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Sunday, May 3, 2020

May 03, 2020

लापरवाही- निजी अस्पताल मे ऑपरेशन से डिलीवरी, कोरोना रिपोर्ट आने से पहले लिया डिस्चार्ज

(मनवीर) फरीदाबाद-  हरियाणा में में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हैं। इसी बीच शनिवार को एक ऐसा कोरोना मरीज मिला है, जिसके बाद अब स्वास्थ विभाग में कोहराम मच गया है। स्वास्थ विभाग के मुताबिक एक महिला निजी अस्पताल में डिलीवरी कराने के बाद जब अपने घर दिल्ली पहुंच गई तब उसके कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है। पूरे मामले में अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है। इसकी सूचना मिलने के बाद आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पताल के स्टाफ और डॉक्टर को कोरेन्टीन कर दिया है। वहीं अस्पताल पर आगे की कार्यवाही शुरू कर दी है।
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दरअसल फरीदाबाद के राजीव कलोनी में स्थित एक निजी अस्पताल पवन अस्पताल है, जिसमें स्वास्थ विभाग की टीम कोरोना के मरीज की पुष्टि होने के बाद कार्रवाई करने पहुँची थीं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से अस्पताल में पहुंचे डॉ संजीव भगत के मुताबिक, पवन हॉस्पिटल में बीते 28 तारीख को एक महिला ने ऑपरेशन के बाद बच्चे को जन्म दिया था। एहतियात के तौर पर पवन हॉस्पिटल ने महिला का कोविड-19 का टेस्ट कराया था। लेकिन अस्पताल ने टेस्ट रिपोर्ट आने से पहले ही महिला को डिस्चार्ज कर दिया। महिला डिस्चार्ज होकर अपने घर दिल्ली जा चुकी है।
आज जब उनकी कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तब उन्हें सूचना दी गई है। जिसके बाद वह अस्पताल में पहुंचे हैं और अस्पताल को सेनिटराईज कराया जा रहा है। अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ को कोरेनटाइन किया जा रहा है। वहीं डॉक्टर संजीव भगत ने कहा कि वह अपने उच्चाधिकारियों से बात कर रहे हैं, अस्पताल पर जो भी कार्रवाई बनेगी वह की जाएगी।
जानकारी के अनुसार महिला का रिश्तेदार अस्पताल में काम करता है। दिल्ली में कोरोना के ज्यादा मामलों को देखते हुए वह डिलीवरी के लिए महिला को पवन अस्पताल में लेकर आया था। यहां बड़ी लापरवाही यह रही कि कोरोना की रिपोर्ट का इंतजार किए बगैर उक्त कर्मचारी ने महिला को डिस्चार्ज करवाकर दिल्ली वापस भेज दिया।
May 03, 2020

अजब-गजब फर्जीवाडा- बुढापा पेंशन के रिकॉर्ड अनुसार 6 साल की उम्र मे बना पिता तो मां ने खुद के पैदा होने से पहले ही बच्चे को जन्म दे दिया

रिकॉर्ड के अनुसार छह साल की उम्र में व्यक्ति बाप तो मां ने खुद के पैदा होने से पहले ही बच्चे को जन्म दे दिया
(संजय) जींद- आज हरियाणा के जींद जिले से अजब गजब का फर्जीवाडा सामने आया जिसमे समाज कल्याण विभाग में दंपति द्वारा बुढापा पेंशन लेने के झूठ के सारे रिकॉर्ड तोड़ नए कीर्तिमान/ रिकार्ड स्थापित किये है।

रिकॉर्ड के अनुसार छह साल की उम्र में बुढापा पेंशन लेने वाला व्यक्ति बाप बन गया तो बुढापा पेंशन लेने वाली मां ने खुद के पैदा होने से पहले ही बच्चे को जन्म दे दिया। यानि मां से आठ माह बड़ा उसका बेटा है। फर्जीवाड़ा कर बुढापा पेंशन लेने वाले दंपति ने यह रिकार्ड समाज कल्याण विभाग में दिए गए कागजातों में बनाया है। हैरानी इस बात की भी है समाज कल्याण विभाग ने दस्तावेजों को जांचे बगैर दंपति की पेंशन बना दी। जो फर्जी कागजातों के सहारे वर्ष 2018 से बुढापा पेंशन ले रहे हैं।

गांव किशनपुरा निवासी सतीश मलिक ने डीसी तथा सीएम विंडो पर दी शिकायत में बताया कि गांव के ही सुभाष तथा उसकी पत्नी परवीनता ने फर्जीवाड़े को अंजाम देते हुए बुढापा पेंशन बनवाई हुई है। हकीकत में दोनों की न तो पेंशन लायक उम्र हैं और न ही उन्होंने सही दस्तावेज लगाए हैं। जिस बेटे अमित को उम्र का आधार बनाकर बुढापा पेंशन बनवाई गई है हकीकत में अमित हैं ही नहीं। फार्म पर फोटो किसी और लोगों के चस्पाए गए हैं, वेरीफिकेशन भी फर्जी करवाई गई है। डीसी तथा सीएम विंडो पर दिए गए सबूतों में चौकाने वाला मामला सामने आया की सुभाष के दस्तावेजों में जन्म तिथि एक जनवरी 1971 है जबकि उसके तथाकथित बेटे अमित की जन्मतिथि दो अप्रैल 1977 दिखाई गई है। इसी प्रकार सुभाष की पत्नी परवीनता की जन्मतिथि एक जनवरी 1978 है जबकि तथाकथित बेटे अमित की उम्र दो अप्रैल 1977 दिखाई गई है। यानि सुभाष छह वर्ष की उम्र में पिता बन गया, जबकि परवीनता ने अपने जन्म होने से आठ पहले ही बेटे को जन्म दे दिया। फर्जी कागजातों के सहारे बुढापा पेंशन के लिए किया गया फर्जीवाड़ा विभाग की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लगा रहा है।

जिला समाज कल्याण अधिकारी सरोज ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। अगर ऐसा हुआ है तो मामले की जांच करवाई जाएगी। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
May 03, 2020

हरियाणा मे रातों रात बढे 45 कोरोना के केस, सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर शाम तक 50 नए केस आने की संभावना


(नेहा) स्पेशल न्यूज़- आज सुबह जारी हरियाणा मेडिकल बुलेटिन मे कोरोना बम फूटा रातों रात 45 नए केस आए सामने

फरीदाबाद- 7 नए केस
गुरुग्राम - 4 नए केस
सोनीपत - 17 नए केस
झज्जर    -  2  नए केस
पानीपत  - 11 नए केस जिनमे 4 पत्रकारों को भी हुआ कोरोना |
फतेहाबाद  - 4  नए केस 

सबसे ज्यादा चिंता का विषय है कि आ रहे नए कोरोना मरीजों मे किसी तरह के कोई लक्षण नही देखे जा रहे है, जिसने प्रसाशन की चिंताए बढ़ा दी है | अब तक मिली सूत्रों की जानकारी के मुताबित अधिकतर मरीजो को न तो बुखार है न ही किसी तरह का जुकाम, खांसी या दर्द है | लेकिन जब टेस्ट किया गया तो कोरोना पॉजिटिव मिला  
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करनाल:-
करनाल मे भी सेक्टर 7 निवासी फोटो जर्नलिस्ट की भी रिपोर्ट आई कोरोना पॉजिटिव|
रोहतक:- 
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रोहतक के पहाडा मोहल्ला मे भी एक व्यक्ति की रिपोर्ट आई है| 

जींद मे 8 नए केस:
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उपरोक्त सूची सरकारी हस्पताल जींद से लिक हो गई है जिसमे जिले मे नए 8 कोरोना केसों के बारे जानकारी दी गई है | ज्ञात है कि पिछले दिनों जींद मे 2 कोरोना केस आए थे बाद मे दोनों केस ठीक हो गये | लेकिन उनके गाँव निडानी मे सर्वे करने गई टीम के 4 लोगो की रिपोर्ट अब कोरोना पॉजिटिव आई है, जो जिले के अलग अलग गाँव मे रहते है | जबकि 4 ऐसे नए  व्यक्तिओ मे कोरोना के नए मामले सामने आए है, जिनकी कोई ख़ास ट्रेवल हिस्ट्री भी नही है, लेकिन कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई है |
1 नजदीक पुराना थाना, जुलाना निवासी की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है  
2 पिल्लूखेड़ा निवासी है 
4  केस गाँव खरकराम जी  के  आगनवाडी व हेल्थ वर्कर है जो गाँव खरकराम जी , सुन्दरपुर व जींद रहते है 
1 जींद रोहतक रोड निवासी जो आता चक्की की दूकान चलाता है 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला प्रसाशन ने आदेश दिए है कि जींद जिले मे अभी कोई नई दूकान नही खुलेगी, जो दुकाने पहले से खुली है बस वही खुली रहेगी |

विशेषज्ञों का कहना है कि हरियाणा मे मिल रहे केसों मे वायरस, चाइना के वुहान से मिलता हुआ है इसमें अब तक कोई जेनेटिक बदलाव नही हुआ है, जो की राहत भरी खबर है | लेकिन आ रहे नए कोरोना मरीजों मे कोई भी लक्षण न दिखाई देना चिंता का विषय है |

आज के कोरोना काल मे हरियाणा बुलेटिन न्यूज़ परिवार आपसे अनुरोध करता है कि आप घरों मे सुरक्षित रहे, घर से बहार न निकले सुरक्षित रहे 

May 03, 2020

महिला ने जींद के रानी तालाब मे कूद कर की आत्महत्या

(संजय)जींद- आज सुबह जीन्द के रानी तालाब कृष्णा कलोनी निवासी में सीमा पत्नी  विनोद ने घरेलू कलह के कारण रानी तालाब में कूद कर आत्महत्या कर ली। मृतका के दो बच्चे है।
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May 03, 2020

लाॅक डाउन में हरियाणा राज्य में फंसे नागरिकों की घर वापसी के लिए कैसे करें आवेदन ? आज होगी प्रकिर्या शरू


(मनोज)चंडीगढ़- हरियाणा में फंसे प्रवासी मजदूरों व अन्य राज्यों में फसें हरियाणा के नागरिकों को अपने राज्य लौटने के लिए हरियाणा सरकार ने पहल की है। अंतर्राज्यीय आवाजाही की सुविधा देने हेतु, हरियाणा सरकार ने https://edisha.gov.in/eForms/MigrantService के नाम से एक वेबसाइट सेवा शुरू किया है, जिस पर अपने घरेलू राज्यों में लौटने के इच्छुक ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं।
यह एक ज़िले की नमूना प्रक्रिया है। सभी जिलों में यही प्रक्रिया रहेगी।
प्रवासी श्रमिक इत्यादि अंतर्राज्यीय आवागमन के लिए निम्न वेब पेज पर पंजीकृत करे ।
जरुर पढ़े-रेवाड़ी मे वर्दी वालों से टकराने वाला वर्दीधारी हुआ सस्पेंड

हरियाणा में आने और जाने के लिए, अंतरराज्यीय मूवमेंट हेतु अनुरोध दर्ज करने हेतु, प्रवासियों को वेब पेज https://edisha.gov.in/eForms/MigrantService पर अपना पंजीकरण करवाना होगा। इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति एप्लीकेशन पर पंजीकरण करवाना चाहता है, तो उसे गूगल प्ले स्टोर से हरियाणा सरकार की ‘जन सहायक हैल्पमी’ ऐप्प डाउनलोड करनी होगी। जहां सभी आवश्यक जानकारी भरकर सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
वहीं यदि किसी भी प्रवासी व्यक्ति की किसी कारणवश वेबसाइट ओर एप्लिकेशन पहुंच नहीं है तो वे 1950 या कोरोना कॉल सेंटर नंबर 1100 पर कॉल करके जिला प्रशासन की हेल्पलाइन से सहायता ले सकते हैं। हालांकि अभी वेबसाइट मेंटिनेंस पर है। DIPR के मुताबिक आज से तक यह लाइव हो जाएंगी।
यदि किसी व्यक्ति को समस्या आती है तो आप जहा है वहा जिला प्रसाशन से सम्पर्क करे | हर जिला स्तर पर नोडल ऑफिसर बनाया गया है जो रजिस्ट्रेशन के बाद उसने जाने की व्यवस्था देखेगा |

Saturday, May 2, 2020

May 02, 2020

कोरोना ट्रीटमेंट में वैक्सीन के इस्तेमाल की तैयारी ,दिल्ली एम्स,पीजीआइ रोहतक और चंडीगढ़ समेत पांच संस्थानों में होगा मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल ,मरीजों के कॉन्टेक्ट व मेडिकल स्टाफ पर ट्रायल

(मनवीर) हरियाणा- कोरोना वायरस के खात्मे के लिए अब चिकित्सक इलाज ढूंढने के लिए देश के विभिन्न अस्पतालों में क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने की तैयारी है। इसके लिए दिल्ली एम्स,पीजीआइ रोहतक और चंडीगढ़ समेत पांच संस्थानों को सरकार से अनुमति भी मिल गई है। पीजीआइ रोहतक में फार्माकोलॉजी विभाग की प्रोफेसर डॉ. सविता वर्मा के निर्देशन में 175 लोगों पर बीसीजी वैक्सीन का ट्रायल किया जाएगा। जिसके बाद परिणाम के आधार पर इस वैक्सीन के रिजल्ट की समीक्षा की जाएगी। भविष्य में इसे प्रयोग करने को लेकर भी दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे। अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा विभिन्न संस्थानों में बीसीजी (बेकिलस कॉलमीट गुरीन) वैक्सीन के ट्रायल के लिए मंजूरी दी गई है। आमतौर पर इस वैक्सीन का प्रयोग स्वस्थ नवजात बच्चों को ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) से दूर रखने के लिए किया जाता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में बीसीजी वैक्सीन से कोरोना का इलाज ढूंढने के लिए क्लीनिक ट्रायल को मंजूरी दी है। पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पीजीआइएमएस) में फार्माकोलॉजी विभाग की प्रोफेसर डॉ. सविता वर्मा को मुख्य इनवेस्टीगेटर नियुक्त करते हुए कोरोना ट्रीटमेंट सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ. ध्रुव चौधरी व संस्थान के ही चिकित्सक डॉ. रमेश वर्मा को सहायक इनवेस्टीगेटर नियुक्त किया गया है। फिलहाल पहले चरण में देश के पांच संस्थानों को इसके लिए मंजूरी दी गई है,जबकि 19 अन्य संस्थानों में अनुमति के लिए प्रक्रिया चल रही है। भारत के मुकाबले अन्य देशों में 20 फीसद कोरोना संक्रमित मरीज गंभीर स्थिति में पहुंचे हैं। इनमें से 15 फीसद मॉडरेट और पांच फीसद मरीज सीवियर स्थिति में पहुंचे थे,जबकि भारत में केवल छह फीसद मरीज ही गंभीर स्थिति में पहुंचे हैं।

ऐसे होगा मरीजों पर ट्रायल
कोरोना संक्रमित मरीज के 18 वर्ष आयु से अधिक के निकटतम संपर्क वाले और कोरोना मरीजों के उपचार में लगे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का पहले कोविड टेस्ट कराया जाएगा। यदि टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो उन्हें ट्रायल में शामिल किया जाएगा। इसके बाद 175 में से कुछ लोगों को बीसीजी वैक्सीन लगाई जाएगी जबकि अन्य को वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी। इसके बाद लोगों की स्थिति पर नजर रखी जाएगी कि इसके परिणाम क्या आते हैं। यदि वैक्सीन लगाने वाले लोगों को कोरोना का संक्रमण कम होता है या संक्रमण होने के बाद वह जल्दी रिकवर कर जाते हैं और बिना वैक्सीन लगाए हुए लोगों में कोरोना का संक्रमण अधिक होता है तो वैक्सीन का ट्रायल सफल माना जाएगा। इन लोगों में आइजीएम (इनफेक्शन को शीघ्र बताने वाले तत्व) और आइजीजी (देरी से मरीज के ठीक होने की जानकारी देने वाले तत्व) की जांच की जाएगी।
May 02, 2020

अब सीमाओं पर पहले होगा कोरोना टेस्ट, तब मिलेगा प्रवेश

चंडीगढ़। हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने साफ कर दिया है कि राज्य की दिल्ली, यूपी, हिमाचल, पंजाब सभी सीमाएं पूरी तरह से सील कर दी गई हैं। अब राज्य में प्रवेश के लिए नई व्यवस्था की जा रही है, जिसके लिए विधिवत टीम प्रवेश करने वाले की स्क्रीनिंग के बाद में रैपिड टेस्ट किट से जांच करेगी। विज ने यह भी कहा है कि हमने सीमा पर तुरंत प्रभाव से जांच करने वाली हेल्थ विभाग की टीमें लगा दी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमने सभी जिलों में सीएमओ को रैपिड टेस्ट किट से जांच करने के लिए किट भिजवा दी है।

सीमाए हुई सिल, पूरी स्क्रीनिग व जांच पड़ताल के बाद ही प्रवेश
 गृहमंत्री विज ने बताया कि हमने राज्य से लगती सीमाएं सभी सील कर दी हैं, क्योकि कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। इसमें केवल दिल्ली ही नहीं बल्कि पंजाब, हिमाचल के साथ साथ में यूपी सीमा भी सील हुई है। राज्य में अब उन लोगों को ही प्रवेश मिल सकेगा, जिनके स्क्रीनिंग और जांच हो जाएगी। इस क्रम में सीमा पर टीम लगाकर स्वास्थ्य टीमें जांच पड़ताल, स्क्रीनिंग का काम करेंगी औऱ जरूरत पड़ने पर रैपिड टेस्ट किट से जांच भी होगी। अब उसी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति मिलेगी जिसके पास प्रशासन द्वारा जारी पास होगा। इसके अलावा उस व्यक्ति को आने का कारण भी स्पष्ट करना होगा। विभाग ने सख्ती इसलिए की है क्योंकि कोरोना संक्रमित एक व्यक्ति सारा खेल बिगाड़ सकता है। यदि आदेश की अवहेलना हुई तो सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस दौरान उन्होंने पुलिस जवानों की ड्यूटी के दौरान अपनी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखने का आह्वान किया। किसी भी सीमा से प्रदेश मे आने वाले हर व्यक्ति की स्क्रीनिंग स्वास्थ्य विभाग कर रहा है व अब प्रवेश करने वाली गाड़ी का नंबर और गाड़ी चालक कहां से आया? व अन्य कई तरह की जानकारी भी उनसे प्राप्त करके नोट की जा रही हैं।

25 हजार टेस्ट किट आई, 25 हजार जल्द आएगी
विज ने कहा कि हमने 25 हजार किट दक्षिण कोरिया की कम्पनी से मंगाई थी, जो मानेसर गुरुग्राम में बनती हैं। जो सभी जिलों में भेजी गई हैं। अभी हम 25 हजार किट और मंगा रहे हैं, जिससे उन लोगों कीजांच करेेंगे, जिनमें लक्षण मिले हैं, या फिर उनमें संक्रमण के ज्यादा चांस हैं। भले ही उसमें पुलिस कर्मी हों या फिर हेल्थ वर्कर अथवा बाकी अग्रिम मोर्चे के कर्मचारी अधिकारी वैंडर सभी की जांच होगी।

May 02, 2020

प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य में लॉकडाउन में ढील देने के लिए तुरंत प्रभाव से संशोधित दिशा- निर्देशों को स्वीकृति प्रदान की है।

(मनोज)चंडीगढ़- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य में लॉकडाउन मे ढील देने के लिए तुरंत प्रभाव से हरियाणा समेकित संशोधित दिशा -निर्देशों को स्वीकृति प्रदान की है। एक सरकारी प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि संशोधित राज्य दिशानिर्देशों के अनुसार केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अनुमोदित मानक संचालन प्रक्रियाओं की अनुपालना करते हुए औद्योगिक इकाइयों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और निर्माण परियोजनाओं से ऑनलाइन स्व-घोषणा प्राप्त करने उपरांत गतिविधियां संचालित करने की स्वत: अनुमति होगी। उन्होंने बताया कि हरियाणा के 14 जिले नामत: अंबाला, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, हिसार, जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, रोहतक, सिरसा और यमुनानगर में मानदंडों के अनुसार पोर्टल पर आवेदन जमा करने के तुरंत बाद स्वीकृति स्वत: स्व-सृजित होगी।
शत-प्रतिशत श्रमशक्ति के साथ संचालन की अनुमति 
प्रवक्ता ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी तथा सूचना प्रौद्योगिकी इनैबल्ड सेवाओं की इकाइयों को छोडक़र उद्योगों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों, वाणिज्यिक और निजी प्रतिष्ठानों के लिए यदि श्रमशक्ति की आवश्यकता 20 लोगों तक की है तो उनमें शत-प्रतिशत चलाने की अनुमति होगी। 20 से अधिक श्रमशक्ति की आवश्यकता के मामले में, 50 प्रतिशत श्रमशक्ति या 20 लोगों के साथ, जो भी अधिक हो, चलाने की अनुमति होगी। उन्होंने बताया कि आईटी और आईटीईएस इकाइयों के मामले में यदि 20 लोगों तक की श्रमशक्ति की आवश्यकता है तो उनमें 50 प्रतिशत श्रमशक्ति की अनुमति दी जाएगी। यदि आवश्यकता 20 से अधिक लोगों की है तो 33 प्रतिशत श्रमशक्ति या 10 व्यक्तियों, जो भी अधिक हो, की अनुमति होगी। उन्होंने बताया कि निर्माण स्थलों की परियोजनाओं के लिए, इन-सिटू के प्रत्येक मामले में शत-प्रतिशत श्रमशक्ति के साथ संचालन की अनुमति दी जाएगी। हालाँकि, इसके लिए कोई पास जारी नहीं किया जाएगा। बहरहाल, गैर-इन-सिटू परियोजनाओं के मामले में, कुल कार्यबल के 50 प्रतिशत के साथ कार्य करने की अनुमति होगी और इसके लिए नीले रंग के पास जारी किए जाएंगे।
ग्रामीण क्षेत्रों में इकाइयों को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित किया 

प्रवक्ता ने बताया कि सभी 22 जिलों में औद्योगिक इकाइयों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और निर्माण परियोजनाओं में इन-सिटू लेबर के साथ संचालन करने की अनुमति दी जाएगी और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार श्रमिकों को परिसर के अंदर ही रहना होगा। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में अनुमति प्राप्त करने के सात दिनों के अंदर-अंदर संचालन कार्य शुरू नहीं किया जाता है तो हर इकाई का अनुमोदन बिना नोटिस के रद्द किया जाएगा। प्रवक्ता ने बताया कि चूंकि केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों में ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिक संचालन को फिर से शुरू करने पर बल दिया गया है, अत: जिला प्रशासन सहित सभी संबंधित ग्रामीण क्षेत्रों में इकाइयों को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। उन्होंने कहा कि 19 अप्रैल, 2020 को गठित कमेटियां पांच दिनों के अंदर-अंदर अपने-अपने अधिकार क्षेत्रों में अनुमोदित की गई गतिविधियों का निरीक्षण एवं सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों एवं अन्य मानदंड की पालना की जांच करेंगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये दिशा-निर्देश केवल उन इकाइयों पर लागू होंगे जो कंटेनमेंट ज़ोन में नहीं पड़ती हैं।
जरुर पढ़े- नियम न मानने वाले हरियाणा के निजी स्कूलों के खिलाफ पोल-खोल अभियान -हरियाणा बुलेटिन न्यूज़
May 02, 2020

कोरोना का नया पोजिटिव केस मिला, गोहाना आई एक महिला में हुई पुष्टि - सोनीपत में कोरोना वायरस के पोजिटिव केसों का आंकड़ा हुआ 27

(अरुण मलिक)सोनीपत, 02 मई।  शनिवार को सोनीपत में कोविड-19 कोरोना वायरस का एक नया पोजिटिव केस मिला है। गोहाना के वाल्मीकि मौहल्ले में रिश्तेदारी में आई एक महिला में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। इस नये केस ने सोनीपत जिले में कोरोना वायरस के पोजिटिव मामलों का आंकड़ा 27 कर दिया है। उपायुक्त डा. अंंशज सिंह ने जिला स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर यह जानकारी दी।  
 उपायुक्त डा. अंशज सिंह ने बताया कि रोहतक के पारा मौहल्ला की रहने वाली 32 वर्षीय महिला 4 अप्रैल को गोहाना के वाल्मीकि मौहल्ले में अपनी रिश्तेदारी में आई थी। उसकी बेटी को खांसी के साथ सांस लेने में समस्या हुई तो उसे बीपीएस मेडिकल कालेज अस्पताल खानपुर कलां में दाखिल किया गया। खानपुर में महिला और उसकी बेटी दोनों की जांच की गई। जांच रिपोर्ट शनिवार को आई, जिसमें बालिका की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। किंतु महिला में कोरोना वायरस की पुष्टि की गई है। महिला की केस हिस्ट्री में 10 लोगों को चिन्हित किया गया है। इन सभी को सिविल अस्पताल में जांच व आईसोलेशन में रखने के लिए लाया गया है। 


 उपायुक्त डा. सिंह ने कहा कि सोनीपत में कोरोना वायरस के अब 27 पोजिटिव केस हो गये हैं, जिनमें से चार मरीजों ने रिकवरी कर ली है। पोजिटिव मामलों में दो जमात के पोजिटिव केस भी हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि आज सांयकाल तक जिला में 2173 लोगों के सैंपल लिए जा चुके हैं, जिनमें से 1921 लोगों की जांच रिपोर्ट मिल चुकी है। अभी 252 लोगों की जांच रिपोर्ट लंबित है। प्राप्त हुई रिपोर्टों में 27 की पोजिटिव रिपोर्ट आई है। शेष 1894 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। 
 उपायुक्त ने कहा कि जमातियों का आंकड़ा पूर्व की भांति ही है। सोनीपत में आये कुल 224 जमातियों में से 214 के सैंपल लिए गए। इनमें दो लोगों की पोजिटिव रिपोर्ट आई है। शेष 212 व्यक्तियों की नेगेटिव रिपोर्ट आई। साथ ही उन्होंने बताया कि पीडब्ल्यूडी विश्राम गृह राई में बनाये गये फेसिलिटी क्वारंटाईन में 221 लोगों को रखा गया, जिनमें से 146 को डिस्चार्ज किया जा चुका है। यहां से 38 लोगों को विभिन्न आईसोलेशन वार्डों में स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने कहा कि 194 लोगों को आईसोलेशन वार्डों में दाखिल किया गया है। तीन लोगों को बीपीएस मेडिकल कालेज खानपुर के आईसीयू में रखा गया है।
जरुर पढ़े- नियम न मानने वाले हरियाणा के निजी स्कूलों के खिलाफ पोल-खोल अभियान -हरियाणा बुलेटिन न्यूज़
May 02, 2020

लॉक डाउन के कारण पानीपत के एक्सपोर्टरों के 3000 करोड़ के टेक्सटाइल उत्पाद अटके

(अरुण मलिक) पानीपत- लाकडाउन के कारण देश की अर्थव्यवस्था का पहिया थम सा गया है, जबकी एक्सपोर्ट तो सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है| प्रदेश मे पानीपत के एक्सपोर्टरों के भी करीब तीन हजार करोड रुपये कीमत के टेक्सटाइल उत्पाद रास्ते मे अटके हुए है, क्योकि अधिकतर देशों में समुंद्री रास्ते से टेक्सटाइल उत्पाद का निर्यात होता है, लेकिन लगभग 40 दिन सबकुछ बंद होने से जो सामान जहाँ था वही रुक गया | समय पर समान न पहुच पाने व कोरोना के खतरे को देखते हुए अधिकतर आर्डर कैंसिल हो गये, जबकि सामान रास्ते मे फंसा हुआ है जिससे  आर्डर रद होने के साथ ही टेक्सटाइल उत्पादों के खराब होने की  भी आशंका है। 


समुंदी मार्ग से निर्यात होता है टेक्सटाइल उत्पाद 
पानीपत से दुनिया के अधिकतर देशों को टेक्सटाइल उत्पादों का निर्यात होता है, वहीं पानीपत में तैयार होने वाला टेक्सटाइल उत्पाद, बॉयरों (विदेशी इंपोटर) के एजेंटों की निगरानी में पैंकिंग कर कंटेनरो में भरा जाता है, जिन कंटेनरो को ट्रक से गुजरात या फिर महाराष्ट्र के बंदरगाहों पर भिजवाया जाता है, जहाँ पर कागजी कार्यवाही के बाद टेक्सटाइल उत्पाद से भरे कंटेनर को विदेश में निर्यात करने के लिए समुंद्री जहाज पर रख दिया जाता है, करीब एक से डेढ माह के सफर के बाद पानीपत से निर्यात किए गए टेक्सटाइल उत्पाद अपनी मंजिल तक पहुंच जाते है। 

सामान्य परिस्थियो में 50 कंटेनर हर रोज निर्यात होते थे 
पानीपत विश्व प्रसिद्ध टेक्सटाइल हब है और सामान्य परिस्थियो में पानीपत से प्रति दिन औसतन 50 कंटेनर प्रति दिन गोदी (बंदरगाहों) के लिए रवाना होते थे। वहीं लॉक डाउन के चलते आवागमन पूरी तरह से ठप है। पानीपत ट्रांसपोर्टर यूनियन के चेयरमैन चौ.धर्मवीर मलिक ने कहा कि कोरोना के प्रकोप के चलते लॉक डाउन में ट्रांसपोर्ट उद्योग 95 प्रतिशत तक ठप है। वहीं लॉक डाउन से पहले पानीपत के एक्सपोर्ट हाउसों से प्रति दिन औसतन 50 से 60 कंटेनर मॉल गुजरात व महाराष्ट्र के बंदरगाहों तक भिजवाया जाता था।
कंटेनरों में लदे माल के खराब होने की आशंका
 कारपेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के चेयरमैन चौ. जितेंद्र मलिक ने बताया कि विदेशी बॉयरों के साथ तय मापदंडों के अनुसार विदेश में निर्यात होने वाले समान की पैकिंग होती है, वहीं पैंकिंग से पहले समान का ट्रीमेंट किया जाता है ताकि माल जब विदेश में शोरूम में खोला जाए तो वह फ्रैश नजर आए। उन्होंने बताया कि समान यदि लंबे समय कंटेनर या फिर पेटियों में पैक रह जाए तो इसका दुष्प्रभाव माल की गुणवत्ता पर पडता है, जैसे भारत में अधिकतर दिन समान पैक रह जाए तो उसके अंदर सीलन की महक आने लगती है। वहीं जो करोडों खर्च करेगा वह समान की गुणवत्ता वाला ही लेगा, ऐसा भी अनेक बार हुआ है कि लंबे समय पैंकिंग में रहे समान को खरीददार वापस कर देते है और समान का आवागमन के खर्च समेत तामा लागत एक्सपोर्टर की जेब से निकलती है। इधर, एक्सपोर्टर अरूण मलिक, आदित्य गुप्ता, सुरेश मित्तल ने बताया कि पेकिंग में रखे समान की गुणवत्ता को लेकर वे बहुत ही चिंतित है।

हालात दिन प्रति दिन खराब होते जा रहे है
 पानीपत एक्सपोर्टर एसोसिएशन के चेयरमैन ललित गोयल ने बताया कि कोरोना का प्रकोप व लॉक डाउन के कारण पानीपत टेक्सटाइल उद्योग का नुकसान लगातार बढता जा रहा है। वहीं हजारों करोड का समान शिपमेंट में अटका हुआ है। लॉक डाउन के कारण किसी एक्सपोर्टर के कागजात पूरे नहीं हुए तो किसी का कोरियर नहीं गया, अनेकों एक्सपोर्टरों का समान बंदरगाहों पर कागजातों की या फिर कागजाती कमियों के कारण फंसा हुआ है। उन्होंने चिंता जताई कि यदि समान की जल्द ही विदेशों में रवानगी शुरू नहीं हुई तो बहुत ही मोटी रकम का नुकसान हो सकता है।


May 02, 2020
(रामफल) महाराष्ट्र से लौटे चार लोगो की रिपोर्ट आई पोजीटिव, स्वास्थ्य विभाग के डाक्टर भरत सहारन ने कि पुष्टि |दो दिन पहले लोटे डेढ़ दर्जन लोगों के सैंपल रिपोर्ट रोहतक भेजी थी |चार लोगो की रिपोर्ट पोजीटिव आने के बाद रतिया प्रसाशन तेयारिया की शुरू| लोगो को घरों में रहने की अपील |तीन महिला व एक पुरुष कि रिपोर्ट पोजीटिव आई | जरुर पढ़े- अब सीमाओं पर पहले होगा कोरोना टेस्ट, तब मिलेगा प्रवेश 
May 02, 2020

रेवाड़ी मे वर्दी वालों से टकराने वाला वर्दीधारी हुआ सस्पेंड

(प्रवीन)रेवाड़ी। गुरुग्राम पुलिस कमीश्नर के कार्यालय में कार्यरत हैड कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया है। हैड कांस्टेबल ने तीन दिन पहले दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित कापड़ीवास बॉर्डर पर सेक्टर-6 थाना पुलिस के सब इंस्पेक्टर के साथ दुर्व्यवहार किया था। ज्ञात है कि उस समय तो उच्च अधिकारियों के हस्ताक्षेप के बाद मामला सुलझ गया था, लेकिन एक दिन पहले पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव द्वारा हैड कांस्टेबल को लेकर किए गए ट्वीट के बाद गुरुग्राम पुलिस ने हैड कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया है। 

बता दें कि कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता देख 29 अप्रैल को डीसी यशेन्द्र सिंह ने एक से दूसरे जिले में प्रवेश करने वाले एमरजैंसी ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों के भी पास रद्द कर दिए थे। सीमा को पूरी तरह सील कर दिया गया था, क्योंकि दिल्ली व गुरुग्राम के पुलिसकर्मी रोजाना रेवाड़ी से अपडाउन कर रहे थे। इसके बावजूद गुरुग्राम के पुलिस कमीश्नर कार्यालय में कार्यरत रेवाड़ी के गांव ततारपुर ईस्तमुरार निवासी हैड कांस्टेबल 29 अप्रैल की दोपहर बगैर यूनिफार्म गाड़ी लेकर रेवाड़ी की सीमा में प्रवेश कर रहा था। सेक्टर-6 धारूहेड़ा थाना पुलिस ने उसे कापड़ीवास बॉर्डर पर रोक लिया था। इस दौरान अजीत नाम के एक सब इंस्पेक्टर के साथ हैड कांस्टेबल ने दुर्व्यवहार किया था। इतना ही नहीं काफी देर हंगामा भी किया था। बताया जाता है कि सेक्टर-6 थाना पुलिस उसी वक्त केस दर्ज कर रही थी, लेकिन उच्च अधिकारियों के हस्ताक्षेप के बाद मामला सुलझा दिया गया था। हैड कांस्टेबल के खिलाफ रेवाड़ी एसपी ने गुरुग्राम कमीश्नर को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था। लेकिन इसी बीच 1 मई को पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ड्यूटी से लौट रहे एक पुलिसकर्मी के साथ सेक्टर-6 थाना पुलिस ने मारपीट की और उसे बाद में आइसोलेट भी कर दिया। इसके बाद तो मामला ओर गर्मा गया। गुरुग्राम कमीश्नर ने मामले में एक्शन लेते हुए हैड कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया है।
May 02, 2020

आपातकालीन ड्यूटी देने वाले 750 रोडवेज चालकों का लाखों का भुगतान रोका -लॉक डाउन का हवाला देते हुए रसीद संभालने के निर्देश

(मनोज)चंडीगढ़, 2 मई। कोरोना संकट के दौरान आपातकालीन सेवाएं देने वाले रोडवेज चालकों का लाखों रुपये का भुगतान परिवहन विभाग ने रोक दिया है। 750 से अधिक रोडवेज चालकों के 30 से 40 लाख रुपये की अदायगी नहीं की जा रही। लगभग 200 चालकों को ही राशि का भुगतान किया गया है। बाकी चालकों की अदायगी लॉकडाउन का हवाला देते हुए रोक दी गई है। अप्रैल महीने में रोडवेज की 950 से अधिक बसें उत्तर प्रदेश के मजदूरों को छोड़ने के लिए दिल्ली के आनंद विहार बस स्टैंड व गाजियाबाद से भेजी गई थीं। बसों में पूरा सफर तय करने के लिए डीजल पर्याप्त मात्रा में नहीं था। इस पर चालकों को जेब से 4000 से 5000 रुपये का डीजल डलवाना पड़ा। मजदूरों को छोड़ने के बाद चालकों ने भुगतान की मांग की। इस पर 750 से अधिक चालकों को रसीद संभाल कर रखने के लिए कहा गया है। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि लॉकडाउन के बाद भुगतान किया जाएगा, अभी आर्थिक संकट है। इंसेंटिव के 1000 रुपये देने पर भी विभाग का रुख अभी साफ नहीं है। परिवहन विभाग के इस रवैये से चालकों में नाराजगी है। हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के राज्य प्रधान इंद्र सिंह बधाना व महासचिव सरबत सिंह पुनिया का कहना है कि जब करीब 200 चालकों को अदायगी कर दी तो बाकियों को क्यों नहीं। लॉकडाउन में सबकी अपनी-अपनी जरूरतें हैं। परिवहन विभाग बचे चालकों को भी जल्दी भुगतान करे।

-छह घंटे की मियाद वाला मास्क दे रहे
परिवहन विभाग मजदूरों को छोड़ने व छात्रों को लाने जा रही बसों के स्टाफ की सुरक्षा का भी ध्यान नहीं रख रहा। लंबा सफर होने के बावजूद छह घंटे की मियाद वाला मास्क व सैनिटाइजर की छोटी सी बोतल दी जा रही है। हां, इतना जरूर है कि खाद्य सामग्री के तौर पर खाने का पैकेट, पानी की बोतल, केले व बिस्किट दिए जा रहे हैं। ये व्यवस्था भी रोडवेज यूनियनों की मांग पर लिया गया है।
डिपो अनुसार बसों का ब्यौरा
डिपो        बसें
रोहतक    100
सोनीपत   153
पानीपत     75
फरीदाबाद 125
गुरुग्राम    100
पलवल      75
नूंह           75
झज्जर    125
रेवाड़ी     100
जींद        34
May 02, 2020

सामाजिक संस्थाएँ कर रहीं पुलिसकर्मियों की सेवा, लगातार सेवा 37 वाँ दिन..

(रामफल)सिरसा : अमीर सत्या फाउंडेशन एवं इनर व्हील क्लब सिरसा शाइन के संयुक्त तत्वाधान में पुलिस प्रशासन को फेस शील्ड का वितरण किया गया ।पुलिस प्रशासन को जो कि पहले दिन से हम सब की सेवा में अपनी जान की परवाह किये बिना रात दिन लगा हुआ है तो हमारा भी फर्ज बनता है कि उनकी सुरक्षा के लिए कुछ किया जाए ।
सेवा का ये कार्य फाउंडेशन राष्ट्रीय अध्यक्षा अमन लवली मोंगा, सन्तोष गोयल, नूर कौर, सुखदर्शन सिंह, रवि अरोड़ा के प्रयास से सम्पन्न हुआ ।
May 02, 2020

जींद जिले मे रह रहे प्रवासीओ के लिए महत्वपूर्ण सुचना

(संजय) जींद जिले मे रह रहे प्रवासीओ के लिए महत्वपूर्ण सुचना यदि आप अपने घर जाना चाहते है तो अपना रजिस्ट्रेशन नोडल ऑफिसर को कॉल करके करवाए ताकि आपको घर भेजने के लिए उचित व्यवस्था की जा सके |
May 02, 2020

यह कैसा मौसम, बसंत या पतझड़ लेखक : डॉ. गणेश कौशिक

लेखक : डॉ. गणेश कौशिक
यह कैसा मौसम,
बसंत या पतझड़
सूखे पेड़ जमीन पे ,
धाराशायी  पत्ते 
एक-एक कर गिर गए 
ये  लाशें पतझड़ की
 टूटी हुई टहनियां
 गाने की जगह रोती हैं
 जगह-जगह बिखरा रक्त 
यह बसंत या पतझड़ 
कोख  उजाड़ने वालों ।
देखो कुछ तो संबंध होते होंगे तुमसे
सम्बंध नहीं तो भाई का संबंध तो
भाई का सम्बंध तो अवश्य होगा तुमसे
 एक ही मिट्टी में जन्मे हैं हम
 एक ही आसमा की छत मिली है हमें
 एक ही सूर्य की तपन
 एक ही चंद्रमा की शीतलता मिली है
 जननी एक ही है 
फिर उजाड़ ते क्यों हो कोख
यह कैसा मौसम है ?
 पतझड़ या बसंत ।

लेखक :(  डॉ. गणेश कौशिक )
May 02, 2020

अखबार की पीडीएफ कॉपी वॉट्सऐप, टेलीग्राम ग्रुप या सोशल मीडिया पर प्रसारित करना हुआ गैर कानूनी, रेवेन्यू नुकसान को रोकने के लिय उठाया कदम




(मनवीर)दिल्ली- कोरोना काल मे लॉकडाउन के कारण में देश के कई जिलो मे अखबार वितरण से जुड़ी चुनौतियों से जूझ रहे हैं, दूसरी ओर अखबारों की ई-पेपर की कॉपी और डिजिटल पाइरेसी की घटनाएं भी बढ़ी हैं। जिससे समाचार पत्रों को रेवेन्यू मे भारी नुकसान हो रहा है। इसे देखते हुए इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी (आईएनएस) ने आगाह किया है कि अखबारों के ई-पेपर से पेज डाउनलोड कर उनकी पीडीएफ फाइल वॉट्सऐप या टेलीग्राम ग्रुप में प्रसारित करना गैर-कानूनी है।
ई-पेपर या उसके अंश कॉपी करके सोशल मीडिया पर अवैध रूप से प्रसारित करने वाले व्यक्ति के खिलाफ अखबार कड़ी कानूनी और भारी जुर्माने की कार्रवाई कर सकते हैं। किसी ग्रुप में इस तरह से अखबार की ई-कॉपी अवैध रूप से सर्कुलेट करने के लिए उस वॉट्सऐप या टेलीग्राम ग्रुप के एडमिन जिम्मेदार माने जाएंगे।
आईएनएस की सलाह पर समाचार पत्र समूह ऐसी तकनीक का भी प्रयोग करेंगे, जिससे कि अखबार की पीडीएफ फाइल डाउनलोड कर उसे सोशल मीडिया पर प्रसारित करने वाले व्यक्ति का पता चल सकेगा। अब हर सप्ताह एक निर्धारित संख्या से ज्यादा पीडीएफ डाउनलाेड करने वाले यूजर्स को ब्लॉक भी किया जा सकता है| ज्ञात है कि आज देश के अधिकतर हिस्सों मे लोग ऐसे न्यूज़ ग्रुप Whatsapp, Instagram या अन्य सोशल मीडिया के माद्यम से प्रसारित कर रहे है, अब उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही अमल मे लाई जा सकती है |