाठी द्वारा बच्चों को प्रमाण-पत्र देकर पुरस्कृत किया गया व योग के महत्व को बताते हुए कहा कि योग को प्राचीन भारतीय कला का एक प्रतीक माना जाता है। भारतीय योग को जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जावान बनाए रखने के लि‍ए महत्वपूर्ण मानते हैं।इस दिन को मनाने का उद्देश्य योग के प्रति लोगों में जागरुकता पैदा करने के साथ लोगों को तनावमुक्त करना भी है । योग, भारतीय ज्ञान की पांच हजार वर्ष पुरानी विरासत है, योग साधना में जीवन शैली का पूर्ण सार समाहित किया गया है। विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सरत अत्री व अन्य सदस्य बलवान शर्मा, विकास शर्मा अध्यापक राजकुमार, राजेन्द्र, मोहित बब्बर, पूजा क्वात्रा, रितु जागलान, करूणा ने भी योग दिवस पर भाग लिया।

Monday, June 21, 2021

June 21, 2021

रेल और कोयले के बाद तेल और गैस भी निजी हाथों में बेचेगी सरकार!

रेल और कोयले के बाद तेल और गैस भी निजी हाथों में बेचेगी सरकार! 100% FDI का मसौदा किया तैयार

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 7 साल के कार्यकाल में अर्थव्यवस्था की जो बदहाली हुई है वो किसी से छुपी नहीं है। निजीकरण, बेरोजगारी, जीडीपी का गिरना, रूपए का मूल्य घटते जाना – ये सब कुछ भाजपा सरकार के आने के बाद लगातार होता चला जा रहा है।
रेल, जंगल, कोयला आदि जैसे देश के बहुमूल्य संसाधनों का निजीकरण करने के बाद अब ये सरकार तेल एवं गैस क्षेत्र के उपक्रमों को बेचने को तैयार है।
मोदी सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने तेल एवं गैस क्षेत्र के उपक्रमों में स्वतः मंजूर मार्ग से 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति देने के प्रस्ताव पर विमर्श करने के लिए कैबिनेट नोट का मसौदा जारी किया है।
मामले से जुड़े सूत्रों ने जानकारी देते हुए कहा है कि यह मसौदा उन उपक्रमों के लिए है जो विदेशी निवेश के लिए सैद्धांतिक रूप से तैयार हैं।
आसान भाषा में कहा जाए तो बी.पी.सी.एल के विदेशी निवेश का पूरा रास्ता अब साफ है। देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफायनरी कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्परेशन लिमिटेड (BPCL) केंद्र की मंजूरी के बाद पूरी तरह निजी हाथों में बिक जाएगा।
निजीकरण के बिना केंद्र की बीपीसीएल में 52.98 फीसदी की हिस्सेदारी है। यदि इस कदम को मंत्रीमंडल की मंजूरी प्राप्त हो जाती है तब ये 52.98 फीसदी की हिस्सेदारी भी निजी हाथों में होगी।
ऐसा करने के लिए FDI नीति में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस से संबंधित नया प्रावधान भी जोड़ा जाएगा।
फिलहाल बीपीसीएल की 52.98 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए वेदांता समूह ने अपना रुचि पत्र केंद्र को दिया है। इसके अलावा बीपीसीएल की दावेदारी में गलोबल समूह भी सामने आ रहे हैं जिनमें अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट जैसी नामी कंपनियां भी हैं।
1952 में बीपीसीएल की शुरूआत की गई थी। तब से लेकर अब तक भारत पेट्रोलियम लाखों लोगों के घर चलाने का सहारा बनी है।
एक लंबे सफर के बाद भारत पेट्रोलियम देश की दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की कंपनी बनी और आज नरेंद्र मोदी की सरकार ने उसे बाजार में बिकने को रख दिया है।
इसके पहले ही एस्सार की हिस्सेदारी रूस के हाथों, रिलायंस की हिस्सेदारी ब्रिटिश कंपनी के हाथों और अडानी गैस फ्रांसिसी कंपनी के हाथों में है। बीपीसीएल भी अब इस कतार में शामिल हो जाएगी।
भारतीय शेयर मार्केट में 20 फीसदी विदेशी निवेशक हैं। निर्यात की प्रक्रिया भी निगेटिव में चल रही है।
मोदी सरकार ने पिछले 7 सालों के कार्यकाल एक भी बड़ी संस्था की नींव तक नहीं डाली है, लेकिन लगभग सभी राष्ट्रीय हित की संस्थाओं का निजीकरण जरूर कर दिया है।
इसके बाद भी हमारे आपके बीच कई ऐसे अंधभक्त हैं जो इतने बड़े पैमाने में हो रहे निजीकरण को भी किसी तरह प्रधानमंत्री मोदी का मास्टरस्ट्रोक ठहरा देंगे।

Sunday, June 20, 2021

June 20, 2021

संबित पात्रा पर भड़के टिकैत

संबित पात्रा पर भड़के टिकैत, चित्रा से बोले- इस बेहूदा आदमी को यहां से हटाओ, डॉक्टर होकर ज़हर उगलता है

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा के सितारे पिछले कुछ दिनों से गर्दिश में चल रहे हैं। अगले कुछ दिनों में न्यूज चैनलों की डिबेट्स में गालियां और अपशब्द सुनने का रिकाॅर्ड संबित पात्रा के नाम बनता हुआ नजर आ सकता है।
दरसअल संबित पात्रा राजनीतिक विरोधियों पर इतने अभद्र, अश्लील और वाहियात बातें कहते हैं जिससे कोई भी सभ्य इंसान क्रोधित हो जाता है।
ताजा मामला आज तक न्यूज चैनल का है। किसानों के मुद्दे पर डिबेट शो चल रहा था। एंकर के रुप में चित्रा त्रिपाठी मौजूद थीं जबकि भाजपा प्रवक्ता के तौर पर संबित पात्रा और दूसरी तरफ किसान नेता राकेश टिकैत मौजूद थे।
टिकैत अपनी बात कहते कहते महात्मा गांधी की हत्या का जिक्र करने लगें जिस पर संबित पात्रा टोकाटोकी करने लगे।
राकेश टिकैत ने पात्रा की बातों को अनसुना करते हुए कहा कि मैं इस बेहुदा इंसान से बात नहीं करुंगा। टिकैत ने कहा कि ये कौन है, जो बीच में टोक रहा है… हटाओ इसे, मुझे इससे बात नहीं करनी है।
चित्रा जी, मैं सिर्फ आपसे बात करुंगा। इस बेहुदा आदमी से बात नहीं करुंगा। टिकैत ने कहा कि आप डाॅक्टर हो, जहर मत उगलो नहीं तो आपकी सारी बकैती यहीं निकाल देंगे।किसान हैं हम दलाल नहीं।
टिकैत ने बहस में भाग लेने की शर्त रखते हुए कहा कि पहले इस आदमी को हटाओ, तब मैं बात करुंगा। इसके बाद एंकर चित्रा त्रिपाठी ने किसी तरह से मामले को शांत कराया, तब जाकर किसी तरह से बहस आगे बढ़ाया जा सका।
दो दिन पहले संबित को कांग्रेस प्रवक्ता डाॅ रागिनी नायक ने जमकर लताड़ लगा दी और कहा कि जिसे तुम टीवी चैनलों पर अपना बाप बताते हो न, तुम सब जयचंद हो।
मालूम हो कि संबित पात्रा ने एक बार कन्हैया कुमार के साथ बहस में नरेंद्र मोदी को देश का बाप बता दिया था. इस पर कन्हैया ने कहा था तेरे बाप होंगे… मेरे नहीं हैं।
इतना ही नहीं कुछ दिनों पूर्व ही संबित पात्रा को कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत भी झाड़ पिला चुकी हैं। उन्होंने संबित की बदतमीजी पर कहा था कि संबित तुम गंदी नाली के कीड़े हो।
संबित पात्रा को कई दफे कांग्रेस के एक अन्य प्रवक्ता गौरव बल्लभ भी सरेआम बेइज्जत कर चुके हैं, फिर भी संबित सुधरने का नाम नहीं लेते।
लगता है कि एक दिन वो टीवी डिबेट्स में सबसे ज्यादा गाली सुनने वाले प्रवक्ता का रिकाॅर्ड बना कर ही मानेंगे।